Haweli Ka Raaj Part 6 – Hindi Hot Kahani
हवेली का राज पार्ट ६ – Hindi Hot Kahani
थोड़ी देर बाद ख़ान और रूपाली वापिस हवेली में दाखिल हुए. तेज के जाने के बाद रूपाली ने घर पर ताला लगा दिया था. देवधर वापिस शहेर चला गया था और ख़ान उसके साथ वापिस हवेली तक आया था.
रूपाली के दिमाग़ में लाखों बातें एक साथ चल रही थी. वो समझ नही पाई के कैसे उसको ये सब बातें पहले समझ नही आई. कामिनी का यूँ अपने ही घर में चुप चुप रहना. अगर उसके अपने भाई ही उसका फ़ायदा उठाएँ बेचारी अपने ही घर में भीगी बिल्ली की तरह तो रहेगी ही. वो हवेली में मिली लाश. रूपाली को उसी वक़्त समझ जाना चाहिए था के ये लाश किसकी है जब बिंदिया ने उसको भूषण की बीवी के बारे में बताया था.
कुलदीप के कमरे में मिली ब्रा, बेसमेंट में रखे बॉक्स में वो कपड़े, सब उस बेचारी के ही थी जिसको मारकर यहाँ दफ़ना गया था. उसको हैरानी थी के उसको तभी शक क्यूँ नही हुआ जब ठाकुर ने ये कहा के उन्हें नही पता के वो लाश किसकी थी. ऐसा कैसे हो सकता है के घर के मलिक को ही ना पता हो के लाश कहाँ से आई.
हवेली का राज पार्ट ६ – Hindi Hot Kahani
उस वक़्त हवेली के बाहर गार्ड्स होते थे, हवेली के कॉंपाउंड में रात को कुत्ते छ्चोड़ दिए जाते थे तो ये ना मुमकिन था के कोई बाहर का आकर ये काम कर जाता. वो खुद अपनी वासना में इतनी खोई हुई थी के उसको एहसास ही नही हुआ के कितनी आसानी से उसने पायल और बिंदिया को ठाकुर और तेज के बिस्तर पर पहुँचा दिया था.
हवेली के अंदर पहुँच कर उसने बिंदिया और पायल को आवाज़ लगाई पर दोनो कहीं दिखाई नही दे रही थी.
“ये दोनो कहाँ गयी” बैठते हुए रूपाली ने कहा. ख़ान उसके सामने रखी एक कुर्सी पर बैठ गया
“क्या लगता है कौन है आपके पति के खून के पिछे ? तेज?” ख़ान ने कहा तो रूपाली ने इनकार में सर हिलाया
“कामिनी.” रूपाली ने कहा तो ख़ान ने हैरानी से उसको तरफ देखा
“कल आपके जाने के बाद इंदर से बात हुई थी मेरी. काफ़ी परेशन थी वो मेरे पति के मरने से पहले और गन उसने इंदर से ली थी” रूपाली ने कहा
“पर मुझे तो कहा गया था के …..” ख़ान ने कल की इंदर की बताई बात को याद करते हुए कहा
“झूठ बोल रहा था. गन उसने कामिनी को दी थी. बाद में बताया मुझे” रूपाली ने आँखें बंद करते हुए कहा
“सोचा नही था के ये सब ऐसे ख़तम होगा. मैं तो तेज पर शक कर रहा था और एक वक़्त पर तो मुझे आप पर भी शक हुआ था. पर कामिनी पर कभी नही” ख़ान ने कहा
हवेली का राज पार्ट ६ – Hindi Hot Kahani
“एक बात समझ नही आई” रूपाली ने आँखें खोलते हुए कहा “आपका मेरे पति से क्या रिश्ता था? किस एहसान की बात कर रहे थे?”
