Kismat ka Pher – Antarvasna Sex Story
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
पार्टी रात में अपने पूरे शबाब पर थी ।
लड़के लड़कियां अपने अपने गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड के साथ डांस करने या बियर पीने पिलाने में मस्त थे ।
काँनफाड़ू संगीत के शोर में डांस फ्लोर पर जोड़ियां डांस में मस्त थीं ।
पीना पिलाना , धुआँ उड़ाना और जोड़ियों का खूब सेक्स करना इन पार्टियों की यही खासियत थी ।
एक बार जब नशा चढ़ता था तो लड़कियों की भी शर्म चली जाती थी ।
फिर किसने क्या किया कोई परवाह नहीं रहती थी ।
बस जवानी के मज़े लूटते जाओ , एन्जॉय करो , यही सब होता था ।
वहीँ एक कोने में दो खूबसूरत लड़कियां रिया और आँचल , जिनकी उम्र लगभग २२ वर्ष रही होगी , कुर्सियों पर बैठी थीं ।
क्योँकि इस समय दोनों का ही कोई बॉयफ्रेंड नहीं था ।
आँचल का दो साल पुराने बॉयफ्रेंड से 4 महीने पहले ही ब्रेकअप हुआ था ।
जिससे उसके दिल को ठेस पहुंची थी और वो थोड़ा उदास रहने लगी थी ।
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उसने कोई नया बॉयफ्रेंड नहीं बनाया था ।
ब्रेकअप के बाद से वो ऐसी पार्टियों से दूर ही रहती थी ।
क्योँकि अधिकतर लोग अपने बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड के साथ जोड़े में होते थे ।
आज भी रिया के बहुत ज़ोर देने पर वो पार्टी में आयी थी ।
आंचल गोरे रंग की तीखे नाक नक्श वाली सुन्दर लड़की थी ।
उसकी कजरारी बोलती सी आँखें , सुन्दर चेहरा , उभरी हुई नुकीली चूचियां ,
पतली कमर और गोल गोल नितम्ब , उसकी कमनीय काया , उसका खिला हुआ यौवन किसी को भी मदहोश कर दे ।
लड़के उसके पीछे दीवाने थे ।
लेकिन वो एक लिमिट से ज्यादा किसी को मुंह नहीं लगाती थी ।
खासकर अपने ब्रेकअप के बाद से लड़कों से थोड़ा उसका मोहभंग सा हो गया था ।
रिया चेहरे मोहरे की इतनी सुन्दर तो नहीं थी ।
लेकिन बदन उसका भी बहुत मादक था ।
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बड़ी बड़ी चूचियां , उभरी हुई गांड जो किसी को भी मतवाला बना दे ।
वैसे तो दोनों ही खुले विचारों की आधुनिक लड़कियां थीं ।
पर रिया कुछ ज्यादा ही मनमौजी स्वाभाव की थी ।
इसलिए ज्यादातर लड़के उसके दोस्त थे ।
उसको बॉयफ्रेंड की जरुरत ही नहीं थी ।
क्योँकि वो किसी एक से बंधकर रहने वालो में से नहीं थी ।
आँचल की स्लीवलेस पार्टी ड्रेस घुटनों से लगभग 6 से 8 इंच ऊपर थी।
जिससे उसकी खूबसूरत बाँहें और चिकनी मांसल जांघें देखने वालों को मदमस्त कर दे रही थीं ।
इस पार्टी ड्रेस मेँ क्लीवेज न के बराबर होने से उसकी छाती पूरी ढकी हुई थी
लेकिन उसकी चूचियों की गोलाइयों का शेप बिलकुल साफ़ दिख रहा था ।
बहुत ही मादक लग रही थी आँचल ।
आज उसका मूड भी थोड़ा मस्त था ।
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इस समय कुर्सियों पर बैठी हुई रिया और आँचल दोनों के हाथ में बियर थी ।
“न जाने क्यों आज मुझे सेक्स करने का बहुत मन हो रहा है ” आँचल ने बियर का एक घूंट लेते हुए कहा ।
“लगता है तुमने ज्यादा ही पी ली है ” रिया ने जवाब दिया ।
वैसे उसे खुद भी हल्का नशा हो रहा था इसलिए वो sure नहीं थी कि उसने सही सुना है ।
कुछ पल बाद जब बात उसकी समझ में ढंग से आयी तो वो चौंक कर बोली
“ क्या तुम वाक़ई सीरियस हो ? मेरा मतलब सेक्स करने को लेकर । ”
“हम्म्म … sure तो नहीं हूँ …लेकिन सेक्स किये हुए बहुत लम्बा समय हो गया है ।”
“मुझे लगता है , ये पार्टी के माहौल का असर है , तुम पर ” रिया उसे चिढ़ाते हुए बोली ।
“देखो रिया मैं जिसतिस के साथ बेड शेयर करने वालों में से नहीं हूँ ।
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लेकिन एक असली सेक्स के ख्याल से ही आज मुझे उत्तेजना आ रही है ।
ब्रेकअप के बाद 4 महीने से मैंने सेक्स नहीं किया है।
सिर्फ ऊँगली से ही काम चला रही हूँ ।”
फिर थोड़ा रूककर बोली ,
“ओह ….शायद मुझे अब पीना बंद कर देना चाहिए , नहीं तो मैं फिर से कुछ बक दूंगी ।”
“अरे … कम ऑन यार , अब पीछे क्यों हट रही हो ।
जो तुमको चाहिए वो बिलकुल सही है , उसमें कुछ भी गलत नहीं ।
सबको सेक्स की जरुरत महसूस होती है ।
खुद मुझे एक जोरदार सेक्स की जरुरत है ” रिया मादक तरीके से अपने होठों पर जीभ फिराते हुए मुस्कुराने लगी ।
“मैं अभी किसी भी लड़के के साथ इन्वॉल्व नहीं होना चाहती , मतलब कोई रिलेशनशिप नहीं चाहती ।
लेकिन अगर कोई ऐसा लड़का मिले जो मुझे नहीं पहचानता हो और मैं उसे नहीं जानती हूँ ।
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तो एक रात के लिए मुझे कोई ऐतराज नहीं और मेरी इच्छा भी पूरी हो जाएगी ।
फिर वो अपने रास्ते , मैं अपने रास्ते , कोई रिलेशनशिप या कमिटमेंट का झंझट नहीं ।
मेरा मतलब वो मुझे देख न पाये । क्योंकि अगर वो मुझे देख लेगा तो फिर कभी रिलेशनशिप रखने के लिए
या किसी और बात के लिये परेशान भी कर सकता है ।
यानी मैं किसी जान पहचान के लड़के के साथ इन्वॉल्व भी न होऊं और सेक्स की मेरी इच्छा भी पूरी हो जाये
कुछ ऐसा रास्ता निकले तो बात बन जाये ।”
“ ओहो ….. ये तो बड़ा ही उत्तेजक आईडिया है ।
एक अनजान लड़की एक अनजान लड़के के साथ बेड में ।
मेरा तो सोचने से ही पानी निकलने लगा है ।
लेकिन ऐसा होगा कैसे ? क्या तुम अपने चेहरे पे मास्क लगाओगी ? ”
” नहीं मास्क से काम नहीं चलेगा ।
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मैं भी उसको नहीं देखना चाहती हूँ और न ही उसको जानना चाहती हूँ ।
मतलब वो भी मेरे लिये अनजान ही रहे ।
ताकि फिर कभी मिले तो न मैं उसे पहचानू , न वो मुझे । ”
फिर दोनों दोस्त सोचने लगीं कि ये कैसे किया जाये । तभी रिया बोली
“ मुझे एक आईडिया सूझा है तुम यहीं मेरा इंतज़ार करो ” और वो सीढ़ियों से ऊपर फ्लोर पर चली गयी ।
कुछ मिनटों के बाद रिया लौटी तो उसके चेहरे पर शरारती मुस्कराहट थी ।
“आँचल क्या तुम sure हो कि तुम ये सब करना चाहती हो ? ”
आँचल ने सिर्फ हाँ में सर हिला दिया ।“ठीक है फिर , देखो फर्स्ट फ्लोर में एक बेडरूम खाली है ।
ये तुम्हारे आईडिया के लिए बिलकुल परफेक्ट है।
बस तुमको सारी लाइट्स ऑफ रखनी है , परदे चौड़े कर के फैला देने हैं
और बेड पर बैठ के इंतज़ार करना है , उस अनजान लड़के का ।
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वहां अँधेरे कमरे में कोई तुम्हें देख नहीं पायेगा । मैं खुद चेक करके आयी हूँ ।”
कमरे में अनजान लड़के के साथ होने के ख्याल से आँचल के बदन में सिहरन सी दौड़ गयी ,
लेकिन साथ ही साथ टांगों के बीच में गुदगुदी भी ।
कोई अनजान लड़का , जिसको उसने कभी देखा न हो , जिससे वो कभी बोली न हो ,
वो उसके नंगे बदन को छुएगा , ये सोचकर उसका पूरा बदन सिहर उठा ।
“ लेकिन किसी लड़के को ये कैसे पता चलेगा कि मैं उस कमरे में हूँ ?”
