Puja ki Kunwari Chut or Mast Mumme – Antarwasana Sex Kahani
पूजा की कंवारी चूत और मस्त मुम्मे – Antarwasana Sex Kahani
दोस्तों मेरा नाम रवि है/ मेरी उम्र 23 वर्ष कद 5.7 है/ मैं आपको प्रीति के साथ अपने सेक्स अनुभव को अपनी पिछली कहानी में बता चुका हूं/ अब मैं अपने जिन्दगी के एक और सेक्स अनुभव को आपको बताने जा रहा हूँ/
तब मेरी उम्र 18 वर्ष थी मेरे अन्दर सेक्स का कीड़ा भड़क रहा था/ मेरी छुटि्टयाँ चल रही थी/ हमारे घर के सामने वाले घर में एक लड़की रहती है/ उसका नाम पूजा है/ हम दोनों बचपन से ही बहुत अच्छे दोस्त हैं/ इस बार मैं घर दो सालों के बाद आया था/ मतलब की हम दोनों पूरे दो सालों के बाद मिले थे/ और अब वह पहले वाली पूजा नहीं थी अब वह बला की खूबसूरत हो गई थी/
उसके अट्ठारह वर्ष के भरपूर जिस्म ने मेरे अन्दर की आग को और भड़का दिया था/ उसके स्तन काफी बड़े थे/ वो उसकी टाईट टी-शर्ट में बिल्कुल गोल दिखते थे जिन्हें देखकर उन्हें हाथ में पकड़ने को जी चाहता था/ वह अकसर शार्ट-ड्रेस पहना करती थी/ बचपन में मैंने बहुत बार खेलते हुए पूजा के स्तनों को देखा था जो कि शुरू से ही आम लड़कियों के स्तनों से बड़े थे
और कभी कभी छू भी लेता था लेकिन मेरा मन हमेशा उनको अच्छी तरह दबाने को करता रहता था/ लेकिन मुझे डर लगता था कि कहीं वो अपने घर वालों न बता दे क्योंकि मेरी उसके बड़े भाई के साथ बिल्कुल भी नहीं बनती थी/ वो पूजा को भी मेरे साथ न बोलने के लिये कहता रहता था लेकिन पूजा हमेशा मेरी तरफ ही होती थी/
लेकिन अब पूजा बड़ी हो चुकी थी और जवानी उसके शरीर से भरपूर दिखने लगी थी/ मैं उसको चोदने के लिये और भी बेकरार हो रहा था/ लेकिन अब वह पहले की तरह मेरे साथ पेश नहीं आती थी/ ऐसा मुझे इस लिये लगा क्योंकि वो मेरे ज्यादा पास नहीं आती थी/ दूर से ही मुस्करा देती थी/
पूजा की कंवारी चूत और मस्त मुम्मे – Antarwasana Sex Kahani
लेकिन एक दिन मेरी किस्मत का सितारा चमका और मैंने पहली बार ऐसा दृश्य देखा था/
उस दिन मैं तकरीबन 11 बजे सुबह अपनी छत पर धूप में बैठने के लिये गया क्योंकि उन दिनों सर्दियां थी/ मैं अपनी सबसे ऊपर वाली छत पर जा कर कुरसी पर बैठ गया/ वहाँ से सामने पूजा के घर की छत बिलकुल साफ दिख रही थी/ मैं सोच रहा था कि पूजा तो स्कूल गई होगी/ लेकिन तभी मैंने नीचे पूजा की आवाज सुनी/ मैंने नीचे देखा- पूजा के मम्मी पापा कहीं बाहर जा रहे थे/ थोड़ देर बाद पूजा अन्दर चली गई/
मैं सोच रहा था कि आज अच्छा मौका है और मैं नीचे जाकर पूजा को फोन करने के बारे में सोच ही रहा था कि मैंने देखा पूजा अपनी छत पर आ गई थी/ मैं उसको छुप कर देखने लगा क्योंकि मैं पूजा को नहीं दिख रहा था/
उस दिन पूजा ने शर्ट और पज़ामा पहन रखे थे और ऊपर से जैकिट पहन रखी थी/ वह अभी नहाई नहीं थी/ तभी उसने धूप तेज होने के वजह से जैकिट उतार दी और कुरसी पर बैठ गई/ उसने अपनी टांगें सामने पड़े बैड पर रख ली और पीछे को हो कर आराम से बैठ गई जिसकी वजह से उस के बड़े बड़े वक्ष बाहर की तरफ उभर आए थे/