“बचपन में इसी गाओं में रहा करता था मैं. मेरे अब्बू यहीं के थे” ख़ान मुस्कुराते हुए बोला “ठाकुर साहब के खेतों में काम करते थे. एक बार ठाकुर साहब खेतों में शिकार कर रहे थे. वो जिस परिंदे पर निशाना लगा रहे थे मुझे उसपर तरस आ गया और मैने शोर मचाकर उसको उड़ा दिया. बस फिर क्या था. ठाकुर को गुस्सा आया और उन्होने बंदूक मेरी तरफ घुमा दी. उस वक़्त आपके पति वहाँ थे. उन्होने बचा लिया वरना उस दिन हो गया था मेरा काम”
रूपाली भी जवाब में मुस्कुराइ
“उसके बाद हम लोगों ने गाओं छ्चोड़ दिया. मैं शहेर में पाला बढ़ा, पोलीस जोइन की और उस बात को भूल गया. जब मेरा यहाँ ट्रान्स्फर हुआ तो मैने सोचा के आपके पति से मिलुगा पर यहाँ आके पता चला के उन्हें मरे तो 10 साल हो चुके हैं” ख़ान ने कहा
“नही शायद उन्हें मरे एक अरसा हो गया था. आज एक नया ही रूप देखा मैने ठाकुर पुरुषोत्तम सिंग का जो मेरे पति का तो बिल्कुल नही था. जो आदमी इस हद तक गिर जाए उसको अपना पति तो नही कह सकती मैं” रूपाली ने कहा “सच कहूँ तो आज इस हवेली के हर आदमी का एक नया चेहरा देखा. मेरी सास का भी”
“आपकी सास का? वो तो मर चुकी हैं ना?” ख़ान ने पुचछा
रूपाली ने अपने पर्स से वो तस्वीर निकली और ख़ान को थमा दी
हवेली का राज पार्ट ६ – Hindi Hot Kahani
“सुना है उनका भी कोई चाहने वाला था. यही जो इस तस्वीर में है. ये भी ठाकुर साहब के गुस्से की बलि चढ़ गया था.” रूपाली ने फिर आँखें बंद कर ली
“पर चलिए आपको आपके सवालों के जवाब तो मिले” ख़ान अब भी तस्वीर को देख रहा था
“जवाब तो मिल गये पर अब समझ ये नही आ रहा के इन जवाबों के साथ आगे की ज़िंदगी कैसे गुज़रेगी” रूपाली ने फिर आँखें खोलकर ख़ान की तरफ देखा. वो अब भी तस्वीर को घूर रहा था.
“ऐसे क्या देख रहे हैं?” रूपाली ने पुचछा
“ये कामिनी नही है?” ख़ान ने कहा तो रूपाली हस्ने लगी
“मैने भी यही सोचा था पर ये मेरी सास की जवानी की तस्वीर है. कामिनी बिल्कुल उन्ही पर गयी थी” रूपाली बोली
“पता नही क्यूँ ऐसा लग रहा है के मैने इस आदमी कोई भी कहीं देखा है” ख़ान तस्वीर में खड़े आदमी की तरफ इशारा करता हुआ बोला
“इसको मरे तो एक अरसा हो चुका है” रूपाली बोली ” और सच कहूँ तो कुच्छ सवाल अब भी ऐसे हैं जिनका जवाब मुझे समझ नही आ रहा”
“जैसे के?” ख़ान ने पुचछा
“जैसे के रात को हवेली में आने वाला आदमी कौन था, जैसे की कामिनी के साथ ट्यूबिवेल पर उस दिन दूसरा आदमी कौन था, जैसे की जो चाबियाँ मुझे हवेली में मिली उनकी असली किसके पास है और एक चाभी सरिता देवी के पास क्यूँ थी जबकि वो कभी खेतों की तरफ जाती ही नही थी” रूपाली ने कहा
ख़ान ने हैरत से उसकी तरफ देखा तो रूपाली को याद आया के वो इस बारे में कुच्छ नही जानता था.
“बताती हूँ” उसने कहना शुरू किया ही था के ख़ान ने उसको हाथ के इशारे से रोक दिया. उसने तस्वीर सामने टेबल पर रखी, जेब से पेन निकाला, तस्वीर में खड़े आदमी के चेहरे पर थोड़ी सी दाढ़ी बनाई, हल्के से नाक ने नीचे बॉल बनाए, सर के बॉल थोड़े लंबे किए और चेहरे पर झुर्रियाँ डाली और तस्वीर रूपाली की तरफ घुमाई.
हवेली का राज पार्ट ६ – Hindi Hot Kahani
“पहचानती हैं इसे?” ख़ान ने पुचछा
रूपाली ने तस्वीर की तरफ देखा तो उसके पैरों तले ज़मीन जैसे हिलने लगी. तस्वीर में सरिता देवी के साथ भूषण खड़ा था.
