कहानी एक वेश्या की

Kahani Ek Veshya Ki – Hindi Sex Stories

कहानी एक वेश्या की – Hindi Sex Stories

लंबे-लंबे बाल, भूरी आँखें, गोरे-गोरे गाल, मानो धरती पे कोई अप्सरा उतर कर आ गयी हो. जिसको देखो उसकी ही नज़रे घूर-घूर कर उसे ही देख रही थी. और देखती भी क्यू ना इतनी हसीन लड़की अगर खुद भगवान को दिख जाए तो वो भी येई सोचते कि ये मैने क्या बना दिया और बनाया भी तो धरती पे क्यू भेज दिया, इसे तो मैं यही स्वर्ग मे रख लेता.

राधा थी ही इतनी हसीन के जितना भी मैने अब तक लिखा है, उसके सामने तो तनिक भी नही है. और आज तो राधा बला की खूबसूरत लग रही थी. एक खिली हुई मुस्कान उसके चेहरे पे सॉफ नज़र आ रही थी. जो कि उसके चेहरे पे चार चाँद लगा रही थी.

घर से जब वो निकली. आए-है क्या चाल है…दिल से बस यही निकला उसे देख कर. इतनी बड़ी-बड़ी गांद वो भी इस उमर मे, दिल तो कर रहा था के अभी उसे पकड़ लू और यही निचोड़ डालु, पर क्या करू लेखक हू सिर्फ़ लिख ही सकता हू, ये मेरी मजबूरी है.

हां- तो हम कहाँ थे उसकी गांद के पीछे, मतलब के उसके पीछे, उसके कूल्हे जब आपस मे टकराते तो बीच का कपड़ा कभी इस ओर खिसकता था तो कभी उस ओर. उसने आज शॉर्ट फ्रॉक पहेन रखी थी. (अब भाई मुझे तो यही पता है, लड़कियाँ उसे और क्या-क्या कहती है वो तो वही जाने.) पर आप लोग तो समझ गये होंगे. और उसकी कल्पना भी कर ली होगी. उसकी गोरी-गोरी जांघे तो वैसे भी दिखाई दे ही रही थी, पर जब तेज हवा का झोका आता तो उसकी नीली कलर की फ्रॉक और उपर उठी और उसकी अन्द्रुनि थाई(जंघे) भी दिखने लगती. एक और बात बताऊ शायद उसने आज नीली(ब्लू) कलर की ही पॅंटी भी पहन रखी है. पर ये जा कहाँ रही है, चलिए पता करते है………

सड़क के किनारे चलते हुए उसने जैसे ही हाथ दिखाया आस-पास के सारे ऑटो वाले ऑटो लेकर दौड़े चले आए, पर बेचारो की किस्मत वो तो एक मे ही बैठ कर जा सकती थी ना. ऑटो वाला भी रंगीन मिज़ाज़ी था, राधा के चढ़ते ही उसने ऑटो मे एक तदकता-भड़कता गाना लगा दिया—- “होये चढ़हति जवानी मेरी चाल मस्तानी तूने कदर ना जानी रामा.”

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गाना सुनते-सुनते राधा ने ऑटो वाले को कहा सेंट्रल माल और संगीत का आनंद लेने लगी और ऑटो वाला भी मिरर से राधा के जवानी का मज़ा लेने लगा. कुछ ही देर मे ऑटो माल पहुच गया और राधा ऑटो से उतरकर माल की तरफ बढ़ी.

पर ये क्या राधा तो ऑटो मे आई थी तो उसे सीधा माल मे जाना चाहिए था, ये सवाल मेरे दिमाग़ मे आया जब राधा अंडरग्राउंड पार्किंग की ओर जाने लगी. वो अंदर ही अंदर चलते हुए बहुत ही आखरी मे पहुच गयी, सारे रास्ते (पार्किंग के) उसकी नज़रे किसी को ढूंड रही थी. पर अब वो आख़िर की तरफ थी जहाँ कोई भी नही था, बस गाड़ियाँ ही खड़ी थी वो भी चार-पहिया(4-वीलर्स) इस कारण वहाँ ज़्यादा दूर तक देखना भी मुश्किल था.

इधर आ जाओ – कही से आवाज़ आई. राधा के तो जैसे टोट्टे ही उड़ गये, वो काँपते हुए देखने लगी के आवाज़ कहाँ से आई.

अचानक ही किसी ने उसका हाथ पकड़ा और उसे खीचते हुए और अंदर जाती हुई सीढ़ियों के पास ले गया.

यहाँ ठीक रहेगा – उस शख्स की आवाज़ थी……

राधा:- राज, ये तुम हो…यहाँ ठीक रहेगा – उस शख्स की आवाज़ थी…..

राधा :- राज , ये तुम हो……….हे भगवान तुमने तो मुझे डरा ही दिया था……जान लेने का इरादा है क्या.

राज:- ओह्ह.. राधा डार्लिंग…..तुम भी ना…इतना क्यू डरती हो. तुम ही तो मेरी जान हो…और आज तो तुम्हारी लेने का पक्का इरादा है.

राधा:- धत्त बेशरम, ये क्या कह रहे हो…यहाँ क्या सबके सामने.

राज:- अच्छा तुम्हे यहाँ कितने लोग दिख रहे है…जो तुम इतने नखरे दिखा रही हो..

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राधा:- ये नखरा नही लाज है…वो कहते है ना “लाज ही औरत का गहना होती है”.

राज:- तुम्हे पता नही राधा मैं तुमसे मिलने के लिए कितना बेचैन था. ऐसा लग रहा था जैसे सदिया बीत गयी है तुमसे मिले. इसीलिए तो तुम्हे यहाँ अकेले सुनसान पार्किंग लॉट मे बुलाया है. आज तुम मुझे मना मत करना प्लीज़. तुम तो जान रही हो के अब हम 15 दिनो तक नही मिल पाएँगे. ये हमारे भविस्य के लिए ही तो है. और इस के लिए मैं तुमसे ये गूड़लुक्क लेना चाहता हू.

राधा:- हां, तो मैने कब मना किया है. ये जिस्म, ये जान, ये रूह सब कुछ तुम्हारी ही तो है, राज अब तुम जैसा चाहोगे वैसा ही होगा.

राज:- क्या तुम वहाँ जाने के लिए तैयार हो? क्या तुमने पक्का इरादा कर लिया है ? क्या तुम हमारे भविशय के लिए ये सब कर सकोगी.

राधा:- जब तक तुम मेरे साथ हो राज. मैं कुछ भी कर सकती हू. हुमारे लिए, हमारे प्यार की खातिर…आइ लव यू…राज.

राधा ने मेरा(राज) एक हाथ अपने हाथों में ले लिया और मुझसे पूछने लगी कितना प्यार करते हो मुझसे तो मैने उसके होठों पेर एक डीप किस ली और कहा इतना प्यार करता हू, जितना तुम सोच भी नही सकती!”

कैसे बताऊ कितना प्यार करता हू तुम्हे

बस इसी से जान लो कि हर साँस के साथ याद करता हू तुम्हे

एक हो जाए अगर हम कभी तो एहसान खुदा का होगा

और अगर ना मिल पाए हम तो भूल जाना हमे एहसान आपका होगा…

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मैंन उसकी फ्रॉक को पीछे से उठा कर उसके अंदर हाथ डाल कर उसकी गान्ड दबाने लगा वो उम्म…उम्म करने लगी और पीछे हट गयी. मैने पूछा क्या हुआ तो वो बोली मुझे शरम आ रही है. मैने कहा इसमे शरमाने की क्या बात है ये सब तो तुम्हे अब करना ही पड़ेगा, तो वो हस्ने लगी .

अब मैंन राधा का हाथ पकड़ के वही पे लेट गया उस ने अपना सिर मेरे सीने पे रख दिया और मेरे बालों मे उंगलिया फेरने लगी. मैने अपना एक हाथ उसके बूब्स पे रख दिया और उसके बूब्स दबाने लगा राधा सिसकारिया भरने लगी और….

बोली तुम बहोत जल्दी शुरू हो जाते हो. मैने कहा ऐसे हसीन काम को जल्दी शुरू करना चाहिए, अब मैने उसको उठाया और उसकी फ्रॉक खोलने लगा, अब वो मेरे सामने ब्रा और पॅंटी में थी. मैने ऐसे ही राधा को वही पर लिटा दिया और उसकी जाँघो पर हाथ फेरने लगा राधा को भी अब सेक्स चढ़ना शुरू हो गया.

वो आँखें बंद किए ज़मीन को नोच रही थी, अब मैने राधा के पाँव के अंगूठे को हल्का सा दाँत से काटा वो ओह्ह्ह्ह….ओह की आवाज़े निकालने लगी. अब मैने राधा को ब्रा खोलने को कहा तो, वो बोली पहले तुम भी अपने कपड़े खोलो. मैने कहा तुम ही खोल दो मैने ट्रॅक सूट पहना था.

राधा ने मेरा लोवर नीचे सरका दिया, मैने अंडरवेर नही पहना था. राधा ने जब मेरा खड़ा हुआ लंड देखा तो उसने अपने मूह पे हाथ रख लिया. मैने पूछा क्या हुआ तो वो बोली तुम्हारा ये तो बहोत मोटा और बढ़ा होगया है तो मैने कहा अब तो तुम्हे इन सबकी आदत डालनी ही पड़ेगी.

मैने उसकी ब्रा के अंदर से उसके बूब्स को आज़ाद किया और उसकी एक चूची को चूसने लगा दूसरी को मसलने लगा उसके मूह से सी-सी की आवाज़े आने लगी.

मैने उसे ज़मीन पर लिटा दिया और उसकी पॅंटी को उतारने लगा वो भी अपनी गान्ड को उठा कर पॅंटी को उतरवाने लगी, उसने अपनी चूत को शेव किया हुआ था मैने पूछा क्या तुमने आज ही शेव की है तो वो बोली नहीं.

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ट्यूसडे को छोड़ कर बाकी सब दिन शेव करती हू, फिर मैने उसके लिप्स पर किस की…. मैं धीरे धीरे उसकी चूचियो को चूसने लगा. मैं धीरे धीरे नीचे आया अब मैने उसकी टांगे खोली और उसकी चूत को सहलाने लगा वो उम्म्म आआआआः करने लगी.

मैने राधा की चूत पर किस की तो वो तड़प उठी और बोली है राज ये तुम क्या कर रहे हो ऐसा तो मेरी उंगली ने कभी मेरे साथ नही किया. मैंन बोला अभी देखती जाओ मैं आज तुम्हे कैसा-कैसा मज़ा दूँगा फिर उसकी चूत के लिप्स को खोला और अपनी जीभ उसके अंदर डाल दी वो ओह्ह स्स्स्स यस करने लगी और……….

मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत की ओर दबाने लगी फिर मैं अपनी जीभ को उसकी चूत में डाल कर अंदर-बाहर करने लगा वो कहने लगी ओह राज और चॅटो मैने आज तक ऐसा मज़ा नहीं लिया. मैने तकरीबन 5 मिनिट तक उसकी चूत को चॅटा इस दौरान वो 2 बार झाड़ चुकी थी उसके बाद

मैने राधा को खड़ा किया और अपनना लंड उसके हाथ मे पकड़ा दिया वो मेरे लंड से खेलने लगी. मैने कहा अब तुम मेरे लंड को चूसो तो वो मना करने लगी, मैंन बोला राधा ये भी एक सेक्स का पार्ट और इसे करने में भी तुम्हे बहोत मज़ा आएगा वो तो भी ना मानी तो मैने कहा, राधा अब तुम अगर ऐसे करोगी तो तुम वहाँ ऐसे-कैसे अड्जस्ट कर पाओगि. तुम्हे मालूम है ना तुम्हे वहाँ वो सब कुछ करना पड़ेगा, जो तुमने आज तक नही किया है.

और मैने राधा को अपनी गोद में बैठा लिया और उसकी चूचियों से खेलने लगा अब मैंन उसकी गान्ड की छेद में उंगली फेरने लगा.

राधा ने भी मेरी बातो का समर्थन किया और उसके बाद वो मेरे लंड को गौर से देखने लगी और फिर वो घुटनो के बल बैठ गयी और मेरे लंड को पकड़ के चूम लिया उसके बाद वो किसी प्रोफेशनल लड़की के जैसे मेरे लंड को चूसने लगी कभी वो मेरे लंड को ऊपेर से लेकर नीचे तक चाट ती तो………

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कभी वो मेरी बॉल्स पे जीभ फेरती वो ये सब इतने सही ढंग से कर रही थी मुझे लग ही नहीं रहा था वो ये सब पहली बार कर रही है. अब हम दोनो 69 की पोज़िशन में आगाये वो बड़े मज़े से अपनी चूत चाटवा रही थी और मेरा लंड चूस रही थी वो एक बार फिर झाड़ चुकी थी.

अब मैने उसके बूब्स को फिर से चाटना शुरू किया वो आँखें बंद करके आहहा…आहहा…ओह….एसस्स्सुफफफफ्फ़ करने लगी वो बोली राज अब और मत तड़पाव प्लीज़ अपना वो मेरे अंदर डालो. मैने पूछा, अपना क्या तुम्हारे कहाँ अंदर डालूं तो वो शरमाने लगी. मैने कहा इसमे शरमाने की ज़रूरत नहीं हैं सेक्स के दौरान अगर रूड लॅंग्वेज यूज़ करो तो मज़ा और दुगना हो जाता है…….

तब वो बोली राज प्लीज़ अपना लंड मेरी चूत में डाल कर मुझे चोदो उसके मूह से लंड और चूत सुन कर मैं एग्ज़ाइट हो गया मैं उसकी दोनो टाँगो के बीच मे आ गया और अपने लंड को उसकी चूत के छेद पर रखा और एक ही धक्के में अपना पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया. लंड के अंदर जाते ही वो आआहा…..आहा करने लगी मैंन अभी नॉर्मल स्पीड पे धक्के मार रहा था, वो ऊवू…हा…हाईईईईईईई राज धीरे करो…

प्लीज़ बहोत दर्द हो रहा है, मैने अपनी स्पीड कम कर दी थोड़ी देर बाद वो नॉर्मल हुई और अपनी गान्ड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी अब वो मेरे लंड को ज़यादा से ज़यादा अपनी चूत में लेना चाहती थी. ये देखते हुए मैने अपने धक्को की स्पीड बढ़ा दी वो और ज़ोर ज़ोर से अपनी गान्ड उछालने लगी आह..उूुुुउइ…माआआ…येस्स्स राज क’मोन फक मी हार्ड थोड़ी देर के बाद वो फिर से झाड़ गयी. अब मैने उसकी चूत में से अपना लंड निकाला और……….

राधा के मुँह मे दे दिया राधा किसी पुरानी खिलाड़ी की तरह मेरे लंड को चूसने लगी, मैने अब राधा को डॉगी स्टाइल में होने को कहा वो उठ कर डॉगी स्टाइल में हो गयी. मैंन फिर से उसकी चूत में लंड डाल कर उसे चोदने लगा वो ज़ोर ज़ोर से मोन करने लगी उसकी मोनिंग सुन कर मुझे भी जोश चढ़ने लगा. मैने धक्को की स्पीड और बढ़ा दी, अब मैं भी झड़ने वाला था.

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मैने राधा से कहा कि मैंन अपना वीर्य कहाँ निकालू तो वो बोली मैं इसे पीना चाहती हूँ तुम मेरे मूह में निकाल दो मैने जल्दी से अपने लंड को राधा की चूत से निकाल कर उसके के मूह में दे दिया वो बड़ी अदा के साथ मेरा लंड चूस रही थी. तभी मेरे लंड ने एक ज़ोर से पिचकारी मारी……..

मेरे वीर्य से राधा का मूँह भर गया राधा ने बहोत अच्छी तरह से मेरे लंड को चॅटा चाटके चमका दिया फिर हम दोनो उठे और मैने राधा को अपनी गोद में बिठा लिया.

राधा ऐसे ही कितनी देर तक मेरी गोद में नंगी बैठी रही, मैं उसके बढ़न को चूमे जा रहे था .राधा बोली, मुझे नही पता था की सेक्स क्या होता है मैं वहाँ क्या करती पर तुमने मुझे सिखाया के सेक्स का मज़ा कैसे लिया जाता है थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर हरकत में आने लगा.

राधा ने जब मेरे लंड का कडपन महसूस किया वो उसे फिर से चूसने लगी. मैने फिर से राधा को चोदा और इस बार हम इकट्ठे एक साथ झाड़ गये. फिर हम दोनो उठे और अपने अपने कपड़े पहने उसके बाद मैने राधा को खूब चूमा और मैं उसे वहाँ से लेकर निकल गया…………… उसने मुझे बेतहाशा चूमा, और फिर मैं उसे माल के बाहर ले आया. वो अभी भी अपने कपड़े दुरुस्त करने मे लगी ही थी के मैने एक ऑटो को आवाज़ दी….ऑटो….वो ऑटो वाला ऑटो लेकर तुरंत ही हमारे पास आ गया…

राज:- चील घाटी चलोगे……..

ऑटो वाला :- (मुझे घूरता हुया…..) दोनो चलेंगे क्या साहिब………..

राज:- हाँ दोनो चलेंगे…..बोलो चलोगे या नही..

इससे आगे की कहानी राधा की ज़ुबानी……………………….

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ऑटो वाला:- चलेंगे क्यू नही साहिब….(वो मुझे ललचाई नज़रो से देख रहा था…शायद चील घाटी का नाम सुनकर तो कुछ ज़्यादा ही..) कमाने के लिए तो बैठे है यहाँ…….दो सवारी का 200 दे देना साहिब..

राज:- अच्छा ठीक है, 200 ले लेना…….पर थोड़ा जल्दी चलना.

राज थोड़ा धीरे से बुदबुदाते हुए बोले. साला कमीना मौका का फ़ायदा उठा रहा है वरना दूसरे ऑटो वाले तो 50-75 . मे ले चलते है……और फिर हम दोनो ऑटो मे बैठ गये….ऑटो मे बैठते वक़्त ऑटो वाला मेरी गान्ड को ही घुरे जा रहा था……

राज :- चलो भाई…….लेट हो रहे है…….

ऑटो वाला:- क्यू साहिब, बड़ी जल्दबाज़ी मे दिख रहे हो……..कोई दिक्कत तो नही है……

इस बार तो राज का दिमाग़ खराब होना ही था…….वो थोड़ा ताव मे आ गये…..

राज:- तुझे चलना है तो चल…….फालतू बकवास बंद कर……नही तो मैं दूसरा ऑटो पकड़ लेता हू….

ऑटो वाला:- अरे साहिब नाराज़ क्यू होते हू…वो तो मैं आपको थोड़ा परेशान देखा इसलिए पूछ बैठा…आप बैठे रहो, मैं अभी आपको चील घाटी ले चलता हू……

और फिर उस ऑटो वाले की हिम्मत ही नही हुई,आगे कुछ बोलने की भी…..और पीछे मूड कर या आईने मे से मुझे देखने की ……वो सीधा ऑटो चलाता रहा ……

मैं (राधा):- राज , ये तुम मुझे कैसी जगह ले जा रहे हो कुछ बताओगे भी…….चील घाटी मैने तो कभी इसका नाम भी नही सुना…..कहा है शहर मे है या बाहर……..क्या है यहाँ और हम क्यू जा रहे है यहाँ…..

मैने एक साथ ही सवालों की बौछार कर दी राज पर……पर वो कुछ ना बोला……वो ऑटो वाले को ही देखे जा रहा था……ऐसा लग रहा था के वो ऑटो वाला भी कुछ बोलने को कर रहा था….पर राज के गुस्से वाले स्वाभाव को वो देख चुका था इसलिए वो चुप ही रहा……..मैने फिर वही सवाल दोहराया…..इस बार राज बोला..

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राज:- राधा, मैने तुम्हे जो करने के लिए कहा था…..क्या तुम उस के लिए अपने दिलो-दिमाग़ से राज़ी हो…

मैं:- हा राज, इसके सिवा फिलहाल, हमारे पास चारा भी तो नही है ना……

राज:- सही कहा तुमने, इसीलिए वहाँ ले जा रहा हू तुम्हे…मैने सारी बातें कर रखी है…बस तुम वहाँ जाओ और सब कुछ वो तुम्हे समझा देंगी…..बस 15 दिनो की ही तो बात है…..हम हमारी सारी मुश्किले हल कर लेंगे (उसने मुझे धाँढस बाँधते हुए कहा)…….फिर उसने धीरे से मेरे कान के पास अपना मूह लाते हुए कहा……बस तुम ये सब गुप्त रखना…..किसी को भी भनक नही लगनी चाहिए……..और राधा……याद रहे, तुम ज़्यादा मेरे बारे मे सोचना भी मत……बस अपना अच्छे से ख़याल रखना……

उसके ऐसे कहते ही मेरी आँखों मे आँसू की 2-4 बूंदे आ गयी……..और मैने वही ऑटो मे उसे चूम लिया…….वो भी मेरे होठों को चूस ही रहा था के ऑटो वाले ने खाँसते हुए हमे सचेत किया……..

ऑटो वाला:- उउउहह(खाँसते हुए बोला..) साहिब चील घाटी तो आ गयी….कहाँ उतरना है…

राज:- वो चोव्क के पास चलो…….वही उतरेंगे हम.

औूतोवले ने चोव्क पे ही गाड़ी रोक दी…..हम ऑटो से उतरे और मैं वो जगह देख कर ही समझ गयी के अब मुझे भी यही का एक हिस्सा बनना है….

राज:- राधा…हिम्मत से काम लेना……खुद पर और मुझ पर दोनो पर विश्वास रखना….

मैं :- सिर्फ़ मंडी हिलाकर हन बोली….तुम 15 दिन बाद पक्का आ जाओगे ना…..मुझे तुम्हारी बहुत याद आएँगी…और मेरी आँखों से फिर आँसू निकल पड़े.

