होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

Holi Me Chudai Ka Dangal – Holi me Chudai Ki Kahani

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम राजा है. आज मैं आपको एक मजेदार कहानी बताने जा रहा हूँ, जिसे सुनकर आपके पूरे शरीर में बिजली सी दौड़ उठेगी.

यह कहानी 2018 की होली की है. मेरा नाम राज है, मेरी उम्र 26 साल है. मेरी बीवी का नाम राधिका है, जिसकी उम्र 25 साल है. राधिका दिखने में एक अप्सरा जैसी दिखती है. हम मुंबई शहर में रहते हैं. हमारे साथ मेरी बहन भी रहती है, उसका नाम सोनल है. उसकी उम्र अभी 22 साल है, वो अभी कॉलेज कर रही थी. मेरी बहन किसी हीरोइन से कम नहीं है. होली मनाने के लिए मेरी हॉट साली दिशा भी आई थी, जिसको देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए. दिशा भी 22 साल की थी. आप सभी को बता दूँ कि वो तीनों बहुत ही मॉडर्न ख्यालात की थीं.

होली के दिन सुबह मैं नहाकर सफेद फॉर्मल कपड़े पहनकर बाहर आया, तभी सामने का नजारा देखकर मेरा लंड सलामी देने लगा. क्योंकि मेरे सामने तीनों खूबसूरत अप्सराएं खड़ी थीं. वो तीनों एक ही टाईप के कपड़े पहने हुए थीं. उनके कपड़ों में से तीनों की ब्रा साफ दिख रही थीं. आज मैं पहली बार अपनी बहन को ऐसी नजर से देख रहा था.

मेरे आने से मेरी बीवी मुझे रंग लगाने आगे बढ़ी. मैं भी अपने हाथ में लाल रंग लेकर उसकी तरफ बढ़ा. मैंने उसके सफेद कपड़ों पर रंग लगा दिया.

तभी पीछे से मेरी साली दिशा मुझे रंग लगाकर भागी, तो मैं भी उसको रंग लगाने के लिए उसके पीछे भाग पड़ा. उसको मैंने दौड़ कर पकड़ भी लिया लेकिन वो मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी.
इसी छीना झपटी में मेरे एक हाथ से उसके कातिलाना मम्मे मसल गए, जिससे वो थोड़ी झेंप गयी.
ये नजारा देख कर मेरी बहन ने ताली बजा कर मेरा उत्साह बढ़ाया. मैंने मेरी साली को जम कर रंग लगाया और इसी दौरान उसके मस्ताने जिस्म का टटोल कर जायजा भी ले लिया.

इतनी देर मेरी बीवी बियर के केन्स लेकर बाहर आ गई. फिर हम चारों बियर पीकर एक दूसरे के साथ होली खेलने लगे. कुछ ही समय में हमारे शरीर और कपड़े होली के रंग से रंग गए थे. हम एक दूसरे को अच्छी तरह से रंग लगा रहे थे. मैं राधिका को बीच बीच में किस कर रहा था और मौका मिलने पर उसके मम्मे भी दबा देता था.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

तभी मेरी बीवी राधिका ने मुझसे कहा- हम सभी ने बहुत रंग लगा लिया है, अब हम सब बैठ कर ताश खेलते हैं.
सोनल- भाभी तुम ठीक कह रही हो, चलो हम ताश खेलने हैं.

ये सब सुनकर मुझे बहुत बुरा लग रहा था, लेकिन मुझे क्या पता था कि आगे चलकर मुझे जन्नत की सैर करने मिलेगी. हम चारों घर के अन्दर आ गए और मेन हॉल में ताश खेलने के लिए बैठ गए. राधिका बियर की दो ठंडी बोतलें और ले आई. वहां पहले से ताश खेलने के लिए सब इंतजाम था.

मैं पहले से ही सारी तैयार देख कर जरा चौंका और मैंने कहा- क्या बात है, यहां तो पहले से सब तैयार है?
राधिका- मेरे राजा ये सब तुम्हारे लिए ही किया है. देखते जाओ.. आज तुम बहुत खुश होगे.
मैं- मतलब?
दिशा- ये जानने के लिए आपको थोड़ा इन्तजार करना होगा जीजाजी.
मेरी बीवी राधिका- चलो पहले मैं इस खेल के रूल बता देती हूँ.

मैंने उसकी तरफ देखा कि ऐसा कौन सा नया खेल है, जिसके नियम बताना पड़ रहा है.
राधिका- सबसे पहला रूल, जो हारेगा उसको एक पैग मारना होगा और जीतने वाले का टास्क पूरा करना होगा. इस गेम को बीच में छोड़कर नहीं जाया जा सकता है. बोलो सबको मंजूर है?
हम तीनों ने हामी भरी.

मेरी पत्नी राधिका ने ताश के पत्ते बांटने शुरू कर दिए.

सबसे पहले मेरे पत्ते कमजोर आए और मैं हार गया, जिससे मुझे एक बियर का पैग लेना पड़ा. चूंकि दिशा (साली) जीत गई थी, इसलिए नियमानुसार मुझे उसका टास्क पूरा करना था.
दिशा ने मुझे मुर्गा बनने को कहा जो मेरे लिए एकदम अलग अनुभव था.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

उसके बाद मेरी बीवी राधिका खेल जीती और इस बार टास्क पूरा करने की बारी मेरी बहन की थी. पहले तो उसने एक पैग लगाया. फिर राधिका ने सोनल को कैट वाक करने को बोला और सोनल ने कैट वाक किया.

अगली बार भी दिशा जीती और मैं हारा. उसने मुझे अपना कुरता निकालने को कहा. इसलिए मैंने अपना कुरता निकाल कर दिशा को दे दिया.

गेम आगे चला. इस बार मेरी बीवी जीती और इस बार पैग पीने की बारी दिशा की थी. इसलिए उसने पहले एक पैग लगाया.
राधिका दिशा से बोली- दिशा, तुम सोनल को किस करो.
दिशा अपने दोनों हाथ से सोनल के सिर को पकड़ लिया फिर दिशा ने उसे किस किया. ये किस इतना सेक्सी था कि इससे मेरा सोया हुआ राजा यानि लंड जाग गया. मैं उसको अपने एक हाथ से छुपाने की कोशिश कर रहा था.

उन दोनों को किस करते देखकर मुझे भी राधिका को किस करने का मन होने लगा था. लेकिन मैं अभी ऐसा नहीं कर सकता था.
फिर राधिका ने उन दोनों किस करना रोक दिया क्योंकि वे दोनों बियर की मस्ती में एक दूसरे को बड़ी सेक्सी तरीके से चूमने में मशगूल हो गई थीं.

गेम फिर शुरू हुआ, फिर से ताश के पत्ते बंटने लगे. इस बार मैं जीता था और इस बार पैग पीने की बारी दिशा की थी.
मैंने दिशा से कहा- दिशा इस बार तुम कैट वाक करो, क्योंकि मैं तुम्हारे हुस्न का लुत्फ़ उठाना चाहता हूं.

दिशा खड़ी हुई और गांड मटकाते हुए कैट वाक करने लगी. वो ऐसे चल रही थी, मानो कोई हीरोइन सच में रैम्प पर कैट वाक कर रही हो.
ये देख कर राधिका ने मस्ती की- आह.. क्या माल लग रही हो.
राधिका के इस कमेंट पर हम तीनों हंसने लगे.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

खैर खेल आगे बढ़ा. इस बार मेरी बीवी राधिका हार गई और दिशा जीत गई.
राधिका ने एक पैग लगाया. दिशा को अपने ऊपर किया गया कमेन्ट याद था, इसलिए उसने भी राधिका का मजा लेना चाहा. वो बोली- मेरी प्यारी दीदी, आप जीजाजी की जांघ पर बैठकर किस करोगी.
राधिका चौंक पड़ी- क्या?
अबकी बार सोनल ने मजा लेते हुए कहा- हां भाभी, अब टास्क है तो आपको टास्क तो करना ही पड़ेगा.

राधिका ने एक मिनट के लिए सोचा और फिर वो मेरे पास आकर मेरी जांघ पर बैठ गई. मुझे लंड में आग लगी पड़ी थी. राधिका को चूमने की चुल्ल मुझे भी बहुत तेज लग रही थी. मैंने उसकी तरफ होंठ बढ़ा दिए. फिर हम दोनों ने एक दूसरे को किस किया. मुझे उसके होंठ इस समय इतने मस्त लग रहे थे कि मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में दबा लिया और उसके होंठों का रस चूसने लगा. उसको भी शायद मेरे होंठों से यूं चूसा जाना मस्त लग रहा था. इसलिए वो भी मेरे साथ किस में लगी रही. हम दोनों किस करने में एकदम मशगूल हो गए थे. उधर वो दोनों हम दोनों को सेक्सी किस करते देख रही थीं.