मेरा दिल उनको चूसने को कर रहा था और मैं बड़े गौर से उसके शरीर को देख रहा था/ तभी अचानक पूजा अपने स्तनों की तरफ देखने लगी और उन्हें अपने हाथ से ठीक करने लगी/ उसके चारों तरफ ऊंची दीवार थी इसलिये उसने सोचा भी नहीं होगा कि उसको कोई देख रहा है/ उसी वक्त उसने अपनी शर्ट के ऊपर वाले दो बटन खोल दिये/ मेरे को अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था कि मैं यह सब देख रहा हूं/
मैंने अपने आप को थोड़ा संभाला/ लेकिन तब मैं अपने लण्ड को खड़ा होने से नहीं रोक पाया जब मैंने देखा कि उसने नीचे ब्रा नहीं डाला हुआ था और आधे से ज्यादा बूब्स शर्ट के बाहर थे/ मैंने अपने लण्ड को बाहर निकाला और पूजा के नाम की मुठ मारने लगा/
पूजा की कंवारी चूत और मस्त मुम्मे – Antarwasana Sex Kahani
जब मैंने फिर देखा तो पूजा का एक हाथ शर्ट के अन्दर था और अपने एक मुम्मे को दबा रही थी और आंखे बन्द कर के मज़े ले रही थी/ तभी उस ने एक मुम्मे को बिल्कुल शर्ट के बाहर निकाल लिया जो कि बिलकुल बड़े बड़े, गोल- गोल और बहुत ही गोरे रंग का था/ उसका चूचुक बहुत ही बड़ा था जो कि उस समय तना हुआ था और हलके भूरे रंग का था/ मैं यह सब देख कर बहुत ही उतेजित हो रहा था और अपनी मुठ मार रहा था/
तभी उसने अपनी शर्ट का एक बटन और खोल दिया और अपने दोनों स्तन बाहर निकाल लिए/
फिर वो अपने दोनों हाथों की उंगलियों से चूचुकों को पकड़ कर अच्छी तरह मसलने लगी/ काफी देर तक वो अपने वक्ष को अच्छी तरह दबाती रही/ थोड़ी देर बाद वह कुर्सी से उठी और बैड पर लेट गई/ एक हाथ से उसने अपने स्तन दबाने शुरू कर दिए और दूसरा हाथ उसने अपने पजामे में डाल लिया और अपनी चूत को रगड़ने लगी/
अब उसको और भी मस्ती चढ़ने लगी थी और वह अपनी गांड को भी ऊपर नीचे करने लगी थी/ मैं अभी सोच ही रहा था कि खड़ा हो कर उसको दिखा दूं कि मैं उसको देख रहा हूं तभी मेरा हाथ में ही छुट गया और मैं अपने लण्ड को कपड़े से साफ करने लगा/ जब मैंने फिर देखा तब तक पूजा खड़ी हो गई थी लेकिन उसके स्तन अभी भी बाहर ही थे
और वो वैसे ही नीचे चली गई/ लेकिन फिर भी मैं बहुत खुश था लेकिन फिर मेरे को लगा कि मैंने पूजा को चोदने का मौका गंवा दिया/ मुझे खड़ा हो जाना चाहिए था, ऐसा करना था वैसा करना था/
पूजा की कंवारी चूत और मस्त मुम्मे – Antarwasana Sex Kahani
तभी मेरे दिमाग में एक विचार आया और मैं जल्दी से नीचे गया और पूजा के घर फोन किया/ पहले तो वह मेरी आवाज सुन कर थोड़ी हैरान हुई क्योंकि फोन पर हमारी ऐसे कभी बात नहीं हुई थी लेकिन वह बहुत खुश थी/ मैं उससे सेक्स के बारे में कोई भी बात नहीं कर सका, इधर उधर की बातें करता रहा/ उस दिन हमने 2 घण्टे बातें की और फिर उसका भाई आ गया था/
शाम को उसने मुझे फिर फोन किया और हमने 1 घण्टा बातें की और फिर रोजाना हमारी फोन पर बातें होने लगी/ घर पर भी अकसर आमने सामने हमारी बातें हो जाती थी/ छत पर भी हम एक दूसरे को काफी काफी देर देखते रहते थे/ लेकिन मुझे उसके भाई से बहुत डर लगता था, इसलिए जब वह घर पर होता था मैं पूजा से दूर ही रहता था/