“अरे उसकी चिंता तुम मुझपर छोड़ दो मेरी जान , मैं किसी न किसी लड़के को ढूँढ ही लाऊंगी अपनी शहजादी के लिए ।
बल्कि किसी दिन ये आईडिया मैं अपने ऊपर भी आजमाऊँगी ” रिया हँसते हुए बोली ।
” लेकिन अब तुम जल्दी करो ।
कहीं कोई और उस रूम में कब्ज़ा न कर ले , उससे पहले तुम जाओ वहां ।
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बाकी सारे कमरों में जोड़ियां घुसी हुईं हैं ।” ऐसा कहकर रिया ने आँचल को खींचकर उठा दिया ।
आँचल ने मज़े मज़े में प्लान बना तो दिया पर अब उसे घबराहट होने लगी ,
वो कांपते पैरों से रिया के साथ कमरे की ओर बढ़ी ।
कमरे के पास पहुंचकर रिया ने पहले चेक किया कि कमरा अभी भी खाली तो है ।
फिर आँचल को भी अंदर बुला लिया ।
“चलो खेल शुरू करते हैं पर इस बात का पूरा ध्यान रखना कि तुम अपनी जबान बंद ही रखो
और अगर बहुत जरुरत पड़ ही जाये तो धीरे से आवाज़ बदलकर ही बोलना , समझ गयी ? ” रिया ने आँचल को समझाया ।
“हाँ मुझको पता है ” आँचल ने कहा । पर घबराहट उसके चेहरे पर साफ़ झलक रही थी ।
रिया ने आँचल को बेड में बिठा दिया और परदे चौड़े करके फैला दिये और लाइट्स ऑफ कर दी ।
फिर दरवाज़ा बंद करके वो बाहर आ गयी ।
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बाहर आकर उसने एक गहरी सांस ली ।
उसके ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी ।
एक ऐसा लड़का ढूंढना था जो उनके आईडिया को पसंद करे और उस पर अमल को राजी हो ।
दिखने में ठीक ठाक हो और साथ ही साथ शरीफ भी होना चाहिए , जो उसकी प्यारी दोस्त को अच्छी तरह से ट्रीट करे ।
समीर पार्टी मेँ पहुँचता है । उम्र लगभग 21 वर्ष , 6 फुट की हाइट , गोरा रंग , जिम मेँ तराशा हुआ गठीला जिस्म ,
चौड़ी छाती ,मजबूत बांहें , सौम्य स्वभाव , आकर्षक व्यक्तित्व , स्पोर्ट्स मेँ विशेष रूचि है उसकी । इस शहर मेँ आये हुए ज्यादा समय
नहीं हुआ था , इसलिए उसके दोस्त या जानने वाले गिने चुने ही थे ।
उसके एक नए बने दोस्त ने इस पार्टी के लिए invite किया था । वहां देखता है कि डांस फ्लोर मेँ लड़के लड़कियां तेज संगीत की धुन
मेँ डांस कर रहे हैं , पर कोई उसकी पहचान का नहीं है । समीर अपने उस दोस्त को ढूंढता है पर वो उसे कहीं नहीं दिख रहा ।
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वो अपने दोस्त के आने का इंतज़ार करने का मन बनाता है और टाइमपास के लिए बियर पीने लगता है।
15-20 मिनट इंतज़ार करने के बाद बोर होने लगता है ।
तभी एक खूबसूरत सी लड़की उसके पास आती है । उसने डीप कट ब्लाउज और स्कर्ट पहना हुआ था
जिसमें उसकी बड़ी बड़ी चूचियां आधी बाहर झलक रही थीं ।दिखने से ही फ़्लर्ट टाइप की लड़की लग रही थी ।
” hi मेरा नाम काम्या है “ उस लड़की ने समीर की तरफ हाथ बढ़ाया ।
” मैं समीर “ हाथ मिलाते हुए वो बोला ।
काम्या ने उसको एक बार अच्छी तरह से ऊपर से नीचे देखा फिर मुस्कुरायी । समीर भी मुस्कुरा दिया ।
समीर के गठीले बदन को देखकर काम्या इम्प्रेस हो जाती है ।” बियर पियोगी “
” जरूर “
“क्या तुम अकेली हो यहाँ पार्टी में “
“मेरे कुछ दोस्त भी आने वाले थे पर शायद अभी आये नहीं हैं “ काम्या इधर उधर देखते हुए बोली , “और तुम ? “
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“ मैं यहाँ ज्यादा लोगों को नहीं जानता , जिस दोस्त ने मुझे बुलाया था या तो वो अभी तक आया नहीं है या जल्दी चला गया ,
मैं भी अब यहाँ से निकलने की सोच रहा हूँ । “
“अरे … अभी से जाने की क्यों सोच रहे हो ? पार्टी तो सारी रात चलेगी , मेरा साथ पसंद नहीं आ रहा क्या ? “
थोड़ा रूठने का सा मुंह बनाते हुए काम्या बोली ।
“अरे नहीं ! ऐसी बात नहीं , मैंने सोचा क्योँकि मेरे दोस्त नहीं यहाँ , तो मैं यहाँ रुक के क्या करूँगा ।“
“हमें भी अपना दोस्त ही समझो “ आँख मारते हुए मादक अंदाज़ में काम्या बोली ।
“ जब तक तुम्हारे और मेरे दोस्त नहीं आ जाते तब तक तुम मेरे साथ रहो , मज़ा आयेगा ”
उन्मुक्त स्वभाव की काम्या समीर को छोड़ने के मूड में नहीं थी ।
समीर ने मन ही मन सोचा लड़की तो मस्त है , मज़ा तो आयेगा इसके साथ । काम्या की बात मान लेने में कोई हर्ज़ नहीं ।
जब आ ही गया हूँ पार्टी में , तो थोड़ी मस्ती करके ही जाना चाहिए ।
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थोड़ी देर बियर पीने के बाद काम्या समीर को डांस फ्लोर पे ले जाती है और वो दोनों एक दूसरे के गले में बाहें डाले हुए डांस करने लगते हैं ।
काम्या को अब थोड़ा नशा हो चला था । वो समीर से चिपटने लगी और अपनी बड़ी बड़ी चूचियों को समीर की छाती पर दबाने लगी ।
उसका एक हाथ समीर की पैंट के ऊपर से उसके लंड का जायज़ा लेने लगा । अब समीर की भी उत्तेजना बढ़ने लगी ।
“चलो समीर ऊपर चलते हैं , वहां ज्यादा मज़ा आएगा “ समीर को आँख मारते हुए काम्या बोली और उसका हाथ पकड़कर सीढ़ियों से ऊपर 2nd फ्लोर पर ले गयी ।
समीर के आगे चलती हुई काम्या अपनी गांड कुछ ज्यादा ही मटका रही थी ।
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2nd फ्लोर में कम ही जोड़ियां थी और वो सभी जोड़ियां एक दूसरे में मस्त थीं ।
कोई चुम्बन लेने में , कोई चूचियां मसलने में मगन थे । उन दोनों की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया ।काम्या समीर को एक कोने में ले जाती है और उसके गले में बाहें डाल देती है ।अपने होंठ उसके होठों की तरफ बढ़ाती है ।
समीर उसकी वासना से भरी आँखों में देखता है और अपने होंठ उसके होठों पर रख देता है ।
काम्या अपनी जीभ समीर के होठों के बीच से मुंह के अंदर डाल देती है ।
और दोनों एक दूसरे की जीभ चाटना शुरू कर देते हैं ।
समीर एक हाथ काम्या की जांघों पर फिराते हुए उसकी स्कर्ट के अंदर ले जाकर पैंटी के बाहर से उसकी गांड को मसलता है ।
और फिर उसकी अंगुलियां पैंटी के बाहर से ही काम्या की गीली चूत के ऊपर घूमने लगती हैं । काम्या हलकी सिसकारियां लेने लगती है ।
समीर की अँगुलियों के स्पर्श से उसको अपनी चूत में गर्मी बढ़ती महसूस होती है । उसकी चूत से निकलता रस पैंटी को भिगोने लगता है ।
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समीर अब काम्य के होंठों को छोड़कर उसके गाल चूमने लगता है । फिर उसकी ठुड्डी और फिर गर्दन चूमने लगता है ।
उसका हाथ पैंटी के अंदर काम्या की चूत के छेद को टटोलने लगता है ।
दूसरे हाथ से काम्या की चूचियां ब्लाउज के बाहर से ही मसलने लगता है । काम्या से अब बर्दाश्त नहीं होता ।
वहीँ पर पड़े सोफे पर लेटकर , उत्तेजना में भरके वो समीर से बोली “समीर चूसो इन्हें “।
समीर तुरंत उसकी ब्लाउज के बटन खोल देता है और फिर हाथ पीछे ले जाकर काम्य की सेक्सी ब्रा के हुक खोल देता है ।
काम्या की बड़ी बड़ी चूचियों ब्रा की कैद से आज़ाद हो जाती हैं ।
काम्या ने अपनी चूचियां समीर के लिए ऊपर को उठायीं । समीर ने उसकी एक चूची को हाथ में पकड़ा और सर झुकाकर
उसका निप्पल मुंह में भर लिया । फिर अपने होठों में उसका निप्पल पकड़कर बाहर को खींचने लगा ।
काम्या सिसकारियां लेती हुई उसके सर को अपनी चूचियों पर दबाने लगी ।
उसकी उत्तेजना चूचियों से होकर सीधी उसकी चूत में जा रही थी ।
समीर का फडकता हुआ लंड पैंट के भीतर से ही काम्या की जांघ में रगड़ खा रहा था ।
काम्या अपना एक हाथ नीचे ले जाकर समीर के लंड को फील करती है और थोड़ा अँगुलियों से उसको दबाती है ।
समीर दोनों चूचियों और उनके निप्पलों को बारी बारी से चूसने में लगा हुआ है ।
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काम्या समीर का मुंह अपनी चूचियों से हटा देती है । फिर मादक मुस्कान बिखेरते हुए समीर के कान में बोली ,
“अब अपना पैंट उतार दो , मुझे तुम्हारे लंड के साथ खेलना है । “
समीर पैंट उतारकर सोफे पे बैठ जाता है और काम्या उसके पैरों को फैलाकर उनके बीच फर्श में बैठ जाती है ।
धीरे धीरे उसका अंडरवियर उतारकर फनफनाते लंड को बाहर निकल लेती है ।
समीर का फडकता हुआ लंड पैंट के भीतर से ही काम्या की जांघ में रगड़ खा रहा था ।
काम्या अपना एक हाथ नीचे ले जाकर समीर के लंड को फील करती है और थोड़ा अँगुलियों से उसको दबाती है ।
समीर दोनों चूचियों और उनके निप्पलों को बारी बारी से चूसने में लगा हुआ है ।
काम्या समीर का मुंह अपनी चूचियों से हटा देती है । फिर मादक मुस्कान बिखेरते हुए समीर के कान में बोली ,
“अब अपना पैंट उतार दो , मुझे तुम्हारे लंड के साथ खेलना है । “समीर पैंट उतारकर सोफे पे बैठ जाता है और काम्या उसके पैरों को फैलाकर उनके बीच फर्श में बैठ जाती है ।
धीरे धीरे उसका अंडरवियर उतारकर फनफनाते लंड को बाहर निकल लेती है ।
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“आह… तुम्हारा लंड तो बहुत मस्त है , मेरी टाइट चूत को बहुत मज़ा आएगा “
काम्या मुंह ऊपर करके समीर की तरफ देखकर शरारती मुस्कान से बोली
और फिर अपने हाथ से उसके लंड में ऊपर नीचे करके मुठ मारने लगी । उसका दूसरा हाथ समीर की गोलियों को सहलाने लगा ।