करीब एक मिनट तक हम किस करते रहे. तभी दिशा बोल उठी- जीजाजी बस कीजिए, कहीं दीदी के होंठ न सूज जाएं.
उसकी बात से हम दोनों को होश आया और राधिका ने मेरी जांघ से उठकर अपने होंठ पौंछे.
यह देख कर उन दोनों के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान दिखने लगी थी.

दो पल के रोमांटिक माहौल के खेल फिर शुरू हुआ. इस बार सोनल जीत गई और राधिका एक बार फिर हार गई. इसलिए राधिका ने पहले एक पैग मारा.

अब तक हम चारों पर बियर का नशा होने लगा था. सोनल ने नशे की टुन्नी में मुझसे कहा- भाई, आप भाभी का कुरता निकालो.
यह सुनकर मानो मेरी तो लॉटरी लग गई हो, मुझे ऐसा अनुभव हो रहा था. मुझे भी अब ये खेल थोड़ा थोड़ा समझने आ रहा था, लेकिन नशे के वजह से मैं ज्यादा सोच नहीं रहा था.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

राधिका- सोनल सोच ले … तुम्हारी भी बारी आएगी, तब मैं भी अपना हिसाब बराबर करूंगी.
सोनल ने हंस कर हामी भर दी.

उधर दिशा को ये सीन देखने की जल्दी पड़ी थी. उसने कहा- जीजाजी, अब आप किसका इन्तजार कर रहे हैं?
मैंने राधिका का कुरता निकाल दिया, जिससे वो सिर्फ एक लाल रंग की ब्रा में रह गई थी. उसके चूचे देख कर मेरा मन तो कर रहा था कि अभी राधिका के मम्मे मसल दूँ और ब्रा फाड़ डालूँ, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकता था.

सभी की नशीली निगाहें राधिका के मदमस्त दूधों पर टिकी थीं. हम सभी का नशा अब शवाबी हो चला था. हम सभी को सेक्स चढ़ने लगा था.

गेम आगे बढ़ा. इस बार राधिका जीत गई और सोनल हार गई. इसी पल का शायद राधिका को इन्तजार था.
सोनल ने अपना पैग खींचा और वो अपनी भाभी राधिका के टास्क का इन्तजार करने लगी.
राधिका ने विजयी मुस्कान के साथ कहा- मैं चाहती हूँ सोनल कि अब तुम राज की जांघ पर बैठकर राज को किस करो.

राधिका की इस बात को सुनकर हम दोनों भाई-बहन एकदम से चौंक उठे.
तभी मैंने कहा- राधिका … तुमने शायद गलत टास्क दे दिया है.
राधिका- मेरे प्यारे पतिदेव मैंने सही ही टास्क दिया है.
सोनल- पर भाभी हम दोनों भाई बहन ऐसा कैसे कर सकते हैं?
दिशा ने सोनल की तरफ देखकर कहा- अब टास्क है … तो करना तो पड़ेगा ही.

ये कह दिशा सोनल को आंख मारते हुए हल्के से मुस्करा दी. उसी पल मेरी निगाह सोनल की तरफ गई, तो उसके होंठों पर भी मुझे एक वासना से भरी मुस्कान दिखाई दी.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

अब मुझे समझ आ गया था कि इन तीनों ने मिलकर ही ये प्लान बनाया है. मुझे ये गलत लग रहा था.. इसलिए मैं खड़ा होकर बाहर आने को हुआ, तभी मेरे पीछे राधिका भी आ गई.

राधिका- देख राज … मुझे पता है कि यह गलत है, लेकिन जितना प्यार में तुमसे करती हूं, उतना ही प्यार वो दोनों तुमसे करती हैं. आज वो दोनों तुझको अपना ब्वॉयफ्रेंड बनाना चाहती हैं. मुझे भी इससे कोई एतराज नहीं है.
मैं- लेकिन?
राधिका ने मेरी बांहों में अपना अधनंगा जिस्म रगड़ते हुए कहा- बस मेरी जान.. इन दोनों पर तुम्हारा सबसे पहले हक बनता है, बल्कि तुम्हें तो खुश होना चाहिए कि तुम्हें और दो चुत की सील तोड़ने मिलेगी.

उसकी गर्म सांसें और गर्म बातें मेरे लंड को खड़ा करने लगी थीं. हम दोनों एक दूसरे की ओर देखकर मुस्करा उठे.
मैंने भी सोचा कि चलो देखते हैं, अगर राधिका और सोनल को कोई एतराज नहीं है.. तो मुझे ऐसा मौका दोबारा नहीं मिलेगा. बस इस मौके पर अपनी हॉट बहन और साली को भी चोद लूँगा. ये मेरे लिए एक नया अनुभव रहेगा.

हम दोनों ने एक दूसरे को बहुत जोर से हग किया और हम वापस अन्दर आ गए.

मेरे अन्दर जाते ही, सोनल खड़ी हुई और मेरे पास आकर मुस्कुरा कर मेरी जांघ पर बैठ गई. उसके बैठने से मुझे अलग ही फीलिंग हो रही थी.

सोनल ने मेरी ओर देखा और फिर वो मुझे किस करने के लिए मेरे नजदीक हो गई. उसने मेरे चेहरे पर अपने दोनों हाथ रखकर मुझे अपने होंठों को चूमने के लिए आमंत्रित किया. मैं झिझका तो खुद उसी मेरे होंठों पर अपने होंठों को रख दिया और मुझे किस किया. मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मेरी बहन मेरी जांघ पर बैठकर मुझे किस कर रही थी.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

ये सब पहले मुझे अजीब लगा, लेकिन फिर मैं भी अपने होश खोकर उसका साथ देने लगा. अपनी सगी बहन के रसीले होंठों को चूस कर मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं पहली बार किसी कुंवारी लड़की को किस कर रहा हूं.

तभी राधिका हमारे पास आई और धीरे से बोली- एक मिनट हो गया है. क्या पूरा मजा अभी ही लेना है.
उसकी बात से हम दोनों को होश आया और हम दोनों तुरंत एक दूसरे से दूर हो गए.

फिर से ताश के पत्ते बंटे और इस बार मैं जीत गया. अब दिशा की पैग पीने की बारी आ गई थी. मतलब वो गेम हार गई थी.
अब मुझे भी सेक्स का मजा चढ़ने लगा था. मैंने कहा- दिशा मैं चाहता हूं कि तुम अपना कुरता निकालकर कैट वाक करो.

मेरी बात सुनकर पहले तो वो चुप हो रह गई. फिर खड़ी होकर दिशा ने अपना कुरता निकालकर यूं दूर फेंका, मानो उसको बड़ी देर से खुद को नंगी करने की पड़ी थी. वो उठ कर गांड हिलाते हुए कैट वाक करने लगी. उसको इस तरह से देखकर मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया.

तभी राधिका की नजर मेरे लंड पर पड़ी तो वो धीरे से मुस्करा दी. उसे मुस्कुराता देख कर मैंने अपने लंड पर हाथ रख दिया और राधिका को एक आंख मार दी.

फिर दिशा अपनी गांड मटकाती हुई और मम्मों को एक दिलकश अंदाज में हिलाते हुए वापस गेम में शामिल हो गई.

इस बार सोनल जीत गई और दिशा फिर से हार गई. नियमानुसार दिशा ने बियर का पैग खींचा. अब तक बियर की वजह से हम सभी पर नशा होने लगा था और हमें इस खेल में कुछ ज्यादा ही मजा आने लगा था.

सोनल ने नशे की पिनक में दिशा से कहा- दिशा, तुम राज की जांघ पर बैठकर उसे किस करोगी.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

ये सुनकर दिशा एकदम से चहकते हुए उठी और बड़े ही कामुक अंदाज में मेरी जांघ पर आ बैठी. उसने मुझे किस करने के लिए अपने होंठों को मेरे आगे कर दिया. मैं भी इस मौके का पूरा फायदा उठाते हुए हुए उसे दबा कर चूमने लगा.

राधिका और सोनल हम जीजा-साली का रोमांस देख रही थीं. मैंने राधिका की तरफ देखा तो उसने मुझे आंख मारते हुए अपने मम्मे को दबाते हुए एक इशारा दिया. मैं समझ गया और मेरा एक हाथ दिशा के एक मम्मे पर चला गया.
मैंने दिशा के पूरे मम्मे को अपनी हथेली में भर कर पूरी सख्ती से मसला और उसके होंठों को जोर से चूस लिया.

तभी सोनल बोली- बस टाइम खत्म हो गया है.
उसकी आवाज सुनकर हम दोनों एक दूसरे से अलग हो गए. लेकिन दिशा मुझे बड़े ही कामुक अंदाज में देख कर मुझसे धीरे से ऐसे अलग हुई जैसे किसी बच्चे से जबरन उसकी पसंद का खिलौना छीन लिया गया हो.

ये होली की मस्ती का दंगल आगे अपनी चरम सीमा पर चढ़ने लगा था. इसके आगे की सेक्स कहानी को हम अगले भाग में जानेंगे. आपके मेल मुझे प्रोत्साहित करेंगे.

धीरे धीरे हम चारों इस ताश के मस्ती भरे खेल के दंगल को चुदाई के दंगल में बदलने की ओर बढ़ने लगे थे.