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इतने मे ऑटो वाला ने बोला, साहिब मेरे पैसे दे दो…….तो मैंन भी चलु यहाँ से….एक मिनट. रुकना यार…अभी देता हू…राज बोला…और मेरे पास आते हुए बोला.

राज:- राधा तुम कैसी बात करती हो , तुम्हे यहाँ छोड़ कर जा रहा हू….इसका मतलब तुम्हे पता है…मैं अपनी जान छोड़ कर जेया रहा हू…मेरा पूरा ध्यान तो 24सो घंटे तुम पर ही रहेगा …ये 15 दिन मेरे लिए 15 सालो से भी जायदा भारी पड़ने वाले है..राधा..आइ लव यू डियर …सो मच….देखो अब ये रोना बंद करो…

और मेरी बात ध्यान से सुनो…सड़क के पार वो नीला दरवाज़ा दिख रहा है ना तुम्हे, बस वही जाना है तुम्हे अपना नाम सिर्फ़ बता देना वहाँ…..बाकी वो खुद ही समझ जाएँगे…और तुम्हे भी तो पता ही है के तुम वहाँ क्यू जा रही हो…(और ऐसा कहते हुए राज ने मेरा माथा चूम लिया)……आइ विल मिस यू माइ लव…

मैं :- उसे गले लगकर मैने भी उसे कहा…..आइ विल मिस यू टू……(और फिर उससे अलग होते हुए बोली)- ठीक है अब मैं जाती हू…….

राज:- नही रूको……..मेरे यहाँ से जाने के बाद जाना……

और फिर राज ने मुझे बाइ कहते हुए उसी ऑटो मे बैठ कर वहाँ से चला गया………….और मैं बस उसे जाता देखते हुए यही सोच रही थी……..

प्यार की गहराई जुदाई मे भी होती है,

बातें तो होती रहती है,

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पर बिना बातों के प्यार जब जिंदा रहे,

तभी उसमे सच्चाई होती है.!!

राज और राधा दोनो एक ही गाँव के थे………दोनो की मुलाकात भी गाँव के हाट(बेज़ार) मे ही हुई थी. राज दिखने मे तो अच्छे-ख़ासे व्यक्तित्व का था ही…साथ मे वो गाँव का जाना-माना बिजली मिस्त्री(एलेक्ट्रीशियन) भी था. गाँव मे अगर किसी के घर बिजली गुल हो जाए तो वो बिजली विभाग नही जाता, वो सीधे आकर राज को ही बोलता, और राज भी तुरंत ही ऐसा काम कर देता जिससे सामने वाला भी खुश हो जाता. ऐसे ही एक दिन जब राधा के घर की बिजली गुल हुई थी, तब राधा बाज़ार जाकर राज को बोली- के मेरे यहाँ बिजली गुल हो गयी है…क्या तुम उसे बना दोगे…

राज:- बिल्कुल बना दूँगा, पर अभी थोड़ा टाइम लगेगा….एक काम करो तुम अपना पता यहाँ छोड़ जाओ…मैं थोड़ी देर मे आकर ठीक कर जाउन्गा.

राधा:- ठीक है…ये है मेरा पता…ज़रा जल्दी कर देना..घर पर कोई नही है और अंधेरे मे मुझे डर लगता है……..

राज:- (हस्ते हुए)- बस 15-20 मिनट. मे पहुचा…तुम जाओ.

राधा वापस अपने घर चली जाती है. करीबन आधे घंटे बाद राज उसके घर जाता है. सारी जाँच करने के बाद मे उसे फ्यूज़ उड़ा होने की अहसास होता है…..फ्यूज़ थोड़ा उपर होने के कारण वो राधा से टेबल या स्टूल माँगता है और उपर से चेक करता है…तो फ्यूज़ ही उड़ा हुआ होता है..

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राज:- तुम्हारे यहाँ कोई तार होगा…मैं अपना बॅग भूल आया हू…नही तो मैं लगा देता.

राधा:- देखती हू….ये चलेगा क्या (वो कोई छोटा सा तार लाकर उसे देती है.)

राज उसे(राधा) देखते ही दंग रह जाता है…वो उपर से जैसे ही तार लेने की लिए नीचे देखता है…तो उसे राधा के बड़े-बड़े गोल-गोल फूले हुए स्तन दिखाई देते है…और वो थोड़ी देर भूल ही जाता है के वो कहाँ खड़ा है. जब राधा उसे हिलाती है तो वो टेबल से गिरते-गिरते बचता है..

राज:- गिराओगि क्या……

राधा:- अरे तुमने तार माँगा…अब ये दे रही हू तो तुम पता नही तुम किन ख़यालो मे खो गये हो.

राज तो जैसे उसके विशाल स्तनो मे फिर खो ही गया था क़ी…राधा चिल्ला कर ज़ोर से बोली…

राधा:- अरे थोड़ा जल्दी करो ना….सूरज ढाल रहा है…और बत्ती नही होगी तो मैं घर पर कैसे रहूंगी.

राज:- हां बस ये लो हो गया…..बत्ती जला कर देख लो…शुरू हो रही है या नही. और हां ये तार अभी तो चल जाएगा…बाद मे दूसरा बदली कर जाउन्गा.

राधा:- ठीक है…और तुम्हारे पैसे…..

राज:- वो मैं बाद मे जब आउन्गा तब ले लूँगा…

और राज राधा के वो विशाल स्तन और उसकी देह रूप को आँखो मे बसा कर ले गया. उसके दिल मे तभी से राधा के लिए कुछ-कुछ होने लगा था. राज तो बस मौके के इंतज़ार मे था, के कब दुबारा उसको राधा के घर जाने के मौका मिले. और फिर एक दिन वो राधा के घर यूँही चला गया.

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राधा:- तुम यहाँ, मैने तो बिजली के शिकायत नही की…

राज:- नही, वो तो मैं यूही ही जाचने आ गया था..के सही चल रही है या नही..

राधा:- कभी-कभी वहाँ से चिंगारी निकलती है…जहाँ तुमने तार डाला था..

राज :- वोही तो बदलने आया हू….वो टेबल दे देना मुझे…

आज राज की नज़रे बिल्कुल वही पड़ी…जहाँ देखकर वो दंग रह गया था…मतलब के राधा के स्तनो पर..क्यूकी अब राज राधा के स्तनो का दीवाना जो हो चुका था. वो तो बस अब इन्हे कैसे भी करके अपना बनाने की फिराक मे था.

राज टेबल पे चढ़ कर फ्यूज़ बदलने लगा….और उधर राधा ने उसको कहा के मैं चाइ ले के आती हू..

राज ने सारी तारे चेक करके फ्यूज़ को लगाया ही था…के राधा ने कहा…गरमा-गरम चाइ लो…..

राज राधा की आवाज़ सुनकर पीछे की तरफ मुड़ा…टेबल थोड़ा सा तिरछा हुआ और अगले ही पल राज ज़मीन पर था…उसके गिरने की बहुत ज़ोर की आवाज़ हुई थी…..बहडमम्म्ममम………..

राधा का तो उसे देखते ही ज़ोर-ज़ोर से रोना शुरू हो गया, जैसे- तैसे राज उठा और कुर्सी पर बैठ गया, राधा भी दौड़ कर उसके पास गयी और उसकी टाँगो को देखने लगी.

राधा:- कहाँ लगी…इस पैर मे या उस मे.(वो सुबक्ते हुए बोली..)

राज :- पहले तुम ये रोना बंद करो…और अंदर से बाम या तेल ले आओ…शायद मोच आ गयी है…

राधा अंदर से तेल ले आती है..और उसे राज को दे देती है…राज तेल लगाने का भरसक प्रयास करता है पर लगा नही पाता…क्यूकी अब वो जगह करीबन 2 इंच फूल चुकी थी…और हल्की-हल्की नीली पड़ रही थी…राधा ने जब वो देखा…तो वो बोली..

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राधा:- लाओ मैं लगा देती हू…हल्के हाथों से…

और वो राज के हाथों से तेल लेते हुए…उसके पैरो मे प्यार से लगती है…राज तो वैसे भी उसके कोमल हाथों का स्पर्श पाकर ही दर्द भूल चुका था..राज भी सोचता है यही सही वक़्त है अपने प्यार का इज़हार करने का…और वो बोलता है…

राज:- राधा तुम बहुत अच्छी हो…बहुत प्यारी हो…मैने आज तक अपने गाँव मे क्या आस-पास के गाँव मे भी तुमसे खूबसूरत लड़की नही देखी…तुम सूरत की ही नही तुम दिल की भी बहुत नेक लड़की हो…राधा तुम्हारे इस स्वाभाव ने मेरे दिल को छू लिया है..मैं तुम्हारे प्यार मे पड़ चुका हू राधा…आइ लव यू..

और राज उसकी की तरफ बढ़ता है… और उसके गाल पे एक चुम्मि देता है….

राधा एक दम से इस चुंबन से सहम जाती है और राज का पैर एक तरफ बिल्कुल पटक कर भाग जाती है….. राज तड़प जाता है दर्द के मारे……उसके मूह से बहुत ही ज़ोर से आहह…निकलती है……और वो बोलता है……अरे इतना दर्द देने वाली….कम से कम जवाब तो देती जाओ…

राधा पर्दे के पीछे से उसे झाँक कर देखती है………और उस पर खिलखिला कर हस पड़ती है…और फिर अंदर भाग जाती है…..

राज की मनोदशा इस समय देखने लायक रहती है….बाहर पैरो मे सूजन का दर्द और दूसरी तरफ..लड़की के मुस्कुराने की ख़ुसी..क्यूकी उसने भी ये सुन रखा था…लड़की हसी तो फसि…

राज लड़खड़ाते हुए उसके घर से बाहर निकलता है……और राधा उसे मुस्कुराती हुई देखती रहती है..और आँखों ही आँखों मे उस पर ना जाने कितना प्यार लूटा बैठती है….और इस प्रकार दोनो के प्यार का आरंभ होता है…..

आज इन दोनो का प्यार इतना गहरा हो चुका है……के अब ये दोनो एक दूसरे के लिए अपनी जान भी दे सकते है…कम से कम राधा तो यही सोचती है….तभी तो आज राधा इतना बढ़ा कदम उठा रही है….

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राज और राधा का प्यार इतना अटूट हो चुका था कि अब वो शादी के बारे मे सोच रहे थे…पर राज अभी उस स्तिथि मे नही था के वो शादी करके राधा के साथ रह सके. आख़िर वो था तो एक एलेक्ट्रीशियन वो भी गाँव मे.

राज जहाँ काम करता था वहाँ के मालिक ने उसे एक सुझाव दिया के उसकी एक दुकान शहर मे है,तुम चाहो तो उसे खरीद कर उसमे अपना बिज़्नेस कर लो.

राज और राधा दोनो को ही ये सुझाव पसंद आया पर बात आकर पैसो मे अटक गयी थी. इनके पास तो इतने भी पैसे नही थे के गाँव मे ही कोई धंधा शुरू किया जा सके फिर तो ये शहर मे दुकान खोलने की बात हो रही थी.

