Chudne ko Betaab Bhabhi – Hindi Sex Kahani
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मेरी यह पहली कहानी है। यह कहानी 4 साल पुरानी.. सर्दियों के दिनों की है जब मैं दिल्ली के जमरूदपुर इलाके में किराए के मकान में अपने दोस्त के साथ रहता था।
वह पूरा चार-मंजिला मकान किराएदारों के लिए ही बना हुआ था.. इसलिए मकान-मालकिन वहाँ नहीं रहती थी।
दूसरे फ्लोर पर जीने के साथ ही मेरा पहला कमरा था। सभी के लिए टायलेट, बाथरूम व पानी भरने के लिए एक ही जगह बनी थी.. जो ठीक जीने के साथ मेरे कमरे के सामने थी।
एक फ्लोर में 5 कमरे थे व चारों फ्लोर किराएदारों से भरे हुए थे.. जिनमें अधिकतर फैमेली वाले ही रहते थे।
कहानी यहीं से शुरू होती है। मेरे कोने वाले कमरे में एक उड़ीसा की भाभी.. कल्पना अपने 2 छोटे-छोटे बच्चों के साथ रहती थी। जिसकी उम्र 22 साल व लम्बाई 5’6″ फिट थी वो देखने में काफी सुन्दर और मनमोहनी थी दो बच्चे होने पर भी उसका फिगर मस्त था।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
उसका पति शादी व पार्टियों में खाना बनाने का ठेका लेता था.. इसलिए वह अक्सर दो-तीन दिन तक घर से बाहर ही रहता था। वह सारा दिन मेरे कमरे के सामने जीने में बैठकर बाकी औरतों से बातें करती रहती थी।
वो उन औरतों से बातें करते समय.. मुझे चोर नजरों से देखती रहती थी।
मैं और मेरे दोस्त की शिफ्ट में ड्यूटी होने के कारण हम जल्दी ही कमरे में आ जाते थे.. या कभी देर में जाते थे.. वो मुझसे कुछ ही दिनों में जल्दी ही खूब घुलमिल गई थी।
कुछ दिन बातें करते हुए एक दिन उन्होंने मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई गर्ल-फ्रेण्ड है?
मैंने मना कर दिया साथ ही मैंने बात भी बदल दी.. पर दूसरे दिन उन्होंने फिर वही सवाल पूछा तो मैंने कहा- आप हो तो.. गर्ल-फ्रेण्ड की क्या जरूरत..
वो शरमा गई।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैंने अपना नम्बर उन्हें यह कहकर दे दिया कि कभी बाजार से कोई सामान मंगवाना हो तो मुझे बता देना.. मैं ले आऊँगा।
धीरे-धीरे हमारी फोन पर बातें होने लगीं। एक दिन कपड़े धोते समय उन्होंने शरारत करते हुए मेरे ऊपर पानी डाला और भागने लगीं। मैंने तुरन्त उनका हाथ पकड़ा और उन्हें भी भिगो दिया।
वो जल्दी से हाथ छुड़ाकर बोली- बेशरम..
और अपने कमरे में भाग गई और वहाँ से मुस्कुराने लगी।
अगले दिन वो मुझे फिर छेड़ने लगी।
मैंने कहा- भाभी मुझे बार-बार मत छेड़ा करो.. नहीं तो मैं भी छेड़ूँगा।
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भाभी- तो छेड़ो ना.. किसने मना किया है।
यह कहते हुए वो मुस्कुराने लगी।
मैंने इधर-उधर देखा.. सभी दिन में आराम कर रहे थे.. बाहर कोई नहीं था। मेरा दोस्त भी ड्यूटी गया था। मौका अच्छा था.. मैंने उनको लपक कर पकड़ लिया और उनका एक मम्मा सूट के ऊपर से ही दबा दिया।
उनके मुँह से एक ‘आह’ निकली। मैंने फिर दूसरे मम्मे को भी जोर से मसल दिया।
भाभी बोली- क्या करते हो.. कोई देख लेगा।
मैं समझ गया कि भाभी का मन तो है.. पर डर रही हैं। मैं उन्हें खींचते हुए सामने बाथरूम में ले गया। दरवाजा बंद करके उन्हें बाहों में भर लिया और बोला- मेरी गर्ल फ्रेण्ड बनोगी भाभी..
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भाभी ने मादकता भरे स्वर में कहा- मैंने कब मना किया।
इतना सुनते ही मैंने उनके गालों व होंठों पर चुम्बनों की झड़ी लगा दी।
भाभी- हटो.. यह क्या कर रहे हो।
मैंने कहा- गर्लफ्रेण्ड को चुम्मी कर रहा हूँ।
भाभी इठलाते हुए बोली- कोई ऐसा करता है.. भला।
मैं कहाँ मानने वाला था। चुम्बन के साथ साथ उनके दोनों मम्मों को लगातार दबाने लगा।
वो गरम होने लगी.. पर बार-बार ‘ना.. ना.. मत करो..’ कह रही थी।
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मैंने अपना एक हाथ उनकी सलवार के ऊपर से ही उनकी चूत के ऊपर फिराना शुरू कर दिया। तो वह और गरम हो गई व अजीब सी आवाजें निकालने लगी।
फिर वह मेरा साथ देने लगी व मुझे भी चुम्बन करने लगी। मैंने उनके पजामे का नाड़ा खोल दिया और हाथ अन्दर ले गया तथा पैन्टी के अन्दर हाथ डालकर उनकी चूत सहलाने लगा।
उनकी चूत बहुत ज्यादा गरम हो रही थी। मैंने चूत में उंगली करनी शुरू कर दी। उन्हें मजा आने लगा। वो जोर-जोर से आवाजें निकालने लगी।
मैंने तुरन्त अपने होंठ उनके होंठों से लगा लिए और उनका हाथ पकड़ कर अपने पैन्ट के ऊपर से ही लण्ड पर रख दिया.. जो कि अब तक रॉड जैसा सख्त हो गया था।
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वो भी मतवाली होकर मेरी चैन खोलकर मेरा लण्ड सहलाने लगी। थोड़ी ही देर में उनकी चूत में से पानी रिसने लगा।
मैं जोर-जोर से अंगुली करने लगा। अब हम दोनों ही बहुत ज्यादा गरम हो गए थे.. पर डर भी रहे थे कि कोई आ ना जाए। थोड़ी ही देर में भाभी की चूत से पानी चूने लगा।
वो झड़ने के बाद निढाल सी होते हुए बोली- प्लीज राज अब मत करो मैं पागल हो जाऊँगी।
मैं उसके चूतरस से भीगी ऊँगली को चूसता हुआ बोला- भाभी मजा आया।
वो बोली- बहुत ज्यादा।
मैं बोला- और मजे लोगी।
वो बोली- यहाँ नहीं.. इधर हम पकड़े जाएगें बाकी बाद में.. आज रात को करेंगे।
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मैं- भाभी मैं कब से तड़प रहा हूँ.. अभी इसे शान्त तो करो।
भाभी मुस्कुरा कर बोली- इसे तो मैं अभी शान्त कर देती हूँ.. बाकि बाद में.. सब्र करो.. सब्र का फल मीठा होता है।
वो झुक गई और मेरे लिंग को अपने मुँह में ले लिया और मॅुह को आगे-पीछे करने लगी। मैंने फिल्में में ऐसा तो दोस्तों के साथ बहुत देखा था.. पर मैं पहली बार ये सब कर रहा था। बड़ा मजा आ रहा था.. पर डर भी रहा था। थोड़ी ही देर में मैंने अपना सारा लावा उनके मुँह में भर दिया।
जिसे वो पी गई और बोली- तुम्हारा माल तो बहुत ज्यादा निकलता है और बहुत गाढ़ा और टेस्टी भी है। आज के बाद इसे बरबाद मत कर देना।
उन्होंने चाट कर पूरा लिंग साफ कर दिया।
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फिर हमने फटाफट कपड़े ठीक किए व जाने से पहले एक-एक चुम्मी ली और एक-एक करके बाथरूम से बाहर आ गए।
हम दोनों ने रात में मिलने का वादा किया था।
कुछ देर बाद मैंने भाभी को फोन किया और पूछा- भाभी कैसा लगा मजा आया।
भाभी बोली- मेरे पति घर से तीन-तीन दिन तक गायब रहते हैं और तुमने मेरी प्यास और बढ़ा दी है। अब इस प्यास को कब बुझाओगे।
मैंने कहा- अभी आ जाऊँ।
भाभी- अभी मरवाओगे क्या.. अभी नहीं, मैं रात को कॉल करूंगी।
मैं रात का इन्तजार करने लगा। मैंने अपना फोन साईलेन्ट मोड में डाल दिया ताकि दोस्त को पता ना चले। रात को दोस्त भी आ गया, हमने साथ खाना खाया.. पर भाभी का फोन नहीं आया।
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मैं परेशान हो गया और टीवी देखने लगा.. दोस्त बोला- यार कल मुझे सुबह 6 बजे ड्यूटी जाना है.. तुझे कब जाना है?
मैंने कहा- कल मैं दोपहर में जाऊँगा इसलिए अभी एक फिल्म देखूँगा।
दोस्त ने कहा- आवाज कम करके देख और मुझे सोने दे.. मैंने कम आवाज की और फोन का इन्तजार करते हुए फिल्म देखने लगा। जब 11:50 तक भी फोन नहीं आया.. तो मैं भी सोने की तैयारी करने लगा।
रात को 12:30 बजे.. जब सभी गहरी नींद में सो गए और मुझे भी नींद आने ही लगी थी.. कि तभी मेरे फोन पर भाभी का मैसेज आया कि छत पर मिलो।
सर्दी के दिन थे.. रात में छत पर कोई नहीं जाता था। मैंने तेज खांसकर चैक किया कि दोस्त सोया है कि नहीं, वह गहरी नींद में था।
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मैं चुपचाप उठा.. बाहर देखा कोई नहीं था। सभी अपने-अपने दरवाजे बंद करके कबके सो चुके थे। जब मैं छत पर पहॅुचा.. भाभी वहाँ पहले से ही खड़ी थी।
भाभी- बच्चे अभी सोये हैं, मैं उन्हें ज्यादा देर अकेला नहीं छोड़ सकती, प्लीज राज, जो भी करना है.. जल्दी करो।
मैं- पर भाभी, यहाँ पर कैसे?
भाभी- ये देखो.. मैंने आज दोपहर में ही एक गद्दा छत पर सूखने डाला था। जिसे मैं नीचे नहीं ले गई.. यहीं पर है।
मैं- भाभी आप तो बहुत तेज हो..
भाभी चुदासी सी बोल पड़ीं- जब नीचे आग लगी होती है तो तेज तो होना ही पड़ता है.. अब जल्दी से वो कोने में ही गद्दा बिछाओ और जो दो टीन की चादरें रखी हैं.. उनको दीवार के सहारे लगाओ।
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मैंने फटाफट बिल्कुल कोने में जीने से दूर गद्दा बिछाया व उसे दीवार के सहारे टिन की चादरें लगाकर ऊपर से ढक दिया। छत पर पहले से ही बहुत अंधेरा था.. फिर भी कोई आ गया तो चादरों के नीचे कोई है.. ये किसी को दिखाई नहीं देगा।
मैं भाभी के दिमाग को मान गया। भाभी रात में कोई झंझट ना हो इसलिए वो साड़ी पहन कर आई थी।
मैंने भाभी को लेटने को कहा और खुद उनके बगल में लेट गया और धीरे-धीरे उनके मम्मे दबाने लगा। भाभी तो पहले से ही बहुत गरम और चुदासी थी। वो सीधे मेरे से चिपट गई और मेरा लौड़ा पकड़ते हुए बोली- प्लीज राज जो भी करना है.. जल्दी करो। मैं बहुत दिनों से तड़प रही हूँ। मेरी प्यास बुझा दो।
मैंने कहा- जरूर भाभी.. पहले थोड़ा मजे तो ले लो।
उन्होंने मुझे पूरे कपड़े नहीं उतारने दिए, कहा- फिर कभी.. मजे ले लेना.. आज जो भी करना है.. फटाफट करो। मैं अब ये आग नहीं सह सकती।
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फिर भी मैंने उनके ब्लाउज के बटन खोल दिए व ब्रा को ऊपर उठा कर उनके निप्पल चूसने लगा। दूसरे हाथ से उनका पेटीकोट को ऊपर करके पैन्टी उतार दी और उनकी चूत सहलाने लगा।
वहाँ तो पहले से ही रस का दरिया बह रहा था, उन्हीं की पैन्टी से चूत साफ की और जीभ से चूत चाटने लगा, उन्हें मजा आने लगा। फिर हम 69 अवस्था में आ गए और वो भी मेरा लण्ड चूसने लगी।
जब उन्हें मजा आने लगा तो वो तेज-तेज मुँह चलाने लगी।
मैंने मना किया- ऐसे तो मेरा माल गिर जाएगा।
तो उन्होंने मुझे अपने ऊपर से हटा लिया और किसी राण्ड की तरह टांगें चौड़ी करते हुए बोली- राज अब मत सताओ.. आ जाओ.. मेरी चूत का काम तमाम कर दो..
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मैं भी देर ना करते हुए उनकी टांगों के बीच में आ गया और अपना लण्ड उनकी चूत में लगाने लगा।
मेरा लवड़ा बार-बार चूत के छेद से फिसल रहा था। तो उन्होंने लण्ड हाथ से पकड़ कर चूत के मुहाने पर रखा और कहा- अब धक्का लगाओ।
मैंने एक जोर का धक्का लगाया तो उनके मुँह से एक चीख निकल गई। मैंने तुरंत अपने होंठ उनके होठों पर रख दिए और थोड़ी देर वैसे ही पड़ा रहा और उनकी चूचियां मसलने लगा।
थोड़ी देर बाद होंठ हटाए और पूछा- चिल्लाई क्यों?
भाभी बोली- तुम्हारे भैया ने मुझे अपने काम के चक्कर में तीन महीनों से नहीं चोदा है और तुम्हारा उनसे लम्बा और मोटा है। इसलिए दो बच्चों की माँ होने पर भी तुमने मेरी चीख निकाल दी।
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मैं- बोलो.. अब क्या करना है?
भाभी- अब धीरे-धीरे धक्के लगाओ।
थोड़ी देर में मुझे भी व भाभी को भी मजा आने लगा। मैंने स्पीड बढ़ा दी।
भाभी – आ..ह आ..ह ओ..ह ओ..ह आ…ह स. और जोर से राज आ..ह और जोर से ओ…ह.. मैं कब से तड़फ रही थी राज.. आज मेरी सारी प्यास बुझा दो राज आ…ह.. बहुत मजा आ रहा है राज.. फाड़ दो मेरी चूत.. आज ओ..ह बहुत सताया है इसने.. मुझे.. आज इसकी सारी गर्मी निकाल दो राज.. चोदो.. और जोर से आ…ह आ….ह
उनके चूतड़ों का उछल-उछल कर लण्ड को निगलना देखते ही बनता था।
मैं- मेरा भी वही हाल था भाभी.. जब से तुम्हें देखा है.. रोज तुम्हारे नाम की मुठ मारता था।
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भाभी- अब कभी मत मारना.. जब भी मन करे.. मुझे बता देना.. पर अभी और जोर से राज.. रगड़ दो मुझे.. आह्ह..
छत पर हमारी तेज-तेज आवाजें गूजने लगीं.. पर सर्दी की रात होने के कारण डर नहीं था और हम दोनों एक-दूसरे को रौंदने लगे।
मैं पूरी ताकत से धक्के लगा रहा था व भाभी नीचे से गाण्ड उठा कर मेरा पूरा साथ दे रही थी।
थोड़ी देर बाद भाभी अकड़ते हुए बोली- मेरा होने वाला है.. तुम जरा जल्दी करो।
कुछ धक्कों के बाद मैंने भी कहा- मेरा भी निकलने वाला है।
भाभी बोली- अन्दर मत गिराना। मेरे मुँह में गिराओ.. मैं तुम्हारा जवानी का रस पीना चाहती हूँ।
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मैंने फटाफट अपना हथियार निकाल कर उनके मुँह में लगा दिया। लौड़े से दो-चार धक्के उनके मुँह में मारने के बाद लण्ड ने पिचकारी छोड़ दी।
भाभी ने मेरा सारा रस निचोड़ लिया और लण्ड को चाट कर अच्छे से साफ भी कर दिया।
हम दोनों बहुत थक गए थे। थोड़ी देर सुस्ताने के बाद भाभी बोली- राज तुमने मुझे आज बहुत मजा दिया। इसके लिए मैं कब से तड़प रही थी। मेरे पति जब भी आते हैं थक-हार कर सो जाते हैं और मेरी तरफ देखते भी नहीं। मेरी 18 साल में शादी हो गई थी और जल्दी ही 2 बच्चे भी हो गए.. पर अभी तो मैं पूरी जवानी में आई हूँ। उन्हें मेरी कोई फिक्र ही नहीं है। राज तुम इसी तरह मेरा साथ देना।
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मैं- ठीक है भाभी चलो एक राउण्ड और हो जाए.. अभी मन नहीं भरा।
भाभी- अरे नहीं.. अभी और नहीं, अब तो मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ। अभी तो खेल शुरू हुआ है, सब्र रखो सब्र का फल मीठा होता है।
मैंने हंसते हुए कहा- हाँ.. वो तो मैंने चख कर देख लिया। बहुत मीठा था.. हा हा हा।
भाभी- चलो अब जल्दी नीचे चलो.. कहीं बच्चे जाग ना जाएं.. नहीं तो बहुत गड़बड़ हो जाएगी.. बाकी कल का पक्का वादा..