गेम फिर से शुरू हो गया, ताश के पत्ते एक बार फिर से बंट गए और इस बार नतीजा ये आया कि टास्क करने की बारी सोनल की थी. इस गेम को राधिका ने जीत लिया था.

सबसे पहले तो सोनल ने एक पैग मारा, फिर वो राधिका की तरफ देखने लगी.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

राधिका- राज, मैं चाहती हूं कि तुम अपनी बहन का कुरता अपने हाथों से निकाल कर मुझे दे दो.

राधिका की बात सुनकर मुझे अन्दर से जोश भर गया. मैं अब तक भूल चुका था कि सोनल मेरी सगी बहन है. मैं सोनल के पास गया और मैंने उसका कुरता निकालकर राधिका को दे दिया.

अब मेरे सामने तीनों लौंडियां बिना कुरता के बैठी थीं, जिसमें राधिका ने लाल रंग की ब्रा, दिशा ने प्रिन्टेड ब्लू कलर की ब्रा और सोनल ने एक जालीदार ब्लैक कलर की ब्रा पहनी हुई थी.. जिसमें से उसके पिंक निप्पल मुझे साफ़ तने हुए दिख रहे थे. मेरा लंड एकदम से फूलने लगा था, जिसे सोनल ने बड़े ध्यान से देखा था.

गेम फिर शुरू हुआ. इस बार फिर से राधिका जीत गई और दिशा हार गई. लेकिन अब बियर खत्म हो गई थी. नशा भी काफी हो गया था, तो हम सबने तय किया कि अभी कुछ देर रुकने के बाद पैग वाला नियम जारी करेंगे.

राधिका ने दिशा से कहा- दिशा, तुम अपना लहंगा निकाल दो.
दिशा नशे में लहराते हुए खड़ी हुई और गांड हिलाते उसने अपना लहंगा निकाल दिया. अब दिशा एक पेंटी में हम सभी के सामने खड़ी थी. उसको इस तरह से देखकर मेरा लंड खड़ा होकर आन्दोलन करने लगा. मैंने जैसे तैसे लंड को समझाया कि भोसड़ी के शान्ति रख दोनों नए छेद तेरे से ही खुलेंगे.

सोनल ने अपने निप्पल मींजते हुए दिशा से कहा- देख दिशा, तुम्हें टू पीस में देखकर मेरे भाई का हथियार खड़ा हो गया है.
मैंने लंड सहलाते हुए कहा- अब इतने हॉट माल को बिना कपड़े के देखकर भला मैं तो क्या, कोई भी नहीं रुक सकता.
सोनल हंसने लगी.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

मैंने राधिका से कहा- डार्लिंग, अब बियर न जाने कितनी देर में शुरू करोगी, तब तक एकाध सिगरेट ही पिलवा दो.
राधिका का भी मन हो गया था, तो वो गांड मटकाते हुए मेरी टेबल से सिगरेट का पैकेट ले आई. मैंने एक सिगरेट सुलगाई और दिशा की चूत को देखने लगा.

दिशा- जीजाजी अभी क्या देखते हो, अभी तो आगे और भी मजा आने वाला है.

यह कहते हुए उसने मेरे हाथ से सिगरेट ले ली और बड़े ही कामुक अंदाज में एक सुट्टा लगा कर धुंआ उड़ाने लगी. तभी सोनल ने दिशा के हाथ से सिगरेट ले ली. उसने भी अपने होंठों से सिगरेट दबा कर आगे ताश के पत्ते बांटना शुरू कर दिए. सच में इस वक्त सोनल कोई बड़ी गैम्बलर सी लग रही थी. ऊपर से ब्रा में से उसके गोरे मम्मे हिलते हुए एक अलग ही मजा दे रहे थे.

मेरी नजरें पढ़ कर राधिका ने मुझसे कहा- लगता है राज, तुमको अपनी बहन की चूचियां ज्यादा पसंद आ गई हैं.
उसकी बात पर हम चारों मुस्कराने लगे.

तभी राधिका आगे बोली- अब हम चारों को पता ही चल गया है कि आगे क्या होने वाला है, तो क्यों ना हम डायरेक्टर फ़ाइनल टास्क वाला गेम खेलते हैं.
दिशा- यह बात आप दीदी सही बोल रही हो.
मैं- राधिका ठीक है, शुरूआत पहले तुम ही करो.
राधिका- ठीक है.. राज तुम अपना पजामा निकाल दो.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

मैंने झट से खड़े होकर अपना पजामा निकाल दिया. अब में सिर्फ एक निक्कर में रह गया था जिसमें से मेरा लंड नब्बे डिग्री पर अपनी उत्तेजना से उन तीनों चुदासियों की चूतों में चीटियां रेंगा रहा था.

अब टास्क देनी की बारी मेरी थी.
मैं- राधिका अब तुम भी अपना लंहगा निकाल दो.
राधिका तो जैसे यही सुनने के इन्तजार में थी उसने तुरंत अपना लंहगा निकाल दिया. राधिका और दिशा को ब्रा पेंटी में देखा कर सोनल ने भी अपना लंहगा निकाल दिया अब वो भी ब्रा पेंटी में मेरे सामने थी.

सोनल बोली- भाई मैं चाहती हूँ कि आप भाभी को अपनी जांघ पर बैठाकर उसके मम्मे दबाओ.
मैं राधिका की ओर देखकर बोला- आ जा मेरी जानेमन … अपनी कैरियों का रस निकालने के लिए मेरी जांघ पर बैठ जा.

राधिका इठलाते हुए मेरी जांघ पर बैठ गई और मैं दिशा और सोनल को दिखाते हुए अपने दोनों हाथ से राधिका के मम्मे दबाने लगा.
राधिका कामुक सीत्कार करने लगी- उह्ह … ह आह मेरी जान धीरे मसको न … उह आह!

मुझे इस बात से बड़ा ही रोमांच हो रहा था कि आज मैं अपनी बीवी के मम्मे अपनी बहन और साली के सामने दबा रहा था. ये सीन देखकर वो दोनों ही एकदम से गर्म हो रही थीं और मैं भी अपना होश खो रहा था.
फिर राधिका मेरी जांघ से नीचे उतर गई.

मैंने सोनल की तरफ देखा और उससे कहा- सोनल मैं चाहता हूं कि तुम दिशा के मम्मों पर किस करो.

सोनल दिशा के मम्मों को किस करने लगी और मैं ये रंगीन नजारा देख कर लंड हिला रहा था. सोनल के किस करने की वजह से दिशा जोर से सिसकारी भर रही थी- उह्ह.. आह उह.. ओह..

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

एक पल के लिए सोनल रुक गई और दिशा को देखने लगी. अब दिशा ने राधिका को टास्क दिया- दीदी, आप अपनी ब्रा निकाल दो.
राधिका ने झट से अपनी ब्रा निकाल दी. उसे तने हुए मम्मे हवा में फुदकने लगे.

मुझसे रहा नहीं गया और मैंने हाथ बढ़ा कर राधिका के एक मम्मे को मसल दिया, जिससे राधिका की गर्म आह निकल गई.
फिर राधिका ने कहा- तुमको मम्मे दबाने की इतनी जल्दी है, तो तुम अब अपनी बहन को अपनी जांघ पर बैठाकर उसके मम्मे को दबाओ न.

मैंने सोनल को अपने जांघ पर बैठा लिया. वो झट से मेरी कमर के दोनों तरफ टांगें डाल कर ऐसे बैठ गई, जिससे मेरा लंड उसकी चूत से रगड़ने लगा. मैं उसके मम्मे दबाने लगा, जिससे सोनल गर्म आहें निकालते हुए मुझे चूमने लगी.
वो बोली- ब्रा उतार कर मेरे दूध मसलो न भाई.
मैंने उसकी ब्रा भी निकाल दिया.

अब वो मेरी गोद में जोरों से मोन कर रही थी. सोनल के मम्मे दिशा की तरह बिल्कुल टाइट थे. मैं सोनल के मम्मे जोर से दबा रहा था और वो तेज आवाज में मोन कर रही थी.
सोनल- उह ओह आह … ओह ओह अऊ आह आह.
उसकी गर्म आवाजें निकल रही थीं. उसे अपनी गोद में बिठा कर उसके चूचों को दबाने से मैं भी बहुत ज्यादा गर्म हो गया था.

हम दोनों को ऐसा करते देख कर दिशा ने भी अपनी ब्रा निकाल दी और खुद ही अपने मम्मों पर हाथ घुमा कर मसलने लगी.

इतनी देर में सोनल इतनी गर्म हो गयी थी कि वो अपना होश खो बैठी. तब मैंने सोनल के मम्मे दबाना बंद कर दिए. सोनल मेरी ओर देखकर हल्की सी मुस्करा दी और मेरी गोद से उतर कर अपनी जगह बैठ गई.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

राधिका के साथ दिशा और सोनल के नंगे मम्मे देख कर मुझे बियर की तलब लगने लगी. लेकिन मैंने फिलहाल कुछ देर रुकने का फैसला किया.