राज ने भी बहुत हाथ-पाँव मारे, दोस्तो-भाइयों, रिश्तेदारो से उधर पैसे लिए पर फिर भी एक-तिहाई भी जमा नही कर पाए. दोनो थक हार कर राधा के घर पर ही बैठे थे. दोनो के चेहरो पे मायूसी के भाव सॉफ दिखाई दे रहे थे. दोनो को अपने भविश्य की चिंता हो रही थी….

राधा :- राज अब हम क्या करेंगे, क्या हम भी यूही भूक मरी,ग़रीबी, लाचारी मे मर जाएँगे? क्या हमारा कोई भविश्य नही होगा ?

कुछ देर चुप रहने के बाद……….

राज :- राधा हमारा एक सुंदर भविश्य होगा, लेकिन उसको पाने के लिए अब हमे कुछ तो खोना ही होगा..

राधा:- राज तुम भी कैसी बात करते हो, मैं तो तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकती हू. तुम जो बोलो वो मैं करूँगी. आख़िर ये हमारे भविस्य का सवाल है.

राज:- राधा अब मैं जो तुम्हे बोलने वाला हू वही मुझे पैसो का आखरी समाधान दिख रहा है…अगर तुम्हे इस बात का ज़रा भी बुरा लगे तो तुम मुझे माफ़ कर देना…

राधा उसकी तरफ एक टुक देखे जा रही थी…के राज ऐसा क्या बोलने वाला है..जो मुझे इतना बुरा लग सकता है….

कहानी एक वेश्या की – Hindi Sex Stories

राज:- राधा शहर मे मैने बहुत सी लड़कियों को जिस्म फ़रोशी का धंधा करते देखा है, उन पर लोग रोज लाखो रुपये भी लुटाते है…उनमे से हज़ारो तो गाँव की ही लड़कियाँ होती है. आज उनके पास गाड़ी-बांग्ला, ऐशो-आराम की सारी चीज़े है..अगर तुम 10-15 दिनो के लिए ही वो काम करने लग जाओगी तो हम आसानी से अपनी दुकान क्या अपना खुद का मकान भी शहर मे बना सकते है…

राधा:- राज, ये तुम क्या कह रहे हो…तुम होश मे तो हो…तुम ऐसा सोच भी कैसे सकते हो…नही राज मैं ये सब नही कर सकती…मुझे माफ़ करो राज…सॉरी.

राज:- नही राधा, सॉरी तो मुझे बोलना चाहिए जो मुझे तुम्हे ये सब बोलना पड़ रहा है…फिर हमारे पास और कोई चारा भी नही रह जाता..अब तो यूही जिंदगी गुज़रेगी…..ग़रीबी और बेबसी मे…..(और राज अपना मूह लटका कर चला जाता है.)

उस दिन राधा के दिलो-दिमाग़ मे मानो जैसे जंग चल रही हो…एक तरफ तो वो सोच रही थी…के आख़िर राज उसे ऐसे कैसे ये सब करने को कह सकता है…तो दूसरी तरफ वो ये भी सोच रही थी के वो ये सब हमारे लिए ही तो कह रहा था..और वो भी सिर्फ़ 15 दिनो के लिए ही….इसी गुथम-गुथि मे वो दिन भर उलझी रही…और शाम जो जाकर राज को हां बोल कर आ गयी…….लेकिन उसके दिल मे डर भी था के वो ये सब कैसे निभा पाएँगी.

राधा:- राज मैं तैयार हू. तुम जो कहोगे वो मानुगी. पर मैं ये सब कैसे कर पाउन्गि. मैने तो कभी किसी मर्द को भी आँख उठा कर भी नही देखा, फिर ये सब…

राज:- तुम इस सब की चिंता मत करो, मैने अगर तुम्हे ये सब करने के लिए कहा है तो कुछ सोच समझकर ही तो कहा होगा ना..मेरा एक दोस्त है..शहर मे वो ऐसी जगहों पर आता जाता रहता है उसी ने तो मुझे ये सब बताया था..बस मैं उसी बात करके सब सेट करवा दूँगा…तुम फिकर मत करो बस मुझे पर विश्वास रखो.

और आज इसी कारण मैं यहाँ खड़ी हू….राज को जाता देखते हुए….मेरे दिल से बस यही दुआ निकल रही है कि वो जल्दी से जल्दी कामयाब हो जाए और मुझे यहाँ से ले जाए.. अब मुझे यहाँ से सड़क पार करके उस तरफ बने एक घर मे जाना था. इस वक़्त मेरा दिल ज़ोर-ज़ोर्से धड़क रहा था, आस-पास का महॉल भी ऐसा ही कुछ था. वहाँ बहुत सारी कातरो मे पान की दुकाने थी,उनमे से तेज संगीत आ रहा था..कुछ मवाली किस्म के लड़के खड़े थे, मैं तो उनको देखते ही काँप सी गयी थी.

कहानी एक वेश्या की – Hindi Sex Stories

मैने जैसे-तैसे सड़क पार की और उस घर की तरफ बढ़ी. दरवाज़े के पास आकर मुझे थोड़ी राहत मिली. लेकिन अब उस दरवाज़े को खटखटाने मे मेरे पसीने छूट रहे थे. मैने अपना आत्मविश्वास बढ़ाते हुए, एक गहरी साँस ली…….और दरवाज़ा खटखटाया….

अंदर से आवाज़ आई…..कौन है !!!

मैं बोली:- नमस्ते, मैं वो लड़की हू जो…………

मेरे इतना कहते ही उन्होने दरवाज़ा खोल दिया…..दरवाज़ा एक बूढ़ी औरत ने खोला था…..

अंदर आ जाओ….उस बूढ़ी औरत ने कहा.

दरवाज़ा इतना छोटा था कि मुझे उस मे से झुक कर अंदर आना पड़ा…जैसे ही मैं झुकी मेरी फ्रॉक पीछे से थोड़ी उठ गयी…..और वहाँ खड़े कुछ लड़को ने मेरी गान्ड देखकर जो सीटी मारी…वो मुझे सॉफ सुनाई दी…मैं जल्दी से अंदर घुस गयी..और उस बूढ़ी औरत ने दरवाज़ा अच्छी तरह से बंद कर दिया.

उस बूढ़ी औरत ने मेरे हाथो से मेरा बॅग लिया और अंदर जाने लगी. मैं भी उसके पीछे-पीछे हो ली. एक बड़े से हॉल के दरवाज़े के बाहर ही उसने मुझसे रुकने को कहा और वा खुद अंदर चली गयी.

मैं वही खड़े-खड़े बाहर से ही कमरे को निहार रही थी..बाहर से जैसी ये इमारत बदसूरत गंदी सी लगती थी..अंदर से ये हॉल तो किसी महल की तरह सज़ा हुआ था. मेरी नज़ारे तब फटी-फटी रह गयी जब मैने हॉल के बीचो-बीच एक बड़ी सी मूर्ति देखी जिसमे एक लड़का एक लड़की को अपनी बाहों मे उठा रखा था..और उसके बाए स्तन को चूस रहा था…मेरी हालत तो उसके लंड के आकार को देख कर ही खराब हुई थी..इतना बड़ा लंड वो भी चॅम-चमाता हुआ. मैने किसी आदमी का क्या किसी मूर्ति या फोटो मे भी इतना बड़ा लंड कभी नही देखा था….

तभी उस मूर्ति के पीछे से मुझे एक लंबी सी औरत जिसके हाथो मे एक कुत्ता था..आती दिखाई दी, उसके पीछे वो बूढ़ी औरत भी थी. उस लंबी सी औरत ने बड़े ग्लास के चस्मे लगाए हुए थे..और आते ही उसने मुझसे कहा….

अरे वाह जैसा उन्होने बताया था…तुम तो उससे लाख गुना खूबसूरत हो….कहाँ से हो तुम…

कहानी एक वेश्या की – Hindi Sex Stories

मैं बोली:- जी यही पास के गाँव से…. उस औरत ने कहा- मैं ये शर्त लगा के कह सकती हू…जिस प्रकार बाकी वेश्याओं को अपनी गान्ड पे नाज़ होता है……अपनी जीभ का सही इस्तेमाल करना आता है….तुमको भी उतना ही मज़ा आएगा..

मैं बोली:- मुझे कुछ ज़्यादा अनुभव नही है…

वो बोली:- उसकी फिकर तुम मत करो….वेश्या घर का एक दिन बाहर की दुनिया के 10 साल के बराबर है..(उसने अपनी गर्दन उची करते हुए कहा)…मुझे अपना हाथ तो दिखाओ..

मैने अपने दोनो हाथ उसकी तरफ बढ़ा दिए……

वो बोली:- हाथ ही योनि का दर्पण होता है(और मेरे हाथों को देखने लगी)

वो अपने हाथ मेरे हाथों पे फेरने लगी..और बोली..

बहुत अच्छे हाथ है तुम्हारे…..इससे जाहिर होता है कि तुम एक उच्च दर्जे की लड़की हो..(वो अभी भी मेरे हाथ अपने हाथों मे लिए हुई थी)

मैं उन्हे धन्यवाद करते हुए बोली…थॅंक यू, मॅ’म.

वो मुझे घूरती हुई बोली….मुझे मेडम मत बुलाओ..मैं मस्तानी चाची हू..यहाँ की मॅनेजर.(एक बार फिर वो ऐसे ही बोली अकड़ के और मेरा हाथ छोड़ दी.)..मेरी मा साउत इंडियन थी…और मैं अपनी जवानी मे डॅन्स बार मे नाचती थी(वो किन्ही सपनो मे खोते हुए बोली)…मैं भी उनकी और एक टक ही देख रही थी…जैसी ही उनकी नज़र मुझ पर पड़ी..वो थोड़ा हड़बड़ाते हुए बोली…चलो मैं तुम्हे तुम्हारा कमरा दिखा देती हूँ.

वो मुझे लेकर सीढ़ियों से होते हुए उपर की तरफ ले गयी…रास्ते मे वो बोली..तुम्हे यहाँ काम करने के लिए किसी भी प्रकार का कांट्रॅक्ट साइन करने की ज़रूरत नही है.

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नखरे नही करोगी…तो तुम्हे लोगो मे घुलने-मिलने मे आसानी होगी…वो मुझे और उपर जाती हुई सीढ़ियों पर ले जाती हुई बोली…ये घर हमेशा खुला रहता है…पर तुम्हे हफ्ते मे एक दिन की छुट्टी मिलेगी.

ठीक है, मस्तानी चाची-मैं बोली.

कस्टमर को कभी भी ना नही करना…जब तक वो तुम्हारा परिचित ना हो.-वो बोली.

जैसा आप कहे, मस्तानी चाची-मैं बोली.

मेरी नही अपनी इच्छा से काम करो…ये यहाँ के नियम है…वो बोली.

मैं समझ गयी…मस्तानी चाची..मैं बोली.