एक बार उसके भाई की वजह से हमारी पूरे दो दिन बात नहीं हुई और हम दोनों बहुत परेशान थे/ हम छत पर भी नहीं मिल पाए/ विशाल ने उसको हमारे घर भी नहीं आने दिया/ मैं पूरा दिन बहुत परेशान रहा क्योंकि पूजा मुझे सिर्फ एक बार दिखी थी और हमारी बात भी नहीं हुई थी/ रात के 9 बज चुके थे/ मैं बैठा पूजा के बारे में सोच रहा था/ तभी बाहर की घण्टी बजी/
जब मैंने गेट खोला तो देखा बाहर पूजा खड़ी थी/
उसने मुझसे सिर्फ यह कहा,”आज रात साढ़े बारह मैं फोन करूंगी ! रवि , मेरा मन नहीं लग रहा है !” और वापस चली गई/
मैं एक दम से हैरान रह गया/ मुझे विश्वास नहीं हो रहा था/ लेकिन मैं बहुत खुश था / पहली बार किसी से रात को बात करनी थी/ गेट बन्द करके अन्दर गया और मम्मी से कहा पता नहीं कौन था? घण्टी बजा कर भाग गया/
पूजा की कंवारी चूत और मस्त मुम्मे – Antarwasana Sex Kahani
11 बजे सभी सो गए, लेकिन मुझे नींद कैसे आ सकती थी/ मैंने दूसरे फोन की तार निकाल दी थी और अपने कमरे वाले फोन की रिंग बिल्कुल धीमी कर दी थी, कमरे का दरवाजा भी बन्द कर लिया था/ तकरीबन 12.35 पर फोन आया/ पूजा बहुत ही धीमे स्वर में बोल रही थी/ उसने बताया,”विशाल ने हम दोनों को बात करते हुए देख लिया था/ इसलिए उसने मुझे तुमसे मिलने और फोन पर बात करने से मना किया है, वह कहता है कि तुम अच्छे लड़के नहीं हो ! लेकिन मुझे तुम बहुत अच्छे लगते हो/
तुमसे बात करके बहुत अच्छा लगता है/ मैं तुम से बात किए बगैर नहीं रह सकती/ इसलिए रवि हम रात को बात किया करेंगे और इस समय हमें कोई डिसटर्ब भी नहीं करेगा ! खास कर विशाल !”
ऐसे ही हमारी बहुत देर बातें होती रहीं और अब पूजा पूरी तरह मेरे जाल में फँस चुकी थी/
मैंने पूछा- तुम कमरे में अकेली ही हो न ? इतनी धीमे क्यों बोल रही हो?
उसने कहा- मेरे कमरे का दरवाजा खुला है और मम्मी पापा साथ वाले कमरे में हैं/
तो मैंने उसको दरवाजा बन्द करने को कहा/
उसने पूछा- क्यों ?
मैंने कहा- उसके बाद मैं तुम्हारे पास आ जाऊंगा, बैड के ऊपर बिलकुल तुम्हारे साथ/
पूजा की कंवारी चूत और मस्त मुम्मे – Antarwasana Sex Kahani
तो वह कहने लगी- नहीं ! मुझे तुमसे डर लगता है/ तुम मेरे साथ कुछ कर दोगे/
तब मैंने उससे कहा- मैं कभी तुम्हारे साथ जबरदस्ती नहीं करूंगा/ जो तुम्हें अच्छा लगेगा हम वही करेंगे/
मैंने कहा- लेकिन पूजा मैं तुम से लड़कियों के बारे में एक बात पूछना चाहता हूं/ बताओगी?
उसने कहा “पूछो क्या पूछना चाहते हो/ ”
मैंने हिचकचाते हुए कहा मैं मासिक धर्म के बारे में सब कुछ जानना चाहता हूं/
पहले पूजा चुप कर गई लेकिन थोड़ी देर बाद उसने मुझे सब कुछ बताया और उसके बाद हमारी सेक्स के बारे में बातें शुरू हो गई/
मैंने उसको कहा कि मैंने उसके बूब्स देखे हैं/ तो उसने कहा आप झूठ बोल रहे हो/
तब मैंने छत वाली बात बता दी कि मैं सब कुछ देख रहा था/ वह थोड़ा शरमा गई और कहने लगी कि आप बहुत खराब हो/
उसने कहा कि ऐसा करने से उसको मजा आता है/
मैंने पूजा को अपना हाथ पकड़ाने के लिए कहा/
उसने कहा- फ़ोन पर कैसे ?