फिर काम्या ने समीर के लंड में मुंह लगाकर सुपाडे को किस किया और अपनी जीभ निकालकर उसको चाटने लगी ।
फिर मूतने के छेद को जीभ से कुरेदने लगी और फिर अपने मुंह को खोलकर जितना हो सके लंड को मुंह में भर लेती है
और मुंह में लंड को अंदर बाहर करने लगी । समीर पूरी तरह से आनंद के सागर में डूब गया और काम्या के सर को अपने हाथों से
पकड़कर अपनी आँखे बंद करके कमर उचकाते हुए उसका मुंह चोदने लगा ।
“ चूस काम्या चूस मेरे लंड को “ उसके गले तक लंड घुसाते हुए बोला।
“छोड़ इसको ये मेरा माल है “ कोई लड़का समीर के पास आके चिल्लाया ।
फिर उस लड़के ने काम्या के बाल पकड़कर उसका मुंह समीर के लंड से हटा दिया ।
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“रंडी छिनाल ! थोड़ा देर मेरा इंतज़ार नहीं कर सकती थी “ वो लड़का काम्या को हाथ पकड़कर झटके से फर्श से उठाते हुए बोला ।
उसकी तमीज देखकर समीर समझ गया कि ये चूतिया उन लोगों में से है जो लड़कियों की क़द्र नहीं करते
और उन्हें सिर्फ अपना माल समझते हैं ।समीर ने अपना लंड अंडरवियर में डालकर पैंट पहन ली । समीर का मूड हुआ कि उस चूतिये का थोबड़ा बिगाड़ दे ,
उसके मजबूत जिस्म के सामने वो चूतिया कुछ भी नहीं था ।
लेकिन उसने सब्र से काम लिया और गुस्से में उसको घूरता रहा ।
अपने बॉयफ्रेंड को अचानक सामने देखकर पहले तो काम्या हड़बड़ा गयी । फिर मुस्कुराते हुए फटाफट अपने कपडे पहनने लगी ।
उसके लिए ये कोई नयी बात नहीं थी ।
आसपास की कुछ जोड़ियां भी ये तमाशा देखकर मुस्कुरा रही थीं ।
“समीर ये है मेरा बॉयफ्रेंड मुकुल और ये समीर है “ काम्या भांप लेती है कि समीर को गुस्सा आ गया है, झगड़ा टालने के लिये ,
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वो दोनों का परिचय करा देती है ।
मुकुल समीर से हाथ मिलाता है और हंसकर कहता है “ मैं तुमसे नाराज़ नहीं हूँ दोस्त , ये छिनाल है ही ऐसी ।”
काम्या समीर की तरफ हताश नज़रों से देखती है और कहती है “सॉरी समीर । “
मुकुल अपनी पैंट की ज़िप खोलकर लंड बाहर निकाल लेता है और काम्या को धक्का देकर घुटनो के बल बिठा देता है
और उसके मुंह मेँ अपना लंड ठूंस देता है ।
“छिनाल अब चूस मेरे लंड को और दिखा मुझको कि तू कितना अच्छा लंड चूसती है । “
काम्या अब मुकुल का लंड चूसने लगती है ।
इस तमाशे से समीर का मूड ख़राब हो जाता है । उसकी KLPD हो गयी थी ।
वो अपना सर हिलाते हुए सीढ़ियों से नीचे उतरने लगा , घर जाने के लिये ।
अब पार्टी से उसका मन उखड़ गया था ।
उधर रिया काफी देर तक पार्टी में कोई अच्छा सा लड़का ढूंढती है । लेकिन कोई सही सा लड़का नहीं मिल रहा ।
ज्यादातर लड़के अपनी गर्लफ्रेंड के साथ थे । जो अकेले थे वो उच्छृंखल या बेहूदे टाइप के ही दिख रहे थे ।
कोई रिया के मन मुताबिक मिल ही नहीं रहा था।
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रिया थोड़ी देर और इंतज़ार करने का फैसला करती है शायद कोई मिल जाये ।
अगर नहीं मिलेगा तो कोई बात नहीं , पर लड़का अच्छा ही होना चाहिए ।
वरना रिस्क लेने की कोई जरुरत नहीं , इससे बेहतर तो प्रोग्राम कैंसिल ही कर दिया जाये ।
तभी उसकी नज़र सीढ़ियों से नीचे उतरते समीर पर पड़ती है । उसकी आँखों में चमक आ गयी ।
ये बिलकुल सही लग रहा है । उसने मन ही मन सोचा , ऐसा ही तो चाहिए था ।
स्मार्ट भी है और सौम्य भी लग रहा है , ऐसा लड़का हाथ से जाने नहीं दूंगी ।
“hi , मैं रिया “ वो लपक के उसके पास पहुँचती है ।
” hi , मैं समीर “
जब समीर ने अच्छे से रिया को देखा तो देखता ही रह गया , लम्बा कद और लम्बी चिकनी टाँगे ,
बड़े क्लीवेज वाले टॉप और छोटी स्कर्ट मेँ रिया क़यामत लग रही थी ।
बड़े क्लीवेज से उसकी बड़ी बड़ी चूचियों का काफी हिस्सा दिखाई दे रहा था ।
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रिया ने उसकी आँखों के आगे हाथ हिलाया और हँसते हुए सेक्सी आवाज़ मेँ बोली
“ देख लिया मुझे अच्छी तरह से ? कैसे लगी मैं तुम्हें ? “
समीर पहले तो झेंप गया फिर मुस्कुराते हुए बोला “ तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो , सच्ची … बहुत सेक्सी ।“
रिया मुस्कुरायी और फिर उससे कॉलेज की बातें करने लगी । जब उसको समीर के व्यवहार और बातों से
तसल्ली हो गयी कि समीर एक शरीफ लड़का है तो उसने अपने पत्ते खोलने शरू किये ।
“ शायद फिर कभी हम मस्ती कर पायें पर अभी तो तुम मेरा एक काम कर दो “
एक मादक मुस्कान से समीर को रिझाते हुए बोली ।
“ बताओ , मैं क्या कर सकता हूँ तुम्हारे लिए रिया ।“
“ वो ..वो ..” रिया हिचकिचाई ।
समीर का मूड अभी भी काम्या की वजह से ख़राब ही था पर वो धैर्य से रिया के बात कहने का इंतज़ार करने लगा ।
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“ मेरी एक प्यारी दोस्त है , … …… उसे कोई साथ चाहिए थोड़ी देर के लिए …… मैं कैसे कहूं ……मतलब .. ….
काफी समय से उसने सेक्स नहीं किया है……. उसको सेक्स की इच्छा हो रही है ………
और अगर मैं खरी खरी बात कहूं तो she needs a hard fucking। समझे मेरी बात को ?
पता नहीं मैं अपनी बात ढंग से समझा भी पायी या नहीं तुमको ।”
“ मैं क्या कहुँ रिया , खुद मैं मज़ा कर रहा था एक लड़की के साथ ।पर ठीक टाइम पर उसका बॉयफ्रेंड आ धमका
और मेरा सारा मज़ा किरकिरा कर दिया । और अब मेरा मूड ऑफ हो गया है। ”
“ओह , ये तो तुम्हारे साथ बहुत बुरा हुआ , समीर । लेकिन मेरी दोस्त के मामले में तुम्हारे साथ ऐसा नहीं होगा ।
जहाँ तक मुझे मालूम है वो आजकल सिंगल ही है और अभी तो वो सेक्स के लिए उतावली भी है ।
तुम्हें भी बहुत मज़ा आएगा उसके साथ , सच में , मेरा यकीन मानो तुम ।”ये सुनकर समीर हंस दिया । रिया के साथ अब उसका मूड भी थोड़ा ठीक हो गया था ।
“ वो बहुत अच्छी लड़की है और खूबसूरत भी । बल्कि मुझसे भी कहीं ज्यादा सुन्दर ।
मुझे उसको अपने से सुन्दर बताने में जलन हो रही है । लेकिन वो वास्तव में बहुत सुन्दर है तुम मेरा विश्वास करो । “
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मूड थोड़ा ठीक होने से समीर को रिया का ये प्रस्ताव भा जाता है ।
जब लड़की की इतनी तारीफ ये कर रही है तो मौका हाथ से क्यों जाने दूँ ।
काम्या के साथ वैसे भी उसकी KLPD हो गयी थी।
अब अपनी अधूरी रह गयी उत्तेजना को शांत करने का ये सुनहरा मौका था ।
” ठीक है , मैं तैयार हूँ । ”
“एक बात और है समीर , मेरी दोस्त फर्स्ट फ्लोर में एक अँधेरे कमरे में है ।
और वो अपनी पहचान उजागर करना नहीं चाहती । वो तुमसे कुछ भी नहीं बोलेगी और तुम भी उसे कुछ नहीं बोलोगे ।
अजनबियों की तरह सेक्स करोगे और बिना कुछ बोले ही कमरे से बाहर आ जाओगे ।
मंजूर है तुम्हें ? “
“ ये है तो कुछ अजीब सी बात लेकिन चलेगा । तुम चाहती हो कि मैं अभी जाऊं उसके पास या …..”
समीर ने अपनी बात अधूरी छोड़ दी ताकि ये न लगे कि वो सेक्स के लिए उतावला हो रहा है ।
“तुम्हारी मर्ज़ी जब भी तुम जाना चाहो । मैं तुम्हें वो कमरा दिखा देती हूँ ।
मैं फिर से तुम्हें बता रही हूँ कि अगर तुम्हें कुछ बोलना पड़ ही जाये तो अपनी आवाज़ चेंज कर के धीमे से बोलना
और जितना हो सके कम से कम शब्द ही बोलना , ठीक है ? ”
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“ ठीक है । ”
रिया समीर को कमरे की तरफ ले जाती है ।
कमरे के पास पहुंचकर दोनों रुक गये ।
“ दरवाज़ा खोलने से पहले मुझसे वादा करो कि तुम मेरी प्यारी दोस्त को कोई भी कष्ट नहीं दोगे ।
मैं नहीं चाहती कि उसे कुछ भी परेशानी हो । “
समीर सहमति में सर हिला देता है और कमरे के अंदर जाकर दरवाज़ा बंद कर देता है ।
आँचल बेड पर दरवाज़े की तरफ पीठ करके बैठी थी अँधेरे और सुनसानी की वजह से वह अपने दिल की तेज धड़कनो को साफ़ महसूस कर पा रही थी । घबराहट से वो हांफ रही थी और उसकी छाती ऊपर नीचे हो रही थी ।
तभी दरवाज़ा खुलने और बंद होने की आवाज़ कमरे में गूँज उठी और उसके पीछे से क़दमों की आहट नज़दीक आते गयी । आँचल नर्वस होकर अपने हाथ आपस में मलने लगी । उसकी घबराहट और बढ़ गयी । एक अनजाने डर से उसके शरीर में एक कंपकंपी सी दौड़ गयी । तभी उसने अपने कन्धों पर किसी के हाथ का स्पर्श महसूस किया । उसका शरीर बुरी तरह से काँप उठा ।
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रिया के कहे अनुसार बिना कुछ बोले अजनबी ने आँचल के कन्धों को सहलाना शरू किया । आँचल ने उसके मज़बूत हाथ अपनी बांहों और कन्धों पर घूमते महसूस किये । एक ऐसा आदमी उसके शरीर पर हाथ फिरा रहा है जिसको उसने पहले कभी नहीं देखा । इस ख्याल से उसके बदन में झुरझुरी सी दौड़ गयी और उसका दिल और ज़ोर से धड़कने लगा ।
अजनबी के हाथ उसकी बांहों की मुलायम त्वचा पर रेंगने लगे। फिर अजनबी के होठों ने उसकी गरदन पर चुम्बन लिया और उसके कानो के निचले हिस्से को अपने होठों में दबाया । फिर उसके कन्धों और गरदन के जोड़ को हल्का जीभ से चाटा । आँचल के मुंह से हलकी सिसकारी निकल गयी । अब उसकी घबराहट की जगह बढ़ती उत्तेजना ने ले ली थी ।
