ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
Sasur Tharki Bahu Ghar Ki – Incest Hindi Sex Kahani
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
राजीव माथुर अपने कमरे में उदास बैठा है, और TV के रिमोट से चैनल बदल बदल कर अपने दुखी मन को शांत करने की कोशिश कर रहा है। वह ५० साल का एक तंदूरूस्त हट्टा क़ट्टा सुदर्शन गोरा व्यक्ति है और उसकी इस २० लाख की आबादी वाले शहर में कपड़ों की बड़ी दुकान है।
उसने यह काम बड़े ही छोटे लेवल पर चालू किया था पर आज वह एक बहुत ही शानदार दुकान का मालिक था। पर पिछले एक महीने से वह दुकान पर नहीं गया था। दुकान पर उसका जवान बेटा शिवा ही बैठ रहा था जो कि २५ साल का हो चला था। उसकी एक २४ साल की बेटी भी है जिसकी शादी को तीन साल हो चुके हैं और वह एक दूसरे शहर में रहती है।
राजीव के दुःख का कारण यह है कि एक महीने पहले उसकी पत्नी का कैन्सर की बीमारी से देहांत हो गया। वह अपनी पत्नी से बहुत प्यार करता था और उसे दुःख इस बात का है कि बिना किसी पूर्वाभास के वह बीमार हुई और क़रीब एक महीने में स्वर्गवासी भी हो गयी। सब रिश्तेदार आए थे और अब सब अपने घर वापस चले गए । आख़िर में जाने वाली उसकी बेटी थी । अब सबके जाने के बाद वह फिर अकेला महसूस कर रहा था। बेटे शिवा ने कहा भी कि काम में मन लगाइए ताकि दुःख कुछ कम हो जाए, पर वह अभी भी सामान्य नहीं हो पाया था।
अचानक TV का चैनल बदलते हुए एक फ़िल्म लग गयी जिसमें एक भरे बदन की हीरोईंन बारिश के पानी में भीग रही थी और उसके बहुत ही मादक अंग साड़ी से दिख ज़्यादा रहे थे और छुप कम रहे थे। ये देखकर अचानक उसके लंड ने झटका मारा और उसका हाथ अपने लंड पर चला गया और वह उसे दबाने लगा। उसे अभी अभी महसूस हुआ कि आज पूरे दो महीने के बाद उसके लंड में हरकत हुई है। वरना एक महीने की सविता की बीमारी और एक महीने का शोक – उसका तो लंड- जैसे खड़ा होना ही भूल गया था।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
उसे बड़ा अच्छा लगा और वह लंड को सहलाता ही चला गया। फिर उसने उसे अपनी लूँगी और चड्डी से बाहर निकाल लिया और अपने बड़े बड़े बॉल्ज़ को सहलाते हुए उसने मूठ्ठ मारनी शुरू की। उसका क़रीब ८ इंचि मोटा लौड़ा उसकी मूठ्ठी में आधा भी समा नहीं रहा था। क़रीब १० मिनट उसे हिलाते हुए सविता के साथ बिताए हुए मादक लमहों को याद करते हुए वह झड़ने लगा। उसे लगा कि वह सविता के मुँह में झड़ रहा है। और वह पहले की तरह उसका गाढ़ा वीर्य स्वाद लेकर पीते जा रही है।
पर जब उसने आँख खोली तो अपने को अकेला पा कर उसने आह भरी और सविता को याद करके उसकी आँख भर आइ।
हालाँकि वह सविता को बहुत प्यार करता था पर अनेक सफल मर्दों की तरह वह भी कभी कभी यहाँ वहाँ मुँह मार लिया करता था उसकी कमज़ोरी भरे बदन की कम उम्र की लड़कियाँ थीं। उसने कई लड़कियों से मज़े लिए पर कभी भी किसी से रिश्ता नहीं बनाया। ज़्यादातर लड़कियाँ एक रात की ही मेहमान होती थीं। बस सिर्फ़ तीन लड़कियों से ही उसके सम्बंध अपेक्षाकृत लम्बे चले, यही कोई तीन चार महीने। इसके बारे में आगे कहानी में पता चलेगा, कि किन हालातों में उन तीन लड़कियों से उसका रिश्ता बना।
आज उसने अपना वीर्य साफ़ किया और बाद में सोफ़े पर आकर दुकान का हिसाब देखने की कोशिश किया। दिन के ११ बज गए थे। शिवा को दुकान गए १ घंटा हो चुका था। तभी कॉल बेल बजी। उसने दरवाज़ा खोला और सामने शीला खड़ी थी। वह घर की नौकरानी थी और सविता की बहुत चहेती थी। उसकी उम्र करींब ५० साल की थी और वह एक चूसे हुए आम की तरह थी। वह आकर किचन में चली गई। वह घर के सब काम करती थी और अब सविता के जाने के बाद खाना भी बना देती थी।
शिवा अपने काम में लग गया और तभी शीला वहाँ झाड़ू लगाने लगी। उसके सुखी हुई काया उसके सामने थी और दो महीने का प्यासा राजीव ये सोचने लगा कि क्या इसे ही चोद लूँ? पर जब साड़ी से उसकी नीचुड़ि हुई चूचियाँ देखा तो उसका लौड़ा शांत हो गया। उसने अपना ध्यान काम में लगाया।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
तभी शीला का मोबाइल बज उठा और वह किचन में उसे लेकर बात करने लगी। थोड़ी देर बाद वह बाहर आयी और बोली: साहब, मुझे छुट्टी जाना होगा क्योंकि मेरी बहु को बच्चा होने वाला है। कम से कम तीन महीने लगेंगे।
राजीव: अरे तो हमारा क्या होगा? तुम किसी को काम पर लगा कर जाओ।
शीला: जी साहब, कल से मेरी भतीजी आएगी , उसका नाम रानी है वही काम करेगी, मेरी अभी उससे बात भी हो गई है।
राजीव: ओह उसको खाना बनाना आता है ना?
शीला: हाँ आता है वो कई साल एक परिवार में काम की है उसको सब आता है। आजकल ख़ाली है तो आपके यहाँ काम कर लेगी।
राजीव: क्या शादीशुदा है?
शीला: जी हाँ शादी को ७ साल हो गए हैं। मगर बेचारी को कोई बच्चा नहीं है। इसके कारण दुखी रहती है।
राजीव: ओह ऐसा क्या? अब ये तो भगवान की मर्ज़ी है ना ?
शीला फिर अपने काम में व्यस्त हो गई और राजीव भी अपने काम में लग गया। फिर उसने शिवा को फ़ोन लगाया: बेटा तुम्हारा कल का हिसाब ठीक है , अब तुम बढ़िया काम कर रहे हो। आज मुझे तुमसे एक ज़रूरी बात भी करनी है। रात को मिलते हैं।
रात को शिवा क़रीब ९ बजे घर पहुँचा और वो दोनों खाना खाए। बाद में राजीव बोला: बेटा, आज मैं तुमको एक बात कहना चाहता हूँ, मैं सविता के जाने के बाद बहुत अकेला हो गया हूँ, मैं सोच रहा था कि मैं दूसरी शादी कर लूँ। तुम्हारा क्या ख़याल है इस बारे में?
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
शिवा चौक कर बोला: क्या पापा, ये क्या बोल रहे हैं आप? कितना अजीब लगेगा प्लीज़ ऐसा मत करिए।
राजीव: अगर मैं नहीं कर सकता तो तुम कर लो। बेटा, घर में एक औरत होनी ही चाहिए। घर औरत के बिना अधूरा होता है।
शिवा: ठीक है पापा, अगर आप ऐसा चाहते हो तो यही सही।
राजीव: अब ये बताओ कि तुम्हारी कोई गर्ल फ़्रेंड है?
शिवा: पापा आप जानते ही हो कि मेरी किसी लड़की से दोस्ती नहीं है। मुझे तो दुकान से ही फ़ुर्सत नहीं मिलती।
राजीव: तो फिर मैं तेरे लिए लड़की देखनी शुरू करूँ?
शिवा: ठीक है पापा आप देखिए । काश मॉ होती तो ये काम वो करतीं? है ना?
राजीव: हाँ बेटा वो तुम्हारी शादी का बहुत अरमान रखती थी पर बेचारी के अरमान पूरे ही नहीं हो सके।
थोड़ी देर और बातें करके वह दोनों अपने अपने कमरे में सोने चले गए।
सुबह ५ बजे उठकर राजीव फ़्रेश होकर एक घंटे की सैर पर गया। वहाँ बग़ीचे में कई लड़कियाँ और औरतें भी ट्रैक सूट में अपने गोल गोल चूतरों को उभारे घूम रही थीं और राजीव का मन बड़ा बेचेंन हो रहा था। उनकी छातियाँ भी दौड़ने के दौरान ऊपर नीचे होकर उसकी ट्रैक सूट के अंदर उसके हथियार को कड़ा किए जा रहीं थीं। इसी हालत में वह वापस आया और कमरे में बैठ के पसीना सुखाने लगा। तभी काल बेल बजी और उसने दरवाज़ा खोला।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
बाहर एक दुबली सी लड़की खड़ी थी। वह समझ गया कि यह रानी ही होगी। उसने पूछा: तुम रानी हो ना?
रानी: जी साहब मैं ही शीला चाची की भतीजी हूँ।
राजीव: आओ अंदर आओ ।फिर उसने उसे पूरा घर दिखाया और कहा : पहले चाय बना दो। किचन से बाहर आते हुए उसने रानी को भरपूर निगाहों से देखा। वह कोई २०/२१ से बड़ी नहीं दिख रही थी। दुबली पतली , छाती भी छोटी और चूतरों में भी कोई ख़ास उभार नहीं। वह उसकी टाइप की तो लड़की है ही नहीं। उसे तो भरी हुई लड़की अच्छी लगती है।
थोड़ी देर बाद वह चाय लायी । चाय लेते हुए वह बोला: तुम सच में शादी शूदा हो? बहुत छोटी सी दिखती हो ।
रानी: जी साहब मेरी शादी को सात साल हो गए हैं । वैसे मैं ऐसी ही पतली दुबली हूँ शुरू से ।
राजीव: क्या उम्र है तुम्हारी? दिखती तो २०/२२ की हो।
रानी: जी मैं २७ की हूँ। पतली होने के कारण शायद छोटी लगती हूँ। फिर वह अपने काम में व्यस्त हो गयी। राजीव सोचने कहा कि साली थोड़ी सी भरे हुए बदन की होती तो कुछ मज़ा ले भी लेता पर ये तो मरी हुई चुहिया जैसी है। क्या मज़ा आएगा इसके साथ।
थोड़ी देर बाद वह उसके कमरे में झाड़ू लगा रही थी तो उसकी क़ुरती ऊपर चढ़ गयी थी और उसके चूतर सलवार से दिख रहे थे। राजीव सोचने लगा कि इतनी भी बुरी नहीं है। मज़ा लिया जा सकता है। शिवा अभी भी सो रहा था, वह अक्सर ८ बजे से पहले नहीं उठता था।
राजीव ने बात चलायी: कौन कौन घर में है तुम्हारे?
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
रानी : मेरा पति और मेरी सास।
राजीव जानबुझ कर पूछा: और बच्चे?
रानी उदास होकर बोली: जी नहीं हैं।
राजीव: शादी को सात साल हो गए? डॉक्टर को दिखाया कि नहीं?
रानी: जी दिखाया है वो बोले कि मेरे में कोई कमी नहीं है। और मेरा मर्द तो डॉक्टर के पास जाने को राज़ी ही नहीं है। क्या कर सकती हूँ भला मैं!
राजीव: ओह तो कमी उसी में होगी । सास कुछ बोलती नहीं तुमको?