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मैंने कहा- बस समझ लो कि हम जैसे बोल रहे हैं, वैसे ही कर भी रहे हैं/
उसने कहा,”ठीक है ! पकड़ लो लेकिन आराम से पकड़ना !”
थोड़ी देर चुप रहने के बाद उसने कहा “तुम्हारे हाथ पकड़ने से रवि मेरे को कुछ हो रहा है, प्लीज अभी मेरा हाथ छोड़ दो !”
थोड़ी देर बाद उसने कहा कि जब मैंने पहले उसका हाथ पकड़ा था तब उसकी टांगो के बीच में कुछ हो रहा था उसको बहुत मजा आ रहा था और उसकी चूत में से बहुत पानी निकल रहा था जिस की बजह से वह घबरा गई थी और इसीलिए उसने मुझे हाथ छोड़ने को कहा था/
तब उसने फिर से हाथ पकड़ने को कहा/
मैंने कहा- ठीक है पकड़ा दो/
थोड़ी देर बाद उसने कहा कि उसकी पैंटी चूत के पानी से बिलकुल गीली हो गई है और उसके चूचुक भी बिलकुल तन गए हैं/ तब मैंने उसको अपने कपड़े उतारने को कहा/ उसने उठ कर दरवाजा बन्द कर लिया और सारे कपड़े उतार दिए/ फिर उसने बूब्स दबाने शुरू कर दिए और सेक्सी सेक्सी आवाजें निकालने लगी/ मेरा लण्ड भी बिल्कुल खड़ा हो चुका था/
पूजा अपनी उंगली से चूत के ऊपर अपनी शिश्निका को दबाने लगी और फिर उसने उंगली चूत के अन्दर डाल ली/
उसके मुंह से आवाजें आ रही थी- आहहहहहहहहहहहहहहह आह आहहहह वह कह रही थी ” रवि प्लीज चोदो मेरे को/ अपना लण्ड मेरी चूत में डालो/ मेरे मुम्मों को चूसो/ जोर जोर से चोदो मेरे को/ ”
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उस रात हमने सुबह 5 बजे तक बात की/ उसको बाद हम अकसर रात को बातें करते थे/ लेकिन मैं उस दिन के इंतजार में था जिस दिन मैं
उसको असली में चोदूं/ आखिर वह दिन आ ही गया जब मेरा सपना सच हो गया/
पूजा के एक रिश्तेदार अचानक बीमार हो गये उसके मम्मी और पापा को उन्हें देखने के लिये जाना पड़ा/ किसी भी हालत में उनके तीन दिन तक लौटने की कोई उम्मीद नहीं थी/ विशाल दिन भर दुकान पर था/ पूजा घर में अकेली थी/ लेकिन मम्मी की वजह से मैं उससे बात नहीं कर पा रहा था/ मैं अपने कमरे में चला गया/
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मैंने एक सेक्स मैगजीन निकाला और देखने लगा/ उसमें कुछ नग्न तस्वीरें थी/ मैं उन्हें देख रहा था तभी अचानक पीछे से पूजा आ गई/ उसने पूछा- क्या देख रहे हो? और वह मेरे बेड पर बैठ गई/
मैंने पूछा- मम्मी से क्या कहा है?
उसने कहा- आन्टी ने मुझे यहां आते हुए नहीं देखा/
तभी मैं उठा और मम्मी से कहा- मैं सोने लगा हूं !