मैंने दिशा से कहा- दिशा, तुम अपनी बहन के साथ मिलकर लेस्बियन किस करो.

वे दोनों एक दूसरे को किस करने लगीं और मैं उन दोनों के इस गर्म सीन को देख कर सोनल की जांघ को सहलाने लगा, जिससे सोनल को भी मजा आ रहा था.

सोनल- दिशा, अब तुम्हारी बारी अपने मम्मे दबवाने की है, जा बैठ जा अपने जीजाजी के लौड़े पर.
सोनल के मुँह से लौड़े पर बैठने का सुनकर मेरे लौड़े ने एक बार तुनकी मार कर ख़ुशी जाहिर की कि शायद उसका नम्बर चूत में घुसने का आ गया है.
खैर … दिशा को मेरे खड़े लौड़े पर बैठने की कह कर सोनल और राधिका मुस्करा दीं.

दिशा मेरे पास आई और मैंने उसे अपनी गोद में उल्टा बैठाकर उसके मम्मे दबाने लगा. इस समय दिशा की पीठ मेरी छाती से लगी थी और मेरे दोनों हाथ उसके तने हुए चूचों की चटनी बनाने में लगे थे. चूचों की मिंजाई से दिशा मोन करने लगी और उसने अपनी आंखें बंद कर लीं. उसकी गांड भी मेरे खड़े लंड पर रगड़ने लगी थी.

दिशा मेरे लंड पर खुद की चूत को घिसते हुए सीत्कार करने लगी- उह आह ओह औह आह आह जीजू … कितना कड़क हो गया है आपका.
मेरी साली के दोनों हाथ मेरे हाथों पर रखे हुए थे. वो तो मानो मेरे हाथों को अपने मम्मों से हटाने ही नहीं देना चाहती थी. मैं तो खुद उसकी चूत घाटी में अपने लंड को रगड़ कर जन्नत की सैर कर रहा था.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

फिर मैंने अपने आपको संभाला और दिशा के मम्मों पर से हाथ हटा दिए. दिशा अपनी जगह पर जाकर बैठ गई.

इसके बाद दिशा का नम्बर राधिका को टास्क देने का आया. दिशा वासना से भर के बोली- दीदी, आप जीजाजी के लंड पर किस करो.

जब सोनल ने लौड़े का कहा था, तब से ही शायद दिशा को लंड सूझ रहा था. राधिका ने भी मुझे खड़े होने का इशारा किया. मैं झट से खड़ा हो गया. अब राधिका ने मेरे 7 इंच के लंड को मेरे निक्कर से बाहर निकाला और हाथ में लेकर लंड को हिलाया.

मेरे खड़े लंड को देख कर वो दोनों एकदम से चौंक उठीं. सोनल ने अपने मुँह पर हाथ रखते हुए कहा- हाय भाई … इतना बड़ा लंड!
राधिका- हां इतना बड़ा लंड … और यही लंड आज तुम दोनों की चुतें भी फाड़ेगा.

इसके बाद राधिका मेरे लंड पर किस करने लगी, साथ ही उसने मेरे लंड के सुपारे पर अपनी जीभ फिराई और लंड के स्वाद का चटखारा लेकर वापस बैठ गई.

मैं अभी अपनी निक्कर वापस ऊपर करके पहन ही रहा था कि तभी दिशा बोलने लगी- जीजाजी ये फाउल है, अब आप इसे वापस नहीं पहन सकते हो.
मैं- ओके मेरी प्यारी साली साहिबा, लेकिन इसको खुला रखने से संभालना मुश्किल हो जाएगा.
दिशा- बड़े आराम से सम्भल जाएगा जीजू … आज हम तीनों इसके लिए भारी पड़ने वाली हैं. आप अकेले कब तक झेलोगे हम सबको?

उसकी बात का मैं कोई उत्तर नहीं देना चाहता था. इसका उत्तर मेरा लंड देने वाला था. मैं बिल्कुल नंगा हो गया और तभी मेरी बीवी ने मेरी बांछें खिला दीं.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

राधिका- दिशा अब तुम अपने जीजू के लंड को किस करोगी.

मैं राधिका की तरफ प्यार से देखने लगा. आज मेरी बीवी मुझे अपनी बहन की चुदाई का सुख देने वाली थी.

मेरी साली दिशा मेरे पास आई और जैसे ही उसने मेरे लंड पर किस किया, मेरे पूरे शरीर में मानो बिजली सी दौड़ गई. मैंने भी इस पल का भरपूर लाभ उठाया और दिशा के एक मम्मे भी जोर से मसल दिया.
दिशा गनगना उठी और उसके मुँह से एक किलकारी सी निकल गई- उफ्फ्फ … जीजू.
इसके बाद वो दिशा मेरे करीब ही बैठ गई … वो मेरे लंड से खेलने लगी.

मैंने राधिका से कहा- राधिका मैं चाहता हूँ कि तुम अपनी और सोनल की पेन्टी निकाल दो.
राधिका ने तुंरत उठ कर अपनी ऐसे खींच कर उतारी, जैसे वो उसे चुभ रही हो. फिर उसने सोनल की तरफ देखा, तो सोनल ने खुद ही अपनी पेंटी निकाल दी थी. इससे वो दोनों भी बिल्कुल नंगी हो गईं. मुझे अपनी सगी बहन सोनल की सील पैक चुत साफ दिख रही थी.

सोनल ने अपनी चूत पर अपना हाथ फेरा और मुझे चूत दिखाते हुए राधिका से बोली- भाभी आप जल्दी से मेरे भाई का लंड चूसो. अब उनके लंड को बड़ी बेताबी होती दिख रही है.

राधिका ने मुझे खड़े होने का इशारा किया और मैं खड़ा हो गया.
राधिका घुटने के बल बैठकर मेरे लंड को पकड़ कर मुँह में लेते हुए चूसने लगी. मेरा पूरा लंड राधिका के मुँह में चला गया था, जिससे मैं धीमे स्वर में सिसकारने लगा था.

अब पूरा माहौल बहुत ही ज्यादा गर्म हो चुका था. हम सभी पूरे नंगे ही चुके थे.
मैं- ओह आह उफ़ … मेरी जान कितना मजा दे रही हो आह.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

मेरे मुँह से कामुक और मदभरी आवाज निकल रही थी, जिसे सुनकर दिशा और सोनल और भी ज्यादा मदहोश हो रही थीं. वे दोनों अपनी चूचियां मसल कर अपनी चुदास कमरे में बिखेर रही थीं.

मैंने भी अपने हाथ से राधिका के बाल पकड़ लिए और पूरे लंड को उसके गले तक पेल कर मुँह चोदन में जुट गया.

तभी राधिका रुक गई और खड़ी होकर बाहर निकल गई.

दिशा- जीजाजी. आप सोनल की चूत पर किस करो न.
मैंने कहा- क्यों तुमको अपनी चूत पर चुम्मी नहीं करवानी है?
दिशा बोली- मुझे तो आपका लंड चूसना है.
उसकी बात सुनकर मैं हंसते हुए सोनल के पास गया और नीचे झुककर उसकी चुत पर किस किया.

इतने में राधिका भी अन्दर आ गई. वो ब्लैक डॉग की बोतल और कुछ टेबलेट ले कर अन्दर आई थी.

उसने मुझे एक गोली दी, जो कि डबल डोज वाली वायगरा की थी. साथ ही राधिका ने उन दोनों को भी एक एक गोली दे दी, जिससे आगे जाकर चुदाई के मजे में कोई दिक्कत न हो.

अब हम चारों चुदाई का समय बढ़ाने वाली गोली ले चुके थे. इसके बाद राधिका ने ब्लैक डॉग के चार पटियाला पैग बनाए और हम सबको अपने अपने गिलास उठा कर चियर्स करने के लिए बोला. हम चारों ने दारू से भरे गिलास आपस में टकराए और अपने होंठों से लगा कर आज की चुदाई के कार्यक्रम की सफलता के लिए चियर्स बोला.

अब आगे जाकर ये रोमांस घमासान चुदाई और कामुक आवाजों में बदलने वाला है. तो प्रिय पाठकों, मिलेंगे अगले भाग में इस चुदाई के खेल में.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

राधिका ने अपना गिलास खाली करते हुए कहा- सोनल, अब तुम अपने भाई का लंड चूसो.
मैंने भी अपना गिलास खाली किया और एक सिगरेट सुलगा कर अपनी बहन सोनल को लंड दिखाते हुए आंख मार दी.

सोनल भी अश्लील भाव से अपनी चूची मसलते हुए मेरे करीब आई. मैं एक बार फिर से पैर फैला कर खड़ा हो गया और सोनल घुटने के बल बैठकर मेरा लंड हाथ में लेकर हिलाने लगी.