मैं- अच्छा चलो एक चुम्मा तो दे दो।
भाभी ने जल्दी से होठों पर एक चुम्मा दिया। मैंने तुरंत उनके मम्में दबा दिए।
भाभी ने एक प्यारी सी ‘आह’ निकाली व कल मिलने का वादा करके अपने कमरे में भाग गईं।
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फिर उनका इस फ्लैट से किसी वजह से जाना तय हो गया तो मैंने उन्हें अपने लौड़े के लिए कोई इंतजाम के लिए कहा तो भाभी ने कमरा छोड़ते वक्त मुझे बताया कि मकान मालकिन तेज है और प्यार को तड़फ रही है।
इसलिए अब मैंने अपना सारा ध्यान मकान मालकिन की तरफ लगाना शुरू कर दिया।
इस बार किराया देने मैं उसके घर गया। उसने अपने बालों में मेहंदी लगा रखी थी इसलिए बाहर बरामदे में बैठी थी।
उनके पास जाने का रास्ता कमरे के अन्दर से जाता था। मैंने आवाज दी तो बोली- यहाँ बरामदे में आ जाओ।
उसने सलवार-सूट पहना हुआ था.. उम्र कोई 45 साल की होगी.. पर 35 से ऊपर की नहीं लग रही थी, उसका गठीला बदन था और भरी-पूरी जवानी थी, उसके पति की मृत्यु हो चुकी थी व उसके साथ उसके एक लड़का व एक लड़की थे। दोनों इस समय कॉलेज गए हुए थे।
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मैं- भाभी अन्दर आ जाऊँ।
मकान मालकिन- क्यों रे.. तुझे मैं भाभी नजर आ रही हूँ।
मैं- भाभी को भाभी ना कहूँ तो क्या कहूँ।
मालकिन- मेरी उम्र का तो ख्याल कर जरा।
मैं- क्यों 30 की ही तो लग रही हो।
मैंने झूठ बोला।
मालकिन- अच्छा.. झूठ मत बोल।
मैं- नहीं भाभी.. झूठ नहीं बोल रहा हूँ। आप तो इस उमर में भी हर मामले में जवान लड़कियों को फेल कर दोगी।
वो भी हंसने लगी।
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‘बोल.. क्यों आया है..?’
मैं- भाभी किराया देना था।
मालकिन- ठीक है.. वहाँ सामने टेबल पर रख दे। मैं बाद में उठा लूँगी। अभी मैं जरा अपने बाल सुखा लूँ।
मैंने भी पैसे टेबल पर रख दिए और चलने लगा- अच्छा भाभी चलता हूँ। मैंने आपको भाभी कहा आपको बुरा तो नहीं लगा?
मालकिन- नहीं.. बुरा क्यों मानूंगी.. चल अब जा।
फिर मैं किसी ना किसी बहाने से उसके घर जाने लगा। धीरे-धीरे हमारी बोलचाल बढ़ गई और हम आपस में मजाक भी करने लगे। जिसका वो बुरा नहीं मानती थी। मेरी बातचीत में अब ‘आप’ की जगह ‘तुम’ ने स्थान ले लिया था।
एक दिन मैंने कहा- तुम चाय तो पिलाती नहीं.. कभी मेरे कमरे में आओ, मैं तुम्हें चाय पिलाऊँगा।
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मालकिन- अच्छा ठीक है.. कब आऊँ बता।
मैं- तुम्हारा अपना मकान है। जब चाहो आओ। सुबह.. दोपहर.. शाम.. रात.. आधी रात.. तुमको कौन रोकने वाला है।
यह कह कर मैं हँसने लगा।
मालकिन- चलो कल सुबह आऊँगी।
अब वो धीरे-धीरे मेरे कमरे में आने लगी व चाय पीकर जाने लगी। इस बीच हम मजाक के बीच में आपस में छेड़खानी भी करने लगे.. जिसमें उसे बहुत मजा आता था।
मुझे लगने लगा था.. अब इसकी चुदाई के दिन नजदीक आने वाले हैं और यह जल्दी ही मेरे लण्ड के नीचे होगी।
एक बार मेरा दोस्त एक हफ्ते के लिए गाँव गया था.. जिसके बारे में मैं उसे बातों-बातों में बता चुका था। एक दिन मैं शाम को अकेला था, सारे पड़ोसी पार्क में घूमने गए थे।
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वो आई और बोली- राज क्या कर रहे हो?
मैं- कुछ नहीं भाभी, अकेला बैठा बोर हो रहा हूँ, आओ चाय पी कर जाओ।
मालकिन- नहीं.. बच्चे टयूशन गए हैं अभी एक घण्टे में वापस आ जाएंगे। मैं भी चलती हूँ।
मैं- चाय बनने में घण्टा थोड़े ही लगता है.. सिर्फ 5 मिनट की बात है.. आ जाओ ना।
वो मान गई और चारपाई पर बैठ गई।
मैंने चाय बना कर दी और उनके बगल में बैठ कर चाय पीने लगा। उन्हें बगल में देख कर मेरा लण्ड खड़ा हो रहा था.. पर उन्हें चोदने का उपाय मेरे दिमाग में नहीं आ रहा था।
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फिर भी मैंने बात शुरू की.. शायद आज पट ही जाए।
मैं- भाभी एक बात पूछूँ.. बुरा तो नहीं मानोगी?
मालकिन- पूछो क्यों बुरा मानूँगी भला?
मैं- भाभी तुम दिन व दिन जवान और खूबसूरत होती जा रही हो.. इसका क्या राज है?
वो शरमाने लगी।
मालकिन- नहीं तो.. ऐसी कोई बात नहीं। ऐसा तुम्हें लगता है।
मैं- नहीं भाभी.. मैं सच बोल रहा हूँ। अब तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो। जी करता है कि..
मालकिन ने मेरी तरफ मस्ती से देखते हुए कहा- क्या जी करता है तेरा राज..?
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मैं- कि तुमको बाँहों में भरकर तेरे लबों को चूम लूँ।
मालकिन- राज तुझे ऐसी बातें करते शरम नहीं आती? तू जरूर मार खाएगा आज!
मैं- अरे भाभी.. जो मन में था.. वो बोल दिया। अगर सच कहने में मार पड़ती है तो वो भी मंजूर है.. पर मारना तुम ही..
मालकिन- साले तू बड़ा बदमाश हो गया है.. बस अब मैं चलती हूँ।
मेरा तो दिमाग खराब हो गया। अपने से तो कुछ हुआ नहीं.. इसलिए मन ही मन ऊपर वाले से दुआ माँगी कि कुछ ऐसा कर दे कि ये खुद मेरे लण्ड के नीचे आ जाए।
कहते है ना कि सच्चे मन से किसी की लेनी हो तो वो मिलती ही है।
वो जैसे ही उठने को हुई.. पता नहीं कहाँ से उनके सूट के अन्दर चींटी घुस गई। उन्होंने उसे निकालने के लिए अपना हाथ सूट के अन्दर डाला। वो पीछे को चला गया।
मालकिन- राज कोई कीड़ा मेरे सूट के अन्दर चला गया है और मेरी पीठ पर रेंग रहा है.. उसे निकाल दो प्लीज।
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मैं- भाभी उसके लिए मुझे अपना हाथ तुम्हारी पीठ पर लगाना होगा.. तुम कहीं नाराज ना हो जाओ।
मालकिन- राज मजाक नहीं करो.. उसे जल्दी निकालो.. कहीं वो मुझे काट ना ले।
मैं उनके ठीक सामने खड़ा हो गया और हाथ को उनके सूट के अन्दर डालकर उनकी पीठ पर फिराने लगा। बड़ा अजीब सा मजा आ रहा था। कितने सालों के बाद उन्हें भी मर्द का हाथ मिल रहा था। उन्हें भी अच्छा लग रहा था।
मालकिन- राज कुछ मिला।
‘नहीं भाभी.. ढूँढ रहा हूँ।’
तभी चींटी ने उनकी पीठ पर काट लिया। वो मुझसे चिपक गई।
मालकिन- उई.. राज.. उसने मुझे काट लिया.. प्लीज.. जल्दी बाहर निकालो उसे..
मैं- पर भाभी वो मिल नहीं रही है।
मैंने हाथ फेरना चालू रखा। मेरी साँसें उनकी साँसों से टकरा रही थीं।
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मालकिन- राज वो आगे की तरफ रेंग रही है.. जल्दी कुछ करो।
मैं- भाभी तब तो तुम सूट उतार कर उसे एक बार अच्छी तरह से झाड़ लो कहीं ज्यादा ना हों।
मालकिन- तुम्हारे सामने कैसे?
मैं- तो क्या हुआ.. मैं दरवाजा बंद कर लेता हूँ और मुँह फेर लेता हूँ।
मालकिन- ठीक है तुम मुँह उधर फेर लो।
मैंने दरवाजा बंद किया और मुँह फेर कर खड़ा हो गया। नीचे फर्श पर देखा तो चीनी का डब्बा खुला होने के कारण बहुत सारी चींटियाँ जमीन पर घूम रही थीं। मुझे अपने काम बनने की एक तरकीब सूझी, मैंने चार-पांच चीटियां उठाई और मुटठी में बंद कर लीं।
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मालकिन- उसमें तो कुछ भी नहीं है।
मैं- भाभी यहाँ देखो बहुत सारी चीटियाँ हैं शायद सलवार के सहारे चढ़ गई हों। आप मुँह फेर लो मैं देख लेता हूँ।
वो मुँह फेर कर खड़ी हो गई तो मैंने चैक करने के बहाने पीछे से उनके सलवार को थोड़ा सा खींचा और मुठ्ठी में दबाई हुई चीटियां उसके अन्दर डाल दीं.. जो जल्दी ही अन्दर घुस गईं।
मैं- भाभी तुम्हारी कमर पर व पीठ पर चींटी ने काटा है। पीठ लाल हो गई है। तुम कहो तो तेल लगा दूँ.. दर्द कम हो जाएगा।
उनके ‘हाँ’ कहते ही मैंने तेल लगाने के बहाने उनकी पीठ और कमर को सहलाना शुरू कर दिया। उन्हें भी अच्छा लग रहा था।
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मैं- भाभी तुम्हारी ब्रा को पीछे से खोलना पड़ेगा.. नहीं तो उसमें सारा तेल लग जाएगा। तुम आगे से उसे हाथ से पकड़ लो.. मैं पीछे से इसे खोल रहा हूँ।
‘ठीक है..’ वो बोली।
मैंने उनकी ब्रा खोल दी.. जिसे उन्होंने आगे से हाथ लगाकर संभाल लिया। मैं पूरी पीठ पर और कमर पर आराम से तेल लगा रहा था। जिससे उन्हें आराम मिल रहा था।
तभी नीचे सलवार में डाली चीटियों ने काम करना शुरू कर दिया। वो दोनों टाँगों से बाहर आने का रास्ता ढूँढने लगीं।
मालकिन- हाय राम.. लगता है चीटियां सलवार के अन्दर भी हैं.. वो पूरी टांगों पे रेंग रही हैं।
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मेरा काम बनने लगा था।
मैंने कहा- भाभी तब तो तुम जल्दी से सलवार भी उतार कर झाड़ लो.. कहीं गलत जगह काट लिया.. तो तुमको दर्द के कारण अभी डाक्टर के पास भी जाना पड़ सकता है।
मालकिन- मैं इस वक्त डाक्टर के पास नहीं जाना चाहती। वैसे भी कुछ देर में बच्चे आ जायेंगे। सलवार ही उतारनी पड़ेगी.. पर कैसे..? मैंने तो अपने हाथों से ब्रा पकड़ रखी है।
मैं- भाभी तुम चिन्ता ना करो.. मैं तुम्हारी मदद करता हूँ।
मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया। सलवार फिसल कर नीचे गिर गई। उनकी लाल पैन्टी दिखाई देने लगी।
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मैं पैन्टी को ही देखे जा रहा था और सोच रहा था कि अभी कितनी देर और लगेगी.. इसे उतरने में। कब इनकी चूत के दर्शन होंगे
मालकिन- हाय राम.. लगता है चीटियां सलवार के अन्दर भी हैं.. वो पूरी टांगों पे रेंग रही हैं।
मेरा काम बनने लगा था।
मैंने कहा- भाभी तब तो तुम जल्दी से सलवार भी उतार कर झाड़ लो.. कहीं गलत जगह काट लिया.. तो तुमको दर्द के कारण अभी डाक्टर के पास भी जाना पड़ सकता है।
मालकिन- मैं इस वक्त डाक्टर के पास नहीं जाना चाहती। वैसे भी कुछ देर में बच्चे आ जायेंगे। सलवार ही उतारनी पड़ेगी.. पर कैसे..? मैंने तो अपने हाथों से ब्रा पकड़ रखी है।
मैं- भाभी तुम चिन्ता ना करो.. मैं तुम्हारी मदद करता हूँ।
मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया। सलवार फिसल कर नीचे गिर गई। उनकी लाल पैन्टी दिखाई देने लगी।
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मैं पैन्टी को ही देखे जा रहा था और सोच रहा था कि अभी कितनी देर और लगेगी.. इसे उतरने में। कब इनकी चूत के दर्शन होंगे।
अब आगे..
मकान मालकिन- राज क्या देख रहे हो.. जल्दी से मेरी सलवार झाड़ो और मुझे पहनाओ।
मैंने उनके पैरों से सलवार निकाली व उसे तीन-चार बार झाड़ा। मैंने सोचा ऐसे तो काम बनेगा नहीं.. मुझे ही कुछ करना पड़ेगा.. नहीं तो हाथ आई चूत बिना दर्शन के ही वापस जा सकती है।
मैं चिल्लाया- भाभी दो चीटियां तुम्हारी पैन्टी के अन्दर घुस रही हैं.. कहीं तुमको ‘उधर’ काट ना लें।
मकान मालकिन- राज उन्हें जल्दी से हटाओ नहीं तो वो मुझे काट लेंगी.. पर खबरदार पैन्टी मत खोलना।
मैं- ठीक है भाभी।
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मैंने जल्दी से सलवार एक तरफ फेंकी और उनके पीछे जाकर.. अपने हाथ उनके आगे ले जाकर उनकी चूत को पैन्टी के ऊपर से ही सहलाने लगा।
मालकिन- ओह्ह.. राज यह क्या कर रहे हो तुम..
मैं- भाभी तुमने ही तो बोला था कि पैन्टी मत खोलना। चीटियाँ तो दिख नहीं रही हैं.. इसलिए बाहर से ही मसल रहा हूँ.. ताकि उससे अन्दर गई चीटियाँ मर जाएँगी.. तुम थोड़ा धैर्य तो रखो।
मालकिन- ठीक है.. करो फिर!
मैं एक हाथ से उनकी टाँगों के बीच सहला रहा था। दूसरे हाथ से उनकी कमर पकड़े था.. ताकि बीच में भाग ना जाए।
धीरे-धीरे मैं उनकी पैन्टी के किनारे से हाथ डालकर उनकी चूत सहलाने लगा, उन्हें भी मर्द का हाथ आनन्द दे रहा था इसलिए वे कुछ नहीं बोलीं।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
थोड़ी ही देर में वो रगड़ाई से गरम हो गईं और अपनी पैन्टी गीली कर बैठीं।
मैं समझ गया कि माल अब गरम है, मैंने अपना लण्ड उनकी गाण्ड से सटा दिया और उनकी चूत में उंगली डाल कर अन्दर-बाहर करने लगा।
भाभी को मेरे इरादे का पता चल गया।
मालकिन- ओह्ह.. राज..ज.. ये क्या कर रहा है तू.. अगर किसी को पता चल गया.. तो मैं बदनाम हो जाऊँगी।
मैं- भाभी तुम किसी को बताओगी?