रानी: दिन भर ताने सुनाती है और बेटे की दूसरी शादी की भी धमकी देती है।
राजीव: ओह ये तो बड़ी समस्या है। वैसे एक बात बोलूँ , तुमको अपने शरीर का ख़याल रखना चाहिए। इतनी दुबली हो अगर गर्भ ठहर भी गया तो बच्चा भी तेरे जैसा दुबला ही होगा ।
रानी: साहब ग़रीब लोग हैं हम लोग। आपके जैसा खाने पीने को थोड़े मिलता है।
राजीव हँसते हुए बोला: चलो अब हमारे घर में रहोगी तो तुम वही खाओगी जो हम खाएँगे। और जल्दी ही तगड़ी हो जाओगी।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
रानी उसको अजीब निगाहों से देख रही थी, शायद यह समझने की कोशिश कर रही थी कि यह बुज़ुर्ग उसमें इतनी दिलचस्पी क्यों दिखा रहा है। वैसे उसे यह कुछ बुरा नहीं लगा। ये सच है कि उसे ज़्यादा अटेन्शन नहीं मिलता था। इसलिए साहब का उसमें दिलचस्पी लेना उसे अच्छा ही लग रहा था।
राजीव नहाने चला गया और उसे बग़ीचे की सेक्सी लड़कियाँ याद आ रही थीं और उसका लौड़ा खड़ा हो गया। आऽऽह क्या मस्त दूध थे और क्या उभरी हुई गाँड़ थी। वह अपने लौड़े को दबाए जा रहा था। तभी उसके ध्यान में रानी का बदन और उसके सलवार में चिपके चूतर आये और वह मज़े से मुस्कुराया और सोचा कि शायद उसको चोदने में भी बड़ा मज़ा आएगा।
वह नहा कर बाहर आया और टी शर्ट और लोअर पहन कर तय्यार हुआ और किचन में जाकर रानी को बोला: दो ग्लास केसर बादाम डाल कर दूध बनाओ। साथ ही २ सेब केले और नाशपाती भी काट के लाओ। रानी ने हाँ में सिर हिलाया और काम में लग गयी।
थोड़ी देर में वह एक ट्रे में दूध का दो गिलास और फल काटकर लायी। और सामने टी टेबल पर रख दिया जो कि सोफ़े के सामने रखा था।
राजीव ने एक गिलास दूध उठाया और उसके हाथ में दे दिया। रानी ने प्रश्न सूचक नज़रों से देखा और बोली: छोटे सांब उठ गए क्या? उनको देना है?
राजीव: अरे वो तो ९ बजे उठेगा। यह तुमको पीना है। मैंने कहा था ना कि तुमको तगड़ी बनाना है। तो चलो पीओ अब।
वह हैरान होकर उसको देखी और राजीव ने दूसरा गिलास उठाया और पीने लगा। और फिर से उसे पीने का इशारा किया। वह धीरे से पीने लगी। साफ़ लग रहा था कि उसे बहुत अच्छा लग रहा था।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
फिर राजीव ने फल की प्लेट उठायी और पास ही खड़ी रानी को बोला: लो फल भी खाओ।
वह झिझकते हुए बोली: साहब पेट भर गया।
राजीव ने उसके पेट की तरफ़ इशारा करके कहा: देखो इतना छोटा भी नहीं है तुम्हारा पेट कि इसमे फल की भी जगह नहीं हो। चलो खाओ। फिर उसका हाथ पकड़कर पास में बिठाया और उसके मुँह में सेब का एक टुकड़ा डाल दिया। वो थोड़ी सी परेशान दिख रही थी, पर खाने लगी।
राजीव: सुबह से कुछ खाया है? उसने नहीं में सिर हिलाया। तब उसने एक टुकड़ा और उसके मुँह में डाल दिया। अब राजीव भी खाने लगा और उसे। भी खिलाए जा रहा था। रानी को कभी इतना अटेन्शन नहीं मिला था सो वह भी इन पलों का आनंद लेने लगी। फल ख़त्म होने के बाद राजीव बोला: शाबाश, बहुत बढ़िया। फिर उसके हाथ को पकड़कर बोला: आधे घंटे के बाद मैं पराँठा और ओमलेट खाऊँगा, वो भी मेरे और अपने लिए भी बना लेना। साथ ही खाएँगे। ठीक है?
रानी: जी साहब । फिर वह खड़ी होने लगी तो राजीव ने उसका हाथ छोड़ दिया। वह किचन में चली गयी। राजीव भी पेपर पढ़ने लगा। शिवा अभी भी सो रहा था।
आधे घंटे के बाद वह नाश्ता डाइनिंग टेबल पर लगा दी। उसने राजीव के लिए एक प्लेट भी लगा दी थी।
राजीव: तुम्हारी प्लेट कहाँ है? मैंने कहा था ना कि जो मैं खाऊँगा वही तुमको भी खाना है। चलो प्लेट लाओ और बैठो यहाँ।
रानी: साहब मैं खा लूँगी, अभी आप खालो।
राजीव: पक्का बाद में खा लोगी?
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
रानी: पक्का खा लूँगी।
राजीव: अच्छा चलो एक कौर तो मेरे हाथ से खाओ। ये कहकर उसने उसके मुँह में एक कौर डाला और वो उसको खाते हुए किचन में चली गयी। उसने बड़े प्यार से गरम गरम पराँठे खिलाए और राजीव ने भी उसकी पाक कला की बहुत तारीफ़ की। वो शायद तारीफ़ की भी भूकी थी क्योंकि वह बहुत ख़ुश हो गयी थी। फिर राजीव ने दो कप चाय माँगी। जब वह चाय लायी तो उसने उसे ज़िद करके अपने बग़ल में बैठाया और चाय पीने को बोला। वह चुपचाप चाय पीने लगी।
राजीव: तुम्हारा पति तुम्हें प्यार तो करता है ना?
रानी की आँख गीली ही गयी और बोली: जैसे आज आपने इतने प्यार से खिलाया ऐसे भी आजतक उसने मुझे सात साल में कभी नहीं पूछा। वो औरत को बस एक काम के लिए ही समझता है।
राजीव ने भोलेपन से पूछा: किस काम के लिए?
रानी ने नज़रें झुका लीं और बोली: वही जो मर्द को चाहिए बिस्तर में औरत से।
राजीव: ओह अब समझा। सच में तुम्हारा मर्द ऐसा है? ये तो बड़ी अजीब बात है।
रानी: साहब हम ग़रीब औरतों का यही हाल है?
राजीव ने उसकी पतली कलाई पकड़ी और उसको सहलाने लगा और बोला: देखो तुम कितनी दुबली हो? मैं तो तुमको तगड़ी करके ही मानूँगा।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
रानी हँसकर बोली: क्या आप मुझे तगड़ी बना कर पहलवानी करवाओगे? इस पर दोनों हँसने लगे।
फिर रानी अपने काम में लग गई, थोड़ी देर बाद शिवा भी उठकर आया और राजीव ने उसके लिए भी चाय मँगवाई। रानी चाय लाई और शिवा को नमस्ते की। राजीव ने बताया कि यह नई नौकरानी है। शिवा ने ओह कहकर चाय पी। फिर दोनों बाप बेटा दुकान की बात करने लगे। बाद में शिवा नहाने चला गया। राजीव ने रानी को उसके लिए नाश्ता और लंच के लिए डिब्बा भी बनाने को कहा।
शिवा तय्यार होकर नाश्ता करके लंच का डिब्बा लेकर १० बजे दुकान चला गया। अब घर में फिर से दोनों अकेले हो गए। थोड़ी देर बाद राजीव ने रानी को आवाज़ दी और बोला: मैं ज़रा बाज़ार जा रहा हूँ, तुम्हें कुछ चाहिए? फिर अचानक उसकी निगाहें उसकी बड़ी बड़ी आँख पर पड़ीं और उनमें एक सफ़ेदी सी देखकर वह उसका हाथ पकड़ा और उसकी उँगलियों के नाख़ून को चेक किया और बोला: अरे तुमको तो आयरन की कमी है , ऐसी ही कमी एक बार मेरी बीवी को भी हो गयी थी, तभी तुम इतनी कमज़ोर हो। मैं आज दवाई लाउँगा। ये कहकर उसने उसका हाथ छोड़ा और बाहर निकल गया।
वो पास के बाज़ार में एक दुकान में गया और वहाँ अपने दोस्त से मिला जिसने उसका बड़े तपाक से स्वागत किया। इधर उधर की बातों के बाद चाय पीकर राजीव बोला: यार, मैंने शिवा की शादी करने का फ़ैसला किया है, तेरी निगाह में कोई लड़की है उसके लायक तो बताना।
दोस्त: हाँ यार क्यों नहीं , थोड़ा सोच लेने दे जैसे ही ध्यान में आएगा बताऊँगा।
राजीव: ठीक है भाई फिर चलता हूँ।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
वहाँ से निकल कर वह दवाई की दुकान से मल्टीविटामिन और आयरन टॉनिक ख़रीदा और कुछ ज़रूरी चीज़ें लेकर घर आया।
रानी को उसने पानी और चम्मच लाने को कहा। फिर उसने दो दो चम्मच दोनों दवाइयाँ उसको अपने हाथ से पिलायीं। रानी की आँखों में आँसू छलक आए। आज तक किसी ने भी उसकी इतनी फ़िक्र नहीं की थी। राजीव ने उसके आँसू पोंछें और झुक कर उसका माथा चूम लिया और बोला: अरे रो क्यों रही हो, अब तो जल्दी ही तुम तगड़ी हो जाओगी और फिर कुश्ती लड़ना। वह भावुक होकर बोली: आप बहुत अच्छे हैं साहब, मैं आपको बाऊजी बोल सकती हूँ क्या?
राजीव ने उसे खींचकर अपने से लिपटा लिया और बोला: क्यों नहीं ज़रूर बोलो। और उसके गालों पर चिमटी काट दी। वह हँसते हुए भाग गयी। अब जब भी मौक़ा मिलता राजीव उसके हाथ पकड़ लेता और कभी गाल भी सहला देता।
इस बीच राजीव ने अपने रिश्तेदारों को भी फ़ोन किया और शिवा के लिए लड़की ढूँढने को कहा।
इसी तरह पाँच दिन निकल गए और अब भी राजीव रानी को अपने हाथ से ही फल खिलाता और दवाई भी पिलाता। रानी की झिझक अब काफ़ी कम हो गयी थी। कई बार वह उसे अपने से चिपका लेता और प्यार से उसके गाल भी सहला देता। क़रीब पाँच दिनों में ही दोनों ने एक तरह का बोंड सा हो गया था। राजीव का अकेलापन दूर हो गया था और रानी भी अटेन्शन की भूकी थी जो उसे भरपूर मिल रहा था। वो सुबह आती फिर २ बजे अपने घर चली जाती और फिर ५ बजे से ८ बजे तक रात का खाना बना कर चली जाती। राजीव उसके तीनों टाइम के खाने का ध्यान रखता और उसे खिलाकर ही छोड़ता था। इस तरह के अच्छे खाने और ख़ुश रहने के कारण उसके चेहरे में एक चमक सी आने लगी थी और शरीर भी थोड़ा सा गदराने सा लगा था।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
क़रीब एक हफ़्ते के बाद एक दिन सुबह जब उसने रानी के लिए दरवाज़ा खोला तो उसकी आँख के नीचे गाल में सूजन थी। वह चौंक कर बोला: रानी क्या हुआ ? ये चोट कैसी?
रानी अंदर आयी और ज़मीन पर बैठ गयी और फफक कर रोने लगी। राजीव थोड़ा सा परेशान हो कर उसको उठाया और सोफ़े पर बिठा कर उसके बग़ल में बैठ गया और उसको अपने से सटा कर उसकी पीठ पर हाथ फेरा और बोला: अरे क्या हुआ? बताएगी भी? क्या मर्द ने मारा?
रानी उसके कंधे पर सिर रखकर रोते हुए बोली: हाँ बहुत मारा। ये देखिए, कहते हुए उसने अपना गला भी दिखाया जहाँ लाल निशान थे । फिर उसने अपनी सलवार भी पैरों से उठाकर अपनी टांगो को दिखाया जहाँ लाल निशान थे । उसकी बाँह भी लाल हुई जा रही थी। राजीव उठकर दवाई लाया और उसकी सब जगह दवाई लगाया। वह फिर से रोने लगी और बोली: मैं मर जाऊँगी। मुझे नहीं जीना।
अब राजीव ने उसे खींचकर अपनी गोद में बिठा लिया और उसके गाल को चूमते हुए बोला: ऐसा नहीं बोलते। मैं हूँ ना अभी । अच्छा अब बताओ क्या हुआ था?