फिर अचानक से उसने आँचल के दोनों हाथों को पकड़कर उसको खड़ा कर दिया और अपनी तरफ घुमा लिया । उसने आँचल को अपने आलिंगन में भर लिया और अपने चेहरे को झुकाकर धीरे से उसका चुम्बन लिया । आँचल ने अपने कांपते हाथ उसकी छाती पर रख दिये । उसने अपने एक हाथ से आँचल के चेहरे को थोड़ा ऊपर उठाकर अपने होठ
आँचल के नरम और रसीले होठों पर रख दिए फिर अपना हाथ पीछे ले जाकर उसकी गर्दन पर रख दिया। आँचल ने अपने होठों के बीच उसकी जीभ महसूस की और अपने होंठ थोड़ा खोल दिए । अब उसने अपनी जीभ आँचल के मुंह में डाल दी और आँचल ने अपनी बांहे उसके गले में डाल दीं । उसकी मज़बूत बाँहों में आँचल ने अपने को बहुत नाजुक सा महसूस किया ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
उसने अपने होंठ अलग किये और एक झटके में अपनी कमीज सर के ऊपर से उतार दी । फिर उसने आँचल को अपनी ओर खींचा और चुम्बन लेते हुए फिर से आँचल के मुंह में अपनी जीभ डाल दी । आँचल ने भी चुम्बन में उसका पूरा साथ दिया और उसकी नग्न छाती से जा लगी। उसके हाथ आँचल की पीठ सहलाते हुए नीचे को बढ़े ओर उसके नितम्बों को पकड़कर उसको अपने और नज़दीक खींचा । आँचल को उसके लंड का बढ़ता कड़ापन अपने पेट पर महसूस हुआ । उसके चुम्बन प्रगाड़ होते गए और आँचल को साँस लेने में दिक्कत होने लगी ।
आँचल ने अपने होंठ अलग किये और उसके गालों को चूमा , फिर गले और कन्धों को चूमा । उसने अजनबी के बदन से आती कुछ पहचानी सी मरदाना गंध को लम्बी सांस लेकर अपने में भर लिया । वह आँचल के पूरे बदन पर अंगुलियां फिरा रहा था और उसकी तेज होती सांसे आँचल को साफ़ सुनाई दे रही थी । आँचल उसके सीने को चूमते हुए धीरे धीरे नीचे को बढ़ी । उसके पेट पर चुम्बन लिया और घुटनों के बल बैठके अजनबी के पैंट की बेल्ट खोलने लगी । फिर पैंट के साथ अंडरवियर नीचे उतार कर उसका खड़ा लंड आज़ाद कर दिया ।आँचल ने एक हाथ से लंड को पकड़कर सुपाड़े को जीभ से हल्का सा चाटा , अजनबी के मुंह से हलकी सिसकी निकली । आँचल ने फिर से सुपाड़े को चाटा और फिर अपने मुंह में भर लिया ।वो आँचल के बालों में अपनी उँगलियाँ फिराने लगा ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
आँचल लंड को चूमती और चाटती है और अपने मुंह में लंड को अंदर बाहर करती है । वो जितना हो सके उतना उस बड़े और मोटे लंड को मुंह में भरने की कोशिश करती है । कुछ देर बाद वो आँचल का सर अपने हाथों में पकड़ लेता है और उसके मुंह में लंड को अंदर बाहर करने लगता है ।थोड़ी देर ऐसे ही उसका मुंह चोदने के बाद वो आँचल को खड़ा कर लेता है और फिर उसे बेड पर लिटा देता है । उसके होंठ आँचल की गर्दन और गले को चूमने लगते हैं ।अपने गले में उसकी जीभ के स्पर्श से आँचल की सांसे और तेज हो गयीं । आँचल अपने बांहे उसके चौड़े कन्धों पर डाल देती है और अपनी कोमल उँगलियों से उसकी मांसपेशियों को महसूस करती है । अजनबी उसकी ड्रेस को ऊपर करने की कोशिश करता है ।आँचल बेड पर बैठ जाती है और ड्रेस को अपने सर के ऊपर से निकाल देती है। फिर हाथ पीछे ले जाकर अपनी ब्रा के हुक खोलकर, ड्रेस और ब्रा को फर्श पर डाल देती है । और फिर से लेट जाती है ।
वो आँचल के ऊपर झुककर उसके होठों का चुम्बन लेता है और फिर उसके मुंह में जीभ डालकर उसकी जीभ चाटने लगता है ।आँचल उसके चेहरे पर अपनी उँगलियाँ फिराती है ।अजनबी अपने हाथ उसके चिकने सपाट पेट पर फिरते हुए ऊपर को बढ़ाता हैं । उसकी नरम चूचियों की गोलाई को महसूस करता हैं और चूचियों को अपने हाथों से हल्का सा दबाता है । फिर एक ऊँगली और अंगूठे के बीच निप्पल को दबाकर थोड़ा घुमाने लगता है । आँचल के निप्पल उत्तेजना से तन जाते हैं । उसके हाथों के अपने नग्न बदन पर स्पर्श से उसकी उत्तेजना बहुत बाद जाती है ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
उसकी हलकी सिसकारियां निकलने लगी और उसे अपनी टांगों के बीच गीलापन मह्सूस हुआ । अब उसे और देर बर्दाश्त नहीं हो रही थी । उसकी चूत लंड को लेने के लिए बेताब हो रही थी ।वो अपना हाथ बढ़ाकर उसका लंड पकड़ लेती है और आगे पीछे हिलाने लगती है । अजनबी समझ जाता है और उसकी गीली हो चुकी पैंटी को उतारकर फर्श पर फ़ेंक देता है ।
आँचल पीठ के बल लेती हुई घुटने मोड़कर अपनी टाँगें थोड़ा फैला लेती है और उसका इंतज़ार करती है । वो महसूस करती है कि ये कुछ अलग मिज़ाज़ का आदमी है और बिलकुल भी चोदने की जल्दबाज़ी नहीं कर रहा है । जैसा वो समझ रही थी कि औरों की तरह झट से चूत पर टूट पड़ेगा और चुदाई हो जाएगी वैसा कुछ भी नहीं हो रहा था ।उसे समझ आ गया कि इस अजनबी के साथ सेक्स लम्बा खिंचने वाला है ।
वो अजनबी उसके घुटनो के अंदर वाले हिस्से को चूमता है । फिर चिकनी मांसल जांघों को चूमते हुए और अपने हाथ उसकी नरम टांगों पर फिराते हुए ऊपर को बढ़ता है। और फिर अपनी उँगलियों से उसकी प्यासी चूत का स्पर्श करता है ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
अपनी एक ऊँगली चूत के अंदर डालकर अंदर की गर्मी और गीलेपन को महसूस करता है । आँचल के बदन में कंकापी दौड़ जाती है और उसकी चूत सिकुड़कर उस ऊँगली को जकड लेती है । वो धीरे धीरे ऊँगली चूत में अंदर बाहर करने लगता है । उत्तेजना से आँचल भी अपने नितम्बों को उसी लय में ऊपर को उछालती है । आँचल को महसूस होता है कि वो अब झड़ने ही वाली है ।
तभी वो अपनी ऊँगली बाहर निकल लेता है और अपने गरम होठों को आँचल के नाजुक अंग पर रख देता है । आँचल को अपनी चूत पर उसकी गरम सांसो का स्पर्श मह्सूस हुआ। तभी उसकी जीभ clitoris को छेड़ने लगती है । आँचल के मुंह से एक लम्बी सिसकारी निकल गयी । वो clitoris को जीभ से बार बार चाटने लगा और फिर जीभ चूत के अंदर डालकर अंदर बाहर करने लगा । आँचल की उत्तेजना बर्दाश्त से बाहर हो गयी और वो अपने नितम्बों को हिलाते हुए छटपटाने लगी ।
फिर उसके मुंह से एक चीख निकली और वो कामतृप्त हो गयी । आह …. कितना आनंद …. कितना सुख ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
अब वो अजनबी उसके बदन को चूमता हुआ ऊपर को बढ़ने लगा । उसकी नरम गोल चूचियों को चूमते हुए उनके ऊपर के निप्पल को अपनी जीभ से छेड़ दिया । फिर उसके गाल , होठ और उसकी पलकों का चुम्बन लिया और एक हाथ से उसके बालों को सहलाने लगा । आँचल ने अपने घुटने थोड़े ऊपर को मोड़ लिए । उसने अपने लंड को चूत के छेद पर लगाया। और एक धक्का देकर सुपाड़ा अंदर घुसा दिया ।
आँचल ने अपनी फूली हुई चूत की फांकों के बीच छेद में उसके मोटे लंड को अपनी कसी चूत को फैलाते हुए अपने लिए जगह बनाकर अंदर घुसते हुए महसूस किया और उसके मुंह से फिर सिसकारियां निकलने लगी। वो अजनबी आँचल का चुम्बन लेते हुए ही अपना लंड उसकी चूत में तेजी से अंदर बाहर करने लगा ।
उसके धक्के इतनी तेज होते गये कि आँचल का पूरा बदन बुरी तरह से हिल जा रहा था और उसकी चीखें निकलने लगी । अब वो एक और कामतृप्ति की ओर बढ़ रही थी। चूत की गहराईयों तक घुसते लंड के धक्कों से उसे लगा कि वो अब किसी भी समय झड़ जाएगी ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
कुछ समय तक ऐसे ही चुदाई चलती रही । जब आँचल को लगा कि बस अब उसका पानी निकलने ही वाला है । तभी उसे अपनी चूत में निकलता उसका वीर्य महसूस हुआ वो झड़ चुका था । कुछ पल आँचल के बदन पर ऐसे ही पड़े रहने के बाद उसने अपना लंड चूत के बाहर निकाल लिया ।
आँचल ने अपने हाथों से उसकी कमर को पकड़कर फिर से अपने से चिपकाना चाहा वह उससे अलग नहीं होना चाहती थी उसकी कामतृप्ति अधूरी रह गयी थी । वो समझ गया , हल्का सा हँसते हुए उसने उसकी उत्तेजना से काँपती चिकनी जांघों पर एक चपत लगायी ओर उसको घुमाकर घुटनो के बल बिठाने लगा । आँचल समझ गयी वो अब डौगी पोज़ में चोदना चाह रहा है वो झटपट कुतिया बन गयी ।
वो एक हाथ उसके नितम्ब पर रखकर दूसरा हाथ उसकी पीठ में स्पाइन के ऊपर फिराता है । फिर दोनों हाथों को उसके हवा में उठे हुए बड़े बड़े गोल नितम्बों पर फिराने लगता है। फिर उसके नितम्बों को चूमकर , चूतरस से भीगे हुए लंड को आँचल की चूत में डाल देता है ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
फिर उसने आँचल के बालों में अपनी अंगुलियां फंसाकर उसके सर को पीछे खींचा और चूत में धक्के लगाने लगा । आँचल दर्द और आनंद के मिले जुले सागर में गोते लगाने लगी । उसने एक हाथ से आँचल का नितम्ब पकड़ा और दूसरे हाथ से उसके सर के बाल पकड़कर आँचल को पूरी तरह से अपने काबू में करके चूत पर तेज तेज धक्के लगाने लगा । आँचल को महसूस हुआ कि अब वो उसके साथ पहले जैसी नरमी से पेश नहीं आ रहा है ।
वो अजनबी अब उसके साथ सख्ती से रफ़ सेक्स कर रहा था । तेज तेज धक्कों से उसकी जाँघे आँचल की जांघों से टकरा रही थीं । आँचल फिर से उत्तेजना की चरम सीमा की ओर बढ़ने लगी और फिर दूसरी बार कामतृप्त हो गयी । जबरदस्त ओर्गास्म से उसके घुटने कमज़ोर पड़ गए । उसका बदन काँप उठा ओर उसकी चूत की मसल्स ने लंड को बुरी तरह जकड लिया ।