मालकिन- मैं क्यों बताऊँगी।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैं- मैं तो बताने से रहा.. तुम नहीं बताओगी तो किसी को पता कैसे चलेगा। वैसे भी तुम्हारा भी मन है ही ये सब करने को.. तभी तो तुम्हारी पैन्टी गीली हो गई है। अब शरमाओ मत और खुलकर मेरा साथ दो.. जिससे तुमको दुगुना मजा आएगा।
अब मकान-मालकिन ने भी शरम उतार फेंकी और दोनों हाथ ब्रा से हटा दिए। हाथ हटाते ही उनके कबूतर पिंजरे से आजाद हो गए।
मैंने भी उनकी पैन्टी उनके जिस्म से अलग कर दी।
मैं- वाह भाभी क्या जिस्म है तुम्हारा देखते ही मजा आ गया।
मालकिन- राज.. तुमने मेरा सब कुछ देख लिया है.. मुझे भी तो अपना दिखाओ ना.. कितने सालों से उसके दर्शन नहीं हुए हैं। मैं देखने को मरी जा रही हूँ, जल्दी से कपड़े उतारो।
मैंने फटाफट कपड़े उतार दिए। मेरा हथियार अब उनके सामने था।
मालकिन- राज मैं इसे हाथ में पकड़ कर चूम लूँ।
मैं- भाभी तुम्हारी अमानत है। जो मर्जी है वो करो।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
उन्होंने फटाफट उसे लपक लिया और पागलों की तरह उसे चूमने लगीं।
मैं- भाभी इसे पूरा मुँह में ले लो और मजा आएगा।
उन्होंने लौड़े को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं। मुझे बड़ा मजा आ रहा था। क्योंकि पहली भाभी ने लण्ड चुसवाने की आदत डाल दी थी। मुझे लण्ड चुसवाने में बड़ा मजा आता है। आज बहुत दिनों बाद कोई लण्ड चूस रहा था। वह बड़े तरीके से लण्ड चूस रही थी जिसमें वो माहिर थी।
लौड़े को चाट व चूस कर उन्होंने मेरा बुरा हाल कर दिया.. तो मैं भी उनके सर को पकड़कर उनके मुँह में लण्ड को अन्दर-बाहर करने लगा। मेरा माल निकलने वाला था.. वो मस्त होकर चूस रही थी।
उनका सारा ध्यान लण्ड चूसने में था। मैं जोर-जोर से उनके सर को लण्ड पर दबाने लगा।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
थोड़ी ही देर में सात-आठ पिचकारी मेरे लण्ड से निकलीं.. जो सीधे उनके गले के अन्दर चली गईं।
उन्होंने सर हटाना चाहा.. पर जब तक वह पूरा माल निगल नहीं गईं.. मैंने लण्ड निकालने नहीं दिया। इसलिए उन्हें सारा माल पीना ही पड़ा।
अब मैंने लण्ड बाहर निकाला।
मैं- भाभी कैसा लगा मर्द का मक्खन।
मालकिन- राज मुझे बता तो देते.. मैं इसके लिए तैयार नहीं थी.. पर जो भी किया.. अच्छा किया.. तेरा बहुत गाड़ा मक्खन था.. पीने में बड़ा मजा आया।
मैं- चलो भाभी अब मैं तुम्हें मजा देता हूँ। तुम चारपाई पर टांगे चौड़ी करके बैठ जाओ।
वो बैठ गई.. चूत बिल्कुल ही चिकनी थी जैसे आज कल में ही सारे बाल बनाए हों।
मैं- भाभी तुम्हारी चूत के बाल तो बिल्कुल साफ हैं। ऐसा लगता है तुम चुदने ही आई थीं.. फिर नखरे क्यों कर रही थीं?
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मालकिन- राज जब से तुम मुझ पर डोरे डाल रहे थे.. तब से मैं समझ गई कि तुम मुझे चोदना चाहते हो। तभी से मेरी चूत भी बहुत खुजा रही थी.. पर अपने बेटे से डरती थी कि उसे पता ना चल जाए.. पर एक हफ्ते से रहा ही नहीं जा रहा था। कितनी उंगली कर ली.. पर निगोड़ी चूत की खुजली मिट ही नहीं रही थी। आज इसकी सारी खुजली मिटा दो।
मैंने उनकी चूत पर मुँह लगाया और जीभ अन्दर सरका दी और दाने को रगड़ना शुरू कर दिया। उन्हें मजा आने लगा.. उन्होंने मेरे सर को अपने चूत पर दबा दिया। मैंने एक उंगली चूत में डाल दी और जीभ से चूत चाटने लगा।
वो मजे लेकर चूत चुसवाए जा रही थीं। उनकी चूत पूरी गीली हो गई।
मालकिन- राज बस अब और मत तड़फाओ.. अपना लण्ड मेरी चूत में डाल दो और मुझे चोद डालो।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैंने भी देरी करना ठीक नहीं समझा और अपना लण्ड उनकी गीली चूत पर टिका दिया। जैसे ही धक्का दिया उनकी ‘आह..’ निकल गई।
मालकिन- राज आराम से.. सालों बाद चुदवा रही हूँ.. दर्द हो रहा है।
उनकी चूत सच में टाइट थी.. मैंने जैसे ही दूसरा धक्का मारा.. उनकी चीख निकल गई।
मालकिन- राज.. ओह्ह.. निकालो उसे बाहर.. मुझे नहीं चुदवाना.. तुम तो मेरी चूत फाड़ ही डालोगे.. कोई ऐसा करता है भला?
मैं- भाभी बस हो गया.. अब तुम्हें मजा ही मजा मिलेगा। आओ तुम्हें जन्नत की सैर करवाता हूँ.. वो भी अपने लण्ड से।
मेरा पूरा लण्ड उनकी चूत में जा चुका था। मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए। धीरे-धीरे उन्हें भी आराम मिलने लगा.. उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया।
मालकिन- राज.. आह्ह.. अब तेज-तेज करो.. ओह.. फाड़ डालो मेरी चूत.. साली ने बहुत तड़पाया है.. आज निकाल दो इसकी सारी अकड़..
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
ओह.. दिखा दो तुममें कितना दम है.. चोद मेरी जान..
मैंने उनकी कमर को दोनों हाथों से पकड़ लिया और पूरी ताकत से धक्के लगाने लगा। उनकी ‘आहें..’ निकलने लगीं।
‘आह.. आह.. ओह.. ससससस.. आ.. उफ आह.. आह..’
मैं पेले जा रहा था।
मालकिन- आह.. और जोर से.. मजा आ गया राज..
धीरे-धीरे हम दोनों पसीने से तर हो गए.. पर दोनों में से कोई भी हार मानने को तैयार नहीं था। मैं तड़ातड़ उनकी चूत पर लण्ड से वार किए जा रहा था।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
आखिर वो कब तक सहन करती.. अन्त में उनका पानी निकल ही गया।
मालकिन- राज.. प्लीज थोड़ा रूको। मुझे अब दर्द हो रहा है।
मैंने लण्ड को चूत में ही रहने दिया और उनकी चूचियां मसलने लगा। थोड़ी देर में जब वो थोड़ा नार्मल हो गई.. तो मैंने लण्ड को चूत की दीवारों पर रगड़ना शुरू कर दिया। जल्दी ही वो गरम हो गई और बिस्तर पर फिर तूफान आ गया।
अब भाभी गाण्ड उठा-उठा कर मेरा साथ दे रही थीं।
मैं- भाभी कहाँ गिराऊँ.. मेरा होने वाला है।
मालकिन- राज.. तेज-तेज धक्के मारो.. मेरा भी होने वाला है और सारा रस चूत में ही गिराना.. सालों से प्यासी है.. तर कर दो उसे.. तुम चिन्ता मत करो मेरा आपरेशन हो चुका है।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
अब मैंने रफ़्तार पकड़ी और कुछ ही देर में सारा माल उनकी चूत में भर दिया.. और उन्हीं के ऊपर लेट गया।
मालकिन- राज अब उठो भी। मुझे घर भी जाना है।
मैं- ठीक है भाभी.. पर ये तो बताओ कैसा लगा.. आपको मेरे लण्ड पर जन्नत की सैर करके?
मालकिन- बहुत मजा आया राज.. तुमने मेरी चूत की सारी खुजली भी मिटा दी और सालों से प्यासी चूत को पानी से लबालब भर भी दिया। देखो अब भी पानी छलक रहा है।
मैंने देखा हम दोनों का माल उनकी चूत से निकलकर उनके टाँगों से चिपककर नीचे आ रहा है।
मतलब समझ कर हम दोनों हँसने लगे, फिर वो फटाफट कपड़े पहनने लगी और जाने लगी।
मैं- भाभी जिसने तुम्हें इतना मजा दिया उसे थोड़ा प्यार करके तो जाओ।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैंने अपना मुरझाया लण्ड उनके आगे कर दिया। भाभी ने एक बार उसे पूरा अपने मुँह में ले लिया। थोड़ी देर चूसा.. आगे से जड़ तक चाटा.. फिर टोपे पर एक प्यारी सी चुम्मी दी और चली गईं।
उसके बाद जब तक उनके बेटे की शादी नहीं हो गई.. तब तक मैंने उन्हें बहुत बार चोदा। उनकी बहू घर पर ही रहती थी.. इसलिए मैंने उनसे मिलने से मना कर दिया.. ताकि वो फंस ना जाए। वो समझ गई। उसके बाद ना वो कभी कमरे में आई.. ना ही मैं उनसे मिलने गया। पर जब तक साथ रहा तब तक दोनों ने खूब मजे किए।
जब मैं जमरूदपुर में किराए के मकान में रहता था.. दूसरे फ्लोर पर जीने के साथ ही मेरा पहला कमरा था। एक फ्लोर में 5 कमरे थे व चारों फ्लोर किराएदारों से भरे थे.. जिनमें अधिकतर फैमिली वाले ही रहते थे।
यह कहानी भी वहीं से शुरू होती है। मकान-मालकिन को चोदने के बाद जब मैंने उससे मिलने को मना कर दिया.. तो मैं फिर अकेला पड़ गया। हर वक्त किसी ना किसी को चोदने को मन करता था।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
फिर मेरी नजर मेरे साथ वाले कमरे में रहने वाली एक सिक्किम की भाभी अनुपमा पर पड़ी.. जो अपने एक 2 साल के बेटे व पति के साथ रहती थी। जिसकी उम्र 24 साल व लम्बाई 5’6″ फिट थी और देखने में थोड़ी सांवली थी.. पर उसका फिगर मस्त था।
उसका पति किसी कम्पनी में कार पार्किंग का काम करता था.. इसलिए वह सुबह 7 बजे जाता और रात को 10 बजे वापस आता था। वो कभी-कभी डबल ड्यूटी भी करता था। इसलिए दोनों माँ-बेटे कभी जब हम कमरे में होते थे.. तो हमारे ही कमरे में टीवी देखा करते थे।
मैं और मेरा दोस्त उससे कभी-कभी मजाक कर लेते थे.. तो वह भी उसका जवाब हँस कर देती थी। इसलिए वो हमसे जल्दी ही घुल मिल गई थी।
मकान-मालकिन के बाद मुझे उसे चोदने की बहुत इच्छा कर रही थी.. पर सही मौका नहीं मिल रहा था। लौड़े की खुराक के लिए उसे पटाना भी जरूरी था।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
एक बार मेरा दोस्त दिन में ड्यूटी गया था और मेरी छुट्टी थी।
वो मेरे कमरे में टीवी देख रही थी।
मैंने बात शुरू की, मैं बोला- भाभी आपने लव मैरिज की.. या अरेंज?
भाभी- अरेंज.. मैं यहीं दिल्ली में नौकरी करती थी। घर में बात चली तो तुम्हारे भैया ने मुझे यहीं पसंद कर लिया और जल्दी ही हमारी शादी हो गई।
मैंने कहा- भाभी तुम तो दिल्ली में रहती थीं.. क्या तुम्हारा शादी से पहले कोई ब्वॉय-फ्रेन्ड था?
भाभी- हाँ था तो.. पर ये बात अपने भैया को मत बताना.. नहीं तो वो मेरे बारे में पता नहीं क्या सोचेंगे।
मैं- ठीक है.. मैं आपकी कोई भी बात भैया को नहीं बताऊँगा और आप भी.. जो बातें मैं आपसे करता हूँ.. वह भैया को मत बताया कीजिए।
भाभी- ठीक है नहीं बोलूँगी.. तुम्हारी है कोई दोस्त?
मैं- हाँ भाभी.. पहले थी.. पर अब नहीं है।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
अब धीरे-धीरे भाभी मुझसे बात करने में खुल रही थीं।
भाभी- उसके साथ कुछ किया भी.. या ऐसे ही समय खराब किया।
मैं- हाँ भाभी.. सब कुछ किया। अब उसकी शादी हो चुकी है इसलिए सब खत्म..
मैंने झूठ बोला।
‘आपने किया था उससे?’
भाभी- हाँ मैंने भी सब कुछ किया था। एक साल उसी के साथ रही थी.. पर यह बात अपने भैया को मत बताना।
मैं- मैं क्यों बताऊँगा.. अच्छा भाई को पता नहीं चला कि तुम पहले से ‘चुदी’ हो।
मैं जरा और खुल गया।
भाभी- तुम्हें ऐसी बातें करते शरम नहीं आती राज.. बेर्शम कहीं के..
वो शरमाने लगी।
मैं- अरे यार भाभी.. हम दोनों अकेले ही तो हैं.. कौन सा मैं किसी को बता रहा हूँ.. बताओ ना प्लीज।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
भाभी भी खुल गईं- जब किसी को पहली बार ‘चोदने’ को मिलता है ना.. तो वह कुछ नहीं देखता है.. कि माल कैसा है उसे तो बस चोदना होता है। वैसे भी शादी से पहले मैं 6 महीने तक नहीं चुदी थी इसलिए चूत टाइट हो गई थी। उनका बड़ा लम्बा और मोटा है.. तो ठोकते वक्त उन्हें पता नहीं चला। वैसे भी मैंने चुदते वक्त ‘आह.. ऊह..’ कुछ ज्यादा ही की थी।
अब सब कुछ खुल्लम-खुल्ला होने लगा था।
मैं- अच्छा भाभी आपने कभी ब्लू-फिल्म देखी है.. वही चुदाई वाली फिल्म..
भाभी अब गनगना उठी थी- हाँ.. दो बार ब्वॉय-फ्रेन्ड ने दिखाई थी। फिर रात भर खूब चोदा।
अब वो शरमाने लगी।
मैं- भाभी मेरे पास है देखोगी.. बड़ा मजा आएगा।
भाभी- आज नहीं.. फिर कभी.. कोई आ जाएगा।
मैं- चलो थोड़ा तो देख लो..
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैंने बात बनानी चाही.. क्योंकि थोड़ा में ही मेरा काम बन जाता।
भाभी- ठीक है.. पर पहले दरवाजा तो बंद कर दो।
भाभी की चुदास भड़क उठी थी।
मैंने फिल्म लगा दी। थोड़ी ही देर में गर्म सीन देखकर भाभी गर्म हो गई.. और चूत खुजाने लगी।
अचानक वह उठी और अपने कमरे में चली गई।
मैं अपना लौड़ा हिलाता हुआ उसे देखता ही रह गया। मेरे तो खड़े लण्ड पर धोखा हो गया.. पर ये तो तय था कि कभी तो मैं उनको चोदूँगा ही.. पर कब.. ये मालूम ना था।
खैर.. वो घड़ी भी जल्दी ही आ गई।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
एक रात उसके पति का फोन आया कि वह घर नहीं आ रहा है, आफिस में पार्टी है इसलिए वह कल शाम तक आ पाएगा।
वो कभी अकेली नहीं रही थी.. इसलिए हमारे पास आई और मेरे दोस्त से बोली- आज तुम मेरे कमरे में सो जाओ।
मेरे दोस्त ने मना कर दिया.. बोला- मैं तो आज रात फिल्म देखूँगा।
उसने मेरे से उसके कमरे में सोने को बोला तो मैंने भी मना कर दिया।
भाभी ने बहुत जोर दिया.. तो मैं दिखावा करता हुआ राजी हो गया।
भाभी ने अपने कमरे में मेरे लिए चारपाई पर बिस्तर लगाया और अपने व बेटे के लिए नीचे जमीन पर बिस्तर लगाया।
मैं खाना खाने के बाद उनके कमरे में सोने चला गया।
वो मेरे दोस्त के साथ फिल्म देखने लगी।
थोड़ी देर में उनका बेटा सो गया।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
वो उसे लेकर अपने कमरे में आ गई, उसने मुझे आवाज दी- राज सो गए क्या?
मैं- नहीं भाभी.. फिल्म देख रहा था.. तुम भी देखोगी।
भाभी- कौन सी देख रहे हो अकेले-अकेले..
मैं- भाभी ब्लू-फिल्म देख रहा हूँ.. दोस्त के साथ तो देख नहीं सकता.. आज मौका मिला है.. आप भी देखोगी.. मेरे मोबाइल में है..
भाभी बोली- नहीं यार.. मैं नहीं देखूंगी। तुम भी सो जाओ.. अब रात बहुत हो गई है।
मैं बोला- भाभी देख लो बहुत अच्छे सीन हैं.. फिर आपको मौका नहीं मिलेगा।
भाभी बोली- नहीं.. सो जाओ मुझे नहीं देखनी है।
यह कहकर वो नीचे सो गई।
मैं ब्लू-फिल्म देखकर उत्तेजित हो गया था। मैं हिम्मत कर भाभी के बिस्तर में चला गया और उनके बगल में लेट गया.. मैंने उनकी मम्मों पर हाथ रख दिया।
Chudne ko Betaab Bhabhi – Hindi Sex Kahani
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मेरी यह पहली कहानी है। यह कहानी 4 साल पुरानी.. सर्दियों के दिनों की है जब मैं दिल्ली के जमरूदपुर इलाके में किराए के मकान में अपने दोस्त के साथ रहता था।
वह पूरा चार-मंजिला मकान किराएदारों के लिए ही बना हुआ था.. इसलिए मकान-मालकिन वहाँ नहीं रहती थी।
दूसरे फ्लोर पर जीने के साथ ही मेरा पहला कमरा था। सभी के लिए टायलेट, बाथरूम व पानी भरने के लिए एक ही जगह बनी थी.. जो ठीक जीने के साथ मेरे कमरे के सामने थी।
एक फ्लोर में 5 कमरे थे व चारों फ्लोर किराएदारों से भरे हुए थे.. जिनमें अधिकतर फैमेली वाले ही रहते थे।
कहानी यहीं से शुरू होती है। मेरे कोने वाले कमरे में एक उड़ीसा की भाभी.. कल्पना अपने 2 छोटे-छोटे बच्चों के साथ रहती थी। जिसकी उम्र 22 साल व लम्बाई 5’6″ फिट थी वो देखने में काफी सुन्दर और मनमोहनी थी दो बच्चे होने पर भी उसका फिगर मस्त था।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
उसका पति शादी व पार्टियों में खाना बनाने का ठेका लेता था.. इसलिए वह अक्सर दो-तीन दिन तक घर से बाहर ही रहता था। वह सारा दिन मेरे कमरे के सामने जीने में बैठकर बाकी औरतों से बातें करती रहती थी।
वो उन औरतों से बातें करते समय.. मुझे चोर नजरों से देखती रहती थी।
मैं और मेरे दोस्त की शिफ्ट में ड्यूटी होने के कारण हम जल्दी ही कमरे में आ जाते थे.. या कभी देर में जाते थे.. वो मुझसे कुछ ही दिनों में जल्दी ही खूब घुलमिल गई थी।
कुछ दिन बातें करते हुए एक दिन उन्होंने मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई गर्ल-फ्रेण्ड है?