रानी: कल रात को वह देर से आया और उसने शराब पी हुई थी। वह बिस्तर पर आया और मेरी मैक्सी उठाने लगा। मैंने मना किया कि तुम बहुत बास मार रहे हो। वह ग़ुस्सा हो गया और चिल्लाया कि साली बच्चा भी नहीं पैदा कर सकती और मुझे करने भी नहीं देती, मादरचोद , आज तेरी लेकर ही रहूँगा। मैं बहुत चिल्लायी और रोई पर उसने एक नहीं मानी और मेरी मैक्सी उठाने लगा। मेरे विरोध करने पर उसने मुझे बहुत मारा और आख़िर में उसने अपनी मन की कर ही ली।
राजीव उसकी बाँह सहलाते हुए बोला: ओह तो वो तुमको ज़बरदस्ती चोद लिया? ये तो बलात्कार हुआ।
रानी एक मिनट के लिए राजीव की भाषा पर चौकी पर उसके घर में तो इस तरह की भाषा का उपयोग होते ही रहता था , सो उसने ध्यान नहीं दिया। रानी बोली: क्या करें बाऊजी हम औरतों का तो यही हाल होता है? साला ख़ुद नामर्द है और मुझे बाँझ कहता है। कमीना कहीं का। ये कहते हुए उसने राजीव की छाती पर अपना सिर रख दिया। वो अभी भी उसकी गोद में बैठी थी।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
अब राजीव ने उसे प्यार से देखते हुए उसकी बाँह को सहलाते हुए उसके गाल चूमने शुरू किए। फिर वह उसके सब लाल निशान को चूमने लगा। उसकी बाँह गाल और गरदन भी चूमा। फिर उसने अपने से जकड़ कर कहा: इस समस्या का एक ही हल है रानी।
रानी ने उसकी छाती से अपना सिर उठाया और बोली: क्या हल है बाऊजी?
राजीव उसकी आँखों में देखते हुए बोला: तुम्हें माँ बनना पड़ेगा। तभी उस कमीने का मुँह बंद होगा।
रानी: पर ये कैसे होगा?
राजीव झुका और उसके होंठ चूमकर बोला: मैं हूँ ना, इस काम के लिए।
रानी चौक कर बोली: आप ये क्या कह रहे हैं? मैं ऐसी औरत नहीं हूँ।
राजीव ने फिर से उसके होंठ चूमे और बोले: मुझे पता है तुम औरत हो ही नहीं। असल में तुम तो अभी छोटी सी लड़की हो जिसे कभी प्यार मिला ही नहीं। और वह प्यार मैं तुमको दूँगा बहुत बहुत प्यार , ढेर सारा प्यार। समझी? उसने अब उसे अपने बदन से भींच लिया और उसकी गरदन चूमने लगा।
रानी भी अब कमज़ोर पड़ने लगी थी। उसे भी अच्छा लगने लगा। वह भी समर्पण के मूड में आने लगी।
राजीव: एक बात बताओ कि तुम्हारा पति तुम्हें कितने दिन में चोदता है? और कितनी देर चोदता है?
रानी इतने खुले शब्दों से हकला सी गयी: वो वो तीन चार दिन में एक बार। क़रीब ५/६ मिनट ही चो– मतलब करते हैं।
राजीव: ओह इतनी जल्दी झड़ जाता है? तो तुम तो प्यासी रह जाती होगी?
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
रानी ने सिर हाँ में हिलाया और शर्माकर उसकी छाती में छिपा लिया। राजीव ने उसके कान को चूमते हुए कहा: जानती हो मैं कितनी देर चोदता हूँ? कम से कम एक घंटा और आधा घंटा तो मैं धक्के ही मारता रहता हूँ।
रानी की आँख फैल गयी वो बोली: एक घंटा? ओह इतना ज़्यादा ?
राजीव: अरे एक बार चुदवा के तो देखो मज़े से मस्त हो जाओगी। और मेरा दावा है कि भगवान ने चाहा तो एक महीने में तुमको गर्भवती कर दूँगा। ठीक है मेरी रानी? ये कहकर वो अब उसके होंठ को चूसने लगा।
फिर होंठ छोड़कर बोला: चलो अब तुमको हल्दी वाला दूध पिलाएँ। इससे तुम्हारा दर्द भी कम होगा और चोट में भी आराम मिलेगा।
वह उसकी गोद से उठी और राजीव ने खड़े होकर उसको अपनी गोद में उठा लिया और किचन के प्लेटफ़ार्म पर बिठा दिया और उसके लिए दूध तय्यार किया और अपने हाथ से पिलाने लगा। रानी को लगा कि वो बहुत भाग्यशाली है जो बाऊजी उसका इतना ध्यान रखते हैं। फिर राजीव ने उसको गोद में लेकर उतारा और पूछा: अब कैसे लग रहा है?
रानी हँसकर बोली: मुझे क्या हुआ है? ऐसी पिटाई तो मेरे लिए आम बात है । चलिए आप बैठिए मैं आपको बढ़िया चाय पिलाती हूँ। राजीव उसके गाल चूमकर बाहर आ गया।
थोड़ी देर में वो चाय लायी तो राजीव ने उसे फिर से अपने पास खींच लिया और बोला: तो फिर माँ बनना हैं ना एक महीने में? अब उसके हाथ उसकी कमर पर था। जिसे सहलाते हुए वह पहली बार उसके चूतर पर ले गया और उसको भी हल्के से दबा दिया। रानी भी मस्ती से भरने लगी।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
वह बोली: आऽऽह सच में में मॉ बनना चाहती हूँ। आप मुझे एक महीने में मुझे गर्भबती बना देंगे?
वह उसे अपने गोद में बैठाकर बोला: हाँ मेरी रानी पक्का एक महीने में ही तुम गर्भबती हो जाओगी। असल में मैं तुम्हारी जैसी तीन लड़कियों को पहले ही माँ बना चुका हूँ और वो भी एक महीने की चुदाई से ही। भगवान ने मुझे शायद तुम्हारी जैसी लड़कियों को माँ बनाने के लिए ही पैदा किया है। चलो अब शिवा के दुकान जाने के बाद हम तुमको माँ बनाने की कोशिश में लग जाएँगे। ठीक है ना?
यह कहते हुए उसने रानी के होंठ चूमे और पहली बार उसकी छाती पर हाथ रखा और हल्के से दबाया। आऽऽऽऽहहहह क्या ठस छाती थी एकदम कड़क। रानी भी उसके मर्दाने स्पर्श से मज़े से भर गयी। फिर उसकी गोद से उठते हुए बोली: बाऊजी, बहुत काम है छोड़िए ना।
राजीव उसे छोड़ते हुए बोला: तो फिर पक्का है ना माँ बनने का प्रोग्राम ?
रानी हँसते हुए धत्त कहकर भाग गयी। उसकी हँसी में हामी भरी हुई थी।
रानी उसके बॉल्ज़ को सहलाते हुए बोली: मुझे तो लगता है कि आपने इतना रस मेरे अंदर छोड़ा है मैं शायद आज ही गर्भ से हो गयी हों गई होऊँगी।
राजीव हँसते हुए: शायद नहीं ,पक्का गर्भ ठहर ही गया होगा। मेरे लौड़ा तुम्हारी बच्चे दानी के ऊपर ठोकरें मार रहा था। वैसे मुझे एक बार तुमको फिर से चोदना है। सच क्या टाइट बुर है तुम्हारी।
रानी उठकर बैठी और बोली: मुझे ज़रा बाथरूम जाना है।
राजीव : चलो मुझे भी जाना है।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
दोनों बाथरूम में जाकर मूते और राजीव झुककर हैंड शॉवर से उसकी बुर को धोया और फिर रानी ने भी उसके लौड़े को धोया। फिर वो दोनों बाहर आकर बिस्तर पर लेटे और एक दूसरे को चूमने लगे। जल्दी ही दोनों गरम हो गए। राजीव उसके ऊपर ६९ की पोजीशन में आ गया और उसकी बुर को चूमने और चाटने लगा। उधर उसका लौड़ा रानी के मुँह के सामने था। उसने कभी लौड़ा नहीं चूसा था। मगर उसने कुछ फ़ोटो देखीं थीं उसके सहेलियों की मोबाइल में जिनमे अंग्रेज़ औरतें आदमियों का लौड़ा चूस रहीं थीं। उसकी कुछ सहेलियाँ भी उसको बतायी थी कि वो अपने पति के लौड़े चूसती हैं।
उसने भी हिम्मत की और उसके लौड़ेको सहलाते हुए अपने मुँह के पास लायी और उसके सुपाडे को सूँघा। उसका पूरा शरीर मस्ती से भरने लगा। उधर उसकी बुर पर राजीव की जीभ तांडव कर रही थी और वह बुरी तरह से पानी छोड़ रही थी। तभी उसने सुपाडे को चूम लिया और फिर वह जीभ से उसे चाटने लगी। उधर राजीव ने भी उसके मुँह में लौड़े का दबाव बढ़ाया और रानी के मुँह में उसका लौड़ा जैसे घुसता चला गया। अब राजीव उसके मुँह की चुदाई करने लगा।
साथ ही बुर की रगड़ाई भी जीभ से किए जा रहा था। अब रानी मस्ती से लौड़ा चूसे जा रही थी। फिर राजीव उठा और उसने रानी को पेट के बल लिटाया और फिर उसको चूतर उठाने को बोला। अब उसकी बुर और गाँड़ उसकी आँखों के सामने थे। उसने गाँड़ की सुराख़ पर ऊँगली फेरी और फिर मस्ती से उसकी बुर मसलने लगा और फिर अपने लौड़े को उसकी बुर में लगाकर उसके अंदर अपना लौड़ा ठेल दिया और फिर उसकी नीचे को लटकी हुईं चूचियाँ दबाकर उसकी मस्त चुदाई करने लगा।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
वह भी मज़े से अपनी गाँड़ पीछे करके चुदवाने लगी। कमरा एक बार फिर से फ़च फ़च की आवाज़ों से गूँजने लगा। जल्दी ही दोनों चिल्लाकर झड़ने लगे। राजीव ने उसकी बुर में अपना वीर्य अंदर तक छोड़ दिया।
फिर वो दोनों एक साथ लिपट कर सो गए।
अगले कुछ दिन ऐसे ही चला रोज़ शिवा के जाने के बाद वो चुदाई करते और राजीव उसको विश्वास दिला रहा था कि वह जल्दी ही गर्भ से हो जाएगी।
उस दिन भी वो दोनों चुदाई के बाद आराम कर रहे थे रानी उसके लौड़े को हल्के से सहला रही थी। तभी उसके दोस्त रमेश का फ़ोन आया और वह बोला: यार क्या तुम और शिवा कल यहाँ आ सकते हो? मैं चाहता हूँ कि कल तुम मेरे दोस्त श्याम की भतीजी को देख लो। बहुत प्यारी बच्ची है तुम लोगों को ज़रूर पसंद आएगी।
राजीव ने रानी की गाँड़ सहलाते हुए कहा: अच्छा ये तो बहुत अच्छी बात है। कौन कौन है उसके घर में?
रमेश: यार बेचारी के पिता का तो बचपन में ही देहांत हो गया था वह अपनी माँ के साथ मेरे दोस्त के यहाँ पली है जो कि उसका ताया है । यानी वह श्याम की भतीजी है। बी कॉम किया है और दिखने में भी बहुत सुंदर है।
राजीव: ओह चलो हम कल का प्लान बनाते हैं। तुमको ख़बर कर के कल शाम को आएँगे । तुम्हारा शहर सिर्फ़ दो घण्टे की ही दूर पर तो है। हम वहाँ पाँच बजे तक तो पहुँच ही जाएँगे।
फिर इधर उधर की बात करके उसने फ़ोन रख दिया। फिर राजीव ने उसकी गाँड़ में एक ऊँगली डाल दी और रानी आऽऽंह कर उठी ।
राजीव: अरे एक ऊँगली नहीं ले पा रही है तो मेरा लौड़ा कैसे अंदर लेगी?