उन्होने एक दरवाज़े की तरफ इशारा करते हुए बोला…ये है रहस्यमयी खोली..उनके लिए जो चाहते है की उनको कोई देख ना पाए.

उस दरवाज़े पे एक नग्न औरत की तस्वीर बनी हुई थी. उन्होने दरवाज़ा खोला और मैं उसे देखने अंदर घुस गयी..

वो बोली:- कभी कभी कस्टमर्स रूम के अंदर ही भुगतान(पे) कर देते है. तब तुम नीचे काउंटर पे जाकर रिजिस्टर करके पैसा जमा करना और अपना टोकन ले लेना. 15 दिनो बाद तुम अपनी नगद राशि प्राप्त कर सकती हो.(वो मुझे समझाते हुए बोली.) ये घर तुम्हारी कमाई से 50% ले लेगा. बिजली, पानी, मेडिकल, नौकर, बाकी के टॅक्सस जैसे रूम और बोर्ड के और एक्सट्रा चार्जस कुछ भी नही है.(वो मेरी ओर देखकर हस्ते हुए बोली.)

फिर वो मुझे दूसरे कमरे मे ले जाते हुए बोली-सारी प्राइस लिस्ट रिजिस्टर मे लिखी हुई है, किसी होटेल के मेनू की तरह. स्पेशल अनुरोध(रिक्वेस्ट) के लिए एक्सट्रा चार्जस लगते है. उन्होने एक दरवाज़ा खोलकर मुझ से कहा- ये तुम्हारा रूम है..पसंद आया ?

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मेरे मूह से तुरंत ही निकला बढ़िया है !!

अंदर घुसी तो देखा चारो तरफ गुलाबी रंग की छटा बिखरी हुई थी..रूम किसी आलीशान शाही कमरे की तरह सज़ा हुआ था..

मैं बोली:- कितना खूबसूरत है..!!

वो बोली:- ये कमरा हमारे यहाँ के बेहतरीन कमरो मे से एक है.

मैं बोली:- थॅंक यू, मस्तानी चाची…आप मेरी तरफ से हमेशा ही खुश रहेंगी.

वहाँ एक बड़ा सा बेड था, जिस पर मक्मल की चढ़र बिछी हुई थी. उन्होने उसकी तरफ इशारा करते हुए कहा…उस तरफ घंटी रखी हुई है.

एक बार बजाना सामान्य के लिए. दो बार दुबारा के लिए, तीन बार आधे घंटे के लिए जो ज़्यादातर 15 मिनिट्स से ज़्यादा का नही होता.(वो चेहरे पर हसी के भाव उत्पन्न करते हुए बोली)

वो अपना चस्मा उतारते हुए बोली-समय बचाने के लिए तुम अपने मूह का भी प्रयोग कर सकती हो पर एक बार अच्छे से जाँच करने के बाद.

जाँच के बाद मतलब ?- मैं बोली.

स्वचहता…बोलते हुए उन्होने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे बेसिन के पास ले आई जो वही रूम के कोने मे लगा हुआ था…वो बोली- पहले तुम उसे यहाँ ले के आओ, उसके लंड को हाथ मे पाकड़ो, उसको धो और उसको भीचकर उसको खोलो..(उन्होने मुझे सारी बातें हाथों के इशारे से समझाई)…अगर तुम्हे कही भी दाग-धब्बा, कटा-जला का निशान दिखे तो तुम तुरंत बाहर आ जाओ या फिर एक लंबी रिंग दे देना हम उसे उसी समय यहाँ से भगा देंगे.

मैं बोली- ओह्ह्ह…बीमारी से बचने के लिए……

वो मुस्कुराते हुए बोली- बिल्कुल ठीक..तुम अपने मेडिकल रेकॉर्ड्स लाई हो ?

कहानी एक वेश्या की – Hindi Sex Stories

जी हां लाई हूँ- मैं बोली.(राज ने सारे इंतज़ाम मुझे करके दिए थे.)

मैने अपना हॅंड बॅग खोलकर उस मे से अपना मेडिकल सर्टिफिकेट निकालकर उन्हे दिखाया…

फिर उन्होने उस मे से 2-3 नाम पढ़े, जो मेरी समझ मे तो नही आए और कहा- बहुत अच्छे, जाकर हमारे यहाँ के डॉक्टर को ये मेडिकल सर्टिफिकेट दिखा आओ. वो यहाँ कभी भी आ सकते है साप्ताहिक जाँच के लिए.

मैने अपना सिर हिलाते हुए उन्हे हां कह दिया और उन्होने मुझे मेरा मेडिकल सर्टिफिकेट लौटा दिया.

तुमने कुछ खाया ? – उन्होने पूछा तो मैने फिर सिर हिलाते हुए ना कह दिया.

चलो मेरे साथ दूसरो से भी मिल लो….वो बोली.

वो मुझे एक बड़े से डाइनिंग हॉल मे ले गयी….जहाँ एक बढ़ा सा डाइनिंग टेबल रखा हुआ था….जिसको चारो तरफ से बहुत सी लड़कियों ने घेर रखा था……

अंदर घुसते ही मस्तानी चाची बोली- ये नयी लड़की है…इसका ज़रा ख़याल रखना.

वहाँ मौजूद सभी लड़कियों ने हाथ हिला कर मेरा अभिवादन किया….

कहानी एक वेश्या की – Hindi Sex Stories

ऊन्मेसे एक लड़की ने मुझे बोला- हेलो मेरा नाम स्वीटी है और मैं यू.पी. से हू…तुम यहाँ बैठ जाओ.(उसने अपने पास रखी एक कुर्सी मेरे लिए सॉफ करती हुई बोली)

मैने मस्तानी चाची की तरफ देखा- तो उन्होने ने मुझे जाकर बैठने की अनुमति दे दी…और मैं भी उसके पास जाकर बैठ गयी….टेबल पर खूब सारा नाश्ता और वाइन की बॉटल रखी हुई थी..

कुछ लाडियाँ सिर्फ़ ग्लास मे वाइन ही पी रही थी..उन मे से एक लड़की ने अपनी वाइन ख़तम करके और ग्लास रखते हुए(लगभग पटकते हुए) कहा….हाई..बिजली फ्रॉम मुंबई…

मैने भी उसे सिर हिलकर सिर्फ़ हाई कह दिया..फिर बाकी लड़कियाँ भी अपना-अपना इंट्रोडक्षन देने लगी..

हाई..छोटी फ्रॉम पुणे.. काँटा फ्रॉम गोआ….कासिष फ्रॉम गुजरात..लगभग हर स्टेट की लड़कियाँ थी उस जगह पर..

तभी एक मोटी सी औरत हाथ मे चॉक्लेट केक लाती हुए मेरे पास आई और बोली लो काटो इसे…ये तुम्हारे आने की ख़ुसी मे..मैं यहाँ हर किसी के आने की खुशी मे कुछ ना कुछ बनाती हू…आज तुम्हारे लिए चॉक्लेट केक बनाया है…काटो इसे और एंजाय करो अपना पहला दिन यहाँ……तभी बाजू वाली लड़की ने जिसने मुझे कुर्सी दी थी..मेरे ग्लास मे वाइन भरा और मुझे ऑफर किया..मैने ग्लास लिया फिर सब ने टोस्ट किया और अपनी-अपनी वाइन पीने लगे…

बिजली ने फिर जीभ से ऐसे किया जैसे वो किसी की योनि मे जीभ डाल कर हिला रही हो….और फिर मुझसे बोली..क्या तुम्हे ये करना आता है ???

मैने सिर नीचे झुककर हां कह दिया…..वो बोली….तुम्हारा नाम क्या है….

कहानी एक वेश्या की – Hindi Sex Stories

मैने बोलने ही वाली थी के मस्तानी चाची बोली- नाम ही सब कुछ नही होता…इसका नाम है राधा…पर अब से हम सब इसे कामिनी कह कर बुलाएँगे.

मैं बोली- कामिनी ???

हां कामिनी, क्यूकी तुम दिखती कामुक हो…तुम्हारी काया कामुक है…तुम बिल्कुल इस चॉकलॅटी केक की तरह हो जिसे हर कोई खाना चाहता है..

तभी छोटी ने शरारती नज़रो से मेरे उभारो को देखकर मुझसे कहा- क्या तुम मुझे ये चॉकलॅटी केक थोड़ा सा दोगि..और सभी खिलखिला कर हंस पड़े…..

मस्तानी चाची ने कहा- यहाँ सभी लाडियाँ अपने काम से जानी जाती है…उनका नाम ही उनका काम भी उजागर कर देता है….जैसे तुम कहाँ से हो..तुम्हारा नाम क्या है…और वो समझ जाते है कि उन्हे तुमसे क्या लेना चाहिए…तुम उन्हे कैसे मज़ा दे सकती हो…समझी….

तभी एक लड़की ने अपना टॉप उपर किया और अपने स्तनो को अपने हाथो से हिलाते हुए बोली…मेरा नाम है बबली..और मैं महबूब नगर से हू….और फिर सब हंस पड़े..

यहाँ हर कोई जानता है, सकीना को सक करने मे माहिर होने के लिए….ललिता को वर्ग और श्रेणी के लिए…और साथ ही गंदी सोच के लिए भी..हा हा हा…कहकर वो हस्ने लगती है..तो बाकी भी खिलखिला पड़ी..

फिर वो बोली…और कामिनी तुम्हारी खूबी रहेगी ये तुम्हारी मादक गान्ड(ऐसा बोलते हुए वो मेरी एक पूरी गान्ड को अपने हाथो मे मसल रही थी..) तुम अपनी गान्ड लेहराओ, तुम्हे कभी भी इस बात का पछतावा नही होगा..

कासिष ने अपने हाथ की दो उंगलियाँ अपने नाक पे लगाकर ऐसे इशारा किया जैसे वो नाक से सिगरेट पी रही हो और बोली…अगर कस्टमर ने ऐसे इशारे किए तो….

मैं बोली—इसका क्या मतलब हुआ…

चाची बोली—इसका मतलब वो तुमसे कुछ भद्दी चीज़ें करवाना चाहता है..जैसे पिसिंग, शिटिंग एट्सेटरा….लेकिन हां इसके चार्जस एक्सट्रा लगते है और ये है भी बहुत एक्सपेन्सिव ! (ये बताते हुए उन्होने अपनी नाक पे हाथ रख लिया था.)

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बबली ने तीन उंगलियाँ मेरे गालों मे रखते हुए बोली…गालों पर तीन उंगलियाँ मतलब..कस्टमर को स्केल मार्कर उत्तेजित करना होता है..

कभी-कभी तो तीन लोग एक साथ होते है जिसे हम थ्रीसम कहते है…जिसमे कस्टमर अपना लिंग तुम्हारी गान्ड मे डाले रखता है..और दूसरी लड़की उसको स्केल से हल्का-हल्का उसकी गान्ड पर मार-मारकर उत्तेजित करती रहती है..उस लड़की के भी एक्सट्रा चार्जस लगते है…..

काँटा कहती है…मैं चली आराम करने !!…हमे भी आराम करना है कहकर बाकी लड़कियाँ भी जाने लगती है..