मैंने मना कर दिया साथ ही मैंने बात भी बदल दी.. पर दूसरे दिन उन्होंने फिर वही सवाल पूछा तो मैंने कहा- आप हो तो.. गर्ल-फ्रेण्ड की क्या जरूरत..
वो शरमा गई।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैंने अपना नम्बर उन्हें यह कहकर दे दिया कि कभी बाजार से कोई सामान मंगवाना हो तो मुझे बता देना.. मैं ले आऊँगा।
धीरे-धीरे हमारी फोन पर बातें होने लगीं। एक दिन कपड़े धोते समय उन्होंने शरारत करते हुए मेरे ऊपर पानी डाला और भागने लगीं। मैंने तुरन्त उनका हाथ पकड़ा और उन्हें भी भिगो दिया।
वो जल्दी से हाथ छुड़ाकर बोली- बेशरम..
और अपने कमरे में भाग गई और वहाँ से मुस्कुराने लगी।
अगले दिन वो मुझे फिर छेड़ने लगी।
मैंने कहा- भाभी मुझे बार-बार मत छेड़ा करो.. नहीं तो मैं भी छेड़ूँगा।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
भाभी- तो छेड़ो ना.. किसने मना किया है।
यह कहते हुए वो मुस्कुराने लगी।
मैंने इधर-उधर देखा.. सभी दिन में आराम कर रहे थे.. बाहर कोई नहीं था। मेरा दोस्त भी ड्यूटी गया था। मौका अच्छा था.. मैंने उनको लपक कर पकड़ लिया और उनका एक मम्मा सूट के ऊपर से ही दबा दिया।
उनके मुँह से एक ‘आह’ निकली। मैंने फिर दूसरे मम्मे को भी जोर से मसल दिया।
भाभी बोली- क्या करते हो.. कोई देख लेगा।
मैं समझ गया कि भाभी का मन तो है.. पर डर रही हैं। मैं उन्हें खींचते हुए सामने बाथरूम में ले गया। दरवाजा बंद करके उन्हें बाहों में भर लिया और बोला- मेरी गर्ल फ्रेण्ड बनोगी भाभी..
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
भाभी ने मादकता भरे स्वर में कहा- मैंने कब मना किया।
इतना सुनते ही मैंने उनके गालों व होंठों पर चुम्बनों की झड़ी लगा दी।
भाभी- हटो.. यह क्या कर रहे हो।
मैंने कहा- गर्लफ्रेण्ड को चुम्मी कर रहा हूँ।
भाभी इठलाते हुए बोली- कोई ऐसा करता है.. भला।
मैं कहाँ मानने वाला था। चुम्बन के साथ साथ उनके दोनों मम्मों को लगातार दबाने लगा।
वो गरम होने लगी.. पर बार-बार ‘ना.. ना.. मत करो..’ कह रही थी।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैंने अपना एक हाथ उनकी सलवार के ऊपर से ही उनकी चूत के ऊपर फिराना शुरू कर दिया। तो वह और गरम हो गई व अजीब सी आवाजें निकालने लगी।
फिर वह मेरा साथ देने लगी व मुझे भी चुम्बन करने लगी। मैंने उनके पजामे का नाड़ा खोल दिया और हाथ अन्दर ले गया तथा पैन्टी के अन्दर हाथ डालकर उनकी चूत सहलाने लगा।
उनकी चूत बहुत ज्यादा गरम हो रही थी। मैंने चूत में उंगली करनी शुरू कर दी। उन्हें मजा आने लगा। वो जोर-जोर से आवाजें निकालने लगी।
मैंने तुरन्त अपने होंठ उनके होंठों से लगा लिए और उनका हाथ पकड़ कर अपने पैन्ट के ऊपर से ही लण्ड पर रख दिया.. जो कि अब तक रॉड जैसा सख्त हो गया था।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
वो भी मतवाली होकर मेरी चैन खोलकर मेरा लण्ड सहलाने लगी। थोड़ी ही देर में उनकी चूत में से पानी रिसने लगा।
मैं जोर-जोर से अंगुली करने लगा। अब हम दोनों ही बहुत ज्यादा गरम हो गए थे.. पर डर भी रहे थे कि कोई आ ना जाए। थोड़ी ही देर में भाभी की चूत से पानी चूने लगा।
वो झड़ने के बाद निढाल सी होते हुए बोली- प्लीज राज अब मत करो मैं पागल हो जाऊँगी।
मैं उसके चूतरस से भीगी ऊँगली को चूसता हुआ बोला- भाभी मजा आया।
वो बोली- बहुत ज्यादा।
मैं बोला- और मजे लोगी।
वो बोली- यहाँ नहीं.. इधर हम पकड़े जाएगें बाकी बाद में.. आज रात को करेंगे।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैं- भाभी मैं कब से तड़प रहा हूँ.. अभी इसे शान्त तो करो।
भाभी मुस्कुरा कर बोली- इसे तो मैं अभी शान्त कर देती हूँ.. बाकि बाद में.. सब्र करो.. सब्र का फल मीठा होता है।
वो झुक गई और मेरे लिंग को अपने मुँह में ले लिया और मॅुह को आगे-पीछे करने लगी। मैंने फिल्में में ऐसा तो दोस्तों के साथ बहुत देखा था.. पर मैं पहली बार ये सब कर रहा था। बड़ा मजा आ रहा था.. पर डर भी रहा था। थोड़ी ही देर में मैंने अपना सारा लावा उनके मुँह में भर दिया।
जिसे वो पी गई और बोली- तुम्हारा माल तो बहुत ज्यादा निकलता है और बहुत गाढ़ा और टेस्टी भी है। आज के बाद इसे बरबाद मत कर देना।
उन्होंने चाट कर पूरा लिंग साफ कर दिया।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
फिर हमने फटाफट कपड़े ठीक किए व जाने से पहले एक-एक चुम्मी ली और एक-एक करके बाथरूम से बाहर आ गए।
हम दोनों ने रात में मिलने का वादा किया था।
कुछ देर बाद मैंने भाभी को फोन किया और पूछा- भाभी कैसा लगा मजा आया।
भाभी बोली- मेरे पति घर से तीन-तीन दिन तक गायब रहते हैं और तुमने मेरी प्यास और बढ़ा दी है। अब इस प्यास को कब बुझाओगे।
मैंने कहा- अभी आ जाऊँ।
भाभी- अभी मरवाओगे क्या.. अभी नहीं, मैं रात को कॉल करूंगी।
मैं रात का इन्तजार करने लगा। मैंने अपना फोन साईलेन्ट मोड में डाल दिया ताकि दोस्त को पता ना चले। रात को दोस्त भी आ गया, हमने साथ खाना खाया.. पर भाभी का फोन नहीं आया।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैं परेशान हो गया और टीवी देखने लगा.. दोस्त बोला- यार कल मुझे सुबह 6 बजे ड्यूटी जाना है.. तुझे कब जाना है?
मैंने कहा- कल मैं दोपहर में जाऊँगा इसलिए अभी एक फिल्म देखूँगा।
दोस्त ने कहा- आवाज कम करके देख और मुझे सोने दे.. मैंने कम आवाज की और फोन का इन्तजार करते हुए फिल्म देखने लगा। जब 11:50 तक भी फोन नहीं आया.. तो मैं भी सोने की तैयारी करने लगा।
रात को 12:30 बजे.. जब सभी गहरी नींद में सो गए और मुझे भी नींद आने ही लगी थी.. कि तभी मेरे फोन पर भाभी का मैसेज आया कि छत पर मिलो।
सर्दी के दिन थे.. रात में छत पर कोई नहीं जाता था। मैंने तेज खांसकर चैक किया कि दोस्त सोया है कि नहीं, वह गहरी नींद में था।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैं चुपचाप उठा.. बाहर देखा कोई नहीं था। सभी अपने-अपने दरवाजे बंद करके कबके सो चुके थे। जब मैं छत पर पहॅुचा.. भाभी वहाँ पहले से ही खड़ी थी।
भाभी- बच्चे अभी सोये हैं, मैं उन्हें ज्यादा देर अकेला नहीं छोड़ सकती, प्लीज राज, जो भी करना है.. जल्दी करो।
मैं- पर भाभी, यहाँ पर कैसे?
भाभी- ये देखो.. मैंने आज दोपहर में ही एक गद्दा छत पर सूखने डाला था। जिसे मैं नीचे नहीं ले गई.. यहीं पर है।
मैं- भाभी आप तो बहुत तेज हो..
भाभी चुदासी सी बोल पड़ीं- जब नीचे आग लगी होती है तो तेज तो होना ही पड़ता है.. अब जल्दी से वो कोने में ही गद्दा बिछाओ और जो दो टीन की चादरें रखी हैं.. उनको दीवार के सहारे लगाओ।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैंने फटाफट बिल्कुल कोने में जीने से दूर गद्दा बिछाया व उसे दीवार के सहारे टिन की चादरें लगाकर ऊपर से ढक दिया। छत पर पहले से ही बहुत अंधेरा था.. फिर भी कोई आ गया तो चादरों के नीचे कोई है.. ये किसी को दिखाई नहीं देगा।
मैं भाभी के दिमाग को मान गया। भाभी रात में कोई झंझट ना हो इसलिए वो साड़ी पहन कर आई थी।
मैंने भाभी को लेटने को कहा और खुद उनके बगल में लेट गया और धीरे-धीरे उनके मम्मे दबाने लगा। भाभी तो पहले से ही बहुत गरम और चुदासी थी। वो सीधे मेरे से चिपट गई और मेरा लौड़ा पकड़ते हुए बोली- प्लीज राज जो भी करना है.. जल्दी करो। मैं बहुत दिनों से तड़प रही हूँ। मेरी प्यास बुझा दो।
मैंने कहा- जरूर भाभी.. पहले थोड़ा मजे तो ले लो।
उन्होंने मुझे पूरे कपड़े नहीं उतारने दिए, कहा- फिर कभी.. मजे ले लेना.. आज जो भी करना है.. फटाफट करो। मैं अब ये आग नहीं सह सकती।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
फिर भी मैंने उनके ब्लाउज के बटन खोल दिए व ब्रा को ऊपर उठा कर उनके निप्पल चूसने लगा। दूसरे हाथ से उनका पेटीकोट को ऊपर करके पैन्टी उतार दी और उनकी चूत सहलाने लगा।
वहाँ तो पहले से ही रस का दरिया बह रहा था, उन्हीं की पैन्टी से चूत साफ की और जीभ से चूत चाटने लगा, उन्हें मजा आने लगा। फिर हम 69 अवस्था में आ गए और वो भी मेरा लण्ड चूसने लगी।
जब उन्हें मजा आने लगा तो वो तेज-तेज मुँह चलाने लगी।
मैंने मना किया- ऐसे तो मेरा माल गिर जाएगा।
तो उन्होंने मुझे अपने ऊपर से हटा लिया और किसी राण्ड की तरह टांगें चौड़ी करते हुए बोली- राज अब मत सताओ.. आ जाओ.. मेरी चूत का काम तमाम कर दो..
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैं भी देर ना करते हुए उनकी टांगों के बीच में आ गया और अपना लण्ड उनकी चूत में लगाने लगा।
मेरा लवड़ा बार-बार चूत के छेद से फिसल रहा था। तो उन्होंने लण्ड हाथ से पकड़ कर चूत के मुहाने पर रखा और कहा- अब धक्का लगाओ।
मैंने एक जोर का धक्का लगाया तो उनके मुँह से एक चीख निकल गई। मैंने तुरंत अपने होंठ उनके होठों पर रख दिए और थोड़ी देर वैसे ही पड़ा रहा और उनकी चूचियां मसलने लगा।
थोड़ी देर बाद होंठ हटाए और पूछा- चिल्लाई क्यों?
भाभी बोली- तुम्हारे भैया ने मुझे अपने काम के चक्कर में तीन महीनों से नहीं चोदा है और तुम्हारा उनसे लम्बा और मोटा है। इसलिए दो बच्चों की माँ होने पर भी तुमने मेरी चीख निकाल दी।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैं- बोलो.. अब क्या करना है?
भाभी- अब धीरे-धीरे धक्के लगाओ।
थोड़ी देर में मुझे भी व भाभी को भी मजा आने लगा। मैंने स्पीड बढ़ा दी।
भाभी – आ..ह आ..ह ओ..ह ओ..ह आ…ह स. और जोर से राज आ..ह और जोर से ओ…ह.. मैं कब से तड़फ रही थी राज.. आज मेरी सारी प्यास बुझा दो राज आ…ह.. बहुत मजा आ रहा है राज.. फाड़ दो मेरी चूत.. आज ओ..ह बहुत सताया है इसने.. मुझे.. आज इसकी सारी गर्मी निकाल दो राज.. चोदो.. और जोर से आ…ह आ….ह
उनके चूतड़ों का उछल-उछल कर लण्ड को निगलना देखते ही बनता था।
मैं- मेरा भी वही हाल था भाभी.. जब से तुम्हें देखा है.. रोज तुम्हारे नाम की मुठ मारता था।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
भाभी- अब कभी मत मारना.. जब भी मन करे.. मुझे बता देना.. पर अभी और जोर से राज.. रगड़ दो मुझे.. आह्ह..
छत पर हमारी तेज-तेज आवाजें गूजने लगीं.. पर सर्दी की रात होने के कारण डर नहीं था और हम दोनों एक-दूसरे को रौंदने लगे।
मैं पूरी ताकत से धक्के लगा रहा था व भाभी नीचे से गाण्ड उठा कर मेरा पूरा साथ दे रही थी।
थोड़ी देर बाद भाभी अकड़ते हुए बोली- मेरा होने वाला है.. तुम जरा जल्दी करो।
कुछ धक्कों के बाद मैंने भी कहा- मेरा भी निकलने वाला है।
भाभी बोली- अन्दर मत गिराना। मेरे मुँह में गिराओ.. मैं तुम्हारा जवानी का रस पीना चाहती हूँ।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैंने फटाफट अपना हथियार निकाल कर उनके मुँह में लगा दिया। लौड़े से दो-चार धक्के उनके मुँह में मारने के बाद लण्ड ने पिचकारी छोड़ दी।
भाभी ने मेरा सारा रस निचोड़ लिया और लण्ड को चाट कर अच्छे से साफ भी कर दिया।
हम दोनों बहुत थक गए थे। थोड़ी देर सुस्ताने के बाद भाभी बोली- राज तुमने मुझे आज बहुत मजा दिया। इसके लिए मैं कब से तड़प रही थी। मेरे पति जब भी आते हैं थक-हार कर सो जाते हैं और मेरी तरफ देखते भी नहीं। मेरी 18 साल में शादी हो गई थी और जल्दी ही 2 बच्चे भी हो गए.. पर अभी तो मैं पूरी जवानी में आई हूँ। उन्हें मेरी कोई फिक्र ही नहीं है। राज तुम इसी तरह मेरा साथ देना।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैं- ठीक है भाभी चलो एक राउण्ड और हो जाए.. अभी मन नहीं भरा।
भाभी- अरे नहीं.. अभी और नहीं, अब तो मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ। अभी तो खेल शुरू हुआ है, सब्र रखो सब्र का फल मीठा होता है।
मैंने हंसते हुए कहा- हाँ.. वो तो मैंने चख कर देख लिया। बहुत मीठा था.. हा हा हा।
भाभी- चलो अब जल्दी नीचे चलो.. कहीं बच्चे जाग ना जाएं.. नहीं तो बहुत गड़बड़ हो जाएगी.. बाकी कल का पक्का वादा..
मैं- अच्छा चलो एक चुम्मा तो दे दो।
भाभी ने जल्दी से होठों पर एक चुम्मा दिया। मैंने तुरंत उनके मम्में दबा दिए।
भाभी ने एक प्यारी सी ‘आह’ निकाली व कल मिलने का वादा करके अपने कमरे में भाग गईं।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
फिर उनका इस फ्लैट से किसी वजह से जाना तय हो गया तो मैंने उन्हें अपने लौड़े के लिए कोई इंतजाम के लिए कहा तो भाभी ने कमरा छोड़ते वक्त मुझे बताया कि मकान मालकिन तेज है और प्यार को तड़फ रही है।
इसलिए अब मैंने अपना सारा ध्यान मकान मालकिन की तरफ लगाना शुरू कर दिया।
इस बार किराया देने मैं उसके घर गया। उसने अपने बालों में मेहंदी लगा रखी थी इसलिए बाहर बरामदे में बैठी थी।
उनके पास जाने का रास्ता कमरे के अन्दर से जाता था। मैंने आवाज दी तो बोली- यहाँ बरामदे में आ जाओ।
उसने सलवार-सूट पहना हुआ था.. उम्र कोई 45 साल की होगी.. पर 35 से ऊपर की नहीं लग रही थी, उसका गठीला बदन था और भरी-पूरी जवानी थी, उसके पति की मृत्यु हो चुकी थी व उसके साथ उसके एक लड़का व एक लड़की थे। दोनों इस समय कॉलेज गए हुए थे।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैं- भाभी अन्दर आ जाऊँ।
मकान मालकिन- क्यों रे.. तुझे मैं भाभी नजर आ रही हूँ।
मैं- भाभी को भाभी ना कहूँ तो क्या कहूँ।
मालकिन- मेरी उम्र का तो ख्याल कर जरा।
मैं- क्यों 30 की ही तो लग रही हो।
मैंने झूठ बोला।
मालकिन- अच्छा.. झूठ मत बोल।
मैं- नहीं भाभी.. झूठ नहीं बोल रहा हूँ। आप तो इस उमर में भी हर मामले में जवान लड़कियों को फेल कर दोगी।
वो भी हंसने लगी।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
‘बोल.. क्यों आया है..?’