रानी: मुझे नहीं लेना आपका लौड़ा यहाँ। बुर को जितना चाहिए चोदिए। पर गाँड़ नहीं मरवाऊँगी।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
राजीव: अरे जब तुम गर्भ से हो जाओगी तो गाँड़ से ही काम चलाउंगा ना। डॉक्टर बोल देगी तीन चार महीने बाद कि बुर को चोदना बंद करो।
रानी हँसते हुए बोली: तब की तब देखी जाएगी। अच्छा तो कल आप बहु देखने जा रहे हैं।
राजीव : हाँ हम जाएँगे। देखें क्या होता है वहाँ?
फिर वह किचन ने चली गयी और वह भी आराम करने लगा।
रानी खाना बना कर चली गयी और शिवा दुकान बंद कर घर आया तो राजीव ने उसे अगले दिन लड़की देखने की बात बताई। शिवा ने ठीक है कहा और दोनों खाना खाते हुए दुकान की बात करने लगे। खाना खाकर थोड़ी देर TV देखकर वो सोने चले गए।
रात को सोते हुए राजीव सोचने लगा कि बहु के आने के बाद उसकी और रानी की चुदाई मुश्किल में पड़ जाएगी। उसे कोई रास्ता निकालना ही होगा ताकि वो रानी को बिना किसी अड़चन के चोद सके। वैसे भी उसकी आँखों में रानी की कुँवारी गाँड़ घूम रही थी और वह यह सोचकर गरम हो गया कि उसकी गाँड़ मारने में क्या मज़ा आएगा। फिर वह अपने खड़े लौड़े को दबाकर सो गया।
अगले दिन शिवा को जल्दी वापस आने के लिए बोल कर राजीव ख़ुद भी तय्यार होकर बाज़ार गया और वहाँ से मिठाई और फल ख़रीदे। बाज़ार से वापस आकर उसने रानी की एक राउंड चुदाई भी की और फिर शाम को शिवा और वह पास के शहर में रमेश से मिलने पहुँचे।
रमेश उनको लेकर अपने दोस्त श्याम के यहाँ पहुँचा । श्याम और उसकी पत्नी ने उनका बहुत स्वागत किया और फिर उनको सरला से मिलवाया,जो कि श्याम के स्वर्गीय भाई की पत्नी और मालिनी की माँ थी। मालिनी ही वह लड़की थी जिसे देखने वह दोनों आए थे।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
राजीव ने फल और मिठाई सरला को दी। उसने देखा कि सरला बला की ख़ूबसूरत महिला थी। बहुत गोरी और अपने उम्र के हिसाब से थोड़ी भरी हुई भी थी। बड़े बड़े दूध और उभरे हुए चूतर बहुत ही मादक थे। बहुत दिन बाद राजीव के लौड़े ने एक नज़र देखकर ही एक औरत के लिए झटका मारा था। राजीव उसकी गाँड़ के उभार को देखकर मस्ती से भर गया। फिर उसने अपने आप को याद दिलाया कि वह उसकी समधन हो जाएगी अगर ये रिश्ता हो जाता है।
उसने अपने आप को क़ाबू में किया और बोला: भाभी जी आप जब इतनी सुंदर हो तो आपकी बेटी भी यक़ीनन बहुत प्यारी होगी।
सरला: अरे आपका बेटा भी तो बहुत प्यारा है। भाई सांब इन दोनों की जोड़ी बहुत जमेगी।
राजीव हँसते हुए बोला: भाभी जी आपकी बेटी देख तो लें फिर शायद आपको बात से हम भी सहमत हो जाएँगे।
तभी श्याम आकर सरला को बोला: सरला आओ मालिनी को ले आते हैं। वो दोनों अंदर चले गए। राजीव ने नोटिस किया कि श्याम अपनी बीवी की तरफ़ ज़्यादा ध्यान नहीं दे रहा था। वैसे उसकी बीवी काफ़ी दुबली पतली थी और बीमार सी दिखती थी।
राजीव ने एक नौकर से कहा: मुँझे बाथरूम जाना है।
वह उसके साथ बाथरूम की ओर चल पड़ा। नौकर उसको एक कमरे में बाथरूम दिखाकर वापस चला गया। वह बाथरूम जाकर जब बाहर आया तभी उसको कुछ आवाज़ सी आयी। वह कमरे से बाहर आते हुए रुक गया और दरवाज़े के पास आकर थोड़ा सा दरवाज़ा खोलकर झाँका।
वहाँ सामने कोई नहीं था। वह बाहर आया और तभी उसको दबे स्वर में हँसने की आवाज़ आयी और वह पता नहीं क्यों उस कमरे के सामने पहुँचकर चुपचाप बातें सुनने लगा। अंदर आदमी बोल रहा था: अब यह शादी हो जाए तो हम खुलकर मस्ती कर सकेंगे । फिर चुम्बन की आवाज़ आइ । अब धीरे से वह अंदर झाँका। वहाँ का दृश्य बड़े ही हैरान करने वाला था। श्याम अपने भाई की बीवी के साथ लिपटा हुआ था और उसे चूमे जा रहा था। वह भी उससे मज़े से चिपकी हुई थी। श्याम के हाथ उसके बड़े बड़े चूतरों को दबा रहे थे।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
सरला: अच्छा अब छोड़िए। मालिनी तय्यार हो गयी होगी।
श्याम: हाँ यार जितनी जल्दी उसकी शादी हो जाए हम मज़े से चुदाई कर सकेंगे।
सरला: हाँ जी आपको भाभी तो मज़ा नहीं देती इसलिए मुझे ही रगड़ोगे आप तो। चलो अब जल्दी से वरना कोई देख लेगा। वो दोनों अलग हुए तो वह अपनी साड़ी का पल्लू ठीक करते हुए बोली: देखिए पूरा ब्लाउस छाती के ऊपर कैसा मसल दिया है आपने ।कोई भी समझ लेगा कि क्या हुआ है मेरे साथ।
श्याम: अरे तुम्हारी चूचियाँ हैं इतनी मस्त कि साला हाथ अपने आप ही उन पर चला जाता है। वह यह कहते हुए अपने लौड़े को पैंट में अजस्ट करने लगा।
फिर दोनों बाहर आने लगे। राजीव जल्दी से वहाँ से हट कर छुप गया। उनके जाने के बाद वह वापस बाहर आ गया। शिवा वहीं बैठकर श्याम की बीवी से बातें कर रहा था।
थोड़ी देर बाद वो दोनों आए और साथ में मालिनी भी आयी। उसने साड़ी पहनी हुई थी। वह माँ जैसी ही गोरी चिट्टि और थोड़े भरे बदन की नाटे क़द की लड़की थी। शिवा तो उसे एकटक देखता ही रह गया। मालिनी ने भी भरपूर नज़र से शिवा को देखा और वह भी उसको बहुत पसंद आ गया।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
राजीव ने भी मालिनी को देखा और वह सच में अपनी माँ का ही प्रतिरूप थी। भरे बदन के कारण वह बहुत सेक्सी भी दिख रही थी। साड़ी से उसकी चूचियों के उभार बहुत ही ग़ज़ब ढा रहे थे। और जब वह उसको नमस्ते करके उसकी बग़ल से आकर साइड के सोफ़े में बैठी तो उसके चूतरों का उभार उसको मस्त कर गया। तभी उसे याद आया कि वह उसकी होने वाली बहु है। उसे अपने आप पर बहुत शर्म आयी और उसने अपना सिर झटका जैसे वह गंदे ख़याल अपने दिमाग़ से बाहर निकाल रहा हो।
श्याम: ये है हमारी बिटिया रानी सरला। और सरला ये है शिवा और ये हैं इनके पिता।
सरला ने फिर से सबको नमस्ते किया। वह अपना सिर झुका कर बैठी थी। राजीव ने देखा कि शिवा उसे देखे ही जा रहा था। वह मन ही मन मुस्कुराया और बोला: शिवा मैं चाहता हूँ कि तुम और मालिनी अकेले में थोड़ी देर बातें कर लो और एक दूसरे को समझ लो। श्याम जी आपको कोई ऐतराज़ तो नहीं?
श्याम: अरे नहीं हमें क्यों ऐतराज़ होगा अच्छा ही है वो दोनों एक दूसरे को समझ लें।
सरला उठी और मालिनी और शिवा को लेज़ाकर एक कमरे में बिठा आयी।
जब वो वापस आइ तो राजीव उसको भरपूर नज़रों से देखा, उसको उसकी और श्याम की मस्ती याद आ गयी।
सरला: भाई सांब लगता है दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे हैं।
राजीव: हाँ बड़ी ही प्यारी बच्ची है , मुझे भी लगता है कि दोनों एक दूसरे को पसंद आ गए हैं।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
उधर मालिनी और शिवा एक दूसरे से बातें किए जा रहे थे। शिवा उसको अपने बिज़नेस वग़ैरह के बारे ने बताया और मालिनी अपनी पढ़ाई और अपने खाना बनाने के शौक़ के बारे में बतायी। जल्दी ही उन दोनों को समझ में आ गया कि वह एक दूसरे को पसंद करने लगे हैं।
थोड़ी देर बाद शिवा बोला: आप मुझे पसंद हो, अब आप बताओ कि मैं आपको पसंद हूँ या नहीं?
मालिनी ने सिर झुका कर कहा: आप भी मुझे पसंद हो।
फिर दोनों उठकर बाहर आए और राजीव ने पूछा: हाँ अब बताओ कि क्या इरादा है?
शिवा: पापा मेरी तो हाँ है।
श्याम: और बेटी तुम्हारी?
मालिनी ने शर्माकर अपना सिर हाँ में हिला दिया।
अब राजीव ख़ुशी से खड़ा हुआ और श्याम भी खड़े होकर उसके गले मिला। और उन्होंने एक दूसरे को बधाइयाँ दी। सरला ने भी राजीव को बधाई दी। फिर शिवा और मालिनी ने सबके पैर छुएँ। श्याम ने सबको मिठाई खिलाई।
अब राजीव भी कार से मिठाई और एक अँगूठी निकाल लाया। सरला भी एक अँगूठी लायी। अब शिवा और मालिनी ने एक दूसरे को अँगूठी पहनायी। सबने उनको बधाइयाँ दी।बहुत से फ़ोटो खिंचे गए। फिर सबने नाश्ता किया और बाद में शिवा और राजीव वापस अपने घर आ गए।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
रास्ते में राजीव बोला: बेटा पहली बार में ही लड़की पसंद आ गई ?
शिवा: जी पापा वो बहुत ही समझदार लड़की है और अपनी ज़िम्मेदारी भी समझती है।
राजीव हँसते हुए बोला :और सुंदर भी है । है ना?
शिवा: जी पापा सुंदर तो है ही ।
राजीव: तुम दोनों की जोड़ी ख़ूब जँचेगी। मुझे ख़ुशी है कि पहली बार में ही इतना बढ़िया रिश्ता मिल गया।
रात को सोते हुए राजीव सरला के बारे में सोच कर गरम होने लगा। क्या दूध हैं उसके। फिर अचानक उसको मालिनी के भी साड़ी से उभरे हुए दूध याद आ गए और उसका लौड़ा खड़ा हो गया। फिर उसे शर्म आइ और वह अपने आप को कोसा और सोने की कोशिश करने लगा।
सुबह उसने रानी के लिए दरवाज़ा खोला और आकर सोफ़े पर बैठ गया। रानी भी आकर उसकी गोद में बैठ गयी और बोली: तो क्या हुआ कल ? बहू पसंद आयी या नहीं?
राजीव: बहुत पसंद आयी और हमने तो रोका भी कर दिया। अब सगाई की तारीख़ निकालेंगे।
रानी: कैसी है दिखने में?
राजीव: बहुत प्यारी और सुंदर। तुमको फ़ोटो दिखाता हूँ। यह कहकर उसने रानी को मोबाइल पर कल की फ़ोटो दिखाई।
रानी: हाँ बहुत सुंदर है। भय्या बहुत लकी है। वैसे भरी हुई है जैसी आपको अच्छी लगती हैं वैसे ही है।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
राजीव: बिलकुल खाते पीते घर की है, तुम्हारे जैसी सूखी और सुक़ड़ी सी नहीं है। यह कहते हुए वह हँसा और उसको चूम लिया। फिर उसकी छाती पर हाथ फेरने लगा।
रानी हँसते हुए बोली: आपकी बहू की छाती तो इतनी बड़ी है कि मेरी दोनों छातियाँ उसकी एक के बराबर होंगी।
राजीव: अरे नहीं इतनी भी बड़ी नहीं हैं पर हाँ तुम्हारी छाती से काफ़ी बड़ी हैं।
रानी हँसते हुए: काफ़ी ध्यान से देखा है बहू की छातियों को? इरादा नेक है ना?