उसने आँचल के ओर्गास्म को महसूस किया ओर अपने धक्के धीमे कर दिए । फिर जब वो शांत हो गयी तो उसने अपने अंगूठे को थूक से भिगोकर आँचल की गांड के छेद पर दबाया । आँचल के बदन में एक झटका सा लगा । सिकुड़े हुए छेद पर अंगूठा अंदर घुस गया ओर गांड की टाइट मसल्स ने उसके अंगूठे को जकड लिया । आँचल के बदन में सिहरन सी दौड़ गयी ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
उसने जोर से एक गहरी सांस ली । अब वो अपने अंगूठे को घुमाते हुए गांड में अंदर बाहर करने लगा । आँचल के होठों से एक दर्द भरी सिसकारी निकल गयी । उसने आँचल की गीली चूत से थोड़ा रस लेकर गांड के छेद को थोड़ा और गीला किया । फिर चुतरस से भीगे हुए लंड को चूत से निकलकर गांड के टाइट छेद पर लगा दिया । आँचल ने अपनी गांड के छेद पर उसका सुपाड़ा महसूस किया वो काँप उठी । उसने अपनी गांड को हटाने की कोशिश की लेकिन अजनबी के मजबूत हाथों ने उसको साइड्स पर दबाये रखा और उठने नहीं दिया । वो डरी हुई थी पर उसकी मजबूत पकड़ के कारण कुछ कर नहीं पा रही थी इसलिए वो जल्द ही शांत पड़ गयी ओर जो वो चाहता था उसको करने दिया ।
उसने धीरे धीरे अपने लंड के सुपाडे को उस गहरे रंग के टाइट छेद में घुसा दिया लेकिन लंड मोटा होने के कारण आँचल दर्द से कसमसाने लगी । आँचल का ध्यान दर्द से हटाने के लिए वो एक हाथ की उँगलियों से उसके clitoris को सहलाने लगा । धीरे धीरे उसने अपने लंड को आँचल की टाइट गांड की गहराइयों में जड़ तक घुसा दिया । बीच बीच में आँचल दर्द से कराहती रही । लेकिन उसने उसे नज़रअंदाज़ करते हुए धीरे धीरे पूरा लंड अंदर घुसाकर ही दम लिया। थोड़ी देर तक उसने अपना लंड ऐसे ही रखा ओर उसकी clitoris को सहलाते रहा । जब आँचल का दर्द से कसमसाना बंद हो गया ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
तब उसने धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया । अचानक उसने सुपाड़े की टिप छोड़कर पूरा लंड बाहर निकाल लिया और फिर तेजी से अंदर धांस दिया । आँचल की चीख निकल गयी । वो ऐसे ही तेज तेज धक्के लगाता रहा ।आँचल दर्द और आनंद से सिसकारियां लेती रही । फिर दोनों नितम्बों को हाथ से कसके पकड़कर वो बुरी तरह से आँचल की गांड मारने लगा । आँचल के पूरे नंगे बदन में दर्द की लहरें सी उठने लगी । आँचल की टाइट गांड ने उसके मोटे लंड को ऐसे जकड़ रखा था कि उसे इतना अच्छा पहले कभी भी महसूस नहीं हुआ था , जितना मज़ा उसे आँचल की गांड मारने में मिल रहा था ।
वो इतनी जोर से और तेजी से धक्के लगाने लगा कि आँचल अपने घुटनो के बल टिक नहीं पायी और धीरे धीरे अपने पेट के बल गिर पड़ी । वो भी उसी के साथ आगे झुक गया और उसकी गांड मारते रहा । उत्तेजना में भरकर वो आँचल की टाइट गांड को चोदते रहा । आँचल बेड पर पड़ी रही , उसकी चीखें निकलती रही ।उसे ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने उसको पीछे से चीर दिया हो ।पहले किसी ने भी उसके साथ इतना रफ़ सेक्स नहीं किया था , जितना इस समय ये अजनबी कर रहा था ।उसे अजनबी ने किसी रंडी की तरह मनमर्जी से रगड़ के चोद दिया था ।
धीरे धीरे उसकी कराहें सिसकारियों में बदलते गयीं और फिर उसका बदन अकड़ गया । उसको तीसरी बार जबरदस्त ओर्गास्म हुआ । तभी उस अजनबी को भी लगा कि वो झड़ने वाला है उसने अपना लंड गांड से बाहर निकाल लिया फिर उसने आँचल को पलटकर उसके मुंह में वीर्य की धार पर धार छोड़ दी । आँचल का मुंह उस गाड़े सफ़ेद वीर्य से भर गया और उसकी साँस गले में ही अटक गयी ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
झड़ने के बाद निढाल होकर वो आँचल के बदन पर लेट गया । आँचल अपनी जबरदस्त चुदाई से थककर गहरी गहरी सांसे ले रही थी । वो थकान से चूर हो चुकी थी । ऐसा जबरदस्त सेक्स उसके साथ पहले कभी किसी ने नहीं किया था । उसको इतनी कामतृप्ति पहली बार मिली थी ।
थोड़ी देर बाद अजनबी उठा और अपने कपडे ढूंढकर पहनने लगा ।
“थैंक्स ” आँचल ने धीरे से कहा , वो मुस्कुराया और कमरे से बाहर चला गया ।
थकान से आँचल ने अपनी आँखें बंद कर ली और बेड पर लेटी रही । आँचल का हिलने का मन ही नहीं हो रहा था , उसका पूरा बदन दर्द कर रहा था । उसके बदन से पसीने और चूतरस की मिली जुली गंध आ रही थी । लेकिन वो ज्यादा देर वहां नहीं रुकना चाहती थी क्योंकि किसी भी समय रिया वहां आ सकती थी । वो नहीं चाहती थी कि रिया उसको ऐसी हालत में देखे और परेशान हो ।
पूरी जान लगाकर वो बेड से उठी और अपने कपडे ढूंढने लगी । उसको अपनी ब्रा और ड्रेस , बेड के पास ही पड़े मिल गए पर पैंटी नहीं मिली । ब्रा और ड्रेस पहनकर उसने अँधेरे में ही हाथों से फर्श पर टटोला और थोड़ा आगे उसे अपनी पैंटी भी पड़ी मिल गयी जिसे अजनबी ने उतारकर फ़ेंक दिया था ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
अपनी बुरी तरह से थक चुकी टांगों पर उसने पैंटी ऊपर खींची और बिना लाइट ऑन किये हुए ही लड़खड़ाते पैरों से उस अँधेरे कमरे से बाहर आ गयी।
कमरे से थोड़ी दूरी पर रिया एक लड़के से बातों में मशगूल थी ।
आँचल ने रिया की तरफ देखा और एक कमज़ोर मुस्कराहट उसके थके हुए चेहरे पर आयी ।
रिया उसकी तरफ देखकर मुस्कुरायी “ अरे मेरी प्यारी छिनाल , मैं तो इंतज़ार करते करते थक गयी ।
मैंने तो सोचा तुम उसको छोड़नेवाली ही नहीं हो रात भर ।”
आँचल हंसी और उस लड़के की तरफ देखकर रिया से आँखों ही आँखों में पूछा ।
“ अरे ये मेरा दोस्त है अब मज़ा करने की मेरी बारी है ” और जोर से हँसते हुए रिया उस लड़के को कमरे में धकेलने लगी ,
फिर आँचल को आँख मारते हुए बोली “ तुम मेरा इंतज़ार मत करना , मुझे थोड़ा समय लगेगा यहाँ ।”
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
सीढ़ियों से नीचे उतरते समय आँचल सोच रही थी कि क्या कभी फिर से उस अजनबी से उसका सामना होगा
और अगर ऐसा हुआ भी तो क्या वो फिर से उसके साथ सेक्स करना चाहेगी ?
उधर समीर अनजान लड़की के साथ अच्छी चुदाई से खुश होकर बियर पीने के लिए रुक जाता है
और फिर घर की तरफ जाने के लिए निकल पड़ता है ।
वहीँ गेट पर उसको आँचल दिखाई दे जाती है , उसको पता नहीं था कि आँचल भी पार्टी में आयी है ।
” आँचल ” उसने पीछे से आवाज़ दी ।
आँचल चौंककर पीछे मुड़ी और अपने छोटे भाई समीर को वहां खड़े देखकर हैरान हो गयी ।
समीर और आँचल की उम्र में सिर्फ डेढ़ साल का अंतर था , इसलिए समीर उसको दीदी न कहकर आँचल ही कहता था ।
वैसे भी लम्बा चौड़ा गठीला जिस्म होने से समीर उससे बड़ा लगता था ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
दोनों भाई बहन किराये के फ्लैट में रहते थे । समीर को आँचल के पास आये हुए ज्यादा समय नहीं हुआ था ।
आँचल ने अभी अपने फ्रेंड्स को समीर से नहीं मिलवाया था , इसलिए इस शहर में उन्हें भाई बहन के रूप में कोई नहीं जानता था ।
अपने बॉयफ्रेंड से ब्रेकअप के बाद आँचल ने अपने दूसरे फ्रेंड्स से भी मिलना जुलना कम कर दिया था और ज्यादातर वक़्त
वो अपने कमरे में ही गुजारती थी । समीर के आ जाने से उसका अकेलापन भी थोड़ा कम हो गया था ।
पार्टी में आने से पहले जब समीर घर गया था तो वहां उसको आँचल नहीं मिली थी ।
लेकिन आँचल का लिखा हुआ एक नोट मिला था । जिसमें उसने लिखा था कि वो आज देर से घर आएगी इसलिए समीर डिनर पर
उसका इंतज़ार न करे । आँचल को मालूम नहीं था कि किसी ने समीर को भी उसी पार्टी में invite किया है । समीर भी बाद में उसी पार्टी में चला आया ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
“अरे समीर तुम ! तुम यहाँ !!! ” आँचल को मालूम था कि समीर को यहाँ ज्यादा लोग नहीं जानते तो फिर वो पार्टी में कैसे आया ?
उसे किसने बुलाया ? ऐसे ही सवाल उसके मन में आये ।
“अरे मुझे एक दोस्त ने invite किया था यहाँ , पर वो मुझे कहीं दिखा ही नहीं ” उसने अपनी थकी हुई सी लग रही बहन की तरफ देखकर कहा ।
“मैं अपनी दोस्त की गाड़ी में आयी थी , लेकिन वो अभी नहीं आ रही है । मैं घर जा रही हूँ , तुम लो पार्टी के मज़े । ”
“ बहुत हो गयी पार्टी , अब मैं भी घर ही जा रहा हूँ ” समीर बोला और उसके चेहरे की तरफ ध्यान से देखने लगा ।
आँचल ने उसको घूरते हुए पाया तो भौंहें चढ़ाते हुए बोली “क्या हुआ ? क्या देख रहे हो ? ”
“ कुछ नहीं “ समीर मुस्कुराया और कार पार्किंग की तरफ बढ़ गया ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
“तो तुमने पार्टी का मज़ा लिया ? ” कार में बैठकर आँचल बोली ।
“हाँ मज़ा तो आया मुझे पार्टी में , और तुम्हें ?” गाड़ी स्टार्ट करते हुए समीर बोला ।
“ मुझे भी ” आँचल बोली और फिर मुस्कुराते हुए उन मादक पलों की याद में खो गयी ।
लम्बे समय बाद अपनी बहन को खुश देखकर समीर भी मन ही मन खुश हुआ , उसने महसूस किया था कि ब्रेकअप के बाद से आँचल थोड़ा उदास रहती थी । पर वो उसकी उदासी दूर करने के लिए कुछ नहीं कर सकता था , क्योंकि वो उसका भाई था , उसके बॉयफ्रेंड की जगह वो कैसे भर सकता था ।
“हाँ , तुम्हारा चेहरा बता रहा है । किसी लड़के के साथ थीं ना तुम ?”