मैं- भाभी किराया देना था।
मालकिन- ठीक है.. वहाँ सामने टेबल पर रख दे। मैं बाद में उठा लूँगी। अभी मैं जरा अपने बाल सुखा लूँ।
मैंने भी पैसे टेबल पर रख दिए और चलने लगा- अच्छा भाभी चलता हूँ। मैंने आपको भाभी कहा आपको बुरा तो नहीं लगा?
मालकिन- नहीं.. बुरा क्यों मानूंगी.. चल अब जा।
फिर मैं किसी ना किसी बहाने से उसके घर जाने लगा। धीरे-धीरे हमारी बोलचाल बढ़ गई और हम आपस में मजाक भी करने लगे। जिसका वो बुरा नहीं मानती थी। मेरी बातचीत में अब ‘आप’ की जगह ‘तुम’ ने स्थान ले लिया था।
एक दिन मैंने कहा- तुम चाय तो पिलाती नहीं.. कभी मेरे कमरे में आओ, मैं तुम्हें चाय पिलाऊँगा।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मालकिन- अच्छा ठीक है.. कब आऊँ बता।
मैं- तुम्हारा अपना मकान है। जब चाहो आओ। सुबह.. दोपहर.. शाम.. रात.. आधी रात.. तुमको कौन रोकने वाला है।
यह कह कर मैं हँसने लगा।
मालकिन- चलो कल सुबह आऊँगी।
अब वो धीरे-धीरे मेरे कमरे में आने लगी व चाय पीकर जाने लगी। इस बीच हम मजाक के बीच में आपस में छेड़खानी भी करने लगे.. जिसमें उसे बहुत मजा आता था।
मुझे लगने लगा था.. अब इसकी चुदाई के दिन नजदीक आने वाले हैं और यह जल्दी ही मेरे लण्ड के नीचे होगी।
एक बार मेरा दोस्त एक हफ्ते के लिए गाँव गया था.. जिसके बारे में मैं उसे बातों-बातों में बता चुका था। एक दिन मैं शाम को अकेला था, सारे पड़ोसी पार्क में घूमने गए थे।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
वो आई और बोली- राज क्या कर रहे हो?
मैं- कुछ नहीं भाभी, अकेला बैठा बोर हो रहा हूँ, आओ चाय पी कर जाओ।
मालकिन- नहीं.. बच्चे टयूशन गए हैं अभी एक घण्टे में वापस आ जाएंगे। मैं भी चलती हूँ।
मैं- चाय बनने में घण्टा थोड़े ही लगता है.. सिर्फ 5 मिनट की बात है.. आ जाओ ना।
वो मान गई और चारपाई पर बैठ गई।
मैंने चाय बना कर दी और उनके बगल में बैठ कर चाय पीने लगा। उन्हें बगल में देख कर मेरा लण्ड खड़ा हो रहा था.. पर उन्हें चोदने का उपाय मेरे दिमाग में नहीं आ रहा था।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
फिर भी मैंने बात शुरू की.. शायद आज पट ही जाए।
मैं- भाभी एक बात पूछूँ.. बुरा तो नहीं मानोगी?
मालकिन- पूछो क्यों बुरा मानूँगी भला?
मैं- भाभी तुम दिन व दिन जवान और खूबसूरत होती जा रही हो.. इसका क्या राज है?
वो शरमाने लगी।
मालकिन- नहीं तो.. ऐसी कोई बात नहीं। ऐसा तुम्हें लगता है।
मैं- नहीं भाभी.. मैं सच बोल रहा हूँ। अब तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो। जी करता है कि..
मालकिन ने मेरी तरफ मस्ती से देखते हुए कहा- क्या जी करता है तेरा राज..?
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैं- कि तुमको बाँहों में भरकर तेरे लबों को चूम लूँ।
मालकिन- राज तुझे ऐसी बातें करते शरम नहीं आती? तू जरूर मार खाएगा आज!
मैं- अरे भाभी.. जो मन में था.. वो बोल दिया। अगर सच कहने में मार पड़ती है तो वो भी मंजूर है.. पर मारना तुम ही..
मालकिन- साले तू बड़ा बदमाश हो गया है.. बस अब मैं चलती हूँ।
मेरा तो दिमाग खराब हो गया। अपने से तो कुछ हुआ नहीं.. इसलिए मन ही मन ऊपर वाले से दुआ माँगी कि कुछ ऐसा कर दे कि ये खुद मेरे लण्ड के नीचे आ जाए।
कहते है ना कि सच्चे मन से किसी की लेनी हो तो वो मिलती ही है।
वो जैसे ही उठने को हुई.. पता नहीं कहाँ से उनके सूट के अन्दर चींटी घुस गई। उन्होंने उसे निकालने के लिए अपना हाथ सूट के अन्दर डाला। वो पीछे को चला गया।
मालकिन- राज कोई कीड़ा मेरे सूट के अन्दर चला गया है और मेरी पीठ पर रेंग रहा है.. उसे निकाल दो प्लीज।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैं- भाभी उसके लिए मुझे अपना हाथ तुम्हारी पीठ पर लगाना होगा.. तुम कहीं नाराज ना हो जाओ।
मालकिन- राज मजाक नहीं करो.. उसे जल्दी निकालो.. कहीं वो मुझे काट ना ले।
मैं उनके ठीक सामने खड़ा हो गया और हाथ को उनके सूट के अन्दर डालकर उनकी पीठ पर फिराने लगा। बड़ा अजीब सा मजा आ रहा था। कितने सालों के बाद उन्हें भी मर्द का हाथ मिल रहा था। उन्हें भी अच्छा लग रहा था।
मालकिन- राज कुछ मिला।
‘नहीं भाभी.. ढूँढ रहा हूँ।’
तभी चींटी ने उनकी पीठ पर काट लिया। वो मुझसे चिपक गई।
मालकिन- उई.. राज.. उसने मुझे काट लिया.. प्लीज.. जल्दी बाहर निकालो उसे..
मैं- पर भाभी वो मिल नहीं रही है।
मैंने हाथ फेरना चालू रखा। मेरी साँसें उनकी साँसों से टकरा रही थीं।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मालकिन- राज वो आगे की तरफ रेंग रही है.. जल्दी कुछ करो।
मैं- भाभी तब तो तुम सूट उतार कर उसे एक बार अच्छी तरह से झाड़ लो कहीं ज्यादा ना हों।
मालकिन- तुम्हारे सामने कैसे?
मैं- तो क्या हुआ.. मैं दरवाजा बंद कर लेता हूँ और मुँह फेर लेता हूँ।
मालकिन- ठीक है तुम मुँह उधर फेर लो।
मैंने दरवाजा बंद किया और मुँह फेर कर खड़ा हो गया। नीचे फर्श पर देखा तो चीनी का डब्बा खुला होने के कारण बहुत सारी चींटियाँ जमीन पर घूम रही थीं। मुझे अपने काम बनने की एक तरकीब सूझी, मैंने चार-पांच चीटियां उठाई और मुटठी में बंद कर लीं।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मालकिन- उसमें तो कुछ भी नहीं है।
मैं- भाभी यहाँ देखो बहुत सारी चीटियाँ हैं शायद सलवार के सहारे चढ़ गई हों। आप मुँह फेर लो मैं देख लेता हूँ।
वो मुँह फेर कर खड़ी हो गई तो मैंने चैक करने के बहाने पीछे से उनके सलवार को थोड़ा सा खींचा और मुठ्ठी में दबाई हुई चीटियां उसके अन्दर डाल दीं.. जो जल्दी ही अन्दर घुस गईं।
मैं- भाभी तुम्हारी कमर पर व पीठ पर चींटी ने काटा है। पीठ लाल हो गई है। तुम कहो तो तेल लगा दूँ.. दर्द कम हो जाएगा।
उनके ‘हाँ’ कहते ही मैंने तेल लगाने के बहाने उनकी पीठ और कमर को सहलाना शुरू कर दिया। उन्हें भी अच्छा लग रहा था।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैं- भाभी तुम्हारी ब्रा को पीछे से खोलना पड़ेगा.. नहीं तो उसमें सारा तेल लग जाएगा। तुम आगे से उसे हाथ से पकड़ लो.. मैं पीछे से इसे खोल रहा हूँ।
‘ठीक है..’ वो बोली।
मैंने उनकी ब्रा खोल दी.. जिसे उन्होंने आगे से हाथ लगाकर संभाल लिया। मैं पूरी पीठ पर और कमर पर आराम से तेल लगा रहा था। जिससे उन्हें आराम मिल रहा था।
तभी नीचे सलवार में डाली चीटियों ने काम करना शुरू कर दिया। वो दोनों टाँगों से बाहर आने का रास्ता ढूँढने लगीं।
मालकिन- हाय राम.. लगता है चीटियां सलवार के अन्दर भी हैं.. वो पूरी टांगों पे रेंग रही हैं।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मेरा काम बनने लगा था।
मैंने कहा- भाभी तब तो तुम जल्दी से सलवार भी उतार कर झाड़ लो.. कहीं गलत जगह काट लिया.. तो तुमको दर्द के कारण अभी डाक्टर के पास भी जाना पड़ सकता है।
मालकिन- मैं इस वक्त डाक्टर के पास नहीं जाना चाहती। वैसे भी कुछ देर में बच्चे आ जायेंगे। सलवार ही उतारनी पड़ेगी.. पर कैसे..? मैंने तो अपने हाथों से ब्रा पकड़ रखी है।
मैं- भाभी तुम चिन्ता ना करो.. मैं तुम्हारी मदद करता हूँ।
मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया। सलवार फिसल कर नीचे गिर गई। उनकी लाल पैन्टी दिखाई देने लगी।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैं पैन्टी को ही देखे जा रहा था और सोच रहा था कि अभी कितनी देर और लगेगी.. इसे उतरने में। कब इनकी चूत के दर्शन होंगे
मालकिन- हाय राम.. लगता है चीटियां सलवार के अन्दर भी हैं.. वो पूरी टांगों पे रेंग रही हैं।
मेरा काम बनने लगा था।
मैंने कहा- भाभी तब तो तुम जल्दी से सलवार भी उतार कर झाड़ लो.. कहीं गलत जगह काट लिया.. तो तुमको दर्द के कारण अभी डाक्टर के पास भी जाना पड़ सकता है।
मालकिन- मैं इस वक्त डाक्टर के पास नहीं जाना चाहती। वैसे भी कुछ देर में बच्चे आ जायेंगे। सलवार ही उतारनी पड़ेगी.. पर कैसे..? मैंने तो अपने हाथों से ब्रा पकड़ रखी है।
मैं- भाभी तुम चिन्ता ना करो.. मैं तुम्हारी मदद करता हूँ।
मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया। सलवार फिसल कर नीचे गिर गई। उनकी लाल पैन्टी दिखाई देने लगी।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैं पैन्टी को ही देखे जा रहा था और सोच रहा था कि अभी कितनी देर और लगेगी.. इसे उतरने में। कब इनकी चूत के दर्शन होंगे।
अब आगे..
मकान मालकिन- राज क्या देख रहे हो.. जल्दी से मेरी सलवार झाड़ो और मुझे पहनाओ।
मैंने उनके पैरों से सलवार निकाली व उसे तीन-चार बार झाड़ा। मैंने सोचा ऐसे तो काम बनेगा नहीं.. मुझे ही कुछ करना पड़ेगा.. नहीं तो हाथ आई चूत बिना दर्शन के ही वापस जा सकती है।
मैं चिल्लाया- भाभी दो चीटियां तुम्हारी पैन्टी के अन्दर घुस रही हैं.. कहीं तुमको ‘उधर’ काट ना लें।
मकान मालकिन- राज उन्हें जल्दी से हटाओ नहीं तो वो मुझे काट लेंगी.. पर खबरदार पैन्टी मत खोलना।
मैं- ठीक है भाभी।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैंने जल्दी से सलवार एक तरफ फेंकी और उनके पीछे जाकर.. अपने हाथ उनके आगे ले जाकर उनकी चूत को पैन्टी के ऊपर से ही सहलाने लगा।
मालकिन- ओह्ह.. राज यह क्या कर रहे हो तुम..
मैं- भाभी तुमने ही तो बोला था कि पैन्टी मत खोलना। चीटियाँ तो दिख नहीं रही हैं.. इसलिए बाहर से ही मसल रहा हूँ.. ताकि उससे अन्दर गई चीटियाँ मर जाएँगी.. तुम थोड़ा धैर्य तो रखो।
मालकिन- ठीक है.. करो फिर!
मैं एक हाथ से उनकी टाँगों के बीच सहला रहा था। दूसरे हाथ से उनकी कमर पकड़े था.. ताकि बीच में भाग ना जाए।
धीरे-धीरे मैं उनकी पैन्टी के किनारे से हाथ डालकर उनकी चूत सहलाने लगा, उन्हें भी मर्द का हाथ आनन्द दे रहा था इसलिए वे कुछ नहीं बोलीं।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
थोड़ी ही देर में वो रगड़ाई से गरम हो गईं और अपनी पैन्टी गीली कर बैठीं।
मैं समझ गया कि माल अब गरम है, मैंने अपना लण्ड उनकी गाण्ड से सटा दिया और उनकी चूत में उंगली डाल कर अन्दर-बाहर करने लगा।
भाभी को मेरे इरादे का पता चल गया।
मालकिन- ओह्ह.. राज..ज.. ये क्या कर रहा है तू.. अगर किसी को पता चल गया.. तो मैं बदनाम हो जाऊँगी।
मैं- भाभी तुम किसी को बताओगी?
मालकिन- मैं क्यों बताऊँगी।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैं- मैं तो बताने से रहा.. तुम नहीं बताओगी तो किसी को पता कैसे चलेगा। वैसे भी तुम्हारा भी मन है ही ये सब करने को.. तभी तो तुम्हारी पैन्टी गीली हो गई है। अब शरमाओ मत और खुलकर मेरा साथ दो.. जिससे तुमको दुगुना मजा आएगा।
अब मकान-मालकिन ने भी शरम उतार फेंकी और दोनों हाथ ब्रा से हटा दिए। हाथ हटाते ही उनके कबूतर पिंजरे से आजाद हो गए।
मैंने भी उनकी पैन्टी उनके जिस्म से अलग कर दी।
मैं- वाह भाभी क्या जिस्म है तुम्हारा देखते ही मजा आ गया।
मालकिन- राज.. तुमने मेरा सब कुछ देख लिया है.. मुझे भी तो अपना दिखाओ ना.. कितने सालों से उसके दर्शन नहीं हुए हैं। मैं देखने को मरी जा रही हूँ, जल्दी से कपड़े उतारो।
मैंने फटाफट कपड़े उतार दिए। मेरा हथियार अब उनके सामने था।
मालकिन- राज मैं इसे हाथ में पकड़ कर चूम लूँ।
मैं- भाभी तुम्हारी अमानत है। जो मर्जी है वो करो।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
उन्होंने फटाफट उसे लपक लिया और पागलों की तरह उसे चूमने लगीं।
मैं- भाभी इसे पूरा मुँह में ले लो और मजा आएगा।
उन्होंने लौड़े को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं। मुझे बड़ा मजा आ रहा था। क्योंकि पहली भाभी ने लण्ड चुसवाने की आदत डाल दी थी। मुझे लण्ड चुसवाने में बड़ा मजा आता है। आज बहुत दिनों बाद कोई लण्ड चूस रहा था। वह बड़े तरीके से लण्ड चूस रही थी जिसमें वो माहिर थी।
लौड़े को चाट व चूस कर उन्होंने मेरा बुरा हाल कर दिया.. तो मैं भी उनके सर को पकड़कर उनके मुँह में लण्ड को अन्दर-बाहर करने लगा। मेरा माल निकलने वाला था.. वो मस्त होकर चूस रही थी।
उनका सारा ध्यान लण्ड चूसने में था। मैं जोर-जोर से उनके सर को लण्ड पर दबाने लगा।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
थोड़ी ही देर में सात-आठ पिचकारी मेरे लण्ड से निकलीं.. जो सीधे उनके गले के अन्दर चली गईं।
उन्होंने सर हटाना चाहा.. पर जब तक वह पूरा माल निगल नहीं गईं.. मैंने लण्ड निकालने नहीं दिया। इसलिए उन्हें सारा माल पीना ही पड़ा।
अब मैंने लण्ड बाहर निकाला।
मैं- भाभी कैसा लगा मर्द का मक्खन।
मालकिन- राज मुझे बता तो देते.. मैं इसके लिए तैयार नहीं थी.. पर जो भी किया.. अच्छा किया.. तेरा बहुत गाड़ा मक्खन था.. पीने में बड़ा मजा आया।
मैं- चलो भाभी अब मैं तुम्हें मजा देता हूँ। तुम चारपाई पर टांगे चौड़ी करके बैठ जाओ।
वो बैठ गई.. चूत बिल्कुल ही चिकनी थी जैसे आज कल में ही सारे बाल बनाए हों।
मैं- भाभी तुम्हारी चूत के बाल तो बिल्कुल साफ हैं। ऐसा लगता है तुम चुदने ही आई थीं.. फिर नखरे क्यों कर रही थीं?