“अब जहाँ तक मेरा ख्याल है सिर्फ़ एक सवाल बाकी रह गया है. कामिनी कहाँ है?” ख़ान ने कहा
“मर चुकी है. हवेली के पिछे जहाँ मेरी बीवी की लाश मिली थी वहीं पास ही उसकी भी लाश दफ़न है” पीछे से आवाज़ आई तो ख़ान और रूपाली दोनो पलते. सामने भूषण खड़ा था.
पर ये भूषण वो नही था जिसे रूपाली ने हमेशा देखा था. सामने एक बुद्धा आदमी तो खड़ा था पर अब उसकी कमर झुकी हुई नही थी, अब वो शकल से बीमार नही लग रहा था और ना ही कमज़ोर. सामने जो भूषण खड़ा था वो सीधा खड़ा था और उसके हाथ में एक गन थी.
“आप यहाँ? ठाकुर साहब के साथ कौन है?” रूपाली ने पुचछा
“कोई नही क्यूंकी अब उसकी ज़रूरत नही. ठाकुर साहब नही रहे. गुज़र गये” भूषण ने कहा
उसके ये कहते ही ख़ान फ़ौरन हरकत में आया. उसका हाथ उसकी गन की तरफ गया ही था के भूषण के हाथ में थमी गन के मुँह ख़ान की तरफ मुड़ा, एक गोली चली और अगले पल रूपाली के कदमों के पास ख़ान की लाश पड़ी थी.
रूपाली चीखने लगी और भूषण खड़ा हुआ उसको देखने लगा. रूपाली को उस वक़्त जो भी नाम याद आया उसने चिल्ला दिया. बिंदिया, पायल, चंदर, तेज, इंदर पर कोई नही आया.
उसने घबराकर चारों तरफ देखा और जब कोई नही दिखा तो उसने फिर भूषण पर नज़र डाली.
हवेली का राज पार्ट ६ – Hindi Hot Kahani
“बिंदिया और पायल” भूषण ने बोला “वहाँ किचन में पड़ी हैं. तेज की लाश बाहर कॉंपाउंड में पड़ी है, मेरे कमरे के पास. इंदर खून से सने अपने बिस्तर पर पड़ा है. वो तो बेचारा सोता ही रह गया. सोते सोते दिमाग़ में एक गोली घुसी और नींद हमेशा की नींद में बदल गयी”
भूषण रूपाली की तरफ बढ़ा तो रूपाली पिछे होकर फिर चिल्ल्लाने लगी.
“चिल्लओ” भूषण ने आराम से कहा “ये हवेली इतनी मनहूस है के किसी ने सुन भी लिया तो इस तरफ आएगा नही”
थोड़ी देर चिल्लाने के बाद रूपाली चुप हो गयी
“क्यूँ?” उसने भूषण से पुचछा
“क्यूँ?” भूषण बोला “क्यूंकी तुम अपने आपको झाँसी की रानी समझने लग गयी थी अचानक. मैं ये सब ऐसे नही चाहता था. मैं तो ठाकुर के खानदान को एक एक करके, सड़ सड़के, रिस रिसके मरते हुए देखना चाहता था. बची हुई इज़्ज़त को ख़तम होने के बाद मारना चाहता था. पर तुमने सारा खेल बिगाड़ दिया. क्या ज़रूरत थी वो तस्वीर दुनिया को दिखाते हुए फिरने की?”