राजीव: अरे तुम भी क्या फ़ालतू बात कर रही हो। ऐसी कोई बात नहीं है। वैसे इसकी माँ की चूचियाँ तुम्हारी से दुगुनी होंगी, ये देखो । ये कहकर उसने सरला की फ़ोटो में उसकी छाती को ज़ूम करके दिखाया।
रानी: हाँ सच में इनकी बहुत बड़ी हैं। ये आपकी होने वाली समधन हैं क्या?
राजीव: हाँ ये सरला है मस्त माल है। और चालू भी है। ये कहते हुए उसका लौड़ा अकड़ने लगा और रानी को गाँड़ में चुभने लगा।
रानी गाँड़ को उचका कर बोली: आह इसे क्यों खड़ा कर लिए? समधन का जादू है क्या? आपने उसे चालू क्यों बोला?
राजीव ने उसे श्याम और सरला की मस्ती के बारे में बताया कि कैसे वो एक दूसरे से लिपट कर मज़ा कर रहे थे और मालिनी की शादी का इंतज़ार कर रहे थे ताकि खुल कर मज़े ले सकें।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
राजीव: मुझे लगता है कि मालिनी के कारण वो ज़्यादा मज़ा नहीं ले पाते होंगे। वैसे भी श्याम की बीवी तो बहुत बीमार दिख रही थी। वो क्या इनके मज़े में ख़लल डाल पाएगी?
रानी: तब तो मालिनी को भी इसका अंदाज़ा तो होगा ही कि उसकी माँ उसके ताया जी के साथ फँसी हुई है। और वो चुदाई के बारे में सब जानती होगी। वैसे भी उसका भरा हुआ बदन देखकर लगता है कि वो शायद चुदवा चुकी होगी।
राजीव: क्या फ़ालतू बात कर रही हो? वो एक बच्ची की तरह मासूम है। बहुत नादान है वो बिलकुल एक नगीना यानी कि हीरा है।
रानी हँसते हुए बोली: उस बिचारि नगीना को क्या पता कि उसका ससुर कितना कमीना है?
राजीव झूठा ग़ुस्सा दिखाकर बोला: मैंने क्या कमीनी हरकत की है?
रानी हँसते हुए बोली: अपनी बहू के दूध देखना और उसको मेरे दूध से तुलना करना क्या कमीनापन नहीं है? अच्छा ये बताइए उसकी गाँड़ कैसी है? आपको तो बड़े चूतर अच्छे लगते हैं ना? बहू के कैसे हैं? वैसे इस फ़ोटो में तो बड़े मस्त गोल गोल दिख रहे हैं। !
राजीव का लौड़ा अब पूरा खड़ा हो कर उसकी गाँड़ में ठोकर मार रहा था। वह बोला: साली कमिनी , ख़ुद मेरी बहू के बारे में गंदी बात कर रही है और मुझे कमीना बोल रही है। चल अभी तेरी गाँड़ मारता हूँ मादरचोद।
ये कहकर वह उसको अपनी गोद में उठाकर बेडरूम में ले जाकर बिस्तर पर पटका और उसकी साड़ी ऊपर करके उसकी बुर में दो ऊँगली डाल दिया। इस अचानक हमले से रानी हाय्य्यय कर उठी पर वह उसकी बुर में उँगलियाँ अंदर बाहर करने लगा । जल्दी ही बुर गीली हो गई और उसने अपना लोअर और चड्डी उतारा और फनफना रहे लौड़े को उसकी बुर में एक झटके में पेल दिया। फिर उसके ऊपर आकर उसके ब्लाउस और ब्रा को ऊपर किया और चूचियाँ मसलते हुए उसकी बेरहमी से चुदाई करने लगा।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
रानी भी आऽऽऽहहह हाय्य्य्य्य कहकर मस्ती से कमर उछालने लगी और बोली: सच में बोलो ना बहू भी अपनी माँ की तरह माल है ना?
राजीव: आऽऽहहह मादरचोओओओओओओओद फिर वही। कहा ना माँ साली रँडीइइइइइइइ है। बहू तो अभी बच्चीइइइइइइइइ है।
रानी: फिर भी उसके चूतर और चूची तो मस्त है ना? वैसी है जैसे आपको अच्छी लगती है । है नाआऽऽऽऽऽऽऽ आऽऽऽऽऽह बोओओओओओओलो ना।
राजीव ज़ोर ज़ोर से धक्का मारते हुए बोला: आऽऽऽहहह ह्म्म्म्म्म्म हाँआऽऽऽऽ सालीइइइइइइ बहू भी मस्त माआऽऽऽऽऽऽऽल है। मालिनी की भी मस्त गोओओओओओओओल गाँड़ है आऽऽऽह्ह्ह्ह्ह मैं गयाआऽऽऽऽऽऽ । साली क़ुतियाआऽऽऽऽऽऽ लेeeee मेराआऽऽऽऽ माआऽऽऽऽलल्ल अपनी बुर में। ह्म्म्म्म्म्न कहते हुए वह झड़ गया।
फिर जब वो सफ़ाई करके लेटे हुए थे, तब राजीव बोला: सच में मालिनी बहुत मासूम सी बच्ची है। मुझे उसके बारे में ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए।
रानी: पर मुझे तो लगता है कि आप उसकी भी ले लोगे।
राजीव ग़ुस्से से : क्या बकवास कर रही हो? वो मेरे बेटे की बीवी होगी। उसके बारे में ऐसा कैसे कर सकता हूँ। हाँ उसकी माँ की बुर ज़रूर रगड़ूँगा। साली सिर्फ़ श्याम को क्यों मज़ा दे ? हम साले मर गए हैं क्या?
रानी उठती हुई बोली: एक बात बताइए कि हमारा मिलन कैसे होगा बहु के आने के बाद?
राजीव: ये चिंता तो मुझे भी है देखो कोई रास्ता निकालेंगे। ये कहकर वह फिर से उसको अपनी बाँहों में खींच लिया और बोला: तुम्हारा महवारी याने पिरीयड कब आता है?
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
रानी: अभी दस दिन हैं। क्यों पूछ रहे हैं आप?
राजीव: अरे इसीलिए कि इस बार नहीं आएगा। तुमको गर्भ से जो कर चुका हूँ।
रानी: आप इतने यक़ीन से कैसे कह सकते हैं?
राजीव: मैंने तुमको बताया था ना कि मैं पहले भी तीन लड़कियों को गर्भवती कर चुका हूँ और तीनों एक महीने की ही चुदाई में माँ बनने के रास्ते पर चल पड़ीं थीं।
रानी: मैं तो आपको कितनी ही बार पूछ चुकी हूँ पर आप अभी तक एक के बारे में भी नहीं बतायें हैं।
राजीव: चलो अभी चाय पिलाओ और बाद में शिवा के दुकान जाने के बाद मैं तुमको बताऊँगा कि कैसे मैंने जुली को गर्भवती किया। वही पहली लड़की थी जिसे मैंने करीब पाँच साल पहले चोद के माँ बनाया था।
रानी: ठीक है बताइएगा आज जुली के बारे में। ये कहकर वह किचन मे चली गयी।
बाद में शिवा उठकर आया और चाय पीते हुए बाप बेटा बातें करने लगे।
राजीव: फिर बरखुरदार, रात को नींद आयी या नहीं? कहीं रात भर शादी के सपने तो नहीं देखते रहे?
शिवा: क्या पापा आप भी ना ? छेड़ रहे हैं मुझे?
राजीव हँसते हुए बोला: अरे बहु का सेल नम्बर लिया था कि नहीं?
शिवा शर्माकर: कहाँ ले पाया? सब कुछ इतनी जल्दी में हो गया।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
राजीव : अच्छा चल मैं ही जुगाड़ करता हूँ तेरे लिए। ये कहकर उसने श्याम को फ़ोन लगाया।
उधर से सरला ने फ़ोन उठाया और बोली: हेलो कौन बोल रहे हैं?
राजीव: मैं राजीव बोल रहा हूँ भाभीजी । आप कैसी हैं?
सरला: नमस्ते भाई सांब । मैं ठीक हूँ। आप लोग कल अच्छे से पहुँच गए थे ना?
राजीव: हाँ जी सब बढ़िया है। मैंने इसलिए फ़ोन किया कि मुझे मालिनी का नम्बर चाहिए ,शिवा माँग रहा है। वो दोनों बातें करेंगे तो एक दूसरे को समझेंगे ना।
सरला: जी बिलकुल ठीक कहा आपने। मैं अभी आपको sms करती हूँ। शिवा है क्या बात करवाइए ना?
शिवा ने फ़ोन लेकर कहा: नमस्ते मम्मी जी।
सरला: नमस्ते बेटा , कैसे हो? मालिनी को हम लोग बहुत छेड़ रहे हैं तुम्हारा नाम लेकर।
शिवा: मम्मी आप लोग भी ना बेचारी को क्यों तंग कर रहे हो?
सरला: लो अभी से उसकी तरफ़ से बोलने लगे? वाह जी वाह।
शिवा: मम्मी मेरी आप खिंचाई तो मत करो।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
फिर कुछ देर इधर उधर की बातें करके वह फ़ोन राजीव को दे दिया।
राजीव: तो भाभीजी आप हमारे घर कब आ रही हैं? आपने तो हमारा घर भी नहीं देखा है।
सरला: भाई सांब जल्दी ही आएँगे। आपने सगाई का कुछ सोचा?
राजीव: आज पंडित जी से बात करूँगा मुहूर्त के लिए। मालिनी की कुंडली भी भेज दीजिएगा। शिवा की कुंडली से मिलवा लेंगे।
सरला: भाई सांब सगाई कहाँ करेंगे?
राजीव : आप जहाँ बोलेंगी वहाँ करेंगे। अजी हम तो आपके हुक्म के ग़ुलाम हैं।
सरला: कैसी बात कर रहे हैं, हम लड़की वाले हैं हम झुक कर रहेंगे।
(तभी शिवा का फ़ोन बजा और वह अपने बेडरूम में चला गया। )
राजीव: अरे भाभीजी आप जैसी सुंदर महिला की ग़ुलामी करने का मज़ा ही कुछ और है।
सरला: भाई सांब आप भी अब मुझे खींच रहे हैं ।
राजीव: अरे भाभी जी मेरी क्या औक़ात है आपकी खींचने की? मैं तो ख़ुद ही खिंचा जा रहा हीं आपकी तरफ़।
सरला: भाई सांब आपको बातों ने जीतना बहुत मुश्किल है।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
राजीव: भाभीजी बातों में जीत सकती है पर हमें एक बार सेवा का मौक़ा दीजिए। सच कहता हूँ आप भी क्या याद करेंगी।
इस बार राजीव ने द्वीयर्थी डायलॉग बोल ही दिया।वह अपने लौड़े को हल्के से दबाया जो अपना सिर उठा रहा था।
सरला एक मिनट के लिए तो चुप सी हो गयी फिर बोली: चलिए सगाई आपके यहाँ ही रखते हैं , देखते हैं कितनी सेवा करते हैं आप?