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मालकिन- राज जब से तुम मुझ पर डोरे डाल रहे थे.. तब से मैं समझ गई कि तुम मुझे चोदना चाहते हो। तभी से मेरी चूत भी बहुत खुजा रही थी.. पर अपने बेटे से डरती थी कि उसे पता ना चल जाए.. पर एक हफ्ते से रहा ही नहीं जा रहा था। कितनी उंगली कर ली.. पर निगोड़ी चूत की खुजली मिट ही नहीं रही थी। आज इसकी सारी खुजली मिटा दो।
मैंने उनकी चूत पर मुँह लगाया और जीभ अन्दर सरका दी और दाने को रगड़ना शुरू कर दिया। उन्हें मजा आने लगा.. उन्होंने मेरे सर को अपने चूत पर दबा दिया। मैंने एक उंगली चूत में डाल दी और जीभ से चूत चाटने लगा।
वो मजे लेकर चूत चुसवाए जा रही थीं। उनकी चूत पूरी गीली हो गई।
मालकिन- राज बस अब और मत तड़फाओ.. अपना लण्ड मेरी चूत में डाल दो और मुझे चोद डालो।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैंने भी देरी करना ठीक नहीं समझा और अपना लण्ड उनकी गीली चूत पर टिका दिया। जैसे ही धक्का दिया उनकी ‘आह..’ निकल गई।
मालकिन- राज आराम से.. सालों बाद चुदवा रही हूँ.. दर्द हो रहा है।
उनकी चूत सच में टाइट थी.. मैंने जैसे ही दूसरा धक्का मारा.. उनकी चीख निकल गई।
मालकिन- राज.. ओह्ह.. निकालो उसे बाहर.. मुझे नहीं चुदवाना.. तुम तो मेरी चूत फाड़ ही डालोगे.. कोई ऐसा करता है भला?
मैं- भाभी बस हो गया.. अब तुम्हें मजा ही मजा मिलेगा। आओ तुम्हें जन्नत की सैर करवाता हूँ.. वो भी अपने लण्ड से।
मेरा पूरा लण्ड उनकी चूत में जा चुका था। मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए। धीरे-धीरे उन्हें भी आराम मिलने लगा.. उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया।
मालकिन- राज.. आह्ह.. अब तेज-तेज करो.. ओह.. फाड़ डालो मेरी चूत.. साली ने बहुत तड़पाया है.. आज निकाल दो इसकी सारी अकड़..
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
ओह.. दिखा दो तुममें कितना दम है.. चोद मेरी जान..
मैंने उनकी कमर को दोनों हाथों से पकड़ लिया और पूरी ताकत से धक्के लगाने लगा। उनकी ‘आहें..’ निकलने लगीं।
‘आह.. आह.. ओह.. ससससस.. आ.. उफ आह.. आह..’
मैं पेले जा रहा था।
मालकिन- आह.. और जोर से.. मजा आ गया राज..
धीरे-धीरे हम दोनों पसीने से तर हो गए.. पर दोनों में से कोई भी हार मानने को तैयार नहीं था। मैं तड़ातड़ उनकी चूत पर लण्ड से वार किए जा रहा था।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
आखिर वो कब तक सहन करती.. अन्त में उनका पानी निकल ही गया।
मालकिन- राज.. प्लीज थोड़ा रूको। मुझे अब दर्द हो रहा है।
मैंने लण्ड को चूत में ही रहने दिया और उनकी चूचियां मसलने लगा। थोड़ी देर में जब वो थोड़ा नार्मल हो गई.. तो मैंने लण्ड को चूत की दीवारों पर रगड़ना शुरू कर दिया। जल्दी ही वो गरम हो गई और बिस्तर पर फिर तूफान आ गया।
अब भाभी गाण्ड उठा-उठा कर मेरा साथ दे रही थीं।
मैं- भाभी कहाँ गिराऊँ.. मेरा होने वाला है।
मालकिन- राज.. तेज-तेज धक्के मारो.. मेरा भी होने वाला है और सारा रस चूत में ही गिराना.. सालों से प्यासी है.. तर कर दो उसे.. तुम चिन्ता मत करो मेरा आपरेशन हो चुका है।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
अब मैंने रफ़्तार पकड़ी और कुछ ही देर में सारा माल उनकी चूत में भर दिया.. और उन्हीं के ऊपर लेट गया।
मालकिन- राज अब उठो भी। मुझे घर भी जाना है।
मैं- ठीक है भाभी.. पर ये तो बताओ कैसा लगा.. आपको मेरे लण्ड पर जन्नत की सैर करके?
मालकिन- बहुत मजा आया राज.. तुमने मेरी चूत की सारी खुजली भी मिटा दी और सालों से प्यासी चूत को पानी से लबालब भर भी दिया। देखो अब भी पानी छलक रहा है।
मैंने देखा हम दोनों का माल उनकी चूत से निकलकर उनके टाँगों से चिपककर नीचे आ रहा है।
मतलब समझ कर हम दोनों हँसने लगे, फिर वो फटाफट कपड़े पहनने लगी और जाने लगी।
मैं- भाभी जिसने तुम्हें इतना मजा दिया उसे थोड़ा प्यार करके तो जाओ।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैंने अपना मुरझाया लण्ड उनके आगे कर दिया। भाभी ने एक बार उसे पूरा अपने मुँह में ले लिया। थोड़ी देर चूसा.. आगे से जड़ तक चाटा.. फिर टोपे पर एक प्यारी सी चुम्मी दी और चली गईं।
उसके बाद जब तक उनके बेटे की शादी नहीं हो गई.. तब तक मैंने उन्हें बहुत बार चोदा। उनकी बहू घर पर ही रहती थी.. इसलिए मैंने उनसे मिलने से मना कर दिया.. ताकि वो फंस ना जाए। वो समझ गई। उसके बाद ना वो कभी कमरे में आई.. ना ही मैं उनसे मिलने गया। पर जब तक साथ रहा तब तक दोनों ने खूब मजे किए।
जब मैं जमरूदपुर में किराए के मकान में रहता था.. दूसरे फ्लोर पर जीने के साथ ही मेरा पहला कमरा था। एक फ्लोर में 5 कमरे थे व चारों फ्लोर किराएदारों से भरे थे.. जिनमें अधिकतर फैमिली वाले ही रहते थे।
यह कहानी भी वहीं से शुरू होती है। मकान-मालकिन को चोदने के बाद जब मैंने उससे मिलने को मना कर दिया.. तो मैं फिर अकेला पड़ गया। हर वक्त किसी ना किसी को चोदने को मन करता था।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
फिर मेरी नजर मेरे साथ वाले कमरे में रहने वाली एक सिक्किम की भाभी अनुपमा पर पड़ी.. जो अपने एक 2 साल के बेटे व पति के साथ रहती थी। जिसकी उम्र 24 साल व लम्बाई 5’6″ फिट थी और देखने में थोड़ी सांवली थी.. पर उसका फिगर मस्त था।
उसका पति किसी कम्पनी में कार पार्किंग का काम करता था.. इसलिए वह सुबह 7 बजे जाता और रात को 10 बजे वापस आता था। वो कभी-कभी डबल ड्यूटी भी करता था। इसलिए दोनों माँ-बेटे कभी जब हम कमरे में होते थे.. तो हमारे ही कमरे में टीवी देखा करते थे।
मैं और मेरा दोस्त उससे कभी-कभी मजाक कर लेते थे.. तो वह भी उसका जवाब हँस कर देती थी। इसलिए वो हमसे जल्दी ही घुल मिल गई थी।
मकान-मालकिन के बाद मुझे उसे चोदने की बहुत इच्छा कर रही थी.. पर सही मौका नहीं मिल रहा था। लौड़े की खुराक के लिए उसे पटाना भी जरूरी था।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
एक बार मेरा दोस्त दिन में ड्यूटी गया था और मेरी छुट्टी थी।
वो मेरे कमरे में टीवी देख रही थी।
मैंने बात शुरू की, मैं बोला- भाभी आपने लव मैरिज की.. या अरेंज?
भाभी- अरेंज.. मैं यहीं दिल्ली में नौकरी करती थी। घर में बात चली तो तुम्हारे भैया ने मुझे यहीं पसंद कर लिया और जल्दी ही हमारी शादी हो गई।
मैंने कहा- भाभी तुम तो दिल्ली में रहती थीं.. क्या तुम्हारा शादी से पहले कोई ब्वॉय-फ्रेन्ड था?
भाभी- हाँ था तो.. पर ये बात अपने भैया को मत बताना.. नहीं तो वो मेरे बारे में पता नहीं क्या सोचेंगे।
मैं- ठीक है.. मैं आपकी कोई भी बात भैया को नहीं बताऊँगा और आप भी.. जो बातें मैं आपसे करता हूँ.. वह भैया को मत बताया कीजिए।
भाभी- ठीक है नहीं बोलूँगी.. तुम्हारी है कोई दोस्त?
मैं- हाँ भाभी.. पहले थी.. पर अब नहीं है।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
अब धीरे-धीरे भाभी मुझसे बात करने में खुल रही थीं।
भाभी- उसके साथ कुछ किया भी.. या ऐसे ही समय खराब किया।
मैं- हाँ भाभी.. सब कुछ किया। अब उसकी शादी हो चुकी है इसलिए सब खत्म..
मैंने झूठ बोला।
‘आपने किया था उससे?’
भाभी- हाँ मैंने भी सब कुछ किया था। एक साल उसी के साथ रही थी.. पर यह बात अपने भैया को मत बताना।
मैं- मैं क्यों बताऊँगा.. अच्छा भाई को पता नहीं चला कि तुम पहले से ‘चुदी’ हो।
मैं जरा और खुल गया।
भाभी- तुम्हें ऐसी बातें करते शरम नहीं आती राज.. बेर्शम कहीं के..
वो शरमाने लगी।
मैं- अरे यार भाभी.. हम दोनों अकेले ही तो हैं.. कौन सा मैं किसी को बता रहा हूँ.. बताओ ना प्लीज।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
भाभी भी खुल गईं- जब किसी को पहली बार ‘चोदने’ को मिलता है ना.. तो वह कुछ नहीं देखता है.. कि माल कैसा है उसे तो बस चोदना होता है। वैसे भी शादी से पहले मैं 6 महीने तक नहीं चुदी थी इसलिए चूत टाइट हो गई थी। उनका बड़ा लम्बा और मोटा है.. तो ठोकते वक्त उन्हें पता नहीं चला। वैसे भी मैंने चुदते वक्त ‘आह.. ऊह..’ कुछ ज्यादा ही की थी।
अब सब कुछ खुल्लम-खुल्ला होने लगा था।
मैं- अच्छा भाभी आपने कभी ब्लू-फिल्म देखी है.. वही चुदाई वाली फिल्म..
भाभी अब गनगना उठी थी- हाँ.. दो बार ब्वॉय-फ्रेन्ड ने दिखाई थी। फिर रात भर खूब चोदा।
अब वो शरमाने लगी।
मैं- भाभी मेरे पास है देखोगी.. बड़ा मजा आएगा।
भाभी- आज नहीं.. फिर कभी.. कोई आ जाएगा।
मैं- चलो थोड़ा तो देख लो..
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैंने बात बनानी चाही.. क्योंकि थोड़ा में ही मेरा काम बन जाता।
भाभी- ठीक है.. पर पहले दरवाजा तो बंद कर दो।
भाभी की चुदास भड़क उठी थी।
मैंने फिल्म लगा दी। थोड़ी ही देर में गर्म सीन देखकर भाभी गर्म हो गई.. और चूत खुजाने लगी।
अचानक वह उठी और अपने कमरे में चली गई।
मैं अपना लौड़ा हिलाता हुआ उसे देखता ही रह गया। मेरे तो खड़े लण्ड पर धोखा हो गया.. पर ये तो तय था कि कभी तो मैं उनको चोदूँगा ही.. पर कब.. ये मालूम ना था।
खैर.. वो घड़ी भी जल्दी ही आ गई।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
एक रात उसके पति का फोन आया कि वह घर नहीं आ रहा है, आफिस में पार्टी है इसलिए वह कल शाम तक आ पाएगा।
वो कभी अकेली नहीं रही थी.. इसलिए हमारे पास आई और मेरे दोस्त से बोली- आज तुम मेरे कमरे में सो जाओ।
मेरे दोस्त ने मना कर दिया.. बोला- मैं तो आज रात फिल्म देखूँगा।
उसने मेरे से उसके कमरे में सोने को बोला तो मैंने भी मना कर दिया।
भाभी ने बहुत जोर दिया.. तो मैं दिखावा करता हुआ राजी हो गया।
भाभी ने अपने कमरे में मेरे लिए चारपाई पर बिस्तर लगाया और अपने व बेटे के लिए नीचे जमीन पर बिस्तर लगाया।
मैं खाना खाने के बाद उनके कमरे में सोने चला गया।
वो मेरे दोस्त के साथ फिल्म देखने लगी।
थोड़ी देर में उनका बेटा सो गया।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
वो उसे लेकर अपने कमरे में आ गई, उसने मुझे आवाज दी- राज सो गए क्या?
मैं- नहीं भाभी.. फिल्म देख रहा था.. तुम भी देखोगी।
भाभी- कौन सी देख रहे हो अकेले-अकेले..
मैं- भाभी ब्लू-फिल्म देख रहा हूँ.. दोस्त के साथ तो देख नहीं सकता.. आज मौका मिला है.. आप भी देखोगी.. मेरे मोबाइल में है..
भाभी बोली- नहीं यार.. मैं नहीं देखूंगी। तुम भी सो जाओ.. अब रात बहुत हो गई है।
मैं बोला- भाभी देख लो बहुत अच्छे सीन हैं.. फिर आपको मौका नहीं मिलेगा।
भाभी बोली- नहीं.. सो जाओ मुझे नहीं देखनी है।
यह कहकर वो नीचे सो गई।
मैं ब्लू-फिल्म देखकर उत्तेजित हो गया था। मैं हिम्मत कर भाभी के बिस्तर में चला गया और उनके बगल में लेट गया.. मैंने उनकी मम्मों पर हाथ रख दिया।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
भाभी घबरा गई और बोली- राज तुम नीचे क्यों आ गए.. और यह क्या कर रहे हो।
मैं- भाभी फिल्म देखकर मेरा दिमाग खराब हो गया है.. प्लीज मना मत करना.. मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ।
भाभी बोली- राज ये ठीक नहीं है.. तुम ऊपर चले जाओ।
मैं बोला- भाभी तुम शादी से पहले भी तो चुदवाती थीं.. अब क्या परेशानी है.. कौन सा तुम्हारे पति को पता चलेगा। प्लीज.. बस एक बार और चुदवा लो भाभी.. आगे आपसे चुदवाने को कभी नहीं बोलूँगा।
भाभी बोली- नहीं राज.. अब ये सब मैं नहीं करना चाहती।
तब तक मैंने उनकी चूचियाँ दबानी शुरू कर दी थीं।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैं बोला- ठीक है भाभी.. मैं जबरदस्ती नहीं करूँगा.. पर आप इसे शान्त तो कर सकती हो ना.. देखो मेरा क्या बुरा हाल हो गया है।
यह कहकर मैंने पजामा नीचे उतार दिया। मेरा लण्ड अण्डरवियर फाड़ने को तैयार खड़ा था।
भाभी लौड़ा देख कर बोली- ठीक है.. मैं तुम्हारा हिला देती हूँ.. पर बाकी आगे कुछ और नहीं करना.. झड़ने के बाद तुम सीधा चारपाई में जाओगे।
मैं बोला- ठीक है भाभी मेरे लिए यही काफी है।
भाभी ने मेरा अण्डरवियर उतारा और लण्ड को अपने हाथ में लेकर हिलाना शुरू किया। मुझे औरत के हाथ से मजा तो बहुत आ रहा था.. पर भाभी को बोला- भाभी बिल्कुल भी मजा नहीं आ रहा है.. प्लीज इसे मुँह में लेकर चूसो ना..
भाभी भी चुदासी सी हो चली थी.. सो उसने लौड़े को अपने मुँह में ले लिया और जोर-जोर से चूसने लगी।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैं भाभी की चूचियां दबा रहा था.. इसलिए वो भी गरम हो गई।
मैं बोला- भाभी चलो चुदवाओ मत.. पर हम एक-दूसरे को मजा तो दे ही सकते हैं ना.. मुझे अकेले करते ठीक नहीं लग रहा है.. मैं आपको भी मजा देना चाहता हूँ।
भाभी बोली- ठीक है.. पर कैसे?