आज सोनल पहली बार किसी मर्द का लंड छू रही थी. उसने लंड को हिलाया सूंघा और अपनी जीभ से लंड के सुपारे को चाटा. मैंने उसकी चूची जोर से मसली, तो उसका मुँह खुल गया, तभी मैंने अपना लंड अपनी बहन के मुँह में ठूंस दिया. लेकिन उसे लंड चूसना नहीं आता था, इसलिए राधिका ने एक बार फिर से मेरा लंड चूसकर उसे बताया. तब जाकर वो अच्छी तरह से मेरा लंड चूसने में लग गई.

सोनल मेरा लंड चूस रही थी और मैं सिगरेट के कश लेता हुआ धीमे धीमे सिसकार रहा था. मैं अपने एक हाथ से सोनल के बाल पकड़ कर अपने लंड को उसके मुँह में अन्दर बाहर करके लंड चुसाई का मजा ले रहा था.

तभी राधिका ने मेरे हाथ से सिगरेट लेकर अपने मम्मे को दबा कर मुझे इशारा किया. मैंने उसका इशारा समझते हुए अपने दूसरे हाथ से सोनल के सुंदर से एक मम्मे को पकड़ लिया और दबाने लगा.

मेरा ऐसा इस वक्त मन कर रहा था कि अभी सोनल को लेटाकर चोद दूँ, लेकिन कहते हैं न कि सब्र का फल मीठा होता है.

कुछ देर लंड चूसने के बाद सोनल रुक गई. लेकिन मुझे उसके मम्मे छोड़ने का बिल्कुल मन नहीं हो रहा था, इसलिए मैंने सोनल को खड़ा करके उसे घुमा कर उसको अपनी छाती से चिपका लिया. अब मैं पीछे की तरफ से उसके मस्त मम्मे दबाने लगा. सोनल भी मुझे रोक नहीं रही थी. मेरा हार्ड लंड उसकी गांड की दरार में अपना घिस्सा लगा रहा था.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

फिर मैंने एक हाथ से उसके चूतड़ पर हाथ फेरकर एक चपत लगाई और उसे हट जाने का इशारा किया. सोनल बेमन से मुझसे दूर हुई.

मैं चेयर पर बैठ गया. उधर राधिका और दिशा दोनों बहनें सिगरेट का मजा लेते हुए हम दोनों भाई बहन को सेक्स में फोरप्ले का मजा लेते देख रही थीं.

फिर मैंने खड़े रहकर ही दिशा को टास्क दिया- दिशा, अब तुम भी आ जाओ अपने मन की करने के लिए. … अपने जीजू के बड़े लंड चूसने के लिए आ जाओ मेरी जान.
दिशा चहकती हुई मेरे पास आकर घुटने के बल बैठ गई और अपने हाथ में लंड लेकर चूसने लगी. मैं अपने एक हाथ से दिशा के मम्मे दबा रहा था और एक हाथ से उसके बालों को पकड़ कर लंड पेल रहा था.

दिशा पूरे मजे से एक लॉलीपॉप की तरह मेरा लंड चूस रही थी. मैं भी उसके मम्मे दबाते हुए सिसकार रहा था. अपनी साली दिशा का इतना हॉट फिगर देखकर एक बात तो पक्की थी कि आज मैं दिशा को पूरी रात चोदने वाला था. मेरा लंड उसकी चुत की धज्जियां उड़ाने को बेताब था.

अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, इसीलिए मैं दिशा को खड़े करके पीछे से उसके दोनों मम्मे दबाए, जिससे दिशा गरम और कामुक सीत्कार करने लगी थी- आह आह ओह जीजू … अह आह ओ ओह … अब नहीं रहा जाता जीजू.

उधर राधिका चुत उंगली घुमाते सोच रही थी कि आज मेरा पति कैसे मजे से मेरे ही सामने मेरी बहन के मम्मे दबा रहा है. मैंने राधिका की तरफ देख कर उसे होंठों से ही एक फ़्लाइंग किस फेंका.

तभी सोनल की टास्क देने की बारी आ गई थी- भाभी, आप दोनों बहनें एक दूसरे के मम्मे दबाओ.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

सोनल पर दवा के साथ साथ व्हिस्की भी असर करने लगी थी. सोनल की बात सुनकर दोनों बहनें एक-दूसरे के पास आ गईं और एक दूसरे के मम्मे मसलने लगीं. मैंने सोनल को अपनी गोद में बिठा लिया था और उसकी नंगी पीठ पर हाथ घुमाने लगा.

मेरा लंड एक रॉड की तरह खड़ा सोनल की गांड में रगड़ रहा था. सोनल भी अपने चूतड़ों को मेरे लंड पर रगड़ने का मजा ले रही थी. उधर राधिका और दिशा दोनों एक-दूसरे से अलग हो गईं और मैं भी अपना लंड हाथ लेकर खड़ा हो गया.

फिर दिशा ने अपना टास्क सोनल को दिया- सोनल, तुम राधिका दीदी की चुत को चाटो.
सोनल उठकर राधिका के पास चली गई और नीचे झुककर अपनी भाभी राधिका की चुत चाटने लगी. ऐसा हसीन सीन देखकर मैं अपना लंड सहलाने लगा. सच में चुदाई का मजा तो जो होता है वो होता ही है लेकिन ये सब देखना भी चुदाई के मजे से किसी भी सूरत में कम नहीं था.

सोनल के चूत चाटे जाने से राधिका जोरों से सिसकारियां भर कर रही थी- आह ओह मेरी ननद रानी … अह आह अह और जोर से चाट ले मेरी चूत ओह अ आह ओह..
कुछ पल बाद राधिका ने सोनल को रोक दिया. सोनल अपनी जगह चली गई.

अब टास्क देने की बारी राधिका की थी- राज, मैं चाहती हूँ कि तुम दिशा की चुत और उसके सुंदर चूतड़ों पर किस करो.

मैं खड़ा होकर दिशा के पास गया और मुझे आता देख कर चुदासी सी दिशा खड़ी हो गई. मैंने घुटने के बल बैठकर दिशा की चूत पर मुँह रखकर किस किया, जिससे दिशा थोड़ी सी असहज हो गई और उसके मुँह से आह आवाज निकल गई. फिर मैंने उसे घुमा दिया और उसके चूतड़ों पर किस किया … और एक बार जोर से उसकी गांड को मसल कर वापस अपनी जगह बैठ गया.

अब मेरी बारी थी, मैं बोला- सोनल, तुम राधिका के चूतड़ों पर दो चपत लगाओ.
मेरी बात सुनकर राधिका मेरी ओर देखने लगी तो मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा ताकि सोनल उसके चूतड़ों पर चपत लगा सके.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

राधिका घोड़ी बन गई और सोनल ने अपनी भाभी के पीछे जाकर उसके दोनों चूतड़ों पर जोर से एक एक चपत मार दी, जिससे राधिका सिहर उठी. सोनल को मजा आया था इसलिए उसने दूसरी बार भी चपत लगा दी, जिससे राधिका ‘आह..’ करते हुए चिल्ला दी.

सोनल अपनी जगह वापस बैठ गई और बोली- भाभी अब आप जो चाहें, वो भाई के साथ कर सकती हो.
राधिका- धन्यवाद मेरी ननद रानी, चल राज, अब तुम्हारी बारी घोड़ी बनने की है.

मैं बिना कुछ कहे ही घोड़ी बन गया. फिर राधिका मेरे पीछे आई और मेरे चूतड़ों पर किस करने लगी. ये मुझे बहुत अच्छा लगता है. लेकिन तभी राधिका ने जोर एक चपत मार दी, जिससे मेरे मुँह से भी गहरी आह की आवाज निकल गई. मुझे आह करते देख कर सोनल मुस्कराने लगी. उसने एक सिगरेट सुलगा ली थी और मजे से हम दोनों का खेल देखने लगी थी.

राधिका- मजा आया मेरे प्यारे राजा डार्लिंग.
मैं- मजा तब आएगा, जब मैं तुम्हारी चुत का कबाड़ा करूंगा मेरी राधिका रानी.

ये सुनकर राधिका ने और एक चपत दे मारी, जिससे मैं फिर से सिहर उठा. फिर राधिका मेरे चूतड़ों पर किस करके मुझे वापस बैठने के लिए बोली.
मुझे लगा था कि सोनल ने राधिका से अपनी मर्जी से कुछ भी करने का कहा था, तो वो चूत में लंड ले लेगी. लेकिन राधिका भी आज पूरा मजा लेकर चुदाई का खेल करना चाहती थी.

तभी दिशा बोली- सोनल, अब तुम अपने भाई के चूतड़ों को चाटो.

सोनल ने मुझे इशारा किया तो मैं फिर घोड़ी बन गया. सोनल अपनी जीभ से मेरे चूतड़ों को चाटते हुए सिगरेट का धुंआ मेरी गांड पर छोड़ने लगी. उसकी मुलायम जीभ से मुझे गुदगुदी हो रही थी. एक मिनट के बाद सोनल रुक गई.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

राधिका- राज, अब तुम दिशा की चुत चाटो.