राजीव ख़ुश होकर बोला: ये हुई ना बात ।भाभीजी ऐसी सेवा करूँगा आप भी याद रखोगी। बस एक मौक़ा तो दीजिए। और हाँ अपना नम्बर भी दे दीजिए। श्याम के नम्बर पर आपको बार बार फ़ोन नहीं कर सकता।
सरला: भाई सांब रखती हूँ । भय्या आ रहे हैं। मैं आपको sms करती हूँ अपना और मालिनी का नम्बर।
फिर फ़ोन कट गया। राजीव अभी भी लौड़ा दबाये जा रहा था। तभी रानी आयी और मुस्कुरा कर बोली: क्या हो रहा है? मैं दबा दूँ? समधन को पटा रहे थे? मैं सब सुन रही थी।
राजीव: शिवा को दुकान जाने दो फिर जो करना है कर लेना। समधन तो साली रँडी है उसे तो शादी के पहले ही चोद दूँगा।
तभी शिवा के आने की आवाज़ आइ और रानी वहाँ से बाहर चली गई। तभी सरला का sms भी आ गया। उसने मालिनी का नम्बर शिवा को फ़ॉर्वर्ड कर दिया और अपने फ़ोन में भी बहू के नाम से सेव कर लिया। और सरला का नम्बर भी सेव कर लिया।
अब शिवा भी अपने समय पर दुकान को चला गया।
उसके जाने के बाद रानी आकर राजीव के पास आकर बैठी और राजीव ने उसे अपनी गोद में खींच लिया और उसको चूमने लगा। वो सरला से बात करके उत्तेजित हो चुका था ।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
तभी रानी बोली: आज आप मुझे जुली के माँ बनने की कहानी सुनाएँगे।याद है ना?
राजीव उसकी बुर को साड़ी के ऊपर से दबाकर बोला: ज़रूर मेरी जान, बिलकुल सुनाएँगे।
रानी की बुर साड़ी के ऊपर से दबाकर वह बोला: चलो चुदाई करते हैं।
रानी: अभी नहीं पहले जुली के बारे में बताइए की उसको कैसे गर्भ वती किया आपने?
राजीव: अच्छा पीछे पड़ गयी हो , ठीक है सुनो। फिर उसने अपनी बात बोलनी शुरू की——————
————-
क़रीब पाँच साल पहले की बात है, जब मैं दुकान पर ही बैठता था क्योंकि शिवा का फ़ाइनल साल था कॉलेज का। उस दिन मैं अकेला बैठा था क्योंकि नौकर सामने के होटेल में खाना खाने गए थे। मैंने वहीं अपना डिब्बा खा लिया था। मैं ऊँघ रहा था क्योंकि इस वक़्त कोई भी ग्राहक नहीं था।
तभी काँच का दरवाज़ा खुला और उसमें से एक बहुत ही गोरी सुंदर थोड़ी भारी बदन की क़रीब मेरे ही उम्र की महिला अंदर आइ और साथ ही तेज़ सेंट की ख़ुशबू दुकान में फैल गयी। मेरी नींद उड़ गयी और मैं उठकर उसके पास आया और बोला: आइए मैडम जी, बैठिए।
वो मुस्कुरा कर बोली: मुझे कुछ नई साड़ियाँ दिखाइए।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
मैं उसे नई डिजाइन की साड़ियाँ दिखाने लगा। वह हर साड़ी को अपने ऊपर रखती और शीशे में देखती थी। ये करते हुए उसका पल्लू खिसक जाता था और मुझे उसकी बड़ी बड़ी चुचीयो की और उनके बीच की घाटी के दर्शन हो जाते थे। ऐसा करते हुए आख़िर उसने दो साड़ियाँ पसंद कीं। मेरा लौड़ा गरमाने लगा था। वह जब शीशे के सामने खड़ी होती तो उसके मस्त चूतरों के उभार तो जैसे मुझे दीवाना कर रहे थे।
फिर वह बोली: आपके यहाँ कोई सेल्ज़ गर्ल नहीं है क्या?
मैं: है ना मगर सब अभी सामने होटेल में खाना खाने गए हैं क्योंकि उंनमें से एक का आज जन्म दिन है। आपको कुछ चाहिए तो आप मुझे बताइए ना?
उसने हिचकिचाते हुए कहा: मुझे अंडर गारमेंट्स चाहिए।
मैं: आइए इस काउंटर पर आइए मैं निकालता हूँ।
यह कहकर मैं एक काउंटर जे पीछे पहुँचा और वहाँ रखे ब्रा और पैंटी को दिखाकर बोला: बताइए किस पैटर्न में दिखाऊँ?
वह बोली: आप मुझे सभी दिखायीये मैं पसंद कर लूँगी।
मैंने उसको जानबूझकर पैडेड ब्रा के डिब्बे से ब्रा निकाल कर दिखाया।
वह बोली: मुझे बिना पैडेड वाली ब्रा चाहिए।
मैं मुस्कुराकर उसकी छाती को देखकर बोला: आप सही कह रही हैं , आपको भला पैड की क्या ज़रूरत है?
वो मेरी बात का मतलब समझ कर लाल हो गई पर कुछ नहीं बोली।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
फिर मैंने जानबुझकर उसको ३६ साइज़ की लेस वाली ब्रा दिखाई। वह उसको देखकर बोली: हाँ ये पैटर्न तो सही है पर मुझे बड़ी चाहिए।
मैंने पूछा: क्या साइज़ है मैडम?
वो थोड़ा सा हिचकिचाके बोली: ४० की चाहिए।
मैंने ख़ुश होकर कहा: आपकी और मेरी बीवी की साइज़ एक ही है। अच्छा ज़रा रुकिए , मैंने अपनी बीवी के लिए कुछ नई नोट्टि ब्रा लाया था। उसमें से कुछ शायद आपको भी पसंद आ जाएँ। यह कहकर मैंने उसे बहुत सेक्सी ब्रा दिखायीं। उंनमें निपल के छेद बने थे और निप्पल की जगह किसी में नेट लगा था।
वह ये देखकर बोली: आप अपनी बीवी के लिए ऐसे ब्रा ख़रीदे है ? छी मुझे तो बहुत शर्म आ रही है।
मैं: मुझे तो वो इसमें बहुत सेक्सी लगती है। आप भी बहुत सेक्सी लगेंगी।
वो बोली: नहीं नहीं मुझे आप ये सादी वाली ही दे दीजिए। और अब पैंटी दिखा दीजिए।
मैं उसके कमर को देख कर बोला: आपको तो xxl ही आती होगी। मेरी बीवी का भी यही साइज़ है। फिर मैंने उसे सेक्सी जाली वाली पैंटी ही दिखाई। वह उसे देखकर बोली: छी ये पहनने या ना पहनने में क्या फ़र्क़ है भला।
मैं: अरे मैडम ये भी बहुत सेक्सी है आप पर बहुत फबेगी।
वो: नहीं नहीं मैं ऐसे कपड़े नहीं पहन सकती। फिर मैंने उसे सादी पैंटी दिखाई तो वह उसने ले ली। मैं समझ गया था कि वह एक शरीफ़ महिला है। पर क्या करता मेरा आवारा लौड़ा कड़ा होकर मुझे बार बार उसकी ओर खींच रहा था।
मैं: मैडम मैं आपको भाभी जी बोल सकता हूँ?
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
वो: हाँ हाँ क्यों नहीं? भाई सांब आपके कितने बच्चे हैं?
मैं: दो और आपके? आपके पति का बिज़नेस है क्या?
वो: जी हाँ उनका इक्स्पॉर्ट का काम है । मेरे एक ही बेटा है, उसकी शादी हो चुकी है।
मैं: तो आप दादी भी बन गयी क्या?
वो दुखी होकर बोली: नहीं अभी तक तो नहीं बनी हूँ।
फिर मैं बिल बना रहा था तो मैंने उसका नाम पूछा। उसने अपना नाम सारिका बताया। मैंने उसका मोबाइल नम्बर और पता भी ले लिया। फिर बिल का पैसा देकर वो जाने लगी तो मैं बोला: भाभी जी आते रहिएगा।
सारिका: ठीक है फिर आऊँगी।
अचानक मुझे पता नहीं क्या हुआ कि मैं बोला: भाभी जी , कल शाम को एक कॉफ़ी साथ में पियें क्या?
सारिका हैरानी से बोली: जी? क्या मतलब?
मैं: बस एक कप कॉफ़ी का तो बोला है और क्या? यहाँ पास में एक कॉफ़ी शाप है चौक पर । कल आपका वहाँ शाम को पाँच बजे इंतज़ार करूँग़ा ।
सारिका: पाँच बजे नहीं चार बजे। छह बजे मेरे पति और बेटा घर आ जाते हैं।
मैं: ठीक है चार बजे। वह मुस्कुराकर चली गयी।
और मैं अपना लौड़ा मसलते हुए उसके मस्त गदराये बदन का सोचने लगा।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
उस रात मैंने सरिता याने अपनी बीवी को जबदरस्त तरीक़े से चोदा। और ये सोचकर चोदा कि सारिका को चोद रहा हूँ।
दूसरे दिन शाम को चार बजे मैं कॉफ़ी शॉप में गया तो सारिका वहाँ नहीं थी। थोड़ी देर में वह आयी तो कई मर्दों की निगाहें उस पर थीं। आज उसने सलवार कुर्ता पहना था। वह आइ तो उसकी जानी पहचानी सेंट की ख़ुशबू मेरे नथुनों में घुस गयी और मैं मस्त होने लगा। तभी वह मुस्कुरा कर मेरे सामने आके खड़ी हुई। मैंने उठकर उसकी ओर हाथ बढ़ाया तो उसने मेरे हाथ में अपना हाथ दे दिया और मैंने उसके नरम हाथ को हल्के से दबा दिया।
अब वो मेरे सामने बैठ गई और मेरी आँखें उसकी कुर्ते से बाहर झाँक रही आधी चूचियों पर चली गई। उसने चुन्नी ऊपर रखी थी। आऽऽऽह क्या जलवा था। मेरा लौड़ा झटका मार उठा। उसका हाथ टेबल पर रखा था सो मैंने भी हिम्मत करके उसके हाथ पर अपना हाथ रख दिया और हल्के से दबा दिया। वह मेरी आँखों में देखी पर कुछ नहीं बोली। फिर कॉफ़ी आयी और हम कॉफ़ी पीने लगे।
वह धीरे से बोली: आपके परिवार की फ़ोटो दिखायीये ना। मैंने मोबाइल में बीवी बेटे और बेटी और दामाद की फ़ोटो दिखाई। वो बोली: आपकी बीवी तो बहुत सुंदर है और फ़िगर भी अच्छा है।
मैं: आपसे अच्छा नहीं है। आपका ज़्यादा अच्छा है। मैंने उसकी चूचियों को घूरते हुए कहा। वह शर्मा गयी।
वह: आपको पता है कि मेरी उम्र ५० साल की है और आप मुझसे फ़्लर्ट कर रहे है।
मैं: मैं भी तो ४५ का हूँ। अच्छा आप भी फ़ोटो दिखाइए ना अपने पति की और बच्चों की। फिर उसने भी मोबाइल पर अपने पति बेटे और बहु की फ़ोटो दिखायी।
उसका बेटा और बहु तो सामान्य थे पर उसका पति मोटा और तोंद वाला था और बहुत स्वस्थ भी नहीं दिख रहा था।
मैं: आपके पति तो थोड़े बीमार से दिख रहे हैं।
सारिका: जी हाँ उनको २ महीने पहिले हार्ट अटैक आया था।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
मैं: ओह तभी इतने कमज़ोर दिख रहे हैं चेहरे से। एक बात बोलूँ बुरा तो नहीं मानेंगी?
सारिका: नहीं नहीं बोलिए क्या बोलना है?
मैं: आप इतनी मस्त जवान सी रखीं हैं और कहाँ आपके पति कमज़ोर से , आपको संतुष्ट कर लेते हैं?
सारिका का चेहरा लाल हो गया और बोली: आप भी ना? ये कैसा सवाल है?
मैं: मैंने तो कहा था कि आप बुरा नहीं मानोगी।
सारिका: बुरा नहीं मान रही हूँ। ये सच है कि अब हमारे बीच में सेक्स दो महीनों से पूरी तरह बंद है। पर अब ५० की होने के कारण इतनी पागल भी नहीं हो रही हूँ इसके लिए ।
मैंने उसका हाथ दबाया और बोला: देखिए आप मुझे बहुत अच्छी लगती हैं और अगर आप चाहें तो मैं आपसे अपने सबँध को आगे बढ़ाना चाहता हूँ।
सारिका ने मेरी आँखों ने झाँका और बोली: मैंने कभी भी अपने पति को धोका नहीं दिया है। और अब इस उम्र में देना भी नहीं चाहती।
मैं: अच्छा आप कितने विश्वास से यही बात अपने पति के लिए भी कह सकती हो?