समीर मुस्कुराते हुए आँचल की तरफ देखकर बोला ।
आँचल कुछ नहीं बोली और सामने की तरफ देखते रहकर सिर्फ मंद मंद मुस्कुरा दी ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
“ लाओ मैं तुम्हारा चेहरा साफ़ कर दूँ “ समीर एक टिश्यू पेपर निकालकर आँचल की ओर झुककर उसके चेहरे के एक कोने पर लगा हुआ
सफ़ेद चिपचिपा सा कुछ , पोंछ देता है ।
आँचल भौंचक्की सी , कभी समीर के हाथ को , कभी टिश्यू पेपर को देखती रह गयी ।
“ shit …” आँचल ने धीरे से कहा ।
अजनबी ने उसके मुंह में अपना वीर्य भर दिया था । जो मुंह से बाहर निकलकर उसके चेहरे पर इधर उधर लग गया था ।
मुंह साफ़ करने के बावजूद शायद कहीं पर थोड़ा सा चिपका रह गया था ।
आँचल बुरी तरह झेंप गयी । उसने समीर की तरफ से नज़रें मोड़ ली और कार से बाहर की तरफ देखने लगी ।
हालाँकि दोनों ही बहुत आधुनिक ओर खुले विचारों के थे और हम उम्र होने की वजह से दोनों की आपस में बहुत पटती थी ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
दोनों के अपने अपने बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड रह चुके थे । दोनों की अपनी अपनी सेक्स लाइफ थी औऱ दोनों एक दूसरे की प्राइवेसी की रेस्पेक्ट करते थे ….लेकिन फिर भी……. ये वाक़्या तो आँचल को शर्मिंदा कर गया ।
घर पहुँचने तक दोनों में से कोई कुछ नहीं बोला ।
आँचल और समीर जिस फ्लैट में रहते थे , उसमें दोनों के अलग अलग बेडरूम औऱ एक डाइनिंग रूम के साथ लगा हुआ किचन था ।
घर पहुंचकर आँचल ने दरवाज़ा खोला और सीधे अपने बेडरूम में घुस गयी । पार्टी ड्रेस उतारकर अपने कन्धों पर तौलिया डाल लिया और बाथरूम की तरफ नहाने के लिए चल दी । तब तक समीर भी कार पार्क करके अंदर आ चुका था ।
पीछे से आँचल पर नज़र पड़ते ही समीर जोर से हॅसने लगा ।
“क्या हुआ ? ” आँचल उसकी तरफ मुड़कर बोली ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
लेकिन समीर हंसने की वजह से बोल ही नहीं पा रहा था ।
“समीर ! ये पागलों की तरह क्यों हँसे जा रहे हो तुम ? ” अब आँचल को गुस्सा आ गया , एक तो वो पहले से ही झेंपी हुई थी ,
अब समीर ये नया नाटक कर रहा था ।
वो सोचने लगी अब क्या दिख गया इसको ? ये ऐसे क्यों हंसा जा रहा है मुझे देखकर ? उसकी खीझ बढ़ने लगी।
फिर उसने समीर को नीचे अपनी कमर की तरफ ऊँगली से इशारा करके हँसते देखा ,
“तुमने पैंटी उलटी पहन रखी है । “
“ fuck …” आँचल ने अपनी जीभ दाँतों से दबा ली और झट से बाथरूम में घुस गयी ।
पार्टी में अँधेरे कमरे में उसने पैंटी उलटी पहन ली थी ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
नहाकर आँचल वापस अपने अपने कमरे में आयी और बिस्तर पर लेटते ही गहरी नींद से बेसुध हो गयी । उसकी गांड का छेद अभी भी दर्द कर रहा था , लेकिन वो इतनी थक चुकी थी कि उसको दर्द की भी परवाह नहीं थी ।
अगले दिन आँचल ज्यादातर समय अपने कमरे में ही रही । अपने काम निपटाकर समीर भी दोस्तों के साथ खेलने चला गया । शाम को घर वापस लौटा तो उसके कपड़े पसीने से बुरी तरह से भीग चुके थे । उसने आँचल के कमरे में झाँका तो देखा कि आँचल अपने कमरे में बेड पर लेटी कोई किताब पढ़ रही थी । समीर ने उसके दरवाज़े पर हलके से नॉक किया और कमरे में चला आया ।
“आँचल , तुम्हारी तबियत ठीक तो है न ? ” उसने कुछ चिंतित स्वर में पूछा । आज ज्यादातर वक़्त उसने आँचल को अपने बेड पर लेटे हुए ही पाया था , इस समय तो वो किचन में होती थी ।
“मैं ठीक हूँ समीर , बस कुछ पढ़ रही थी “ आँचल हलकी मुस्कराहट के साथ समीर को देखते हुए बोली ।लेकिन असल बात ये थी कि पिछली रात को हुई जबरदस्त चुदाई से उसका बदन थका हुआ था । उसकी गांड अभी भी हल्का दर्द कर रही थी ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
इसलिए उसने ज्यादातर समय बेड पर लेटे हुए आराम करते हुए गुजारा था । शाम को आँचल ने थोड़ा बाहर टहलने की सोची थी । लेकिन फिर उसने महसूस किया कि उसके बदन को अभी एक रात के और आराम की जरुरत है , उसके बाद ही वो घर से बाहर निकल पायेगी ।
” तुम थकी थकी सी लग रही हो । मैं नहाने जा रहा हूँ , डिनर तुम बना लोगी या …… ? ” समीर ने उसके नज़दीक बेड के पास आकर पूछा ।
“ तुम उसकी चिंता मत करो , डिनर मैं बना लूँगी । मैं किचन में जाने ही वाली थी ।” आँचल समीर की तरफ चेहरा घुमाकर बोली।
उसने देखा समीर की टी -शर्ट पसीने से भीग कर उसके गठीले जिस्म से चिपकी हुई है । आँचल को इस बात का गर्व महसूस हुआ कि उसका भाई कितना हैंडसम दिखता है ।
“ मैं जल्दी से नहा के आता हूँ , फिर किचन में तुम्हारी मदद करूँगा ” समीर ने कहा ।
“ओके भाई ” आँचल ने हलकी सी स्माइल दी ।
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समीर ने आँचल के नज़दीक झुक कर प्यार से उसकी हथेली अपने हाथ में दबायी , हलके से मुस्कुराया ।
फिर मुड़ा और कमरे से बाहर चला गया ।
आँचल ने समीर के पसीने की तेज गंध महसूस की , उसको अजनबी के पसीने की गंध का ख्याल आया ।
उसके मन में कुछ हलचल सी हुई , वो कुछ पल confuse सी सोचती रही ।
फिर बेड से उठकर किचन में चली गयी । किचन में जाकर खाना बनाने लगी । थोड़ी देर में समीर भी नहाकर आ गया और किचन में आँचल का हाथ बंटाने लगा ।
बाहर खाना खाने वो कम ही जाते थे । ज्यादातर घर पर ही बनाते थे । आँचल को कुकिंग पसंद थी । इसलिए खाना हमेशा आँचल ही बनाती थी और समीर उसकी मदद करता था ।
डिनर करते समय दोनों की ज्यादा बातें नहीं हुईं । खाने के बाद प्लेटें साफ़ करके दोनों अपने अपने बेडरूम में सोने चले गये ।
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आँचल बिस्तर पे चली तो गयी पर उसको नींद नहीं आ रही थी। पता नहीं क्यों , पर उस अजनबी के साथ बिताये पल वो भुला नहीं पा रही थी । बेचैनी में आँचल करवट बदलती है , पर नींद आँखों से कोसो दूर है । अपने ख्यालों में , अजनबी के साथ चुम्बन दृश्यों को वो सैकड़ो बार दोहरा चुकी थी । कैसे वो उसके साथ कभी बहुत ही प्यार से चुम्बन ले रहा था तो कभी बहुत रफ़ तरीके से उसके होठों को काट लेता था । कानों के निचले हिस्से को कभी चूमता था तो कभी उन पर दांत गड़ा देता था , जिससे आँचल की आह निकल जाती थी ।
सुबह नींद में वो सपना देखती है । अजनबी उसके कमरे का दरवाजा खोल रहा है और फिर चुपचाप अंदर आ जाता है । उसने सिर्फ एक आगे से खुला गाउन पहना है । जिससे उसकी चौड़ी छाती की झलक दिख रही है । गाउन के अंदर वो बिलकुल नग्न है । उसका लंड पतले गाउन के बाहर से ही तना हुआ दिख रहा है । उसकी साँसे तेज तेज चल रही हैं ।
आँचल देखती है कि वो चादर के नीचे पीठ के बल बिलकुल नग्न लेटी हुई है । वो अपनी सांसों पर काबू पाने का प्रयास कर रही है । उसका दिल जोरों से धड़क रहा है । तभी वो अजनबी उसके पास आकर बेड में बैठ गया और आँचल की साँस उसके गले में ही अटक गयी । फिर आँचल ने अपनी पलकें उठाकर ऊपर उसकी आँखों में देखा । मजबूत जिस्म वाला अजनबी एकटक उसी को देख रहा था । उसकी आँखों में प्यार लेकिन चेहरे पर कठोरता दोनों के ही मिले जुले से भाव थे ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
चादर के ऊपर से ही अपने पेट पर उसकी अँगुलियों का स्पर्श पाते ही आँचल के बदन में सिहरन सी दौड़ गयी । उसका मन हुआ कि वो चादर फ़ेंक दे और अजनबी के जिस्म से लिपट जाये पर वो अपने ऊपर काबू किये रही । गहरी सांसें लेते हुए उस आदमी ने आँचल की तेजी से ऊपर नीचे उठती छाती पर से चादर हटा दी । फिर धीरे धीरे पेट और पैरों से नीचे को हटाते हुए चादर उठाकर एक तरफ रख दी । अब वो आँचल के पूरे नग्न बदन को निहार रहा था । आँचल की चिकनी टांगों पर अपनी उँगलियाँ फिराते हुए धीमी आवाज़ में वो बोला
“ आह .. कितनी खूबसूरत हो तुम । ”
धीरे धीरे उसके हाथ ऊपर की ओर बढ़े । और फिर वो आँचल की मांसल जांघों पर हाथ फिराने लगा । जांघों के अंदरूनी सेंसिटिव हिस्से पर उसकी अँगुलियों के स्पर्श से आँचल ने अपनी टाँगें थोड़ी मोड़ ली । जांघों पर हाथ फिराते फिराते अचानक उस आदमी ने आँचल की फड़कती चूत को अपनी उँगलियों में पकड़ लिया । फिर बीच की ऊँगली को , चूत के दोनों होठों के बीच पूरी दरार पर ऊपर से नीचे , बाहर से ही फिराने लगा । अब आँचल पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी । ऊँगली के स्पर्श से उसने अपनी चूत में एक अजीब सी सेंसेशन महसूस की । फिर उस आदमी ने अपने दूसरे हाथ की उँगलियों से आँचल की clitoris को धीरे से रगड़ना शुरू किया ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
“अह्हह्ह्ह्ह …… “ आँचल के मुंह से एक सिसकारी निकली । उसकी चूत के अंदर गीलापन बढ़ने लगा । तभी उस अजनबी ने चूत के अंदर अपनी ऊँगली घुसा दी और अंदर बाहर करने लगा । आँचल ने अपने हाथ से उसकी बांह पकड़ ली और आंखें उत्तेज़ना से बंद करके सिसकारियां लेने लगी।
“तुम मेरा इंतज़ार कर रही थीं , है ना ? “ वो मुस्कुराया ।
“हाँ , मुझे तुम्हारी बहुत याद आ रही थी “ वो आँखें बंद किये ही मादक आवाज़ में धीरे से बोली ।
“तुम ऐसे ही लेटी रहो । मैं तुम्हें भरपूर प्यार करूँगा तब तक , जब तक कि तुम पूरी तरह से तृप्त नहीं हो जाओगी । ”
फिर वो उसकी टाँगें फैलाकर उनके बीच आ गया और बिना देर किये अपना तना हुआ लंड आँचल की चूत में घुसा दिया । फिर उस टाइट चूत में अपने मोटे लंड को अंदर बाहर करके सटासट धक्के लगाने लगा ।
“आय लव यू ! ….….आह हहह ……“ सिसकारियां लेते लेते आँचल के मुंह से निकला ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
वो आगे झुक गया और आँचल के कांपते होठों पर अपने होंठ रख दिये और धक्कों के साथ ही चुम्बन भी लेने लगा । आँचल अब मदहोश थी ।
“ और तेज और तेज …….आह हहह …. मैं झड़ने वाली हूँ ….प्लीज और जोर से करो। ”
उसके धक्के तेज तेज होते गए और वैसे ही आँचल की सिसकारियां भी बढ़ती चली गयीं । कुछ देर बाद आँचल के मुंह से एक तेज चीख निकली और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया । अजनबी के धक्के हलके हो गए और उसका लंड आँचल की चूत से निकले पानी की बाढ़ में डूब गया ।
“आँचल , तुम ठीक तो हो ? ” तभी समीर ने उसका दरवाज़ा खटखटाया । “अभी अभी मैंने तुम्हारी चीख सुनी । ”
पूरी तरह से पसीने से तर बतर आँचल सपने से जाग जाती है । उसकी साँसें तेज तेज चल रही थीं , छाती तेजी से ऊपर नीचे हो रही थी । और पूरा बदन उत्तेजना से काँप रहा था । एक गहरी साँस लेकर उसने अपने ऊपर काबू पाने की कोशिश की और बिखरे हुए चादर को अपने ऊपर छाती तक खींच लिया । तभी उसे अपने नितम्बों के नीचे कुछ गीलापन महसूस हुआ , उत्तेजक सपने से उसका पानी निकल गया था ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
“मैं ठीक हूँ । शायद कोई बुरा सपना था । तुम अंदर आ जाओ समीर ” हड़बड़ा कर अटकती साँसों के बीच उसने जैसे तैसे कहा ।
कमरे के अंदर आकर समीर उसके पास बेड में बैठ गया ओर उसका हाथ अपने हाथ में पकड़ लेता है ।
और फिर से पूछता है कि क्या वो ठीक है ?