मैं खड़ा होकर उसके पास चला गया और घुटने के बल बैठ कर दिशा की चुत चाटने लगा. दिशा अपनी पूरी चूत खोल कर अपनी चूत पर मेरा सर दबा कर सीत्कार भरने लगी- आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… जीजाजी प्लीज धीमे चाटो … आह बर्दाश्त नहीं हो रहा. ओह आह उऊ अह … न जाने आपका लंड कब खाने को मिलेगा.

मैं दिशा की चूत चाटने के बाद खड़ा हो गया और उसे एक किस करके वापस अपनी जगह पर बैठ गया. दिशा भी अपनी चुत पर उंगली घुमाकर बैठ गई.

अब टास्क देने की बारी मेरी थी और साथ में हिसाब भी चुकाने का मौका था- चल मेरी हॉट बहना … बन जा घोड़ी.
सोनल- प्लीज भाई रहने दो, मुझसे नहीं होगा.
मैं- सोनल चिंता मत कर … मैं तुम्हें मजा करवाऊंगा और वो भी बहुत ज्यादा.

तभी राधिका मेरी तरफ देखकर हल्की सी मुस्कुरा दी, क्योंकि उसे पता था कि आगे क्या होने वाला था. सोनल एकदम चुपचाप घोड़ी बन गई.

मैं सोनल के पीछे आया और उसके सुन्दर चूतड़ों को सहलाने लगा. सोनल को ऐसा लगता रहा कि मैं अभी उसको चपत मारूंगा. लेकिन बजाए चूतड़ों पर चपत मारने के मैं उसके ऊपर चढ़ गया और आगे हाथ बढ़ा कर मैंने उसके दोनों कबूतर पकड़ लिया. सोनल अपने मम्मों पर मेरे हाथ पाते ही मस्त हो गई. मैं अपनी बहन सोनल के दोनों मम्मों को अपनी हथेलियों में भर कर मसलने लगा.

सोनल की पीठ पर चढ़ने के दौरान ही मेरा खड़ा लंड उसकी गांड की दरार को टच कर रहा था. सोनल जोरों से सिसकार रही थी- आह ओह

आह भाई … आह भाई सच में कितना मजा आ रहा है … आह अह.

फिर मैं अपने एक हाथ से उसकी चुत को सहलाने लगा. मुझे उसकी चूत पर हाथ लगाते ही समझ आ गया था कि इसकी चूत बहुत टाईट है और फाड़ने में काफी मेहनत करनी होगी. सोनल की चुत पूरी गीली हुई पड़ी थी.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

जब सोनल जोरों से सिसकार रही थी, तब दिशा अपने मम्मे दबा रही थी, तो राधिका अपनी चुत सहला रही थी.

तभी इस मौके का फायदा उठाकर मैंने जोर से सोनल की सुंदर गांड पर एक चपत लगा दी, जिससे वो चिल्ला उठी- ओह भाई … मत कर यार … लगती है.
मैंने उसकी बात को अनसुना करते हुए फिर से एक चपत लगा दी, जिससे वो छटपटाते हुए मुझे छूटने में लगी थी, लेकिन मैंने उसे मजबूती से पकड़ रखा था.
सोनल- भाई दर्द हो रहा है, प्लीज रहने दो.
मेरी चपत से उसकी गांड लाल हो गई थी. मैंने उसकी गांड पर एक किस करके उसे छोड़ दिया.

मैंने कहा- अब मुझसे रहा नहीं जाता, बस अब मुझे चोदना है.
राधिका अपनी चूत में उंगली कर रही थी, वो बोली- ओके … सबसे पहले किसकी सील खोलोगे, अपनी बहन का या अपनी साली की?
मैं- किसी की भी खोल दूंगा.

दिशा- सबसे पहले जीजाजी किसको चोदेंगे, उसके लिए एक और खेल खेलते हैं.
सोनल- बिल्कुल ठीक कह रही हो.
राधिका- मैं रूल बता देती हूँ, देखते हैं कि आज राज पहले किसको चोदेगा. राज के आंख पर एक पट्टी बांधी जाएगी, फिर सबसे पहले राज हमको किस करेगा और राज को हम तीनों को पहचानना होगा, अगर राज ने सही पहचान लिया, तो एक पॉइंट उसके खाते में जमा होगा. फिर राज हमारे मम्मे दबाएगा, फिर पीठ सहलाएगा, इसके बाद गांड सहलाएगा और आखिर में हम सब राज का लंड चूसेंगे.
दिशा- ओके डन.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

सोनल- मैं आंख पर पट्टी बांधने के लिए पट्टी लाती हूं.

सोनल अन्दर से ब्लैक कलर की मोटे कपड़े की पट्टी लेकर आई और उसने मुझे पट्टी बांध दी, जिससे मुझे कुछ नहीं दिख रहा था. मेरे सामने बिल्कुल अंधेरा छा गया था.

तभी मुझे राधिका की आवाज सुनाई दी- मेरे राजा … तैयार हो न.
मैं लंड सहलाते हुए बोला- हां कब से.

अब मैं बिल्कुल चुपचाप खड़ा था, तभी वो तीनों में से एक मेरे पास आई और मुझे किस करने लगी. मैं भी उसका साथ देने लगा. मैं इतना मदहोश हो गया था कि मुझे ये पहचानना मुश्किल हो रहा था. लेकिन एक बात तो पक्की थी कि वो राधिका नहीं थी, क्योंकि राधिका को मैं अच्छे से पहचानता था.

करीब 3 मिनट किस के बाद उसके हल्की सी आवाज से मुझे पता चल गया था, यह मेरी बहन सोनल है. फिर वो मुझसे दूर हो गई और मैंने सोनल का नाम ले लिया.
सोनल- भाई आपने सही पहचानना है
मैं- नेक्स्ट.

इस बार मेरी बीवी राधिका आई और मुझको किस करने लगी. मैं भी उसका साथ देते हुए उसे अपने लंड से सटाने लगा. मेरा लंड उसकी चुत को छू रहा था और हम दोनों की गर्म सांसें एक-दूसरे के मुँह पर टकरा रही थीं. मुझे पता था कि यह राधिका है, लेकिन मैं बस मौके का फायदा उठा रहा था.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

फिर राधिका मुझसे अलग हो गई. मैंने राधिका का नाम ले लिया, जो सही था.

इसके बाद दिशा मेरे पास आई और हम दोनों एक-दूसरे को किस करने लगे. हम दोनों पूरे गर्म हो गए थे. फिर एक मिनट बाद दिशा भी अलग हो गई. इस बार भी मेरा अनुमान सही निकला.

राधिका- अब राज तुम, हम तीनों का नाम टास्क खत्म होने के बाद ही बताना.
मैं- ठीक है मेरी बुलबुल.

अब इस बार मुझे तीनों के मम्मे दबाकर पहचानना था, जो पहले से थोड़ा मुश्किल था.

वो तीनों में से एक मेरे पास आतीं और मेरे दोनों हाथ पकड़कर अपने मम्मे पर रखवा कर मुझे मम्मे दबाने का इशारा करतीं. मैं उसके मम्मे मसलने लगता.

पहली वाली के मम्मे बड़े थे, लेकिन मैं इतना मदहोश था कि मुझे पता लगाना मुश्किल हो रहा था. मैं मम्मे मसल रहा था, मुझे ये राधिका लग रही थी, इसलिए मैं एक पल के लिए रुक गया.

इसके बाद दूसरे माल ने मेरे पास आकर मेरे हाथ अपने मम्मों पर रखवाया और मैं उसके मम्मे मसलने लगा. मुझे लगा कि यह दिशा है. अब बारी थी सोनल की, वो मेरे पास आई और मैं उसके मम्मे दबाने लगा. उसके मुँह से निकल रही सांस और हल्की सी मोन की आवाज सुनकर मुझे यकीन हो गया कि ऐसी आवाज वाली लौंडिया तो सोनल ही है.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

मैंने तीनों के मम्मों को मसल मसल कर जानने की पूरी कोशिश कर ली थी. अब बारी थी, उन तीनों के नाम बताने की. इसलिए मैंने सबसे पहले राधिका का, फिर दिशा का और आखिर में सोनल का नाम लिया.
राधिका ने कहा- सबसे पहले दिशा थी, फिर मैं आई थी और आखिर में सोनल थी.

यानि मेरा अनुमान गलत निकला, लेकिन सोनल को दो पॉइंट्स मिल चुके थे. मुझे सबसे पहले दिशा को चोदना था, इसलिए अगली बार मुझे सावधानी रखनी थी

अब मुझे तीनों की पीठ सहलानी थी. मैं बारी बारी से तीनों के पास गया और हरेक की पीठ को सहलाया. फिर तीनों के नाम बताए. सबसे पहले सोनल, फिर दिशा और आखिर में राधिका का नाम लिया. इस बार मेरा अनुमान सही निकला.

इस जीत के बाद मेरे पास एक माल आ गई और मैं उसकी गांड सहलाने लगा. ये राधिका थी, उसके बाद सोनल और आखिर में दिशा की गांड मेरे हाथों ने मसली थी. लेकिन मैंने सबसे पहले सोनल का नाम लिया, फिर राधिका और आखिर में दिशा का नाम लिया. लेकिन मेरे ये अनुमान गलत निकले.