“पर क्यूँ?” रूपाली ने सवाल फिर दोहराया
“क्यूंकी बर्बाद किया था मुझे ठाकुर ने. सारी ज़िंदगी मैने एक नौकर बनके गुज़ार दी. प्यार करता था मैं सरिता से और वो मुझसे पर क्यूंकी मैं ग़रीब उनके घर के नौकर का बेटा था इसलिए उसकी शादी मुझसे हो नही सकती थी. हम दोनो भाग जाने के चक्कर में थे के जाने कहाँ से ये शौर्या सिंग बीच में आ गया. ना सरिता कुच्छ कर सकी और ना मैं” भूषण गुस्से से चिल्लाते हुए बोला
हवेली का राज पार्ट ६ – Hindi Hot Kahani
“तो वो कहानी जो हॉस्पिटल में सुनाई थी?” रूपाली ने कहा
“झूठ थी. शादी के बाद मैने हार नही मानी. मैं सरिता के बिना ज़िंदा नही रह सकता था इसलिए यहाँ चला आया. पड़ा रहा एक नौकर बनके क्यूंकी यहाँ मुझे वो रोज़ नज़र आ जाती थी” भूषण ने कहा
“तो फिर ये सब क्यूँ?” रूपाली बोली
“2 वजह थी. पहली तो ये के इन्होने मेरी बीवी को मार दिया. सरिता के कहने पर मैने उस बेचारी से शादी की थी ताकि किसी को शक ना हो पर यहाँ लाकर तो मैने जैसे उसे मौत के मुँह में धकेल दिया. इन सबने उसे अपनी हवस का शिकार बनाया और फिर मारके पिछे ही दफ़ना दिया. जानती हो उसकी गर्दन पर तलवार से वार किसने किया था? तुम्हारे सबसे छ्होटे देवर कुलदीप ने जो उस वक़्त मुश्किल से 18-19 साल का था. और दूसरी वजह थी कामिनी. उसे पता चल गया था के वो मेरी बेटी है और सबको बता देना चाहती थी”
“आपकी बेटी?” रूपाली ने कहा
“हां मेरी बेटी थी वो. पर एक दिन उसने मुझे और सरिता को खेतों में नंगी हालत में देख लिया था और सरिता को उसको मजबूर होते हुए सब बताना पड़ा.” भूषण की ये बात सुनते ही रूपाली को जैसे अपने बाकी सवालों के जवाब भी मिल गये.
टुबेवेल्ल पर बिंदिया के पति ने कामिनी और किसी आदमी को नही बल्कि सरिता देवी और भूषण को देखा था. क्यूंकी कामिनी की शकल सरिता देवी से मिलती थी इसलिए दूर से उसको लगा के कामिनी है क्यूंकी इस हालत में होने की उम्मीद एक जवान औरत से ही की जा सकती है, ना के एक जवान बेटी की माँ से.
हवेली का राज पार्ट ६ – Hindi Hot Kahani
और इसलिए ट्यूबिवेल के कमरे की चाभी उसको सरिता देवी के पास से मिली थी. और यही वजह थी के कामिनी की शकल उसके भाइयों से नही मिलती थी. क्यूंकी वो ठाकुर की औलाद थी ही नही. जहाँ उसके चारों भाई बेहद खूबसूरत थे वहीं वो एक मामूली सी सूरत वाली थी क्यूंकी वो ठाकुर पर नही बल्कि अपनी माँ और घर के नौकर पर गयी थी.
“वो जो आदमी हवेली में रात को आता था” रूपाली ने पुचछा
“झूठ था. मैने तो तुम्हें पहले दिन ही कहा था के तुम्हारे पति की मौत का राज़ इसी हवेली में है. मैं था इस हवेली में पर तुम देख नही सकी. शुरू से मैं तुम्हें वो दिखाता रहा जो तुम देखना चाहती थी.”
भूषण बोला
“और कुलदीप?” रूपाली बोली
“उस साले को तो मैने कामिनी से पहले ही मार दिया था. उसकी लाश भी वहीं आस पास है जहाँ मेरी बीवी की लाश मिली थी.” भूषण बोला
“कामिनी को आपने मारा था?” रूपाली को यकीन नही हुआ “अपनी बेटी को”
“तो क्या करता. वो खुद अपनी माँ को मारना चाहती थी जिसके लिए वो गन तुम्हारे भाई से लाई थी. ये गन” भूषण गन रूपाली को दिखता हुआ बोला
हवेली का राज पार्ट ६ – Hindi Hot Kahani
रूपाली को धीरे धीरे बाकी बात भी समझ आने लगी. रूपाली अपनी माँ के बारे में बात कर रही थी ना की अपने बारे में जब उसने इंदर को ये कहा था के सबको बस जिस्म की भूख मिटानी है क्यूंकी उसने अपनी माँ को घर के नौकर के साथ नंगी हालत में देखा था. तब उसकी माँ ये भूल गयी थी के कौन अपने घर का उसका अपना पति है और कौन एक मामूली नौकर. इसलिए उसने इंदर को कहा था के वो उसके काबिल नही क्यूंकी इंदर एक ठाकुर था और वो एक नौकर की बेटी.