अब उनकी गरमाई बोल रही थी।
मैं बोला- अभी आप अपने कपड़े उतार दो और आप मेरा लण्ड चूसो.. मैं आपकी चूत चूसता हूँ.. ऐसे ही मजे लेते हैं।
भाभी बोली- हाँ ये सही रहेगा.. पर किसी को पता लग गया तो.. यार मुझे डर लगता है।
मैं बोला- मैं किसी को बताऊँगा ही नहीं.. आप भी किसी को मत बताना कि आज रात मैं यहाँ था.. कोई नहीं जान पाएगा।
यह कहकर मैंने उनके सारे कपड़े उतार दिए और खुद भी नंगा हो गया। अब वो मेरा लण्ड चूस रही थी और मैं उसकी चूत चचोर रहा था।
थोड़ी देर में ही वो खूब गरम हो गई, मैंने एक उंगली भी चूत में घुसेड़ दी, वो मचल गई.. अब उसे खूब मजा आ रहा था।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
तब मैंने अपना लण्ड उनके मुँह से निकाल लिया और चूसना व उंगली करना छोड़ दिया.. इससे वो पागल सी हो गई।
मैं मुँह फेर कर लेट गया, भाभी को मैंने गरम रेत पर छोड़ दिया था, उनकी चूत पानी टपका रही थी।
भाभी बोली- राज.. बहुत अच्छा लग रहा था.. और चूसो ना.. लण्ड क्यों निकाल दिया तुमने.. और उंगली करो ना..
वह मुझसे लिपट गई और मेरा हाथ अपनी चूचियों पर रखवा लिया।
बोली- राज इन्हें दबाओ न..
वो मेरे और पास खिसक आई।
मैं समझ गया कि अब ये चुदवाने को तैयार है, मैं भी उससे चिपक गया.. जिससे मेरा लण्ड उसकी चूत के मुहाने से टकराने लगा।
जैसे ही उसे लण्ड का एहसास हुआ उसने खुद हाथ से उसे चूत के मुहाने पर सैट कर लिया।
वो बोली- प्लीज राज.. अब मत तड़फाओ.. मैं पागल हो जाऊँगी। तुमने मेरा बुरा हाल कर दिया है.. तुम्हें जो करना है.. कर लो पर प्यासा मत छोड़ो।
मैं बोला- भाभी मुझे तुम्हारी चूत चाहिए, मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
वो बोली- अब कहाँ मना कर रही हूँ, देखो.. मैंने तुम्हें खुद रास्ता दिखा दिया है.. बस मेरी आग शान्त करो.. जल्दी से चोद डालो मुझे..
मैं बोला- तो ठीक है भाभी अब चुदाई के मजे लो.. और मेरे लण्ड के झूले में प्यार का झूला झूलो।
मैंने उनकी चूत पर लण्ड का दबाव देना शुरू किया.. गीली चूत में ‘फच्च’ की आवाज से पूरा लण्ड अन्दर चला गया। भाभी के मुँह से ‘आह..’ निकल गई।
मैंने होंठों से होंठों को लगाया और चोदने की रफ्तार बढ़ा दी।
मैं और भाभी दोनों ही चुदासे और प्यासे थे.. इसलिए 15 मिनट में ही दोनों खलास हो गए।
कुछ देर बाद फिर मैंने उन्हें फिर गरम करना शुरू किया और फिर उनकी जमकर चुदाई की और सारा माल चूत में भर दिया।
उस रात मैंने उन्हें 5 बार चोदा, उनके चेहरे पर भी सन्तुष्टि के भाव थे।
भाभी बोली- राज आज रात जो कुछ भी हमारे बीच हुआ.. प्लीज़.. वो तुम किसी को मत बताना.. मैं भी नहीं बताऊँगी कि तुम रात में मेरे साथ सोए थे। प्लीज.. नहीं तो मैं बदनाम हो जाऊँगी।
मैं बोला- ठीक है भाभी.. तुम चिन्ता मत करो और खुश रहो।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
उसके बाद हम नंगे ही साथ-साथ सो गए।
सुबह उन्होंने मुझे जल्दी उठा दिया, मैंने उनकी एक चुम्मी ली और अपने कमरे में आ कर सो गया।
उस रात के बाद कभी दुबारा मैंने उनसे चूत देने की जिद नहीं की। कुछ दिनों बाद उन्होंने भी कमरा छोड़ दिया। मैं फिर अकेला रह गया।
दोस्तो.. अब मैं चूत चोदने में उस्ताद हो गया था.. पर फिलहाल अनुपमा के बाद चूत का इन्तजाम नहीं हो पा रहा था।
मैं अब नई चूत की तलाश में था। नसीब से वो तलाश भी जल्दी ही पूरी कर हो गई।
उसका नाम मीरा था.. उम्र 25 साल.. और रहने वाली नेपाल की थी, यहाँ दिल्ली में कोठी में बच्चों को सम्भालने का काम करती थी। वह अपनी बड़ी बहन के साथ ठीक मेरे सामने के कमरे में रहती थी। वह और उसकी बहन सिर्फ हफ्ते की छुट्टी या सरकारी छुट्टियों में ही यहाँ मौज मस्ती या पार्टी के लिए आती थी, बाकी पूरा महीना वह कोठी में ही रहती थी।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मीरा ने नेपाल के ही एक ड्राईवर को यहाँ दिल्ली में पटाया था। जब वो यहाँ कमरे में आती.. तभी वो भी एक घण्टे के लिए आता और उसकी प्यास बुझा कर चला जाता।
मीरा देखने में बहुत सुन्दर थी.. उसका फिगर किसी हीरोइन से कम नहीं था। वो हमेशा सज-धज कर ही रहती और जीन्स-शर्ट या टॉप-स्कर्ट ही पहनती.. जिससे वह 20 साल की ही लगती थी।
उसकी चूचियाँ कुछ बड़ी थीं.. जो हमेशा कपड़ों से बाहर को झलकती रहती थीं। मैं और मेरे मित्र जो मेरे साथ ही रहता था.. तो वह जब भी यहाँ आती.. हम दोनों से बातें करती थी इसलिए उससे हम दोनों की ही अच्छी पहचान हो गई थी।
मैं उसे पटा कर चोदना चाहता था.. पर मौका ही नहीं मिल रहा था।
एक बार मेरी किस्मत भी खुल ही गई। वह अपनी छुट्टी के दिन दोपहर में अपने कमरे में आई.. पर अपनी चाभी लाना भूल गई। दूसरी चाभी उसकी दीदी के पास थी.. जो रात को आती थी।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
उसने चाभी भूलने के बारे में अपनी दीदी को बताया.. पर उसकी दीदी ने कहा कि वो तो रात तक ही आ सकती है। अब वह परेशान सी बाहर घूम रही थी।
मेरा दोस्त दिन की ड्यूटी गया था और मैं ड्यूटी कर के आ गया था।
मैंने बात शुरू की- मीरा जी क्या बात हो गई.. क्यों परेशान घूम रही हो। सब ठीक है ना?
मीरा- देखो ना राज.. आज मेरी छुट्टी है और मैं चाभी भूल आई हूँ। दीदी रात तक ही पहुँचेगी। अब मैं क्या करूँ और कहाँ जाऊँ?
मैं बोला- कोई बात नहीं.. आप परेशान ना हों.. मेरे कमरे में बैठ जाओ। वैसे भी मेरा दोस्त रात को आएगा। आपको यहाँ कोई परेशानी नहीं होगी। जब आपकी दीदी आएं तब चले जाना।
उसने राहत की सांस ली और वह मेरे कमरे में आ गई। उसने टॉप और छोटी सी स्कर्ट पहन रखी थी। इन कपड़ों में वो कयामत लग रही थी.. मन कर रहा था कि अभी पटक कर चोद दूँ.. पर ऐसे कामों में जल्दीबाजी कभी ठीक नहीं होती।
मैंने उसे पानी पिलाया और चाय के लिए पूछा.. उसने मना कर दिया।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
उसका मूड खराब हो गया था। उसने अपने दोस्त को भी आने को मना कर दिया। वह बड़ी परेशान नजर आ रही थी क्योंकि आज कमरा ना होने के कारण उसकी चुदाई रुक गई थी। वह दीदी से पहले दिन में जल्दी इसी लिए आती थी ताकि दीदी के आने से पहले वह दोस्त से अपनी प्यास बुझा सके।
मीरा- राज, तुम्हें मेरी वजह से परेशानी हो रही है।
मैंने कहा- अरे नहीं.. यह आपका अपना कमरा है.. आप आराम कर लो।
मीरा- हाँ.. मुझे नींद सी आ रही है क्योंकि बस में मैं खड़े-खड़े आई हूँ और बहुत थक भी गई हूँ। क्या मैं थोड़ी देर आराम कर लूँ.. अगर आपको बुरा ना लगे तो..!
मैं- हाँ.. हाँ.. क्यों नहीं.. आप आराम करो मैं यहीं बाहर जीने में बैठा हूँ।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
वह मेरे बिस्तर में सो गई। जल्दी ही उसे थकान के कारण नींद आ गई। मैं भी 20 मिनट बाहर बैठकर उसके बारे में सोचता रहा। मैं पानी की बोतल लेने अन्दर गया तो वह नींद में और भी सुन्दर लग रही थी। उसकी चूचियां सांस लेते वक्त धीरे-धीरे ऊपर-नीचे हो रही थीं.. और स्कर्ट नींद में थोड़ा ऊपर हो गई थी।
मेरा ईमान डोल गया।
मैंने बाहर आके देखा कोई आस-पास नहीं था। मैंने झट से दरवाजा बंद कर दिया और उसके और करीब आ गया। मैंने उसकी स्कर्ट थोड़ा और ऊपर उठाई.. तो उसकी गुलाबी पैन्टी साफ दिखाई दे रही थी। मेरा हथियार खड़ा होने लगा।
मैंने हिम्मत कर एक हाथ से उसकी जाँघों को सहलाया.. वो गहरी नींद में थी उसे पता ही नहीं चला।
मेरी हिम्मत बढ़ गई। मैंने धीरे से एक हाथ उसकी चूचियों पर रखा और धीरे से दबा दिया। उसकी चूचियां बड़ी नरम थीं.. जैसे मैंने रूई पर हाथ रख दिया हो।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मेरा मन इतने से नहीं माना.. मैं धीरे-धीरे उसकी चूचियां दबाने लगा.. वो थोड़ा सा मचली और सीधी लेट गई।
अब मैं रुकने के मूड में नहीं था। मैंने सोचा ये चुदने तो आई ही थी.. आज मुझसे चुदवा लेगी तो क्या हो जाएगा। मैंने उसके गालों पर किस किया। वो अब भी नींद में थी.. मैंने आराम से उसके कपड़े खोलने शुरू किए और टाँगों के बीच सहलाना शुरू किया।
वो शायद इसे सपना समझ रही थी.. इसलिए उसने अभी तक कोई हरकत नहीं की थी।
मैंने उसकी चूचियों पर दबाव बढ़ाना शुरू किया और चूत सहलाने लगा। अब वो भी गरम हो रही थी। मैंने पैन्टी के किनारे से हाथ डालकर नंगी चूत पर हाथ फिराया.. तो वह एकदम गरम थी और गीली भी।
मुझ से अब सहन नहीं हो रहा था। मैंने एक हाथ उसकी ब्रा के अन्दर डाला चूचियां मसलने लगा और एक उंगली उसकी चूत में घुसेड़ दी। जैसे ही उंगली अन्दर गई.. वो झट से उठ गई। जिसे वो सपना समझ कर मजे ले रही थी.. वो उसके साथ हकीकत में हो रहा था। वो घबरा कर खड़ी हो गई।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मीरा- राज तुम यह क्या कर रहे थे.. मेरे साथ?
मैं- मीरा.. रोको मत.. जब से तुम्हें देखा है.. मैं पागल सा हो गया हूँ। तुम मुझे अच्छी लगती हो। मैं तुम्हें कम से कम एक बार प्यार करना चाहता हूँ.. मतलब चोदना चाहता हूँ। देखो तुम्हें देख कर क्या हाल हो गया है मेरा..
मैंने अपना लण्ड उसके सामने खोल दिया। एक बार उसने उसे गौर से देखा। चूत गीली तो हो ही गई थी.. चुदने तो आई ही थी.. पर फिर भी उसने मना कर दिया।
मीरा- नहीं, यह गलत है। मैं उस ड्राइवर से प्यार करती हूँ और शादी भी उसी से करना चाहती हूँ। ये सब भी उसी के साथ करूँगी और किसी के साथ नहीं।
मैं- मैंने कब मना किया.. शौक से करो पर आज तो वह नहीं आएगा। मुझे ही आज अपना दोस्त मान लो और आज तुम मुझसे चुदवा लो, मेरा लण्ड लेकर तुम उसे भूल जाओगी।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
यह कह कर मैंने उसकी कमर में हाथ डाल दिया।
मीरा- नहीं यह गलत है.. मैं ऐसा नहीं कर सकती, मैं उसे धोखा नहीं देना चाहती, वो भी मुझे चाहता है।
मुझे लगने लगा.. ये भी खड़े लण्ड पर धोखा दे सकती है। मन तो चुदाने का है.. पर नखरे कर रही है। इसलिए मैंने ही आगे बढ़ने की सोची।
वो मेरे कमरे में थी इसलिए शोर नहीं मचा सकती थी.. वो ही बदनाम होती। मैंने उसे कस कर पकड़ लिया और उसके होंठों को चूमने लगा। चूचियां मसलने लगा व चूत सहलाने लगा।
थोड़ी ही देर में उसकी ‘ना’.. ‘हाँ’ में बदल गई और वह भी मेरा साथ देने लगी।
मैंने भी देरी करना सही नहीं समझा और उसके व अपने सारे कपड़े उतार दिए। मैंने उसे चारपाई पर लिटा दिया उसकी चूत तो पहले से ही गीली थी। मैंने उसकी टाँगें कंधे पर रखीं और हाथ उसकी चूचियों पर लगाए। फिर लण्ड का दबाव चूत पर देने लगा।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था। शायद उसने आज ही साफ किए थे। उसकी चूत बहुत छोटी सी थी।
धीरे-धीरे उसने पूरा लण्ड चूत के अन्दर ले लिया। उसे चुदने की आदत थी इसलिए उसे ज्यादा दर्द नहीं हो रहा था। कुछ ही पलों बाद वो चुदाई के पूरे मजे उछल-उछल कर ले रही थी और मैं भी उसे पेले जा रहा था।
धकापेल.. जम कर चुदाई करने के बाद मैंने सारा रस उसकी चूत में भरा और शान्त होकर उसके बगल में लेट गया।
मैं- बोलो मीरा कैसा लगा.. मैंने तुम्हारे दोस्त की कमी पूरी की कि नहीं?
मीरा- राज चुदवाने में मजा दोस्त के साथ करने से भी ज्यादा आया.. पर राज हमारे बीच जो कुछ भी हुआ.. अन्जाने में हुआ.. प्लीज अब कभी मेरे साथ ऐसा मत करना। मैं उससे शादी करना चाहती हूँ। कहीं किसी को पता चल गया तो मैं कहीं की नहीं रहूँगी।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैं- मीरा.. तुम चिन्ता मत करो। मैं किसी को नहीं बताऊँगा और कभी तुमसे दुबारा जिद भी नहीं करूँगा। जो मजा रजामंदी से मिलता है.. वो कहीं नहीं मिलता। मैं माफी चाहता हूँ.. मैंने तुमसे जिद की.. क्योंकि तुम्हें चोदे बिना मुझे चैन नहीं मिलने वाला था। मुझसे चुदवाने के लिए शुक्रिया। तुम इसके लिए निश्चिन्त रहो।
उसके बाद उसने अपने कपड़े पहनने शुरू किए.. मैं उसे अब भी देखे ही जा रहा था क्या जिस्म था उसका.. पर इस बात की तसल्ली थी.. कि वो मेरे लण्ड के नीचे आ ही गई थी।
मैंने भी अपने कपड़े पहने और हम दोनों बाहर आकर जीने में बैठ गए।
चुदाई में तो समय का खयाल ही नहीं रहा। थोड़ी देर में उसकी दीदी आ गई और वह अपने कमरे में चली गई। फिर कुछ दिन बाद उसने अपने दोस्त से शादी कर ली व उसके बाद हम कभी नहीं मिले.. पर उसका नंगा जिस्म और उसकी वह यादगार चुदाई हमेशा याद रहेगी।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
भाभी घबरा गई और बोली- राज तुम नीचे क्यों आ गए.. और यह क्या कर रहे हो।
मैं- भाभी फिल्म देखकर मेरा दिमाग खराब हो गया है.. प्लीज मना मत करना.. मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ।
भाभी बोली- राज ये ठीक नहीं है.. तुम ऊपर चले जाओ।
मैं बोला- भाभी तुम शादी से पहले भी तो चुदवाती थीं.. अब क्या परेशानी है.. कौन सा तुम्हारे पति को पता चलेगा। प्लीज.. बस एक बार और चुदवा लो भाभी.. आगे आपसे चुदवाने को कभी नहीं बोलूँगा।
भाभी बोली- नहीं राज.. अब ये सब मैं नहीं करना चाहती।
तब तक मैंने उनकी चूचियाँ दबानी शुरू कर दी थीं।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैं बोला- ठीक है भाभी.. मैं जबरदस्ती नहीं करूँगा.. पर आप इसे शान्त तो कर सकती हो ना.. देखो मेरा क्या बुरा हाल हो गया है।
यह कहकर मैंने पजामा नीचे उतार दिया। मेरा लण्ड अण्डरवियर फाड़ने को तैयार खड़ा था।
भाभी लौड़ा देख कर बोली- ठीक है.. मैं तुम्हारा हिला देती हूँ.. पर बाकी आगे कुछ और नहीं करना.. झड़ने के बाद तुम सीधा चारपाई में जाओगे।
मैं बोला- ठीक है भाभी मेरे लिए यही काफी है।
भाभी ने मेरा अण्डरवियर उतारा और लण्ड को अपने हाथ में लेकर हिलाना शुरू किया। मुझे औरत के हाथ से मजा तो बहुत आ रहा था.. पर भाभी को बोला- भाभी बिल्कुल भी मजा नहीं आ रहा है.. प्लीज इसे मुँह में लेकर चूसो ना..