आँचल ” हाँ ” में सर हिला देती है ।
“तुम्हारी सांसें इतनी तेज़ चल रही हैं , जैसे तुम अभी दौड़ कर आ रही हो । ऐसा क्या देख लिया तुमने सपने में ? ”
” क ….कुछ नहीं । मैं अब ठीक हूँ । बस कोई बुरा सपना था ।”
आँचल समीर को क्या बताती , बेचारी बस गहरी साँस लेकर रह गयी ।
“मैं बैठू क्या कुछ देर तुम्हारे पास ? ” चिंतित स्वर में समीर बोला ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
“नहीं , ऐसी कोई बात नहीं , कहा ना मैं ठीक हूँ । थैंक यू ” आँचल हलके से मुस्कुरायी ।
समीर थोड़ी देर कंफ्यूज सा वहीँ बैठा रहा । इतना तो वो भी समझ गया था कि आँचल उससे अपना सपना डिसकस नहीं करना चाह रही है । लेकिन ऐसी अजीब हालत में उसने आँचल को पहले कभी नहीं देखा था ।बहन के लिए प्यार की वजह से उसका दिल आँचल को अकेला छोड़ने का नहीं कर रहा था पर आँचल ने भी तो उसको मना कर दिया था । थोड़ी देर बाद आँचल के माथे पर किस करके समीर अपने रूम में चला गया ।
समीर के अपने माथे पर किस करने से फिर आँचल को नज़दीक से वही पहचानी सी गंध महसूस हुई , उसके शरीर में कपकंपी सी छूट गयी । उस पहचानी गंध से ही अब वो उत्तेजित हो जा रही थी । फिर अपना सर झटकते हुए , वो मन ही मन झेंप सी गयी । ” छी….मैं भी कैसी पागल हूँ । अपने भाई के शरीर से आती गंध की तुलना उस अजनबी से कर रही हूँ । ऐसे विचार मेरे मन में आ कैसे सकते हैं … छी …अपने प्यारे भाई के लिए । वो तो कोई और लड़का था , समीर थोड़े ही न था । लेकिन फिर भी समीर के मेरे नज़दीक आने से उस पहचानी सी गंध से मुझे उत्तेजना क्यों आ जा रही है ? ”
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
अपने इस प्रश्न का उत्तर उसके पास नहीं था क्योंकि वो सपने में भी नहीं सोच सकती थी कि जिस अजनबी ने पार्टी की उस रात उसको भरपूर यौनसुख दिया था और जो अभी अभी उसको सपने में तृप्त करके गया है , वो और कोई नहीं उसका अपना छोटा भाई समीर था । जब दोनों आदमी एक ही थे तो गंध तो एक होगी ही । अब समीर के शरीर से आती पसीने की उसी गंध से आँचल के अचेतन मन को अजनबी के अपने आसपास होने का आभास हो रहा था इसलिए वो उत्तेजित हो जा रही थी । पर बेचारी आँचल को ये सब कहाँ मालूम था । वो तो एक जाल में उलझती सी जा रही थी । क्योंकि समीर के साथ एक ही छत के नीचे रहने से उस गंध से आँचल का पीछा छूटने वाला नहीं था ।
उस बेचारी को तो ये भी नहीं पता था कि हलके नशे की हालत में उसने रिया के साथ मिलकर जो खेल समझकर प्लान बना डाला था । उससे उसकी किस्मत ने एक ऐसा फेर ले लिया था जो आगे चलकर उन दोनों भाई बहन की जिंदगी में , उनके आपसी रिश्तों में , भूचाल लाने वाला था । जिससे वो दोनों अब तक अनजान थे । उन्हें आगे आने वाले कठिन समय का कुछ अंदाजा ही नहीं था ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
रविवार को दिन भर आँचल घर की साफ़ सफाई , खाना पकाने , कपडे धोने और अपनी पढाई में व्यस्त रही । लेकिन अजनबी के ख्याल उसको आते रहे । रात में फिर से वैसा ही सपना पिछली रात से भी ज्यादा उत्तेजना के साथ आया । वो अजनबी फिर से उसके सपनो में आया और आँचल को जबरदस्त ओर्गास्म दे गया । जितना वो उस रात के बारे में सोचती , उतना ही ज्यादा उस अजनबी को पाने की उसकी इच्छा बढ़ती गयी । आँचल उस अजनबी को इकतरफा प्यार करने लगी । समीर के शरीर से आती वही पहचानी सी गंध से उसकी आग और भड़कते गयी ।
सोमवार की सुबह उठते ही आँचल ने निश्चय कर लिया , वो आज रिया से पूछकर ही रहेगी कि वो लड़का कौन था ।“तुम मेरा इंतज़ार कर रही थीं , है ना ? “ वो मुस्कुराया ।
“हाँ , मुझे तुम्हारी बहुत याद आ रही थी “ वो आँखें बंद किये ही मादक आवाज़ में धीरे से बोली ।
“तुम ऐसे ही लेटी रहो । मैं तुम्हें भरपूर प्यार करूँगा तब तक , जब तक कि तुम पूरी तरह से तृप्त नहीं हो जाओगी । ”
फिर वो उसकी टाँगें फैलाकर उनके बीच आ गया और बिना देर किये अपना तना हुआ लंड आँचल की चूत में घुसा दिया । फिर उस टाइट चूत में अपने मोटे लंड को अंदर बाहर करके सटासट धक्के लगाने लगा ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
“आय लव यू ! ….….आह हहह ……“ सिसकारियां लेते लेते आँचल के मुंह से निकला ।
वो आगे झुक गया और आँचल के कांपते होठों पर अपने होंठ रख दिये और धक्कों के साथ ही चुम्बन भी लेने लगा । आँचल अब मदहोश थी ।
“ और तेज और तेज …….आह हहह …. मैं झड़ने वाली हूँ ….प्लीज और जोर से करो। ”
उसके धक्के तेज तेज होते गए और वैसे ही आँचल की सिसकारियां भी बढ़ती चली गयीं । कुछ देर बाद आँचल के मुंह से एक तेज चीख निकली और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया । अजनबी के धक्के हलके हो गए और उसका लंड आँचल की चूत से निकले पानी की बाढ़ में डूब गया ।
“आँचल , तुम ठीक तो हो ? ” तभी समीर ने उसका दरवाज़ा खटखटाया । “अभी अभी मैंने तुम्हारी चीख सुनी । ”
पूरी तरह से पसीने से तर बतर आँचल सपने से जाग जाती है । उसकी साँसें तेज तेज चल रही थीं , छाती तेजी से ऊपर नीचे हो रही थी । और पूरा बदन उत्तेजना से काँप रहा था । एक गहरी साँस लेकर उसने अपने ऊपर काबू पाने की कोशिश की और बिखरे हुए चादर को अपने ऊपर छाती तक खींच लिया । तभी उसे अपने नितम्बों के नीचे कुछ गीलापन महसूस हुआ , उत्तेजक सपने से उसका पानी निकल गया था ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
“मैं ठीक हूँ । शायद कोई बुरा सपना था । तुम अंदर आ जाओ समीर ” हड़बड़ा कर अटकती साँसों के बीच उसने जैसे तैसे कहा ।
कमरे के अंदर आकर समीर उसके पास बेड में बैठ गया ओर उसका हाथ अपने हाथ में पकड़ लेता है ।
और फिर से पूछता है कि क्या वो ठीक है ?
आँचल ” हाँ ” में सर हिला देती है ।
“तुम्हारी सांसें इतनी तेज़ चल रही हैं , जैसे तुम अभी दौड़ कर आ रही हो । ऐसा क्या देख लिया तुमने सपने में ? ”
” क ….कुछ नहीं । मैं अब ठीक हूँ । बस कोई बुरा सपना था ।”
आँचल समीर को क्या बताती , बेचारी बस गहरी साँस लेकर रह गयी ।
“मैं बैठू क्या कुछ देर तुम्हारे पास ? ” चिंतित स्वर में समीर बोला ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
“नहीं , ऐसी कोई बात नहीं , कहा ना मैं ठीक हूँ । थैंक यू ” आँचल हलके से मुस्कुरायी ।
समीर थोड़ी देर कंफ्यूज सा वहीँ बैठा रहा । इतना तो वो भी समझ गया था कि आँचल उससे अपना सपना डिसकस नहीं करना चाह रही है । लेकिन ऐसी अजीब हालत में उसने आँचल को पहले कभी नहीं देखा था ।बहन के लिए प्यार की वजह से उसका दिल आँचल को अकेला छोड़ने का नहीं कर रहा था पर आँचल ने भी तो उसको मना कर दिया था । थोड़ी देर बाद आँचल के माथे पर किस करके समीर अपने रूम में चला गया ।
समीर के अपने माथे पर किस करने से फिर आँचल को नज़दीक से वही पहचानी सी गंध महसूस हुई , उसके शरीर में कपकंपी सी छूट गयी । उस पहचानी गंध से ही अब वो उत्तेजित हो जा रही थी । फिर अपना सर झटकते हुए , वो मन ही मन झेंप सी गयी । ” छी….मैं भी कैसी पागल हूँ । अपने भाई के शरीर से आती गंध की तुलना उस अजनबी से कर रही हूँ । ऐसे विचार मेरे मन में आ कैसे सकते हैं … छी …अपने प्यारे भाई के लिए । वो तो कोई और लड़का था , समीर थोड़े ही न था । लेकिन फिर भी समीर के मेरे नज़दीक आने से उस पहचानी सी गंध से मुझे उत्तेजना क्यों आ जा रही है ? ”
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
अपने इस प्रश्न का उत्तर उसके पास नहीं था क्योंकि वो सपने में भी नहीं सोच सकती थी कि जिस अजनबी ने पार्टी की उस रात उसको भरपूर यौनसुख दिया था और जो अभी अभी उसको सपने में तृप्त करके गया है , वो और कोई नहीं उसका अपना छोटा भाई समीर था । जब दोनों आदमी एक ही थे तो गंध तो एक होगी ही । अब समीर के शरीर से आती पसीने की उसी गंध से आँचल के अचेतन मन को अजनबी के अपने आसपास होने का आभास हो रहा था इसलिए वो उत्तेजित हो जा रही थी । पर बेचारी आँचल को ये सब कहाँ मालूम था । वो तो एक जाल में उलझती सी जा रही थी । क्योंकि समीर के साथ एक ही छत के नीचे रहने से उस गंध से आँचल का पीछा छूटने वाला नहीं था ।
उस बेचारी को तो ये भी नहीं पता था कि हलके नशे की हालत में उसने रिया के साथ मिलकर जो खेल समझकर प्लान बना डाला था । उससे उसकी किस्मत ने एक ऐसा फेर ले लिया था जो आगे चलकर उन दोनों भाई बहन की जिंदगी में , उनके आपसी रिश्तों में , भूचाल लाने वाला था । जिससे वो दोनों अब तक अनजान थे । उन्हें आगे आने वाले कठिन समय का कुछ अंदाजा ही नहीं था ।
रविवार को दिन भर आँचल घर की साफ़ सफाई , खाना पकाने , कपडे धोने और अपनी पढाई में व्यस्त रही । लेकिन अजनबी के ख्याल उसको आते रहे । रात में फिर से वैसा ही सपना पिछली रात से भी ज्यादा उत्तेजना के साथ आया । वो अजनबी फिर से उसके सपनो में आया और आँचल को जबरदस्त ओर्गास्म दे गया ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
जितना वो उस रात के बारे में सोचती , उतना ही ज्यादा उस अजनबी को पाने की उसकी इच्छा बढ़ती गयी । आँचल उस अजनबी को इकतरफा प्यार करने लगी । समीर के शरीर से आती वही पहचानी सी गंध से उसकी आग और भड़कते गयी ।
सोमवार की सुबह उठते ही आँचल ने निश्चय कर लिया , वो आज रिया से पूछकर ही रहेगी कि वो लड़का कौन था ।
उसको किसी भी तरह एक बार उस अजनबी से मिलना था , उसको देखना था । आँचल उसको एक बार फिर से अपने नज़दीक महसूस करना चाहती थी पर इस बार आँखें खोल के । वो उसको छूना चाहती थी , उससे बातें करना चाहती थी । ज्यादा नहीं तो कम से कम एक बार , शायद ऐसा करने से उसका उन सपनों से पीछा छूट जाये ।
दोपहर को लंच टाइम में आँचल , रिया को कैंटीन में एक कोने की सीट में ले गयी ।
“ कौन था वो ? ”
” कौन ? किसकी बात कर रही है तू ? ”
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
“अरे वही जो उस रात पार्टी में लड़का …….जिसे तू पकड़ लायी थी मेरे पास ।”
” क्या…..? ” रिया सन्न रह गयी । “पागल हो गयी है क्या ? होश में तो है तू ? नहीं , तू उसको नहीं जानना चाहती ।”
“हाँ , मैं बिलकुल उसको जानना चाहती हूँ “ आँचल थोड़ा शरमाते हुए बोली ।
रिया आँचल की बात से अभी भी सदमे में थी । उसके मुंह से जोर से निकला ,
“ तू ना पक्की छिनाल हो गयी है । ”
आसपास की लड़कियां मुड़कर उन दोनों को देखने लगीं ।
आँचल का चेहरा गुस्से से तमतमा गया ।
आँचल का गुस्से से भरा चेहरा देखकर रिया को हंसी आ गयी । वो आँचल की तरफ झुककर धीरे से बोली ,
” बहुत बड़ा था क्या उसका ?”