“ठाकुर साहब?” रूपाली ने पुचछा
“अभी अपने हाथों से गला दबाके मारकर आया हूँ. यहाँ इरादा तो तेज को ख़तम करने का था पर पहले कमरे में इंदर मिल गया. तो उसी को निपटा दिया. गोली की आवाज़ से बिंदिया और पायल आई तो उन दोनो को भी मारना पड़ा. अभी मैं तेज को ढूँढ ही रहा था के बाहर से उसकी कार आती हुई दिखाई दी. साले की मौत सही वक़्त पर ले आई थी उसको यहाँ. मैं वही घर का बुद्धा नौकर बनके उसके पास गया, कमर झुकाए हुए और जैसे ही वो करीब आया, एक गोली उसके जिस्म में. खेल ख़तम”
“कुलदीप और कामिनी के बारे में किसी को पता कैसे नही था?” रूपाली जैसे आखरी कुच्छ सवाल पुच्छ रही थी
“क्यूंकी उनको मैने रास्ते में मारा. क्या है के उन दोनो के साथ मैं उन्हें एरपोर्ट तक छ्चोड़ने गया था. गाड़ी का ड्राइवर बनके. मेरा काम था उनको छ्चोड़ना और गाड़ी वापिस लाना. दोनो को रास्ते में ख़तम किया और डिकी में लाश डालकर वापिस हवेली ले आया. रात को दफ़ना दिया” भूषण ने जवाब दिया. वो भी जैसे चाहता था के मारने से पहले रूपाली को सब बता दे.
हवेली का राज पार्ट ६ – Hindi Hot Kahani
“पर एक सवाल रहता है जिसने ये सारा बखेड़ा शुरू किया. मेरे पति को क्यूँ मारा?” रूपाली ने कहा
“उस दिन कामिनी सरिता को मारने के इरादे से निकली थी. वो सोच रही थी के जाकर सरिता को मंदिर में ही मारकर आ जाएगी तब जबकि पुरुषोत्तम उसको छ्चोड़के चला जाएगा. मुझे उसके इरादे नेक नही लग रहे थे इसलिए उसपर नज़र रखा हुआ था. वो हवेली से कुच्छ दूर ही गयी थी के मैने उसका पिच्छा करके उसको रास्ते में रोक लिया. उससे बात करते हुए मैने ये गन उसके हाथ से छीन ली और अभी हम बात कर ही रहे थे के पुरुषोत्तम जाने क्यूँ हवेली वापिस आ गया. कामिनी मुझपर चिल्ला रही थी और मेरे हाथ में रेवोल्वेर थी. जाने उसने क्या सोचा पर वो चिल्लाता हुआ मेरी तरफ बढ़ा. मैने गोली मार दी. ये मेरी किस्मत ही थी के उस वक़्त कोई भी नौकर वहाँ से नही गुज़रा वरना घर के सारे नौकर उसी रास्ते से उसी वक़्त घर वापिस जाते थे. पुरुषोत्तम को मारने के बाद मैने कामिनी को डराकर चुप तो कर दिया पर मुझे पता था के वो मुँह खोल देगी इसलिए उसको भी मारना पड़ा.”
“अपनी ही बेटी को?” रूपाली ने कहा “प्यार नही था उससे?”
“मुझे सिर्फ़ सरिता से प्यार था” भूषण बोला
“क्या हो रहा है यहाँ?” दरवाज़े की तरफ से आवाज़ आई तो भूषण और रूपाली दोनो पलटे. दरवाज़े पर जय खड़ा था. इससे पहले के वो कुच्छ समझ पाता भूषण का हाथ फिर सीधा हुआ और ऱेवोल्वेर से गोली चली और जय के सीने पर लगी.