इस बार राधिका को दो पॉइंट्स, दिशा के तीन और सोनल के पास भी तीन पॉइंट्स थे. यानि मेरे पास सबसे पहले दिशा को चोदने का ये आखिरी मौका था.

अब मैं खड़ा हो गया था. वो तीनों एक के बाद एक मेरे लंड को चूसने आईं. सबसे अच्छा लंड चूसना मुझे पहले लगा और इससे मुझे समझ आया कि यह राधिका होगी, लेकिन मैंने सोनल का नाम ले लिया. फिर दिशा का और आखिर मैं राधिका नाम लिया.

राधिका- राज तुम अब पट्टी निकाल सकते हो.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

मैंने पट्टी निकाल दी और सोचने लगा कि शायद मुझे सबसे पहले दिशा चोदने को मिलेगी. लेकिन पॉइंट्स के हिसाब से ये तय हुआ कि मुझे सबसे पहले अपनी बहन सोनल की सील तोड़ने पड़ेगी, फिर ही मैं दिशा को चोद पाऊंगा. अन्दर से मैं थोड़ा मायूस था, लेकिन खुश भी दिख था कि अब मुझे चोदने के लिए एक सील पैक चूत मिलने वाली है. सील तोड़ने मौका मिलने की सोच से ही मेरा लंड खूंखार हो उठा. जिसके लिए मेरा लंड कब से तड़प रहा था.

सोनल थोड़ी निराश थी क्योंकि वो सबसे पहले नहीं चुदना चाहती थी. क्योंकि उसे पता था कि पहले चुदना मतलब अपनी शामत बुलाना थी. लेकिन अब उसका पहले चुदना पक्का था.

राधिका ने कहा- क्यों ना चुदाई से पहले हम सब थोड़ा थोड़ा कुछ खा लें, फिर बाद में हम चुदाई का दंगल शुरू करेंगे.
मैं- ठीक है, इससे हम सब थोड़ा रेस्ट भी कर लेंगे.

इसके बाद हम सब दूसरे कमरे में आ गए और डाइनिंग टेबल पर बैठ गए. हम सब पूरे नंगी अवस्था में थे. मेरे एक बाजू सोनल थी, तो दूसरी ओर दिशा थी. मैं दोनों की जांघ को सहला रहा था. तभी राधिका खाना लेकर आई. फिर हमने ब्लैक डॉग के पैग के साथ बात करते हुए खाना शुरू कर दिया.

राधिका ने दारू का एक घूँट भरते हुए कहा- सोनल, सबसे पहले आज तुम राज से चुदने वाली हो, क्या तुम राज के झटके सहन कर पाओगी?
दिशा ने सिप लेते और मुस्कराते हुए कहा- वो तो जब इसकी चुत में लंड घुसेगा, तब पता चलेगा.
सोनल राधिका से बोली- भाभी, आपको को पता ही होगा कि मेरा भाई आपको कैसा चोदता है तो आप ही बताओ न?

राधिका- अपने भाई से ही पूछ लो.

मैं- एक बात तो पक्की है सोनल और दिशा … आज तुम दोनों की आवाजें पूरे कमरे में गूंजने वाली हैं.
यह कह कर मैं राधिका की तरफ देखकर मुस्कुरा दिया.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

दिशा- वो तो देखेंगे कि आप कितनी देर तक हम तीनों को चोद पाते हैं.

ऐसे खाते समय हम चुदाई की बात कर रहे थे. फिर हम चारों का खाना खत्म हुआ और हम सभी मुँह हाथ धोकर चुदाई के लिए रेडी हो गए.

मैंने सिगरेट सुलगा कर कश खींचा, तो मेरे हाथ से सोनल ने सिगरेट ले ली.
मैं उससे कहा- चलो बहना … अब अपनी चुत फटवाने के लिए तैयार हो जाओ.
सोनल ने धुंआ उड़ाते हुए कहा- मैं तो न जाने कब से आपके लौड़े के लिए प्यासी हूँ राजा भैया.

उसके इतना कहते ही मैं सोनल को अपनी गोद में उठा लिया और उसे कमरे में ले जाकर डबलबेड पर पटक दिया. मेरे पीछे वो दोनों बहनें भी आकर बेड पर बैठ गईं.
मैंने सोनल को चित लिटाया और उसके ऊपर चढ़ने लगा.

तभी वो मुझे प्रोटेक्शन पहनने को बोली.
मैं कुछ बोलूँ, उससे पहले राधिका ने कहा.- सोनल तुम्हारे भाई से बिना प्रोटेक्शन के ही चुदने में मजा आता है, तुम टेंशन मत लो, तुम्हें कुछ भी नहीं होगा.

सोनल बिना कंडोम के चुदने को राजी हो गई. मैं सोनल के ऊपर चढ़ गया और उसको किस करने लगा. मैं सोनल को गरम कर रहा था. सोनल भी उत्तेजित होकर सिसकारियाँ भर रही थी- आह अह ओह भाई आह आह … यू आर सो हॉट!

उधर दिशा और राधिका दोनों बहनें हम भाई-बहन को चुदाई करते देख रही थी. मैं सोनल के पूरे जिस्म पर चूम रहा था और बीच बीच में उसके मम्मों को भी मसल रहा था, जिससे वो ओर मदहोश रही थी.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

मैंने देखा कि दिशा अपनी चुत में उंगली कर रही थी, तो राधिका अपने मम्मे पर हाथ घुमा रही थी.

मैं अब सोनल की गीली चुत चाटने लगा था जिससे सोनल की सिसकारियां बढ़ रही थीं, वो जोरों से ‘आह आह अह ओह भैया … चूस लो … अह आह..’ कर रही थी. सोनल अपने हाथ से मेरे बाल पकड़ कर सीत्कार कर रही थी- भाई. … अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है, प्लीज अब चोद डाल अपनी बहन को.

मैंने सोचा अब ये सही मौका है, इसलिए मैंने बिना देर किए अपना लंड सोनल की चुत पर रख दिया.
सोनल- भाई धीरे डालना.
मैंने एक जोर का धक्का दे मारा, जिससे वो चिल्ला उठी. उसकी चीख इतनी तेज निकली थी … मानो किसी ने उसकी चुत में गरम सरिया डाल दिया हो. एक ही झटके में मेरा आधा लंड मेरी बहन सोनल की चुत में घुस गया था.

सोनल- भाई निकाल लो … उम्म्ह… अहह… हय… याह… बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने अपना लंड निकाल लिया और उसके मम्मे दबाने लगा. साथ ही मैंने दिशा की तरफ देखा, वो पूरी तरह से उत्तेजित थी.

फिर मैंने इशारे दिशा को अपने पास बुलाया, वो आ गई. उसके पास आते ही मैं उसे किस करने लगा और साथ में सोनल के मम्मे भी मसलते जा रहा था.

फिर पांच मिनट बाद जब सोनल थोड़ी सामान्य हुई, तब मैंने फिर से अपना लंड सोनल की चूत पर सैट कर दिया.
सोनल- भाई धीरे से डालना, बहुत ज्यादा दर्द होता है.

मैंने उसकी बात को अनसुना करते हुए एक जोर का झटका दे मारा और फिर से मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया. सोनल ने फिर से चिल्लाते हुए दिशा का हाथ पकड़ लिया.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

सोनल- ओह माँ … मर गई.

इस बार मैंने बिना रुके सोनल को चोदना जारी रखा. सोनल के चिल्लाने से राधिका उसके पास आ गई और वो दिशा को साइड में करके सोनल को किस करने लगी. इधर मैं सोनल की कुंवारी बुर में लंड के लगातार झटके मारे जा रहा था.

तभी दिशा और राधिका दोनों एक दूसरे से लेस्बियन किस करने लगीं और मम्मे सहलाने लगीं. इधर राधिका के हट जाने से सोनल ने मेरी पीठ पकड़ ली. वो डर के कारण कभी बेड पकड़ रही थी. मैं ऐसी मजेदार चुत चोदकर एकदम से पागल हो गया था. मैं अपनी बहन को बेरहमी से चोदने में लगा रहा. तभी मेरी नजर उन दोनों बहनों की तरफ गई, जो हम दोनों भाई-बहन की चुदाई देखते हुए लेस्बियन सेक्स कर रही थीं.

तभी मुझे पता नहीं क्या हुआ, मैं दिशा के पास को हुआ और उसे भी सोनल के पास खींच कर लिटा लिया. दिशा अभी कुछ समझ पाती कि मैं सोनल को छोड़ कर दिशा के ऊपर चढ़ गया. मैंने एक ही झटके में अपना खड़ा लंड उसकी चुत में घुसेड़ दिया.

दिशा की माँ चुद गई, वो ऐसे झटके से एकदम से चिल्ला उठी और मुझे अपना लंड बाहर निकालने को कहने लगी. लेकिन मैंने उसकी बात माने बिना और दो तीन बमपिलाट झटके मार दिए.