तभी स्वीटी जो मेरे बाजू मे बैठी रहती है मुझसे कहती है…तुम बहुत अच्छी हो, सुंदर हो..हम बहुत अच्छे दोस्त बनेंगे..

मैं बोली—मैं भी यही चाहती हू, मेरा भी कोई अच्छा दोस्त बने..

मेरे पीछे एक लड़की आई जिसे मैने अभी तक तो नही देखा था यहाँ…सिर्फ़ सलवार पहने और उपर से बिल्कुल नंगी थी सिवायि उस चुन्नी के जो उसके कंधे पे झूल रही थी…उसके स्तन पूरे लटके हुए थे..लेकिन गोल-गोल थे…उसने मुझसे कहा—तुम्हे कोई बुड्ढ़ा आदमी मिला है??…कोई दलाल जो तुम्हारे पैसे यहाँ से ले जाए..

मैने ना मे सिर हिला दिया…..और उसने एक लड़की जिसका नाम सोनिया था..उसे उठा कर वहाँ से ले गयी…

तभी वो बुद्धि औरत जिसने गेट पे मेरा सामान लिया था..मूह मे सिगरेट दबाए..थोड़ा सा लंगड़ते हुए मेरे पास आई और बोली..डॉक्टर साहिब आ गये है..

चाची मुझसे बोली—चलो डॉक्टर साहिब के पास चलते है..और बाकी लड़कियाँ को भी कहा..के वो भी अपना-अपना वीक्ली चेक-अप करवा ले..

और हम दोनो डॉक्टर के पास जाने के लिए निकल पड़ते है…………… चाची मुझे सीढ़ियों से होते हुए नीचे ले गयी….जहाँ सीढ़ियों के बाजू मे एक कमरा था..कमरे के पास पहूचकर चाची ने दरवाज़ा खटखटाया…..ठक..ठक..ठक…दरवाज़ा अंदर से खुला था…तो चाची ने मेरा हाथ पकड़कर मुझे भी अपने साथ अंदर ले गयी.

चाची बोली- ये नयी लड़की आई है आज.

पर्दे के पीछे से आवाज़ आई-अपने कपड़े उतारो…ये सुनते ही मुझे हल्की सी झिझक महसूस हुई…लेकिन जब चाची ने मुझसे कहा तो मुझे उतारना ही पड़ा.

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मैं आगे बढ़कर अपनी फ्रॉक उतारने लगी..और चाची मुझे वहाँ अकेला छोड़कर दरवाज़ा से बाहर चली गयी…

पर्दे के पीछे से वो शक्स निकाला जिसने मुझे कपड़े उतारने के लिए कहा था..पहनावे से वो डॉक्टर ही लग रहा था…बड़ी सी धड़ी थी उसकी…शकल से शरीफ लग रहा था..

मैं अभी अपने कपड़े उतार ही रही थी…उसने पूछा – इस घर मे नयी हो या बिल्कुल ही नयी हो ?

मैने कहा- आज पहला दिन है मेरा….और मैने लगभग अपने सारे बटन्स खोल लिए थे..उस बुड्ढे से डॉक्टर को देखकर मेरा डर थोड़ा दूर हो गया था..और मैं थोड़ा खुश भी हो गयी थी…

वो बोला- तुम्हारी ख़ुसी देख कर तो लग रहा है..तुम यहाँ पार्टी करने आई हो…और वो फिर अपने काम मे व्यस्त हो गया.

फिर वो बोला- बहुत अच्छी नौकरी ढूंढी है तुमने क्यू ??

मैने उसे यूही कह दिया..परिवारिक वजहों के कारण हू यहाँ मैं…मा बीमार है, पिताजी का देहांत हो चुका है इसीलिए…तब तक मैने बाकी सारे कपड़े भी उतार लिए थे..

फिर उसने अपने गले मे लगा स्तेथॉस्कोपे को मेरे पीठ मे लगाकर कहा—गहरी साँस लो.

मैने कहा- मेरा पास इसके सिवा और कोई रास्ता नही था.

तुम्हारी ये गहरी साँसे मुझे तुम्हारी वास्तविकता से पहचान करा रही है. डॉक्टर बोला.

मैने ऐसी कहानी केयी बार सुनी है…वो बोला.

मैने गंभीर होकर कहा- मैं सच कह रही हू.

फिर उसने अपने सामान मे से एक टॉर्च निकाला और मेरे मूह मे कुछ देखने लगा और बोला- तुम्हे जो कहना था तुमने कह दिया..और मुझे उस पर ज़रा भी विश्वास नही है. मुझे सब सच-सच जानना है.

वो मेरी बातों पे यकीन ही नही कर रहा था..और मेरी आँखों के चेक करते हुए मुझे सच बताने पर मजबूर कर रहा था, तब मैने भी सोचा के इसे सच बता ही दिया जाए और बोलने लगी- मैं ये सब कुछ अपने होने वाले पति के लिए कर रही हू..वो एक एलेक्ट्रीशियन है..और उन्हे थोड़े पैसो के ज़रूरत है.

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वो मेरे कंधो का निरीक्षण करने लगा और मैं बोले जा रही थी- उसके बॉस ने उसको शहर मे अपनी दुकान बेच दी है उसकी के लिए पैसो की ज़रूरत है…तो हमने सोचा..

वो बोल पड़ा- तो तुमने सोचा, कि इस काम से जल्दी पैसे मिल जाएँगे…बहुत बढ़िया !!

थोड़ा चल के दिखाओ ,वो बोला.

चलते हुए मैं बोली- सिर्फ़ 15 दिनो की तो बात है. उसके बाद वो मुझे यहाँ से ले जाएगा और हम शादी कर लेंगे.

डॉक्टर बोला- किसका विचार था ये ?

मैने कहा- मेरा, मेरा मतलब राज का….मुझे अच्छा लगा तो मैने हां कह दी.

चलो ठीक है…लेट जाओ..….तो मैं लेट गयी, वहाँ पड़े स्ट्रेचर पे, वो बोला- तुम्हे पता है राज ने कैसा काम किया है ? एक दलाल के जैसा…और वो मेरे शरीर को जाँचने-परखने लगा.

मैं थोडा चिड़ गयी थी उसकी बातों से, मैं बोली- तुम उसे जानते भी नही हो तो तुम ऐसा कैसे कह सकते हो.

तो वो बोला-तुम खुद सोचा के तुम क्या करने जा रही हो. जो तुमने आज तक नही किया..कभी सपने मे भी नही सोचा होगा…तुम चाहो तो तुम अभी इसे छोड़कर जा सकती हो..कोई तुम्हे रोकेगा भी नही.

लेकिन ये मेरा फ़ैसला है-मैं बोली.

तुम एक सुंदर, खूबसूरत, जवान, स्वस्थ, तंदुरुस्त लड़की हो…क्यू अपनी जिंदगी अपने हाथो बर्बाद कर रही हो ??…ऐसा बोलते हुए वो मेरे पैरों का निरीक्षण कर रहा था.

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उसने मुझे जाँघो से लेकर अंगूठे तक छुआ, लेकिन उसके चुअन से मुझे कोई फरक नही पड़ा.

मैने कहा- सिर्फ़ 15 दिनो की ही तो बात है.

तो, वो बोला- अरे बेवकूफ़ लड़की, तुम ये सब फिर कभी भी नही छोड़ पओगि!…और वो मेरे जाँघो को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा.

मैं थोड़ा सहम गयी थी उसकी बातों से मैं बोली – तुमने मुझे डरा दिया है. अब मैं क्या करू ?

भगवान से मदद माँगो, अगर तुम उन पर विश्वास करती हो तो.

तभी मैं उठकर बोली- मैं अपना ख़याल खुद रख सकती हू! तुम्हे पता है, मुझे पैसे क्यू चाहिए ?…क्यूकी मेरे पिता ने अपना सब कुछ लूटा दिया था इन वेश्याओं पे!

और तुम यहाँ वोही सब वापस पाने आई हो ? डॉक्टर बोला.

सही कहा, कम से कम कुछ तो ले ही सकती हू. क्या इसमे भी कोई ग़लत बात है ? मैने कहा.

क्या व्यक्तित्व है तुम्हारा!……..तुम्हे पता है, वो सब कॉनडम्स नही पेहेन्ते है….क्या करोगी अगर तुम प्रेगनेंट हो गयी ? उसने पूछा.

मैं अपने आपको गोली मार दूँगी, मैं बोली.

उसकी कोई ज़रूरत नही है, तुम बस इसे पहेन लेना.

उसने हाथ मे एक लॅडीस कॉंडम पकड़े रखा था…मैने इसे पहले कभी देखा तो नही था..लेकिन इसके बारे मे थोड़ा बहुत सुना ज़रूर था.

मैने तुरंत उसे पूछा- क्या ये दर्द करेगा ?

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उसने मुझे स्ट्रेचर पर धक्का देते हुए लेटा दिया और कहा- नही! बस तुम्हारी योनि गीली होनी चाहिए ताकि ये आसानी से अंदर जा सके.

फिर उसने मेरी योनि के दाने को अपनी एक उंगली से मसलना शुरू किया…मैं तो बस फिर मज़े मे खोती ही जा रही थी. उसकी एक उंगली दाने पे और दूसरी उंगली योनि पे चल रही थी..मेरे मूह से सिसकारी भरी आहें निकल रही थी.

उसने बड़े ही शालीनता से पूछा- क्या तुम्हे इससे चोट पहुच रही है ?

मैने उसे आहें बरते हुए बस इतना ही कहा- बिल्कुल नही………

और उसने उंगली चलाना जारी रखा…और कहा…मुझे लगता है के तुम अब गीली होना शुरू हो चुकी हो.

मैं बोली- क्या तुम शर्त लगा सकते हो!

और उसने वो लॅडीस कॉंडम मेरी योनि मे घुसा दिया..मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

मैने उसे कहा- तुम तो मुझ पर कहर ढा रहे हो, मैं तो चाहती हू के तुम ही मेरे सबसे पहले कस्टमर बनो!

वो हस्ते हुए बोला- चलो जाओ….आगे बढ़ो और मेरी तरफ से गुड लक!

मैने अपने कपड़े पहने और कमरे से बाहर आ गयी……… शाम के करीब 4-4.30 बज रहे होंगे के मेरे दरवाज़े पर नॉक हुई…..उस समय मैं सो रही थी……ठक…ठक….ठक… मैने उठकर दरवाज़ा खोला तो बाहर चाची थी वो मुझसे बोली- अरे अभी तक सो रही हो कुछ ही देर मे कस्टमर्स आने शुरू हो जाएँगे, ये लो तुम्हारे कपड़े..इसे पहेंक़र जल्दी से नीचे आ जाओ..और हां, अंदर कुछ भी मत पहेनना. वो फिर नीचे चली गयी.