हवेली का राज पार्ट ६ – Hindi Hot Kahani
जय लड़खदाया और अगले ही पल भूषण की तरफ बढ़ा. भूषण ने फिर फाइयर करने की कोशिश की पर वो पूरी 6 गोलियाँ चला चुका था. गन से फाइयर नही हुआ और जय उस तक पहुँच गया. उसने भूषण को गले से पकड़ा और पिछे की तरफ धकेलना शुरू कर दिया. पीछे रखे सोफे पर भूषण का पेर फँसा और दोनो नीचे टेबल पर गिरे और फिर ज़मीन पर.
रूपाली खड़ी दोनो की तरफ देख रही थी. भूषण नीचे गिरा हुआ था और जय उसके उपेर पड़ा था. भूषण के सर से खून नदी की तरह बह रहा था जो टेबल पर गिरने की वजह से लगी चोट से था. इसके बाद ना भूषण हिला और ना जय. रूपाली ने झुक कर जय को हिलाने की कोशिश की पर भूषण की चलाई गोली ने देर से सही मगर अपना असर ज़रूर दिखाया था. वो मर चुका था.
रूपाली उठकर खड़ी हो गयी. उसे आस पास 7 लाशें पड़ी थी और इनमें से एक लाश उस आदमी की भी थी जिसने उसके पति को मारा था. वो वहीं नीचे ज़मीन पर बैठ गयी. समझ नही आ रहा था के क्या करे. रात का अंधेरा धीरे धीरे फेलने लगा था.
भूषण रूपाली की तरफ बढ़ा तो रूपाली पिछे होकर फिर चिल्ल्लाने लगी.
“चिल्लओ” भूषण ने आराम से कहा “ये हवेली इतनी मनहूस है के किसी ने सुन भी लिया तो इस तरफ आएगा नही”
थोड़ी देर चिल्लाने के बाद रूपाली चुप हो गयी
“क्यूँ?” उसने भूषण से पुचछा
“क्यूँ?” भूषण बोला “क्यूंकी तुम अपने आपको झाँसी की रानी समझने लग गयी थी अचानक. मैं ये सब ऐसे नही चाहता था. मैं तो ठाकुर के खानदान को एक एक करके, सड़ सड़के, रिस रिसके मरते हुए देखना चाहता था. बची हुई इज़्ज़त को ख़तम होने के बाद मारना चाहता था. पर तुमने सारा खेल बिगाड़ दिया. क्या ज़रूरत थी वो तस्वीर दुनिया को दिखाते हुए फिरने की?”
हवेली का राज पार्ट ६ – Hindi Hot Kahani
“पर क्यूँ?” रूपाली ने सवाल फिर दोहराया
“क्यूंकी बर्बाद किया था मुझे ठाकुर ने. सारी ज़िंदगी मैने एक नौकर बनके गुज़ार दी. प्यार करता था मैं सरिता से और वो मुझसे पर क्यूंकी मैं ग़रीब उनके घर के नौकर का बेटा था इसलिए उसकी शादी मुझसे हो नही सकती थी. हम दोनो भाग जाने के चक्कर में थे के जाने कहाँ से ये शौर्या सिंग बीच में आ गया. ना सरिता कुच्छ कर सकी और ना मैं” भूषण गुस्से से चिल्लाते हुए बोला
“तो वो कहानी जो हॉस्पिटल में सुनाई थी?” रूपाली ने कहा
“झूठ थी. शादी के बाद मैने हार नही मानी. मैं सरिता के बिना ज़िंदा नही रह सकता था इसलिए यहाँ चला आया. पड़ा रहा एक नौकर बनके क्यूंकी यहाँ मुझे वो रोज़ नज़र आ जाती थी” भूषण ने कहा
“तो फिर ये सब क्यूँ?” रूपाली बोली
“2 वजह थी. पहली तो ये के इन्होने मेरी बीवी को मार दिया. सरिता के कहने पर मैने उस बेचारी से शादी की थी ताकि किसी को शक ना हो पर यहाँ लाकर तो मैने जैसे उसे मौत के मुँह में धकेल दिया. इन सबने उसे अपनी हवस का शिकार बनाया और फिर मारके पिछे ही दफ़ना दिया. जानती हो उसकी गर्दन पर तलवार से वार किसने किया था? तुम्हारे सबसे छ्होटे देवर कुलदीप ने जो उस वक़्त मुश्किल से 18-19 साल का था. और दूसरी वजह थी कामिनी. उसे पता चल गया था के वो मेरी बेटी है और सबको बता देना चाहती थी”
हवेली का राज पार्ट ६ – Hindi Hot Kahani
“आपकी बेटी?” रूपाली ने कहा
“हां मेरी बेटी थी वो. पर एक दिन उसने मुझे और सरिता को खेतों में नंगी हालत में देख लिया था और सरिता को उसको मजबूर होते हुए सब बताना पड़ा.” भूषण की ये बात सुनते ही रूपाली को जैसे अपने बाकी सवालों के जवाब भी मिल गये.