राधिका को ऐसा सीन देखकर अजीब सा अहसास हो रहा था और वो सोच रही थी कि अभी मैं सोनल की बैंड बजा रहा था, फिर इतनी जल्दी से दिशा को पकड़कर चोदने में लग गया. उसको वियाग्रा पर रश्क होने लगा. शायद इसी मजे के लिए उसने ये खेल रचा था.

दिशा- ओह आह प्लीज जीजाजी … रहने दो यार … बहुत दर्द हो रहा है … अपना लंड बाहर निकालो … जल्दी..आह अह आ ओह अह … मैं मर गई.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

इधर सोनल की चूत खुल गई थी, तो वो भी अपनी चुत में उंगली डालकर बोल रही थी- आह … किधर चले गए मेरे राजा भैया … अह ओह अ आह जल्दी से मेरी में डालो न.

मैंने एक हाथ से दिशा के मुँह पर हाथ रखकर उसकी आवाज दबाने की कोशिश करने में लगा था, लेकिन दिशा फिर भी तड़प रही थी.

उधर राधिका सोनल की चुत को सहलाने लगी थी. इधर मेरे मोटे लंड को सहन न कर पाने के कारण दिशा की आंख से आंसू निकल आए थे.

मैं बिना रहम किये दिशा की चूत को फाड़ने में लगा रहा. करीबन 15 मिनट लगातार दिशा की हचक कर चुदाई की तो वो शांत हो गई … मैं भी उसकी चूत से लंड निकाल कर उसके पेट पर झड़ गया.
झड़ जाने के बाद मैं उन दोनों लौंडियों के बीच लेट गया.

राधिका भी दिशा के पास आ गई. उसने देखा कि दिशा की चूत से खून निकल रहा था- दिशा तुम्हारी सील टूट चुकी है, अब तुम एक औरत बन चुकी हो.
यह कह कर राधिका उसकी चुत को साफ करने लगी.

राधिका ने सोनल से मजा लेते हुए कहा- अब पता चला कि राज कैसे चोदता है?
सोनल अधचुदी मस्त लेटी थी.

दिशा- दीदी, चूत में दर्द हो रहा है.
राधिका- पहली बार दर्द ही होता है पगली … फिर बाद में सिर्फ मजा आएगा.

मैं अपनी बाजू में लेटी सोनल के मम्मे मसलते हुए उसे किस कर रहा था और वो भी मेरा साथ देती हुई अपनी चुत में उंगली घुमा रही थी.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

मेरा लंड फिर से चुदाई के लिए रेडी था. सबसे पहले मैंने राधिका को लंड चुसने के लिए कहा. राधिका मेरे लंड को साफ करके चूसने लगी. लंड खड़ा होते ही मैं अपनी बहन सोनल के ऊपर चढ़ गया. दिशा भी अब धीमे धीमे से अपनी चुत में उंगली करने लगी थी.

इधर मैंने एक ही झटके में सोनल की गीली चुत में लंड घुसा दिया, जिससे सोनल एक बार फिर से चिल्ला उठी. लेकिन इस बार मैंने झटके मारना जारी रखे.
सोनल- आह ओह भाई धीमे चोदो, प्लीज धीमे चोदिए … अह आह आ ओ ओह …

राधिका अपनी बहन दिशा के मम्मे मसलते हुए मुझे जोश दिला रही थी- राज फाड़ दे अपनी बहन की चुत … साली की चूत बहत लंड लंड कर रही थी.

अपनी बीवी की बात सुनकर मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी. इस बार मेरा पूरा लंड मेरी बहन सोनल की चूत में जा रहा था, जिससे सोनल की आंख में आंसू आ गए थे. दिशा हमें देखकर धीमे धीमे से सीत्कार कर रही थी.

सोनल का चिल्लाना बढ़ते ही, मैंने उसका मुँह अपने हाथ से बंद कर दिया. मैं सोनल को लगातार चोद रहा था और वो भी बदस्तूर चिल्ला रही थी. करीब दस मिनट बाद मैंने अपने झटकों की स्पीड कम कर ली और कुछ पल बाद रुक गया. अब सोनल की चूत से भी खून निकल रहा था. मेरे लंड पर मेरी बहन की कुंवारी बुर की सील टूटने का खून लग गया था. कुछ देर बाद मैंने सोनल को फिर से चोदना शुरू कर दिया और कुछ ही देर में उसका शरीर ढीला पड़ गया. मैं भी उसकी चूत से बाहर झड़ गया.

इसके बाद मैं राधिका को साथ लेकर बाथरूम गया और पेशाब करने लगा.

पेशाब करने के बाद मैंने राधिका को अपना लंड थमा दिया. उसने घुटने के बल बैठकर मेरा लंड चूस कर साफ कर दिया और फिर लॉलीपॉप की तरह लंड चूसने में लग गई.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

फिर पांच मिनट बाद हम दोनों वापस कमरे में आ गए. वहां दिशा और सोनल दोनों एक-दूसरे को किस करके लेस्बियन का मजा ले रही थीं. वे एक दूसरे की चुत को भी सहला रही थीं.

मैंने कहा- मजा आया न मेरी प्यारी बहना और साली साहिबा?
दिशा- मजा कम आया, दर्द ज्यादा हुआ.
राधिका- पहली बार ऐसा ही होता है दिशा.

सोनल- मजा तो भाई आपको हम दोनों की चुत की धज्जियां उड़ाने में आया होगा.
मैं हंसकर बोला- तो हो जाए ओर एक राउन्ड.
दिशा- आप अब दीदी के साथ चुदाई का दंगल खेलो, हमें थोड़ा आराम करना है.
मैं- पहले मेरे लंड को खड़ा तो कर दो.

फिर दिशा और सोनल ने बारी-बारी से मेरा लंड चूसा और मैं राधिका को घोड़ी बनाकर उसकी गांड मारने लगा.
राधिका मस्ती में मोन करने लगी- आह ओह अह मेरी गांड मारो … और चोदो मेरे राजा … अह अ ओह आह!

हम दोनों को देखकर वो दोनों भी उत्तेजित होने लगी थीं. फिर कुछ मिनट बाद मैं राधिका की गांड में ही झड़ गया. झड़ने के बाद मैं दोनों कमसिन लौंडियों के बीच में लेट गया. मैंने दिशा को लंड चूसने का इशारा किया तो वो मेरा लंड चूसने लगी.

मैं- राधिका, एनर्जी की गोली लाना.
राधिका गोली लाने चली गई और मैं सोनल के मम्मे मसलते हुए उसे किस करने लगा.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

इतने में राधिका दवा लेकर आ गई. मैं दवा पानी से लेकर फिर से सोनल की चुदाई के लिए तैयार हो गया था.

सोनल- भाई प्लीज़ इस बार धीमे चोदना … अभी भी दर्द हो रहा है.
मैं- जो हुकुम मेरी प्यारी बहना.

फिर मैंने अपना लंड एक ही झटके में सोनल की चुत में घुसा दिया, जिससे सोनल फिर चिल्ला उठी. इस बार मैं लंड पेलने के बाद उसे धीमे धीमे चोद रहा था, जिससे वो मजा ले ले कर सीत्कार करने लगी- आह आह अह ओह भाई चोद आह चोद डाल … अपनी बहन की चुत … आई लव यू भाई!

उसकी मीठी कराहें सुनकर मैंने भी अपनी रफ्तार बढ़ा दी और सोनल भी मेरे साथ गांड उठा कर चुदाई का मजा लेने लगी. मेरी बीवी और साली वो दोनों नंगी बहनें हमें चुदाई का मजा लेते हुए देख रही थीं.

करीब दस मिनट बाद मैं सोनल के ऊपर से उतरकर दिशा के ऊपर चढ़ गया. मैं दिशा की चूत में लंड पेल कर उसकी घमासान चुदाई करने लगा.
दिशा भी अब मेरे साथ चुदाई का मजा ले रही थी और मोन कर रही थी- आह आह ओह अआ अह आह ओह फक मी ओह जीजू!

राधिका अपनी चूत में उंगली डाल कर बोली- वाह मेरे राजा … दो नई चूतें क्या दिला दीं, तुम तो अपनी बीवी को ही भूल गए.

तभी मैंने राधिका को लेटाकर उसे भी चोदने लगा. राधिका की खेली खाई चूत में लंड पेलते ही मैंने अपने झटकों की स्पीड बढ़ा दी, जिससे राधिका भी गरम आहें भरने लगी- अह आह राज फक मी हार्ड आह ओह!
राधिका को पंद्रह मिनट तक चोदने के बाद हम दोनों साथ में झड़ गए. उसके बाद मैं सोनल और दिशा के बीच में लेट गया.

होली में चुदाई का दंगल – Holi me Chudai Ki Kahani

हम चारों घमासान चुदाई के दंगल से थक गए थे, इसलिए दो दो पैग ब्लैक डॉग और एक सिगरेट का मजा लेकर हम सभी आराम करने लगे.

मैं आज खुश था कि अब मेरे पास तीन मजेदार चुत हैं.