पूजा की कंवारी चूत और मस्त मुम्मे – Antarwasana Sex Kahani
मैंने दरवाजा अन्दर से बन्द कर लिया/ फिर मैंने उसके सामने वह किताब रख दी वह उसे देखने लगी/ फिर हम दोनों सेक्स के बारे में बातें करने लगे/ मैं उठकर उसके पीछे खड़ा हो गया/ मैंने उसके कन्धे पर अपना हाथ रखा और झुककर उसके कन्धों को चूम लिया/ उसने कुछ भी प्रतिरोध नहीं किया यह मेरे लिये बहुत था/
मैं उसके सामने बैठ गया और उसके होठों को चूम लिया/ मेरा हाथ तेजी से उसकी कमर में पहुँच गया और कसकर पकड़ कर उसे अपनी ओर खींच लिया/ मेरे हाथ उसके वक्ष पर पहुँच गए और ऊपर से ही दबाने लगा/
उसके मुँह से प्रतिरोध के शब्द निकले- ओहहहहहहहहहहह नहीं ! बस करो रवि /
लेकिन उसके हाथो ने उतना एतराज नहीं जताया/ उसने एक ढीली ढाली टी-शर्ट और साइकलिंग-शॉर्ट पहन रखा था/ मेरा हाथ उसकी टी-शर्ट के अन्दर उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बड़े बड़े मुम्मों को दबाने लगा/ मेरी जीभ उसके मुँह में घूम रही थी/ अब उसकी तरफ से भी सहयोग मिलने लगा था/ मैंने उसकी टी-शर्ट निकाल दी/ उसने पहले ना नुकुर की लेकिन मेरे हाथ का जादू उसके दिलो दिमाग पर छा रहा था/ उसका प्रतिरोध नाममात्र का था/ मैं उसके स्तनों को उसकी ब्रा के ऊपर से ही मुँह में लेने लगा/
मेरा दूसरा हाथ उसकी जांघों के बीच के भाग को उसके कपडों के ऊपर से ही सहलाने लगा/ मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया/ उसका भरपूर यौवन मेरे सामने था, जिनको मैंने बिना एक पल की देरी किये अपने मुँह में ले लिया/ वह अपने वश में नहीं थी उसने मुझे कसकर पकड़ लिया/
पूजा की कंवारी चूत और मस्त मुम्मे – Antarwasana Sex Kahani
मैंने उसके बाकी बचे कपड़ों को उतार फेंका और उसे बेड पर लिटाया/ मैंने अभी तक अपने कपड़े नहीं उतारे थे, मैंने अपने कपड़े उतार दिये/ मैं अब सिर्फ अन्डरवियर में था और उसके ऊपर वापस झुक गया, उसके निप्पल को मुँह में ले कर चूसने लगा/ मेरे हाथ उसकी जांघों के बीच की गहराइयों तक पहुँच गये और उसके जननांग को सहलाने लगे/
उसने अपना हाथ मेरी अन्डरवियर में डालकर मेरे मोटे लंड को बाहर निकाल लिया/ मेरा लंड उसके हाथ में पूरा नही आ रहा था / मेरा मोटा और लंबा लंड आधा उसके हाथ में था और आधा हाथ के बाहर था
मैं नीचे गया और अपने होंठ उसकी चूत पर रख दिये/ उसके मुँह से एक सीत्कार निकल पड़ी/ उसने मुझे अपने पैरो में फँसा लिया/ मेरी जीभ उसकी चूत के अन्दर बाहर हो रही थी/ उसने पानी छोड़ दिया, मेरी जीभ को नमकीन स्वाद आने लगा/ उसने मेरे लण्ड को अपनी चूत में डालने के लिये मुझे ऊपर की ओर खींच लिया और बोलने लगी- प्लीज अपने इस मोटे लंड को मेरी चूत में अन्दर डालो, अब बरदाश्त नहीं होता / मेरी चूत बहुत प्यासी है /
मैंने एक पल की भी देरी नहीं की/ और उसकी गांद के नीचे एक गद्दा रख दिया जिससे उसकी चूत उभर कर उपर की तरफ हो गयी उसकी टांगों को फैलाया और और उसकी चूत की फांको को फैला कर अपने लण्ड के सूपाडे को उसके चूत के ऊपर रखा, एक धीमा सा धक्का दिया, वह पहले झटके को आसानी से सहन नहीं कर पाई और दर्द से कराह उठी और चिल्लाने लगी- ज़ल्दी निकालो मैं मर जाऊँगी/