टुबेवेल्ल पर बिंदिया के पति ने कामिनी और किसी आदमी को नही बल्कि सरिता देवी और भूषण को देखा था. क्यूंकी कामिनी की शकल सरिता देवी से मिलती थी इसलिए दूर से उसको लगा के कामिनी है क्यूंकी इस हालत में होने की उम्मीद एक जवान औरत से ही की जा सकती है, ना के एक जवान बेटी की माँ से. और इसलिए ट्यूबिवेल के कमरे की चाभी उसको सरिता देवी के पास से मिली थी. और यही वजह थी के कामिनी की शकल उसके भाइयों से नही मिलती थी. क्यूंकी वो ठाकुर की औलाद थी ही नही. जहाँ उसके चारों भाई बेहद खूबसूरत थे वहीं वो एक मामूली सी सूरत वाली थी क्यूंकी वो ठाकुर पर नही बल्कि अपनी माँ और घर के नौकर पर गयी थी.
“वो जो आदमी हवेली में रात को आता था” रूपाली ने पुचछा
“झूठ था. मैने तो तुम्हें पहले दिन ही कहा था के तुम्हारे पति की मौत का राज़ इसी हवेली में है. मैं था इस हवेली में पर तुम देख नही सकी. शुरू से मैं तुम्हें वो दिखाता रहा जो तुम देखना चाहती थी.”
भूषण बोला
हवेली का राज पार्ट ६ – Hindi Hot Kahani
“और कुलदीप?” रूपाली बोली
“उस साले को तो मैने कामिनी से पहले ही मार दिया था. उसकी लाश भी वहीं आस पास है जहाँ मेरी बीवी की लाश मिली थी.” भूषण बोला
“कामिनी को आपने मारा था?” रूपाली को यकीन नही हुआ “अपनी बेटी को”
“तो क्या करता. वो खुद अपनी माँ को मारना चाहती थी जिसके लिए वो गन तुम्हारे भाई से लाई थी. ये गन” भूषण गन रूपाली को दिखता हुआ बोला
रूपाली को धीरे धीरे बाकी बात भी समझ आने लगी. रूपाली अपनी माँ के बारे में बात कर रही थी ना की अपने बारे में जब उसने इंदर को ये कहा था के सबको बस जिस्म की भूख मिटानी है क्यूंकी उसने अपनी माँ को घर के नौकर के साथ नंगी हालत में देखा था. तब उसकी माँ ये भूल गयी थी के कौन अपने घर का उसका अपना पति है और कौन एक मामूली नौकर. इसलिए उसने इंदर को कहा था के वो उसके काबिल नही क्यूंकी इंदर एक ठाकुर था और वो एक नौकर की बेटी.
“ठाकुर साहब?” रूपाली ने पुचछा
“अभी अपने हाथों से गला दबाके मारकर आया हूँ. यहाँ इरादा तो तेज को ख़तम करने का था पर पहले कमरे में इंदर मिल गया. तो उसी को निपटा दिया. गोली की आवाज़ से बिंदिया और पायल आई तो उन दोनो को भी मारना पड़ा. अभी मैं तेज को ढूँढ ही रहा था के बाहर से उसकी कार आती हुई दिखाई दी. साले की मौत सही वक़्त पर ले आई थी उसको यहाँ. मैं वही घर का बुद्धा नौकर बनके उसके पास गया, कमर झुकाए हुए और जैसे ही वो करीब आया, एक गोली उसके जिस्म में. खेल ख़तम”
हवेली का राज पार्ट ६ – Hindi Hot Kahani
“कुलदीप और कामिनी के बारे में किसी को पता कैसे नही था?” रूपाली जैसे आखरी कुच्छ सवाल पुच्छ रही थी
“क्यूंकी उनको मैने रास्ते में मारा. क्या है के उन दोनो के साथ मैं उन्हें एरपोर्ट तक छ्चोड़ने गया था. गाड़ी का ड्राइवर बनके. मेरा काम था उनको छ्चोड़ना और गाड़ी वापिस लाना. दोनो को रास्ते में ख़तम किया और डिकी में लाश डालकर वापिस हवेली ले आया. रात को दफ़ना दिया” भूषण ने जवाब दिया. वो भी जैसे चाहता था के मारने से पहले रूपाली को सब बता दे.