भाभी भी चुदासी सी हो चली थी.. सो उसने लौड़े को अपने मुँह में ले लिया और जोर-जोर से चूसने लगी।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मैं भाभी की चूचियां दबा रहा था.. इसलिए वो भी गरम हो गई।
मैं बोला- भाभी चलो चुदवाओ मत.. पर हम एक-दूसरे को मजा तो दे ही सकते हैं ना.. मुझे अकेले करते ठीक नहीं लग रहा है.. मैं आपको भी मजा देना चाहता हूँ।
भाभी बोली- ठीक है.. पर कैसे?
अब उनकी गरमाई बोल रही थी।
मैं बोला- अभी आप अपने कपड़े उतार दो और आप मेरा लण्ड चूसो.. मैं आपकी चूत चूसता हूँ.. ऐसे ही मजे लेते हैं।
भाभी बोली- हाँ ये सही रहेगा.. पर किसी को पता लग गया तो.. यार मुझे डर लगता है।
मैं बोला- मैं किसी को बताऊँगा ही नहीं.. आप भी किसी को मत बताना कि आज रात मैं यहाँ था.. कोई नहीं जान पाएगा।
यह कहकर मैंने उनके सारे कपड़े उतार दिए और खुद भी नंगा हो गया। अब वो मेरा लण्ड चूस रही थी और मैं उसकी चूत चचोर रहा था।
थोड़ी देर में ही वो खूब गरम हो गई, मैंने एक उंगली भी चूत में घुसेड़ दी, वो मचल गई.. अब उसे खूब मजा आ रहा था।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
तब मैंने अपना लण्ड उनके मुँह से निकाल लिया और चूसना व उंगली करना छोड़ दिया.. इससे वो पागल सी हो गई।
मैं मुँह फेर कर लेट गया, भाभी को मैंने गरम रेत पर छोड़ दिया था, उनकी चूत पानी टपका रही थी।
भाभी बोली- राज.. बहुत अच्छा लग रहा था.. और चूसो ना.. लण्ड क्यों निकाल दिया तुमने.. और उंगली करो ना..
वह मुझसे लिपट गई और मेरा हाथ अपनी चूचियों पर रखवा लिया।
बोली- राज इन्हें दबाओ न..
वो मेरे और पास खिसक आई।
मैं समझ गया कि अब ये चुदवाने को तैयार है, मैं भी उससे चिपक गया.. जिससे मेरा लण्ड उसकी चूत के मुहाने से टकराने लगा।
जैसे ही उसे लण्ड का एहसास हुआ उसने खुद हाथ से उसे चूत के मुहाने पर सैट कर लिया।
वो बोली- प्लीज राज.. अब मत तड़फाओ.. मैं पागल हो जाऊँगी। तुमने मेरा बुरा हाल कर दिया है.. तुम्हें जो करना है.. कर लो पर प्यासा मत छोड़ो।
मैं बोला- भाभी मुझे तुम्हारी चूत चाहिए, मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
वो बोली- अब कहाँ मना कर रही हूँ, देखो.. मैंने तुम्हें खुद रास्ता दिखा दिया है.. बस मेरी आग शान्त करो.. जल्दी से चोद डालो मुझे..
मैं बोला- तो ठीक है भाभी अब चुदाई के मजे लो.. और मेरे लण्ड के झूले में प्यार का झूला झूलो।
मैंने उनकी चूत पर लण्ड का दबाव देना शुरू किया.. गीली चूत में ‘फच्च’ की आवाज से पूरा लण्ड अन्दर चला गया। भाभी के मुँह से ‘आह..’ निकल गई।
मैंने होंठों से होंठों को लगाया और चोदने की रफ्तार बढ़ा दी।
मैं और भाभी दोनों ही चुदासे और प्यासे थे.. इसलिए 15 मिनट में ही दोनों खलास हो गए।
कुछ देर बाद फिर मैंने उन्हें फिर गरम करना शुरू किया और फिर उनकी जमकर चुदाई की और सारा माल चूत में भर दिया।
उस रात मैंने उन्हें 5 बार चोदा, उनके चेहरे पर भी सन्तुष्टि के भाव थे।
भाभी बोली- राज आज रात जो कुछ भी हमारे बीच हुआ.. प्लीज़.. वो तुम किसी को मत बताना.. मैं भी नहीं बताऊँगी कि तुम रात में मेरे साथ सोए थे। प्लीज.. नहीं तो मैं बदनाम हो जाऊँगी।
मैं बोला- ठीक है भाभी.. तुम चिन्ता मत करो और खुश रहो।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
उसके बाद हम नंगे ही साथ-साथ सो गए।
सुबह उन्होंने मुझे जल्दी उठा दिया, मैंने उनकी एक चुम्मी ली और अपने कमरे में आ कर सो गया।
उस रात के बाद कभी दुबारा मैंने उनसे चूत देने की जिद नहीं की। कुछ दिनों बाद उन्होंने भी कमरा छोड़ दिया। मैं फिर अकेला रह गया।
दोस्तो.. अब मैं चूत चोदने में उस्ताद हो गया था.. पर फिलहाल अनुपमा के बाद चूत का इन्तजाम नहीं हो पा रहा था।
मैं अब नई चूत की तलाश में था। नसीब से वो तलाश भी जल्दी ही पूरी कर हो गई।
उसका नाम मीरा था.. उम्र 25 साल.. और रहने वाली नेपाल की थी, यहाँ दिल्ली में कोठी में बच्चों को सम्भालने का काम करती थी। वह अपनी बड़ी बहन के साथ ठीक मेरे सामने के कमरे में रहती थी। वह और उसकी बहन सिर्फ हफ्ते की छुट्टी या सरकारी छुट्टियों में ही यहाँ मौज मस्ती या पार्टी के लिए आती थी, बाकी पूरा महीना वह कोठी में ही रहती थी।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
मीरा ने नेपाल के ही एक ड्राईवर को यहाँ दिल्ली में पटाया था। जब वो यहाँ कमरे में आती.. तभी वो भी एक घण्टे के लिए आता और उसकी प्यास बुझा कर चला जाता।
मीरा देखने में बहुत सुन्दर थी.. उसका फिगर किसी हीरोइन से कम नहीं था। वो हमेशा सज-धज कर ही रहती और जीन्स-शर्ट या टॉप-स्कर्ट ही पहनती.. जिससे वह 20 साल की ही लगती थी।
उसकी चूचियाँ कुछ बड़ी थीं.. जो हमेशा कपड़ों से बाहर को झलकती रहती थीं। मैं और मेरे मित्र जो मेरे साथ ही रहता था.. तो वह जब भी यहाँ आती.. हम दोनों से बातें करती थी इसलिए उससे हम दोनों की ही अच्छी पहचान हो गई थी।
मैं उसे पटा कर चोदना चाहता था.. पर मौका ही नहीं मिल रहा था।
एक बार मेरी किस्मत भी खुल ही गई। वह अपनी छुट्टी के दिन दोपहर में अपने कमरे में आई.. पर अपनी चाभी लाना भूल गई। दूसरी चाभी उसकी दीदी के पास थी.. जो रात को आती थी।
चुदने को बेताब भाभी – Bhabhi Hindi Sex Kahani
उसने चाभी भूलने के बारे में अपनी दीदी को बताया.. पर उसकी दीदी ने कहा कि वो तो रात तक ही आ सकती है। अब वह परेशान सी बाहर घूम रही थी।
मेरा दोस्त दिन की ड्यूटी गया था और मैं ड्यूटी कर के आ गया था।
मैंने बात शुरू की- मीरा जी क्या बात हो गई.. क्यों परेशान घूम रही हो। सब ठीक है ना?
मीरा- देखो ना राज.. आज मेरी छुट्टी है और मैं चाभी भूल आई हूँ। दीदी रात तक ही पहुँचेगी। अब मैं क्या करूँ और कहाँ जाऊँ?
मैं बोला- कोई बात नहीं.. आप परेशान ना हों.. मेरे कमरे में बैठ जाओ। वैसे भी मेरा दोस्त रात को आएगा। आपको यहाँ कोई परेशानी नहीं होगी। जब आपकी दीदी आएं तब चले जाना।
उसने राहत की सांस ली और वह मेरे कमरे में आ गई। उसने टॉप और छोटी सी स्कर्ट पहन रखी थी। इन कपड़ों में वो कयामत लग रही थी.. मन कर रहा था कि अभी पटक कर चोद दूँ.. पर ऐसे कामों में जल्दीबाजी कभी ठीक नहीं होती।
मैंने उसे पानी पिलाया और चाय के लिए पूछा.. उसने मना कर दिया।
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उसका मूड खराब हो गया था। उसने अपने दोस्त को भी आने को मना कर दिया। वह बड़ी परेशान नजर आ रही थी क्योंकि आज कमरा ना होने के कारण उसकी चुदाई रुक गई थी। वह दीदी से पहले दिन में जल्दी इसी लिए आती थी ताकि दीदी के आने से पहले वह दोस्त से अपनी प्यास बुझा सके।
मीरा- राज, तुम्हें मेरी वजह से परेशानी हो रही है।
मैंने कहा- अरे नहीं.. यह आपका अपना कमरा है.. आप आराम कर लो।
मीरा- हाँ.. मुझे नींद सी आ रही है क्योंकि बस में मैं खड़े-खड़े आई हूँ और बहुत थक भी गई हूँ। क्या मैं थोड़ी देर आराम कर लूँ.. अगर आपको बुरा ना लगे तो..!
मैं- हाँ.. हाँ.. क्यों नहीं.. आप आराम करो मैं यहीं बाहर जीने में बैठा हूँ।
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वह मेरे बिस्तर में सो गई। जल्दी ही उसे थकान के कारण नींद आ गई। मैं भी 20 मिनट बाहर बैठकर उसके बारे में सोचता रहा। मैं पानी की बोतल लेने अन्दर गया तो वह नींद में और भी सुन्दर लग रही थी। उसकी चूचियां सांस लेते वक्त धीरे-धीरे ऊपर-नीचे हो रही थीं.. और स्कर्ट नींद में थोड़ा ऊपर हो गई थी।
मेरा ईमान डोल गया।
मैंने बाहर आके देखा कोई आस-पास नहीं था। मैंने झट से दरवाजा बंद कर दिया और उसके और करीब आ गया। मैंने उसकी स्कर्ट थोड़ा और ऊपर उठाई.. तो उसकी गुलाबी पैन्टी साफ दिखाई दे रही थी। मेरा हथियार खड़ा होने लगा।
मैंने हिम्मत कर एक हाथ से उसकी जाँघों को सहलाया.. वो गहरी नींद में थी उसे पता ही नहीं चला।
मेरी हिम्मत बढ़ गई। मैंने धीरे से एक हाथ उसकी चूचियों पर रखा और धीरे से दबा दिया। उसकी चूचियां बड़ी नरम थीं.. जैसे मैंने रूई पर हाथ रख दिया हो।
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मेरा मन इतने से नहीं माना.. मैं धीरे-धीरे उसकी चूचियां दबाने लगा.. वो थोड़ा सा मचली और सीधी लेट गई।
अब मैं रुकने के मूड में नहीं था। मैंने सोचा ये चुदने तो आई ही थी.. आज मुझसे चुदवा लेगी तो क्या हो जाएगा। मैंने उसके गालों पर किस किया। वो अब भी नींद में थी.. मैंने आराम से उसके कपड़े खोलने शुरू किए और टाँगों के बीच सहलाना शुरू किया।
वो शायद इसे सपना समझ रही थी.. इसलिए उसने अभी तक कोई हरकत नहीं की थी।
मैंने उसकी चूचियों पर दबाव बढ़ाना शुरू किया और चूत सहलाने लगा। अब वो भी गरम हो रही थी। मैंने पैन्टी के किनारे से हाथ डालकर नंगी चूत पर हाथ फिराया.. तो वह एकदम गरम थी और गीली भी।
मुझ से अब सहन नहीं हो रहा था। मैंने एक हाथ उसकी ब्रा के अन्दर डाला चूचियां मसलने लगा और एक उंगली उसकी चूत में घुसेड़ दी। जैसे ही उंगली अन्दर गई.. वो झट से उठ गई। जिसे वो सपना समझ कर मजे ले रही थी.. वो उसके साथ हकीकत में हो रहा था। वो घबरा कर खड़ी हो गई।
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मीरा- राज तुम यह क्या कर रहे थे.. मेरे साथ?
मैं- मीरा.. रोको मत.. जब से तुम्हें देखा है.. मैं पागल सा हो गया हूँ। तुम मुझे अच्छी लगती हो। मैं तुम्हें कम से कम एक बार प्यार करना चाहता हूँ.. मतलब चोदना चाहता हूँ। देखो तुम्हें देख कर क्या हाल हो गया है मेरा..
मैंने अपना लण्ड उसके सामने खोल दिया। एक बार उसने उसे गौर से देखा। चूत गीली तो हो ही गई थी.. चुदने तो आई ही थी.. पर फिर भी उसने मना कर दिया।
मीरा- नहीं, यह गलत है। मैं उस ड्राइवर से प्यार करती हूँ और शादी भी उसी से करना चाहती हूँ। ये सब भी उसी के साथ करूँगी और किसी के साथ नहीं।
मैं- मैंने कब मना किया.. शौक से करो पर आज तो वह नहीं आएगा। मुझे ही आज अपना दोस्त मान लो और आज तुम मुझसे चुदवा लो, मेरा लण्ड लेकर तुम उसे भूल जाओगी।
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यह कह कर मैंने उसकी कमर में हाथ डाल दिया।
मीरा- नहीं यह गलत है.. मैं ऐसा नहीं कर सकती, मैं उसे धोखा नहीं देना चाहती, वो भी मुझे चाहता है।
मुझे लगने लगा.. ये भी खड़े लण्ड पर धोखा दे सकती है। मन तो चुदाने का है.. पर नखरे कर रही है। इसलिए मैंने ही आगे बढ़ने की सोची।
वो मेरे कमरे में थी इसलिए शोर नहीं मचा सकती थी.. वो ही बदनाम होती। मैंने उसे कस कर पकड़ लिया और उसके होंठों को चूमने लगा। चूचियां मसलने लगा व चूत सहलाने लगा।
थोड़ी ही देर में उसकी ‘ना’.. ‘हाँ’ में बदल गई और वह भी मेरा साथ देने लगी।
मैंने भी देरी करना सही नहीं समझा और उसके व अपने सारे कपड़े उतार दिए। मैंने उसे चारपाई पर लिटा दिया उसकी चूत तो पहले से ही गीली थी। मैंने उसकी टाँगें कंधे पर रखीं और हाथ उसकी चूचियों पर लगाए। फिर लण्ड का दबाव चूत पर देने लगा।
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उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था। शायद उसने आज ही साफ किए थे। उसकी चूत बहुत छोटी सी थी।
धीरे-धीरे उसने पूरा लण्ड चूत के अन्दर ले लिया। उसे चुदने की आदत थी इसलिए उसे ज्यादा दर्द नहीं हो रहा था। कुछ ही पलों बाद वो चुदाई के पूरे मजे उछल-उछल कर ले रही थी और मैं भी उसे पेले जा रहा था।
धकापेल.. जम कर चुदाई करने के बाद मैंने सारा रस उसकी चूत में भरा और शान्त होकर उसके बगल में लेट गया।
मैं- बोलो मीरा कैसा लगा.. मैंने तुम्हारे दोस्त की कमी पूरी की कि नहीं?
मीरा- राज चुदवाने में मजा दोस्त के साथ करने से भी ज्यादा आया.. पर राज हमारे बीच जो कुछ भी हुआ.. अन्जाने में हुआ.. प्लीज अब कभी मेरे साथ ऐसा मत करना। मैं उससे शादी करना चाहती हूँ। कहीं किसी को पता चल गया तो मैं कहीं की नहीं रहूँगी।
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मैं- मीरा.. तुम चिन्ता मत करो। मैं किसी को नहीं बताऊँगा और कभी तुमसे दुबारा जिद भी नहीं करूँगा। जो मजा रजामंदी से मिलता है.. वो कहीं नहीं मिलता। मैं माफी चाहता हूँ.. मैंने तुमसे जिद की.. क्योंकि तुम्हें चोदे बिना मुझे चैन नहीं मिलने वाला था। मुझसे चुदवाने के लिए शुक्रिया। तुम इसके लिए निश्चिन्त रहो।
उसके बाद उसने अपने कपड़े पहनने शुरू किए.. मैं उसे अब भी देखे ही जा रहा था क्या जिस्म था उसका.. पर इस बात की तसल्ली थी.. कि वो मेरे लण्ड के नीचे आ ही गई थी।
मैंने भी अपने कपड़े पहने और हम दोनों बाहर आकर जीने में बैठ गए।
चुदाई में तो समय का खयाल ही नहीं रहा। थोड़ी देर में उसकी दीदी आ गई और वह अपने कमरे में चली गई। फिर कुछ दिन बाद उसने अपने दोस्त से शादी कर ली व उसके बाद हम कभी नहीं मिले.. पर उसका नंगा जिस्म और उसकी वह यादगार चुदाई हमेशा याद रहेगी।
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