मैने जब वो ड्रेस देखी तो पाया के वो खाली एक गाउन है जो इतना पारदर्शी के है कि इसको पहनो या ना पहनो मतलब एक ही था. मैने जल्दी से तैयार हो कर वो ड्रेस पहनी मेरा सारा जिस्म उस पारदर्शी गाउन के आर-पार दिखाई दे रहा था. मैं थोड़ा सकुचा रही थी इस ड्रेस को पहेन कर.

कहानी एक वेश्या की – Hindi Sex Stories

मैं जब नीचे पहुचि तो वहाँ मेला सा लगा हुआ था. चारो तरफ लड़के-लड़कियाँ ही थी. बहुत सी लड़कियों ने मेरे जैसी ही गाउन पहेन रखी थी. जिसमे से उनका पूरा जिस्म बाहर दिखाई दे रहा था..वो लड़कियाँ लड़को के साथ मस्ती कर रही थी.

मैं जब सीढ़ी उतरी तो वहाँ दो लड़कियाँ बैठकर सिगार पी रही थी. मैं दोनो को लाँघकर सीढ़ी उतरी. नीचे चाची कुछ घोषणा कर रही थी- अच्छा तो महनुभाव क्या आप लोग किसी कुवारि कन्या के इंतज़ार मे है ?

मैं चाची के पास जाने लगी. एक लड़की वेट्रेस के ड्रेस मे थी जिसके स्तन पूरे बाहर के तरफ लूड़क रहे थे, उसने मुझे स्माइल दी और आगे बढ़ गयी. वही बाजू मे बैठा एक बूढ़ा सा आदमी एक लड़की के जाँघो को सहला रहा था और लड़की अपने दोनो स्तन बुड्ढे के मूह पे मसल रही थी. उसने मसल्ते हुए बुड्ढे से कहा- क्या तुम रोमा-दोमा से प्यार करते हो ?..शायद उसने अपने स्तनो को ऐसा नाम दे रखा था.

तभी मैने कशिश को सीढ़ियों से उतरते हुए देखा…शायद वो अभी अपने कस्टमर के साथ ही आई थी नीचे. उसने अपने कस्टमर से कहा-बाइ जानू, दोबारा आना. और वो भी चाची के पास आ गयी. चाची ने उसको कुछ पेपर पे सील लगाकर कहा ‘1स्टक्लॅस’. वो बूढ़ी औरत जो यहाँ की देख-रेख करती थी, वो दरवाज़े पर ही उस लड़के को पकड़ ली जो अभी कशिश के पास से होकर गया था और उसे कह रही थी- अरे मेरी टिप दिए बिना ही चले जाओगे. तब उस लड़के ने उसे टिप दी और कहा अब तो जाने दो मुझे. तो उस बूढ़ी औरत ने दरवाज़ा खोलकर उसे जाने दिया.

चाची ने मुझसे कहा- क्या तुम शुरू करने के लिए तैयार हो ?

मैने इधर-उधर नज़र डाली और जैसे ही सामने रखे दर्पण पर नज़र गयी तो उसमे मुझे अपनी छवि दिखी, अपनी गदराई हुई काया देख कर मेरा मनोभाव बढ़ गया. मैने मन ही मन अपने आपको सलामी दे दी.

चाची ने मुझे देख कर बोला- अभी या बाद मे करोगी ?

मैं बोली- बाद मे शुरू करने से तो अच्छा है कि अभी शुरू की जाए. वैसे भी अभ्यास करने से ही तो मैं परिपूर्ण होंगी.

चाची ने हस्ते हुए मुझे शाबाशी दी और मुझे आगे लेकर चल पड़ी. हॉल के बीच मे खड़े होकर उन्होने कहा- तो पेश है आप सब के सामने बिल्कुल एक ताज़ी कली. कामिनी, अपनी मादक अदाओ से सबको मदहोश करने वाली, अपनी लहराती हुई गान्ड से सबको ललचा देने वाली!

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चाची ऐसा कहते हुए मुझे लेकर एक चक्कर ही लगा रही थी के वहाँ मौजूद एक लड़के ने मेरा हाथ पकड़ा और बोला- चलो कामिनी, आज मेरा दिल बहलाओ! और चाची ने मुझे उसके साथ जाने का इशारा कर दिया.

मैं उसे लेकर अपने रूम मे ले जा रही थी. मेरे बाजू वाली रूम मे से कांता किसी को फिर से आना कहकर उसे नीचे ले जा रही थी.

मैने अपने रूम का दरवाज़ा खोला और उस लड़के वो लेकर अंदर पलंग पर ले आई. और अपना गाउन उतारने लगी, वो लड़का भी अपने कपड़े उतारने लगा. मेरे कपड़े उतारते ही उसकी सीधी नज़र मेरी योनि पर गयी. मेरी योनि पर हल्के-हल्के बॉल थे.

वो मेरे पास आकर सीधे मेरे स्तनो को चूमने-मसालने लगा. मैं उसे बोली- रूको, पहले बेसिन के पास चलो. और उसे खीचकर बेसिन के पास ले गयी. उसके लंड को अच्छे से धोकर मैं उसके लंड का निरीक्षण करने लगी जैसा की चाची ने मुझे बताया था. और वो एक हाथ से मेरी गान्ड सहला रहा था.

मैं बोली-तुम्हे कोई बीमारी तो नही है ?

वो बोला- नही!

फिर मैने टवल से उसके लंड को पोछा और उसे लेकर बिस्तर पर आकर लेट गयी.

मैने उसे बोला कितनी देर, तो वो बोला के आधा घंटा…….. जैसे तुम चाहो- मैं बोली.

फिर उसने अपना एक हाथ मेरे स्तन पर रख लिया और कुछ देर बाद मेरे साथ सॅट कर लेट गया उसका का लंड मुझे अपनी गान्ड पेर महसूस हो रहा था और धीरे से उसने अपना दूसरा हाथ आगे लाया और मेरी योनि सहलाने लगा मुझे बहुत मज़ा आ रहा था पेर मैं आँखे बंद करके लेटी रही और अपनी गान्ड उसके ओर कर के बिल्कुल उससे चिपक ली.

वो अपना लंड मेरी गान्ड पर दबाता रहा और फिर उसने मुझे अपनी ओर घुमा लिया और धीरे-धीरे करके मेरे स्तन दबाने लगा और मूह मे ले कर चूसने लगा काफ़ी देर चूसने के बाद वो मेरे घुटनो के बीच आ गया मेने धीरे से आँखे खोल कर देखा उनका लंड मेरे राज के लगभग आधा ही था और मोटाई मे भी लगभा दो उंगलियों के बराबर था उसे देख कर मैं खुस हो गई क्यूँ कि मुझे लगा ये मेरी योनि मे बहुत आराम से जाएगा ,और मुझे दर्द भी नही होगा.

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अब उसने अपना लंड मेरी योनि के बिल्कुल पास लाया और धीरे से अंदर कर दिया मुझे ज़्यादा तो नही पर हल्का सा दर्द हुआ जिससे मेरी आँखे खुल गई उसने मेरी तरफ़ देखा तो मैने आँखे नीचे कर ली उसने अब अपना पूरा लंड मेरी योनि के अंदर कर दिया मैने दर्द भरी आँखो से उसकी तरफ देखा तो उसने मेरे होठों पे किस करना सुरू कर दिया मेरे होन्ट अपने होंटो पे दबा कर चूसने लगा और

धीरे धीरे अपना लंड अंदर बाहर करने लगा मुझे बहुत मज़ा आ रहा था अब उसने अपने झटके बहुत तेज कर दिए मे तो मज़े से मरी जा रही थी इतना मज़ा मुझे जिंदगी मे कभी नही आया था और अचानक मुझे लगा कि मेरे अंदर कुछ गरम गरम गिरा है अब वो मेरे उपेर लेट कर हाँफने लगा उसने अपना लंड मेरी योनि से निकाल लिया और मेरे साइड मे आकर मुझसे सॅट के लेट गया.

तभी मुझे लगा के मैं भी छूट चुकी हू और मैने चिल्लाकर कहा- हे भगवान मैं भी छूट गयी.

वो बोला- तो क्या हुआ.

मैं अपना पानी नही छोड़ना चाहती थी. मैं बोली. और बाजू मे रखी बेल को ज़ोर से बजा दिया और उसे धक्का देकर पलंग से नीचे गिरा दिया.

अपने कपड़े पहनो और चले जाओ यहाँ से…..मैने उसे चिल्लाते हुए कहा. और उठकर बाथरूम जा कर पेशाब करने लगी.

वो अपने कपड़े पेहेन्ते हुए बोले जा रहा था- ये सब नही करना था तो तुम वेश्या ही क्यू बनी ? क्यू आई तुम ऐसे वेश्या-घर मे ? तुमसे कयि गुना अच्छी लड़कियाँ है यहाँ.

इतने मे वहाँ चाची भी आ गयी- तुम बेल बजाना भूल गयी क्या इतने ज़ोर से क्यू बजा रही थी!

बहुत बुरा हुआ चाची मैं स्खलित हो गयी-मैं मूह लटकाते हुए बोली.

चाची भी हैरान होती हुई बोली- हे भगवान, अगर तुम हर कस्टमर के साथ ऐसा करोगी तो तुम यहाँ की कैसे कहलाओगी.

उस लड़के ने अपने कपड़े पहने और चाची को पैसे देते हुए कहा- बाइ और जाने लगा.

चाची- क्या तुम इस लड़की को टिप नही दोगे? ये आज छूट चुकी है.

चाची ने उसे कुछ पैसे लेकर मुझे दिए और उसने मुझे कहा- बाइ कामिनी.

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चाची मुझसे बोली- या तो तुम आत्म-नियंत्रण सीख लो या फिर उन लोगो से छलावा करो. उनको जाहिर करो के तुम उनसे बहुत प्यार करती हो पर उनके साथ स्खलित मत हो और या तो फिर उनके साथ अंत तक संभाल कर करो.

मैं बोली- पर कैसे करू मैं ये सब ?

चाची बोली- किसी और चीज़ों के बारे मे सोचो. कुछ दुख देने वाली यादें..अपने मरे हुए रिश्तेदारो को याद करो, अपने लिए हुए कर्ज़ो को याद करो…कुछ नही तो गाँधी जी की 1930 की दांडी यात्रा के बारे मे सोच लिया करो…

हम दोनो खिलखिला कर हंस पड़े…….मैं बोली-मैं अपनी तरफ से पूरी कॉसिश करूँगी चाची पर वो लड़का बहुत प्यारा था.

चाची बोली- जो यहाँ दिखता है वो यहाँ होता नही है. भले वो प्यारा होगा लेकिन वो बाकी के प्यारे नही होंगे जो तुम्हे यहाँ आगे मिलेंगे. चलो जल्दी से अपना गाउन पहनो और नीचे चलो. मैं तुम्हे इस बार की ग़लती के लिए माफ़ कर देती हू.

और चाची मेरे पास आकर मेरे चेहरे को अपने हाथो मे पकड़कर एक किस मेरे होठों पे दी और मेरा हाथ पकड़कर मुझे नीचे ले गयी….. चाची और मैं सीधे नीचे हॉल मे आ गये और फिर चाची ने चिल्लाकर कहा- महनुभाव, हम यहाँ मस्ती करने के लिए है ना की बातें करने के लिए.