सारिका: मुझे पता है कि उनका कई लड़कियों से चक्कर रह चुका है। मैंने तो उनको रंगे हाथों भी पकड़ा है। पर क्या करूँ हर बार उनको माफ़ कर देती थी।
मैं: जब वो बेवफ़ा है तो आपने क्या वफ़ा का ठेका ले रखा है? चलिए ना थोड़ी सी बेवफ़ाई करते हैं हम दोनों।
वो हँसते हुए बोली: क्या बात कही है। अब मैंने अपना हाथ उसके हाथ से हटाकर उसकी जाँघ पर रख दिया और सहलाने लगा। टेबल के नीचे होने से किसी को नहीं दिख रहा था।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
सारिका सिहर उठी और बोली: आप मुझे कमज़ोर कर रहे हैं।
मैं: प्लीज़ चलिए ना , वादा करता हूँ कि आपको बहुत ख़ुश करूँगा।
सारिका: कहाँ जाएँगे?
मैं उत्साहित होकर: ये मेरे पास एक फ़्लैट की चाबी है , मेरे दोस्त की वह अभी विदेश में है। यहीं पास में है।
सारिका: पर अब ६ बज रहे हैं। वो दोनों घर आने वाले होंगे , बाप बेटा मेरा मतलब है।
मैं: अरे उनको फ़ोन कर दो कि किसी सहेली के यहाँ हो थोड़ी देर में आ जाओगी।
सारिका :ठीक है आज पहली बार मैं बेवफ़ा बनने जा रही हूँ। फिर उसने अपनी बहू को फ़ोन लगाया और बोली: जूली बेटा अपने पापा को बोलना कि मैं एक सहेली के यहाँ हूँ, एक घंटे में आ जाऊँगी।
फिर वह बोली: एक घंटे में छोड़ दोगे ना?
मैं: ये तो तुम पर सारी आप पर निर्भर करता है कि कितनी ज़्यादा बेवफ़ाई करना चाहती हो?
वो हँसने लगी और बोली: तुम मुझे तुम कह सकते हो। अब हम आख़िर दोस्त तो बनने ही जा रहे हैं ना।
मैं उठते हुए बोला: दोस्त से भी कुछ ज़्यादा । शायद प्रेमी।
हम दोनों हँसते हुए बाहर आए और उसकी कार को वहीं छोड़ कर मेरी कार में हम फ़्लैट की ओर चल पड़े। मेरा हाथ अब उसकी गदराइ जाँघ पर था।
जब हम फ़्लैट में पहुँचे तो मैंने फ्रिज खोलकर एक पानी की बोतल निकाली और ख़ुद पीने के बाद सारिका को भी दिया। वो भी ऊपर से पीने लगी पर उसने काफ़ी पानी अपनी छाती पर गिरा लिया । मैंने इसकी छाती पर पानी गिरा देख कर कहा: पानी भी कितना लकी है आपकी छातियों के मज़े ले रहा है।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
वो हँसकर बोली: पानी के बाद अब आप भी तो मज़े लोगे। इस बात पर हम दोनों हँसने लगे। फिर मैंने उसे कहा : बेडरूम उधर है। अब हम दोनों बेडरूम में पहुँचे। मैंने उसकी ओर देखकर बाहें फैलायी और वह मुस्कुराते हुए मेरी बाहों में आ गयी। मैंने इसको अपने से भींचकर उसकी गर्दन चुमी। वह भी मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगी। फिर मैंने उसके चूतरों को दबाते हुए कहा: जान, क्या मस्त गोल और स्पंजी चूतर हैं तुम्हारे?
वो: आऽऽहहह मेरे पति भी यही कहते हैं। वो तो कई बार इसको तकिया बना कर सो जाते हैं।
हम दोनों हँसने लगे। फिर मैं उसको अलग किया और अपने कपड़े खोलते हुए बोला: तुम भी उतार दो वरना घर जाने में देर हो जाएगी।
वह चुपचाप कुर्ता निकाल दी और ब्रा में उसके कसे हुए उभार देख कर मैं मस्ती में आने लगा। अब तक मैं चड्डी में आ चुका था और मेरा फूला हुआ लौड़ा चड्डी में समा ही नहीं रहा था और साइड से बाहर झाँक रहा था। अपनी सलवार खोलते हुए उसकी नज़र जैसे मेरी चड्डी से जा चिपकी थी और मैं भी पैंटी से उसकी फूलि हुई बुर और उसकी फाँकें देखकर जैसे मंत्रमुग्ध हो गया था।
वह बड़े ही शालीनता से बिस्तर पर पीठ के बल लेट गयी। मैं भी उसके ऊपर आकर उसके माथे को चूमा । फिर उसकी आँखें, नाक, कान , गाल और आख़िर में उसके होंठ चूमने लगा। थोड़ी देर तो वह चुपचाप होंठ चूसवाती रही। पर जल्दी ही वह गरम होकर अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी। मैं उसकी जीभ चूसने लगा। अब मैं उसकी चूची दबाने लगा।वह भी मस्त होकर मेरे पीठ पर हाथ फेरने लगी।
मैंने उसको उठाया और उसकी ब्रा के स्ट्रैप को खोलकर उसकी ब्रा को उतार दिया: गोरे बहुत बड़े नरम से उसके चूचे मेरे सामने थे जिसपर बहुत बड़े काले रंग का निपल पूरा तना हुआ था। मैंने चूचियाँ दबायीं और अपने चड्डी में फँसे लौड़े को उसकी पैंटी पर रगड़ने लगा। वह भी गरम होकर अपनी कमर हिलाकर रगड़ाई का मज़ा लेने लगी।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
अब मैं उसकी चूचियाँ चूसने लगा और वह हाय हाय करने लगी। मैं नीचे को खिसक कर उसके गोरे थोड़े मोटे पेट को चूमते हुए उसकी नाभि को चाटते हुए उसकी जाँघों के बीच आया और उसकी पैंटी को नीचे करके उतार दिया । उसने कमर उठाकर मेरी मदद की पैंटी में उतारने में। अब उसकी थोड़े से बालों वाली बुर पूरी फूली हुई मेरे सामने थी। उसकी फाँकें खुली हुई थी और उसकी भारी जाँघों के बीच वह बहुत सुंदर लग रही थी। मैंने उसकी जाँघों को पकड़कर ऊपर उठाया और घुटनो से मोड़कर उसकी छाती पर रख दिया। अब उसकी बुर और उसकी भूरि गाँड़ मेरे सामने थी।
मैंने अपने होंठ उसकी बुर पर रखे और वह हाऽऽऽय्य कर उठी । अब मेरी जीभ उसकी बुर को चोद रही थी और वह अपनी कमर उछाल रही थी। बिलकुल गीली होकर उसकी बुर ने अपनी प्यास दिखाई और मैं अपनी चड्डी उतारकर अपने लौड़े को उसके मुँह के पास लाया और वह बड़े प्यार से उसे चूसने लगी। अब मै भी बहुत गरम हो चुका था । मैंने अपने लौड़े को उसकी बुर में सेट किया और उसकी बुर में पूरा लौड़ा एक झटके में ही पेल दिया। वह आऽऽऽह करके अपनी मस्ती का इजहार करते हुए मेरे चूतरों पर अपनी टाँगे कैंची की तरह रख कर मुझसे चिपक गयी। और किसी रँडी की तरह अपनी गाँड़ उछालकर चुदवाने लगी।
उसकी बुर से फ़च फ़च की आवाज़ आ रही थी। उसकी बुर मेरी बीवी की बुर से ज़्यादा टाइट थी। वह भी बहुत मज़े ले ले कर चुदवा रही थी। मैंने उसकी चूचियाँ दबाते हुए पूछा: क्यों जान मज़ा आ रहा है?
वो: आऽऽह मत पूछिए कितना अच्छा लग रहा है। बहुत प्यासी हूँ मैं। हाऽऽऽऽऽय्यय और चोओओओओओओओदो ।
मैं: ह्म्म्म्म्म्म मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है जान। हाय क्या टाइट बुर है तुम्हारी। आऽऽहहह क्या मस्त चूचे हैं। यह कहकर मैं चूचियाँ चूसने लगा।
वह: आऽऽहहहह मैं गईइइइइइइइइइइ उइइइइइइइइइ कहकर जल्दी जल्दी कमर उछालने लगी।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
मैं भी अब जल्दी जल्दी धक्के मारने लगा और उसकी बुर में अपना वीर्य डालने लगा। वह भी हाय्यय कहकर झड़ गई और हाँफने लगी।
अब हम दोनों अग़ल बग़ल लेट गए। वो बोली: आपको एक बात बोलूँगी कि आज जो मज़ा आपने दिया वो मुझे आजतक कभी नहीं मिला। सच में आप पूरे मर्द हो।
मैं: हमने कोई प्रटेक्शन नहीं उपयोग किया कहीं तुम माँ ना बन जाओ।
वह: हा हा वो फ़िकर तो है ही नहीं क्योंकि मैं दूसरे बच्चे के जन्म के बाद ही अपना ऑपरेशन करवा ली थी।
मैं: चलो ये ठीक है फिर कोई ख़तरा नहीं है।अच्छा ये तो बताओ कि तुम्हारी डिलिव्री नोर्मल थी या सिजेरीयन थी।
वह: दोनों सिजेरीयन थीं।
मैं : तभी तुम्हारी बुर अभी भी मस्त है। सरिता की तो ढीली हो चली है क्योंकि उसकी बुर से ही बच्चे निकले थे।
यह कहते हुए मैंने दिर से उसकी बुर पर हाथ फेरा और बोला: जान सच में तुम इस उम्र में भी मस्त माल हो। फिर मैंने उसको करवट लिटाया और उसके मोटे चूतरों को दबाने लगा और उसकी गाँड़ में एक ऊँगली डाला और बोला: जान अब तो इसमें भी डालने का मन कर रहा है। लगता है कि तुम यहाँ भी चुदवाती हो।
अब तक मेरी दो ऊँगलियाँ आराम से घुस गयीं थीं। वह बोली: आऽऽह हाँ वो पहले तो हमेशा गाँड़ भी मारते थे। पर अब पिछले तीन महीने से ये भी प्यासी है।
मैं ख़ुश होकर बोला: आऽऽह क्या मस्त गाँड़ है अभी डालता हूँ मेरी जान अपना लौड़ा ।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
फिर मैंने क्रीम लेकर उसकी गाँड़ और अपने लौड़े पर लगाया और उसकी गाँड़ के पीछे आकार उसके चूतरोंको दबाते हुए फैलाया और उसकी गाँड़ की सुराख़ में अपना लौड़ा धीरे से दबाने लगा। मूसल उसकी टाइट गाँड़ में धँसता ही चला गया । अब मैंने उसकी गाँड़ की ठुकाई चालू की। वह भी अपनी गाँड़ को मेरे लौड़े पर दबा दबा के चुदवाने लगी। सामने हाथ लाकर मैं उसकी चूचियाँ भी मसल रहा था।
हम दोनों मज़े से भरकर चुदाई के आनंद में डूबे जा रहे थे। फिर मैंने ज़ोरों की चुदाई चालू की और वह भी हाऽऽऽय्य चिल्लाने लगी। अब मैंने उसकी बुर की clit को मसलना शुरू किया और वह उओइइइइइइइ कहकर झड़ने लगी और मैंने भी अपना गरम माल उसकी गाँड़ में छोड़ दिया।
अब हम दोनों शांत हो चुके थे। फिर हम तय्यार हुए और फ़्लैट से बाहर आए और उसकी कार के पास उसको अपनी कार से उतारकर मैं दुकान में वापस आ गया।
रात को जब सविता बाथरूम गयी ,मैंने उसको SMS किया : कैसी हो?
वो: ठीक हूँ, थैंक्स , बहुत मज़ा आया। दोनों शांत हैं।
मैं: दोनों कौन? मैंने तो सिर्फ़ तुमको शांत किया है।
वो: मेरा मतलब है दोनों छेद।
मैं:हा हा ।गुड नाइट।
वो: आज बीवी को करेंगे क्या?
मैं : नहीं। ताक़त ही नहीं है।
वो: अगर वो माँगेगी तो?