“पर एक सवाल रहता है जिसने ये सारा बखेड़ा शुरू किया. मेरे पति को क्यूँ मारा?” रूपाली ने कहा
“उस दिन कामिनी सरिता को मारने के इरादे से निकली थी. वो सोच रही थी के जाकर सरिता को मंदिर में ही मारकर आ जाएगी तब जबकि पुरुषोत्तम उसको छ्चोड़के चला जाएगा. मुझे उसके इरादे नेक नही लग रहे थे इसलिए उसपर नज़र रखा हुआ था. वो हवेली से कुच्छ दूर ही गयी थी के मैने उसका पिच्छा करके उसको रास्ते में रोक लिया. उससे बात करते हुए मैने ये गन उसके हाथ से छीन ली और अभी हम बात कर ही रहे थे के पुरुषोत्तम जाने क्यूँ हवेली वापिस आ गया. कामिनी मुझपर चिल्ला रही थी और मेरे हाथ में रेवोल्वेर थी. जाने उसने क्या सोचा पर वो चिल्लाता हुआ मेरी तरफ बढ़ा. मैने गोली मार दी. ये मेरी किस्मत ही थी के उस वक़्त कोई भी नौकर वहाँ से नही गुज़रा वरना घर के सारे नौकर उसी रास्ते से उसी वक़्त घर वापिस जाते थे. पुरुषोत्तम को मारने के बाद मैने कामिनी को डराकर चुप तो कर दिया पर मुझे पता था के वो मुँह खोल देगी इसलिए उसको भी मारना पड़ा.”
हवेली का राज पार्ट ६ – Hindi Hot Kahani
“अपनी ही बेटी को?” रूपाली ने कहा “प्यार नही था उससे?”
“मुझे सिर्फ़ सरिता से प्यार था” भूषण बोला
“क्या हो रहा है यहाँ?” दरवाज़े की तरफ से आवाज़ आई तो भूषण और रूपाली दोनो पलटे. दरवाज़े पर जय खड़ा था. इससे पहले के वो कुच्छ समझ पाता भूषण का हाथ फिर सीधा हुआ और ऱेवोल्वेर से गोली चली और जय के सीने पर लगी.
जय लड़खदाया और अगले ही पल भूषण की तरफ बढ़ा. भूषण ने फिर फाइयर करने की कोशिश की पर वो पूरी 6 गोलियाँ चला चुका था. गन से फाइयर नही हुआ और जय उस तक पहुँच गया. उसने भूषण को गले से पकड़ा और पिछे की तरफ धकेलना शुरू कर दिया. पीछे रखे सोफे पर भूषण का पेर फँसा और दोनो नीचे टेबल पर गिरे और फिर ज़मीन पर.
रूपाली खड़ी दोनो की तरफ देख रही थी. भूषण नीचे गिरा हुआ था और जय उसके उपेर पड़ा था. भूषण के सर से खून नदी की तरह बह रहा था जो टेबल पर गिरने की वजह से लगी चोट से था. इसके बाद ना भूषण हिला और ना जय. रूपाली ने झुक कर जय को हिलाने की कोशिश की पर भूषण की चलाई गोली ने देर से सही मगर अपना असर ज़रूर दिखाया था. वो मर चुका था.
रूपाली उठकर खड़ी हो गयी. उसे आस पास 7 लाशें पड़ी थी और इनमें से एक लाश उस आदमी की भी थी जिसने उसके पति को मारा था. वो वहीं नीचे ज़मीन पर बैठ गयी. समझ नही आ रहा था के क्या करे. रात का अंधेरा धीरे धीरे फेलने लगा था.
हवेली का राज पार्ट ६ – Hindi Hot Kahani