और फिर सारी लड़कियाँ अपने-अपने कस्टमर्स को लेकर रूम मे जाने लगी.

मैं भी अपने स्तनो को मसल-मसल कर कस्टमर्स को ललचा रही थी. और चाची ने मुझे दूर से देखकर इशारो मे कहा- बहुत अच्छे !!

तभी एक मोटे से आदमी ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे खीचते हुए अपने साथ उपर मेरे रूम की तरफ ले जाने लगा और चाची मुझे देखकर हस्ने लगी.

मेरे कमरे मे पहुचते तक उस आदमी ने मेरे नितंबो पे हाथ मार-मार के लाल कर दिए थे. कमरे मे घुसते साथ ही वो अपने कपड़े उतारने लगा और मेरे कपड़े तो उसने रास्ते मे ही उतार दिए थे.

उसने मुझे बिस्तर पे पटका और फिर मेरे उपर चढ़कर मेरे स्तनो को दबाने लगा. मैने उसे रोककर अपना बताए हुए निरीक्षण कर लेने के बाद उसके साथ आकर फिर बिस्तर पर लेट गयी.

उसने मुझे पकड़ कर मेरे होंठों पे अपने होंठ रख दिए. वो मुझे करीब 15 मिनिट तक किस करता रहा . फिर वो मेरे स्तनो को दबाने लगा.

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मेरे मूह से अहह….सस्स्सस्स कर के आवाज़ निकली. लेकिन इस बार मैने अपना ध्यान कही और लगाने की कोशिश की. वो मेरे स्तनो से खेलता रहा और मेरे गोरे गोरे स्तनो को देख कर बोला ” कामिनी तुम बहुत सेक्सी हो ”.

मैने कुछ नही कहा और पास रखी एक सिगरेट जला ली और अपना ध्यान भटकाने लगी. वो फिर किस करने लगा.इसके बाद उसका हाथ मेरी योनि की तरफ जाने लगा और वो मेरी योनि से खेलने लगा.

मैंन अपने आपको कंट्रोल मे रखकर इधर-उधर की बातें सोचने लगी. वो धीरे धीरे बहुत गरम होते जा रहा था. मेरे मूह से कभी-कभी दर्द के मारे ….ऑश…..एमेम की आवाज़ें निकल जाती.

वो बोला ” सच कह रही थी, दूसरी वेश्याए तुम,’तुम तो साली बॉम्ब हो ”.फिर उसने मेरी योनि को चाटना चालू किया.

मैने उसे कुछ नही कहा. उसने कहा ” रांड़ साली, मुझे नीचे से चुद्वाने के लिए ही तो बुला के लाई है ना तू, कुछ बोलती क्यू नही है. आज मैं तेरी वो चुदाई करूँगा कि तू अपनी सारी चुदाईयाँ भूल जाएगी…..देख रांड़ आज तेरे साथ क्या होता है ”

उसके मूह से ऐसी बातें सुनकर मुझे भी जोश आने लगा गया था. पर मैने अपने को कंट्रोल मे रखकर कहा तुझे जो चाहिए था तुझे वो दे रही हू. मैं एक वेश्या हू तेरी बीवी नही जो तुझे हर मज़ा दू.

वो मेरी योनि को खूब चूस रहा था.

उसने अपना लंड मेरी योनि पर रख उसे रगड़ने लगा.मैंन उसे कोई भाव नही दे रही थी जैसे मेरे अंदर जान ही ना हो.

उसने मेरी योनि के दरवाज़े पर अपना लंड रख कर खूब ज़ोरदार धक्का दिया.उसका आधा लंड मेरी योनि के अंदर चला गया.मैं दर्द से हल्का सा सिसकी और फिर अपने को काबू मे कर लिया.

उसने एक और धक्का मारा और उसका पूरा लंड मेरे अंदर चला गया. मैंन चीख पड़ी,दर्द से मेरा हाल खराब हुआ जा रहा था.

उसने फिर अपना लंड अंदर बाहर करना चालू कर दिया,थोड़ी देर बाद मेरा दर्द गायब हो गया पर मैं अभी तक काबू मे थी और अपनी सिगरेट पी रही थी.

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करीब 30 मिनिट और चोदने के बाद वो बोला ” मैंन झड़ने वाला हूँ……मैने इशारे से उसे बाहर निकालने को कहा और उसने अपना लंड मेरी योनि से निकाल कर मेरे पेट में डाल दिया और अपना सारा पानी भी मेरे पेट मे ही गिरा दिया.

उसके झड़ने के बाद मैने एक बेल बजा दी और उसका समय ख़तम हो गया.

मैने खुश थी क्यूंकी मैने अपने आप पर कंट्रोल करना सीख लिया था जो मेरे लिया यहाँ बहुत ज़रूरी था.

इसके बाद तो मैने उस रोज ही 10 कस्टमर्स को आराम से ले लिया. उस दिन मैं वहाँ की सबसे ज़्यादा कमाऊ वेश्या बन चुकी थी.

चाची भी मुझसे खुश थी और कस्टमर्स तो मेरे लिए मारा-मारी कर रहे थे. पर अब मेरी हालत खराब हो चुकी थी. मैं पूरी तरह से नीढाल हो चुकी थी.

मैने अपने पैसे चाची के पास जमा कराए और कहा- चाची आज बस करो, अब मेरी हालत नही है, अब मैं और नही कर सकती.

चाची ने मुझसे कहा- के ये एक कस्टमर है सिर्फ़ तुम्हारे ही साथ जाना चाहता है और किसी के साथ नही जा रहा है, अच्छा पैसे वाला भी है. इसके साथ आख़िरी बार हो आओ और चाची ने मुझे उसके साथ भेज दिया.

मैं भी लड़खड़ाते हुए उसके साथ चल दी…………………….उस दिन पूरी शाम मेहनत करने के बाद रात को मैं बुरी तरह थक चुकी थी. बिस्तर पर पड़े हुए अपने गाउन पहने मैं अपनी आज के टिप की कमाई गिन रही थी.

30,31……39……वाउ…..लगभग र्स.50,000…..वाह राधा, क्या बात है…..ओह सॉरी ये तो कामिनी का काम है, मैं अपने आप से बोली…..और हंस पड़ी…..हा.हा.हा….

सारे पैसो को मैं संभाल कर अलमारी के ड्रॉयर मे रख दी और जमहाई…लेते हुए वापस बिस्तर पर आ गयी….अब मुझे नींद अपने आगोश मे लेने को तैयार थी.

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तभी स्वीटी मेरे रूम का दरवाज़ा खोलकर अंदर आ गयी. उसने इस वक़्त पीले रंग का एक गाउन पहन रखा था…जिसके सारे बटन खुले थे और उसके स्तन पूरी तरह से बाहर की ओर लटक रहे थे..

वो बिस्तर पर मेरे पास आकर मेरे गालो पर हाथ लगाते हुए मुझसे बोली- कैसा लग रहा है तुम्हे ?

मैं बोली- मैं इतनी थक गयी हूँ…के ऐसा लग रहा है जैसे किसी ने मुझ पर से रोड रोलर चलाकर पार कर दिया हो….और उसको एक स्माइल दे दी.

तुमने आज बहुत अक्च्छा काम किया कामिनी…लोग तुम्हारे दीवाने हो गये है…वो तुमको चाहने लगे है..आज तुमने क़ाबिले तारीफ़ काम किया है…

उसने ऐसे कहते हुए मेरे माथे पर हाथ फेरा और फिर चिल्लाते हुए उठ

कर दरवाज़े के पास गयी और चिल्लाई…तुमको तो फीवर हो गया है….सोनिया..जल्दी से थर्मॉमीटर ले कर आओ.

उसके इतना चिल्लाते ही वहाँ आस-पास मौजूद सारी लड़कियाँ कोई अड़खुले कपड़ो मे तो कोई बिल्कुल ही निर्वस्त्र हालत मे मेरे कमरे मे दौड़ी चली आई…उन मेसे एक ने कहा शायद उसका नाम सोनिया था..मुझे अच्छे से याद नही..वो बिल्कुल ही निर्वस्त्र थी…उसने कहा..क्या हुआ ? मुझे देखने दो… और आकर मेरा माथा दबाकर जाचने लगी..

और कहा- कुछ नही, थोड़ी सी थकावट है….सो जाओगी तो बेहतर लगेगा….तभी बिजली ने मेरे नितंबो पर हाथ मारते हुए कहा…चलो अब सो जाओ……

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फिर कासिष ने कहा- तुम बिना गोली खाए कैसे सो सकती हो ?

स्वीटी ने उसे गोलियों का डिब्बा छीनते हुए कहा-ये बहुत ही जबरदस्त नींद की गोलियाँ है..

अरे ये देसी तो पी के देख एक ही बार मे सारी थकावट दूर हो जाएगी..तुम बिल्कुल छैल-छबिली जैसा महसूस करने लगोगी!..बबली मेरे पास हाथ मे दारू की बोतल ले कर आती हुई बोली.

सोनिया ने उसे रास्ते मे ही रोक-कर, उसके नितंबो पर हाथ मारते हुए कहा- बना ले इसको भी शराबी, ताकि ये भी तेरी तरह जगह-जगह उल्टी करती फिरे.

बबली ने बनावटी गुस्सा बनाते हुए कहा- तुम मुझे गुस्सा दिला रही हो!…और फिर खुद ही हंस पड़ी.

सोनिया ने फिर से उसके नितंबो को मारते हुए कहा- चलो सब के सब रूम के बाहर चलो.

और बबली बोले जा रही थी- अब तुम मुझे बिल्कुल भी प्यार नही करती…

और बाकी लड़कियाँ खिलखिला कर हँसे जा रही थी…

स्वीटी ने उन लड़कियों से कहा- चलो अब तुम लोग भी अपने-अपने कमरो मे जाओ, इसको अकेला छोड़ दो..उसे आराम से सोने दो.

सब लड़कियों ने मुझसे गुड नाइट कहा और रूम से बाहर निकल गयी. स्वीटी ने दरवाज़ा अंदर से बंद किया और मेरे पास बिस्तर पर आ कर लेट गयी.

फिर उसने मेरा गाउन उतारकर मेरी योनि मे थर्मॉमीटर लगाकर दो मिनिट तक घड़ी देखी और कहा- कुछ नही है..हल्की सी थकावट है बस.

मैने आज सोनिया को किसी लड़के के साथ देखा था. इसलिए मैं पूछ बैठी स्वीटी से- क्यू सोनिया उस लड़के वो इस तरह का बर्ताव करने देती है ?

सोनिया यहाँ की गुड़िया रानी है..कस्टमर उसको तडपा-तडपा कर मज़े देते है..

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वो लड़का बहुत मारने वाला है. पर उन दोनो को इसमे बहुत मज़ा आता है. इसलिए तो वो काम ख़तम होने के बाद भी एंजाय करते रहते है. स्वीटी ने मुझे बताया.