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
मैं: आह फिर तो करना ही पड़ेगा।
वो: बहुत लकी है वो जिसको आपके जैसा मर्द मिला है। चलो गुड नाइट।
मैं: गुड नाइट, कल मिलोगी?
वो: पूरी कोशिश करूँगी। बाई ।
फिर मैं भी सो गया। सविता भी आइ और सो गयी।
मैंने रानी को अपने से चिपटा कर कहा: आगे भी सुनना है क्या?
रानी: हाँ जुली की तो अभी बात ही नहीं हुई।
मैं: हाँ जुली की भी कहानी आगे बताता हूँ, पर कुछ मज़ा तो दे अभी। ये कहते हुए मैंने अपना लौड़ा बाहर निकाला और उसको चूसने का इशारा किया। वह बड़े प्यार से मेरे लौड़े के सुपाडे को चूसने लगी और बोली: अच्छा मैं धीरे धीरे आपका चूसती हूँ आप आगे क्या हुआ बताते जाओ।
मैंने मुस्कुराकर उसकी बात मान ली और बताने लगा: ————
अगले दिन सुबह सारिका का गुड मोर्निंग आया हुआ था और वह कई स्माइली भी भेजी थी। मैंने भी उसका जवाब दिया।फिर मैं दुकान चला गया। वहाँ भी उसके SMS आते रहे। जल्दी ही हम सेक्स की बातें करने लगे और दोपहर होते तक वह और मैं बहुत गरम हो गए। अब मैंने उसको लिखा कि चलो आओ ना फ़्लैट में चुदाई के लिए। वह लिखी:: मैं तो अभी आ जाऊँ पर क्या आपको फ़ुर्सत है?
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
मैं : हाँ आज मेरे बेटे की छुट्टी है तो वो अभी आएगा , तुम बोलो तो हम एक घंटे में मिलते हैं।
वो: ठीक है मैं आती हूँ।
फिर हम दोनों उस दिन भी फ़्लैट में मिले और इस बार तो वह पहले से भी ज़्यादा फ़्री थी। उसने खुलकर मेरा साथ दिया और हमने कई आसनों में चुदाई का मज़ा लिया। अब वह चुदाई में मेरा वैसे ही साथ दे रही थी जैसी मेरी बीवी देती थी।
हमारा ये सिलसिला क़रीब एक महीने तक चला। फिर शायद हम दोनों ही थोड़े एक दूसरे से बोर होने लगे। फिर हमारी मुलाक़ात कम होने लगी , कभी हफ़्ते में एक बार और आख़री में तो एक महीने में एक बार। मुझे भी तबतक एक दूसरी फुलझड़ी मिल चुकी थी। वह २०/२१ साल की एक कॉलेज की लड़की थी और मैंने उसको अपनी दुकान से ही पटाया था और पैसे की ज़रूरत को पूरा करने के लिए वह मुझे मज़ा दे रही थी। उसे कपड़े और cosmetics वग़ैरह ख़रीदने का बहुत शौक़ था और उसका यह शौक़ पूरा करने के लिए वह चुदाई के लिए तय्यार थी। मैं भी उसकी यह ज़रूरत पूरी कर रहा था और वह मेरी टाइट बुर की ज़रूरत पूरी कर रही थी। इस आपाधापी में सारिका को जैसे भूल ही गया था।
क़रीब एक महीने के बाद वो लड़की मुझे बताई कि उसका महीना नहीं हुआ। मैं थोड़ा परेशान हो गया और उसको उसको अपने एक दोस्त डॉक्टर के पास भेजा। वहाँ पता चला कि वो गर्भ से है। मैंने डॉक्टर को कहकर उसका गर्भपात करा दिया। अब मैंने उस लड़की से भी किनारा कर लिया और क़िस्मत से अगले महीने ही वह लड़की भी अपनी पढ़ाई पूरी करके दूसरे शहर चली गयी । और मैं फिर से अकेला हो गया था।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
सरिता तो थी पर उसे मैं घर की मुर्ग़ी ही समझता था और उसकी बुर अब ढीली भी हो चुकी थी। इस बीच सारिका से एक दो बार मिला उसकी चुदाई की और उसको उस लड़की के गर्भवती और फिर गर्भपात के बारे में भी बताया। इस तरह दिन कट रहे थे।
तभी एक दिन मैं दुकान में आइ हुई एक कमसिंन लड़की की स्कर्ट से झाँकती गदराइहुई जाँघों को देख रहा था और अपना लौड़ा मसल रहा था। जब वह एक नीचे के शेल्फ़ में एक कपड़ा देखने के लिए झुकी तो उसकी गुलाबी पैंटी में फँसी हुई उसकी बुर अचानक मेरी आँखों के सामने थी। क्या मस्त माल है मैंने सोचा कि तभी सारिका का फ़ोन आया। मैंने फ़ोन उठाया और हेलो बोला।
सारिका: हाय कैसे हो आप?
मैं: मस्त हूँ, तुम सुनाओ क्या हाल है?
सारिका की थोड़ी गम्भीर सी आवाज़ आयी, बोली: मिलना है आपसे कब फ़्री हो?
मैं: क्या हुआ आज बहुत दिन बाद खुजली हुई क्या? बहुत दिन बाद मिलने को कह रही हो।
वो: मुझे आपसे कुछ ख़ास बात करनी है। हम कॉफ़ी हाउस में भी मिल सकते हैं।
मैं: नहीं वहाँ नहीं। फ़्लैट ही में मिलते हैं।
फिर हम तय समय पर फ़्लैट में मिले। आज वह सलवार कुर्ते में थी। थोड़ी उदास दिख रही थी।
मैंने उसको अपनी बाहों में लिया और चूमते हुए बोला: क्या बात है कुछ परेशान लग रही हो?
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
वो: हाँ थोड़ा परेशान हूँ। आप बैठो ना बताती हूँ।
फिर हम सोफ़े पर बैठे और उसने कहना शुरू किया। वो बोली: आपको मैंने बताया था ना की मेरा एक बेटा है और बहु भी है। दरसल कल बहु ने बताया कि मेरे बेटे के स्पर्म में कुछ समस्या है और वह कभी बाप नहीं बन सकता। लेकिन यह बात वह मेरे बेटे को नहीं बताना चाहती ताकि वह दुखी ना होए।
मैं: अरे इलाज कराओ ना उसका।
वो: डॉक्टर ने कहा है कि ये लाइलाज है। कल बहु रो रही थी और बोली: माँ बताइए ना क्या करूँ? उनको बताती हूँ तो वो दुखी होंगे। मैं उनको बोल दूँगी कि कमी मुझमें है। तब मैं बोली: इतना त्याग मत करो। कुछ और रास्ता खोजते हैं। तब मेरे मन में ये ख़याल आया कि उसको मेरे पति से ही बच्चा करवा दूँ। पर फिर सोचा कि आजकल तो इनका खड़ा ही नहीं होता तो क्या मर्दानगी बची होगी जो कि एक बच्चा ही पैदा कर सकें?
मैं: ओह फिर क्या सोचा?
वो: फिर आपका ख़याल आया। आपने अभी एक लड़की को एक महीने की चुदाई में गर्भवती कर दिया था तो क्यों नहीं आप मेरी बहु को भी माँ बना सकते?
मैं तो जैसे आसमान से गिरा और बोला: क्या कह रही हो? क्या तुम अपनी बहु को मुझसे चुदवाओगी ?
वो : हाँ यही तो आपसे कहने आयी हूँ।
मैं: और तुम्हारी बहु मान जाएगी? मेरा लौड़ा खड़ा होने लगा २३ साल की मस्त जवानी का सोचके। मैं उसको मसल दिया।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
वो: हाँ वह तय्यार है तभी तो आयी हूँ। देखो आपका तो सुनकर ही खड़ा हो गया । यह कहकर उसने मेरे खड़े लौड़े को पैंट के ऊपर से पकड़ लिया।
मैं: नाम क्या है बहु का? कोई फ़ोटो है?
वो: जूली नाम है और ये उसकी फ़ोटो देखो मेरे मोबाइल में।
मैंने उसकी फ़ोटो देखा और मस्ती से बोला: यार मस्त माल है जूली। बहुत मज़ा आएगा उसे चोदने में। मैंने फ़ोटो के ऊपर ही उसकी उठी और तनी हुई चूचियों को सहलाया और बोला: आह क्या मस्त चूचियाँ हैं। जब वह माँ बनेगी तो इसका दूध पिलाना होगा।
वो: पक्का पिलवाऊँगी। बस उसको माँ बना दो।
मैं: अरे ज़रूर से बना दूँगा। पर अभी तुम ही चुदवा लो उसकी जगह। यह कहकर मैंने उसकी चूचियाँ दबा दीं।
वो हँसते हुए बोली: मैंने कभी मना किया है क्या? फिर वो भी मेरे लौड़े को पैंट से बाहर निकाली और सुपाडे को नंगा किया और थोड़ा सहलाने के बाद मुँह में ले ली। मैंने मज़े से आँखें बन्द कर ली और उसके मुँह को चोदने लगा। और बोला: कब लाओगी जूली को?
वो: कल ही लाऊँगी। फिर मैंने उसकी ज़बरदस्त चुदाई की और वह अगले दिन जूली के साथ आने का कहकर चली गयी।
राजीव अपनी बात आगे बढ़ाया:—-
उस दिन सारिका के जाने के बाद मैं रात को सारिका को SMS किया: कैसी हो? क्या कर रही हो?
वह लिखी: ठीक हूँ अभी खाना खाया है। आप क्या कर रहे हो?
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
मैं:: अरे अपना लौड़ा दबा रहा हूँ जुली की बुर के बारे में सोच कर।
वो : कल दिलवा तो रही हूँ।
मैं: तुम्हारा हबी क्या कर रहा है?
वो: यहाँ नहीं है , एक हफ़्ते के टूर पर हैं दोनों बाप बेटा।
मैं: ओह तो फिर मैं वहीं आ जाता हूँ और अभी चोद देता हूँ तुम दोनों को।
वो: नहीं हमारे साथ नौकर भी है। और हमारी सास भी रहती है। कल ही मिलेंगे।
मैं: अरे तो फ़ोन पर बात तो कर सकते हैं। जुली और तुम्हारे साथ।
वो: नहीं मेरी सास कभी भी आ जाती है। वो ८२ साल की है पर बहुत तेज़ है। फिर आपकी वाइफ़ भी तो होगी वहाँ ना?
मैं: अरे मैं छत पर जाकर बात कर सकता हूँ।
वो: नहीं हम बात नहीं कर पाएँगे। मैं उसको लेकर कल आ तो रही हूँ।
मैं : चलो अब क्या हो सकता है, कल का इंतज़ार करते हैं। बाई । और फ़ोन काट दिया।
अब वो दोनों अंदर आयीं। जुली ने मुझे नमस्ते की और सारिका को मैंने अपने से लिपटा लिया। सारिका मुझे बता चुकी थी कि जूली हमारे रिश्ते के बारे में जानती है। अब मैं सोफ़े पर बैठा और वो भी सामने वाले सोफ़े पर बैठ गयीं।
ससुर ढरकी बहु घर की – Incest Hindi Sex Kahani
सारिका: तो ये जुली है मेरी बहू। और आपके बारे में मैं इसे बता ही चुकी हूँ। जूली अपना सिर झुकाए बैठी थी। उसके गाल शर्म से लाल हो रहे लगे।
मैं: अरे बेटी, इतना क्यों शर्मा रही हो। तुम तो पाँच साल से शादीशुदा हो इन सब बातों को समझती हो। है कि नहीं? कोई कुँवारी बच्ची तो हो नहीं? सही कहा ना मैंने?
उसने हाँ में सिर हिलाकर मेरी बात से सहमती व्यक्त की। अब वो सहज होने लगी थी। मैंने सारिका को देखा और कहा: आज तो इस रूप में तुम भी ग़ज़ब ढा रही हो।
सारिका: अरे ये सब इस लड़की का किया धरा है। मुझे अपने जैसे कपड़े पहना कर लाई है। भला अब मेरी उम्र क्या इस तरह के कपड़े पहनने की है? सब तरफ़ माँस बाहर आ रहा है। वो अपने पेट को देखकर बोली।
Very very sweet