मैंने उसको कस कर पकड़ा और उसके निप्पल को मुँह में लेकर अपनी जीभ से चाटने और दांतों से काटने लगा/ थोड़ी देर में ही वह अपनी कमर को आगे पीछे हिलाने लगी/ मेरा लण्ड जो कि अभी तक चूत के अन्दर ही था और बड़ा होने लगा था/ मेरे लिये अब यह पल बरदाश्त के बाहर था/
पूजा की कंवारी चूत और मस्त मुम्मे – Antarwasana Sex Kahani
मैंने भी आगे पीछे जोरों जोरों से धक्के लगाने लगा/ मेरी स्पीड लगातार बढ़ती रही, कमरे में फ़चक फ़चक की आवाज़े आ रही थी .. और उसकी सिसकियों की आवाज़ें तेज हो रही थी उधर उसके मुँह से उत्तेजित स्वर और तेज होते रहे और थोड़ी देर में हम दोनों अपनी चरम सीमा पर पहुँच गये/ फिर वासना का एक जबरदस्त ज्वार आया और हम दोनों एक साथ बह गये/ मैने उसकी चूत में अपने भारी लंड का वीर्या भर दिया /
मैं उसके ऊपर ही लेटा रह गया/ उसने मुझे कसकर पकड़ रखा था/ थोड़ी देर में मैं मुक्त था/ पूजा छुप कर अपने घर चली गई/ बाद दोपहर जब विशाल खाना खा कर वापस दुकान पर चला गया तो मैं मम्मी से यह कह कर कि मैं अपने दोस्त के घर जा रहा हूं, पूजा के घर चला गया/ फिर हमने शाम तक एक दूसरे के साथ सेक्स किया, इक्कठे नहाए और पूजा ने मेरे लण्ड को अपने मुंह में डाल कर खूब चूसा, उसको लण्ड को चूसने में बहुत ही मजा आ रहा था/ पूजा लंड को पूरा मूँह में भर कर चूस्टी थी / शाम को जब मैं जाने लगा तो उसने कहा कि आज रात को वह मेरे साथ सोना चाहती है/
मैंने कहा- यह कैसे हो सकता है/
उसने कहा कि आज रात को वह नीचे अकेली होगी और उसने कहा कि 11 बजे बाहर आ जाना वह गेट खोल देगी/
रात को मैं 11 बजे मैं छोटे गेट से उसको बाहर से ताला लगाकर पूजा के घर के बाहर गया तब उसने गेट खोल दिया और मैं अन्दर चला गया/ पूजा गेट बन्द करके अन्दर आ गई/
मैंने पूछा- विशाल सो गया क्या ?
उसने कहा कि विशाल तो एक घंटे से सोया हुआ है/
पूजा की कंवारी चूत और मस्त मुम्मे – Antarwasana Sex Kahani
तब मैंने पूछा कि वह क्या कर रही थी/ उसने कहा,” आपसे अच्छी तरह चुदने की तैयारी कर रही थी/ ”
वह मेरे को अपने मम्मी पापा के बैडरूम में ले गई और आप बाथरूम में चली गई/ थोड़ी देर बाद जब वह बाहर आई उसने छोटी सी नाईटी जो कि बिलकुल पारदरशी थी पहनी हुई थी/ उसने नीचे कुछ भी नहीं पहना हुआ था/ उसके बड़े बड़े मुम्मे और चूत दिख रहे थे/ उसने कहा- यह नाईटी मम्मी की है और आज वह मम्मी की तरह ही चुदना चाहती है/
मैंने पूछा- मम्मी की तरह का क्या मतलब है?
उसने कहा कि एक रात वह बाथरूम जाने के लिए उठी तो उसने देखा कि मम्मी पापा के कमरे की लाईट जल रही थी/ उसने खिड़की में से देखा तो मम्मी ने यह ही पहनी हुई थी/ उसके बाद उसने 2 घण्टे मम्मी को पापा से चुदते देखा / पापा ने मम्मी को अपने लंबे और मोटे लंड से बुरी तरह से चोदा था /
थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि पूजा ने सारे बाल साफ कर हुए थे/ उसके बाद हम फिर से एक दूसरे के लिए बिल्कुल तैयार थे/ उस रात सुबह 5 बजे तक बिल्कुल नंगे एक दूसरे की बाहों में रहे और इस बीच मैंने उसको तीन बार चोदा/ उसने मेरे लण्ड को बहुत चूसा/
अगले दो दिन भी हम ऐसे ही एक दूसरे की बाहों में मजे करते रहे/ अब हमें जब भी मौका मिलता है हम इसका आनन्द उठाते हैं/