उसकी बात पर आँचल भी मुस्कुराने लगी ” हाँ , मोटा भी था । मुझे मिला दो ना उससे । मुझे वो फिर से चाहिए। ”
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
” मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा कि तू उससे दोबारा मिलना चाह रही है ” रिया सर झटकते हुए बड़बड़ायी ।
“अरे तू क्यों टेंशन ले रही है , मैं उसके साथ अपनी जिंदगी थोड़ी शुरू करने वाली हूँ “ आँचल मुस्कुरायी ।
“ हाँ बच्चू , मैं अच्छी तरह से समझ रही हूँ कि तेरे को वो दुबारा क्यों चाहिए , उसने तेरे अंदर कुछ ज्यादा ही माल गिरा दिया है , है ना ? “ रिया थोड़ा कड़वे स्वर में आँचल की चूत की तरफ इशारा करते हुए बोली । आँचल की जिद से वो irritate हो गयी थी ।
“ हम्म .. .. मुंह में गिराया “ आँचल अपने खुले मुंह की तरफ इशारा करते हुए खी खी करके हंस पड़ी ।
“ लेकिन अबकी बार देखना , मैं उसका पूरा मुंह भर दूंगी , अपने रस से । ”
“छी छी ! तू कितनी गन्दी बातें करने लगी है “ रिया गन्दा सा मुंह बनाकर बोली , फिर जोर से हंस पड़ी । उसने पहले कभी आँचल को ऐसी बातें कहते नहीं सुना था । कम बोलने वाली , अपने में मगन रहने वाली आँचल आज उससे बहकी बहकी सी बातें कर रही थी ।
” ये सब उसी लड़के का असर है तुझ पर । ”
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
“ हाँ हाँ , मुझे मालूम है । लेकिन मैं तुझे बता नहीं सकती कि उसके बारे में सोचने से ही मैं कितना उत्तेजित हो जाती हूँ ” आँचल ने अपना राज खोल ही दिया । “ जबसे मैं पार्टी से घर गयी हूँ , बस उसी के सपने देख रही हूँ दिन रात। ”
“और अब तुझे इस सपने को पूरा करने के लिए मेरी मदद चाहिए , है ना ?”
“हाँ “ आँचल मुस्कुरायी ।
“ ठीक है …मैं मदद कर दूंगी तेरी , लेकिन मैं भी मज़ा लूँगी उससे , क्या ख्याल है बोल ? ” रिया थोड़ा नखरे दिखाते हुए बोली ।
“ तू लेना मज़े …..कौन मना कर रहा है ….उसके तो दोनों हाथों में लड्डू होंगे , वो तो खुश हो जायेगा । “आँचल हंस पड़ी ।
“ ठीक है यार । अगर तू अब उसके पीछे इतना ही पागल हो रही है तो मैं पता करुँगी उससे कि वो तुझसे मिलने को राजी है भी या नहीं ।”
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
“ मैं कुछ नहीं जानती बस ये तेरी जिम्मेदारी है कि तू उसको राजी कर मुलाकात के लिए , इसी में तेरी भलाई है समझी ” आँचल रिया को बनावटी धमकी देती हुई बोली ।
“अच्छा तो तू उसको फिर से अपने ऊपर चढ़ने देगी ।…..हैं ?… उस दिन तो बड़ा कह रही थी कि मैं उसको नहीं जानना चाहती , वो मेरे को ना जान पाए । तब तो बड़ी बड़ी बातें कर रही थी। मैं अभी किसी रिलेशनशिप में इन्वॉल्व नहीं होना चाहती हूँ । मैं कोई कमिटमेंट का झंझट नहीं रखना चाहती हूँ । जान पहचान का लड़का नहीं होना चाहिए । अब क्या हुआ उन बातों का । इतनी जल्दी पलट गयी अपनी बात से ”
रिया ने हाथ नचाते हुए ताना मारा ।आँचल की ज़िद तोड़ने को , उसी की बातें याद दिलाकर आखिरी तीर चलाया ।
“ इससे पहले तो कभी मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ । मुझे कभी किसी ने ऐसा बेचैन नहीं किया ।कोई ऐसे मेरे सपनों में कभी नहीं आया ।किसी ने मेरे दिल के तारों को पहले कभी ऐसे नहीं छुआ । कुछ तो स्पेशल बांड है मेरा उससे । मुझे लगता है मेरे सपनों का शहजादा कहीं ये ही तो नहीं । जिस लड़के का इंतज़ार मुझे वर्षों से था कहीं वो ये ही तो नहीं । क्या पता मेरी किस्मत ही मुझे उसके पास ले जा रही है । “
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
रिया ने मन ही मन सोचा कि आँचल ने सपनों के जो महल बना लिए हैं वो कहीं टूट न जाएँ । एक अज्ञात आशंका ने उसको घेर लिया कहीं उसकी प्यारी दोस्त का दिल फिर से न टूट जाये । वो भावुक लड़की ये सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकेगी ।
फिर वो एकदम से सीरियस होकर आँचल को समझाने लगी ,
“ देख आँचल , तू मुझे गलत मत समझ । मैं तेरे और उस तेरे लवर के बीच नहीं आ रही हूँ । मैं तेरा बुरा क्यों चाहूंगी । लेकिन मुझे लगता है ये ठीक नहीं है । उस दिन हमने decide किया था कि रात गयी बात गयी । अब इस मामले को फिर से खोलना ठीक नहीं है । मेरे ख्याल से तू ये जिद छोड़ दे , कुछ दिनों में तू उसे भूल जाएगी । फिर सब पहले जैसे ही चलने लगेगा । ये बात तो तू भी मानेगी कि दुनिया की समझ तुझसे ज्यादा मुझे है , मैं तो तेज तर्रार लड़की हूँ । तू बहुत प्यारी लड़की है , एकदम भावुक । सबको अपना जैसा समझने लगती है । पर सब ऐसे नहीं होते । मुझे बड़ा डर है कि कहीं तेरा दिल फिर से ना टूट जाये । बड़ी मुश्किल से तो अभी संभली है तू , अपने ब्रेकअप के बाद से । मैं अपनी प्यारी दोस्त को फिर से गम के सागर में डूबते नहीं देख सकती । मुझे कुछ अंदर से महसूस हो रहा है कि तू ये ठीक नहीं कर रही है । कहीं कुछ तेरे साथ बुरा ना हो जाये । “
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
“ मुझे नहीं मालूम , मुझे क्या हो गया है । मैं बस एक बार उससे मिलना चाहती हूँ । उसको अपनी आँखों से अपने सामने देखना चाहती हूँ । वैसे भी मैं उसके साथ ऐसा कुछ नया तो नहीं करुँगी जो उसके साथ पहले से ही ना कर चुकी हूँ “ आँचल ने कंधे उचकाते हुए कहा ।
“ ये सब बहाने बाज़ी है , तुझे बस उसका मोटा लंड फिर से अपनी चूत में चाहिए और कुछ नहीं ।अगर मरना ही तेरी किस्मत है तो मर मेरी बला से । “ अपनी बातों का उस पर कुछ असर ना होता देख रिया को अब गुस्सा आ गया था ।
“ नाराज़ क्यों होती है यार , मैं वास्तव में सिर्फ ये जानना चाहती हूँ कि वो कौन लड़का था । क्या पता वो शकल सूरत में मुझे पसंद ही ना आये , ऐसा भी तो हो सकता है । जरुरी थोड़े ही है कि वो मुझे अच्छा ही लगे । ”
दोनों सहेलियों में ऐसे ही बहस होते रही । रिया बात टालने के मूड में थी , उसका मन ही नहीं कर रहा था कि वो उस लड़के को ढूंढे और आँचल से मिलाये । वो तो सिर्फ एक मस्ती भरा खेल समझकर पार्टी से निकलते ही उस वाक़ये को भूल गयी थी । पर आँचल दिल लगा बैठी थी और अब उसके पीछे ही पड़ गयी थी ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
लंच खत्म होने से पहले आँचल ने एक बार फिर ज़ोर डाला ।
“ कम ऑन रिया , मैं तुमको अगले रविवार को पार्टी दूंगी , प्रॉमिस । मिला दो न उससे , प्लीज । “ खुशामद भरे स्वर में आँचल बोली ।
“हम्म ..… पार्टी के नाम पर तो मेरे मुंह में पानी आ गया । लेकिन मुझे अभी भी लगता है कि ये सही नहीं है । तुमको उस लड़के को अजनबी ही रहने देना चाहिए ” रिया कुछ देर सोचने के बाद बोली ।
“ मैं जानती हूँ रिया कि तुम मेरा भला ही चाहोगी । मैंने उस रात कहा था कि मैं उस लड़के को नहीं जानना चाहती , उससे अनजान ही बने रहना चाहती हूँ । पर मैं क्या करूँ मेरा जीना हराम हो गया है । उठते बैठते सोते हर वक़्त वो ही मेरी आँखों के सामने घूमते रहता है , रात में भी सोने नहीं देता है । जितना उसको भुलाने कि कोशिश करती हूँ उतना ज्यादा वो और याद आता है । एक बार उससे मिल लूँ , उसको देख लूँ , उससे बातें कर लूँ , तो फिर क्या पता मेरे ये सपने मेरा पीछा छोड़ दें । तुम प्लीज सोचना जरूर इस बारे में । तुम्हारे पास आज का पूरा दिन है । मैं कल फिर तुमको पकड़ूँगी और उम्मीद करती हूँ कि तुम मुझे निराश नहीं करोगी । “
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
“ ठीक है बाबा , तू जीती मैं हारी । अब तूने जब मिलने की रट पकड़ ही ली है तो मैं पूरी कोशिश करुँगी । लेकिन मुझे उससे पहले बात तो करनी पड़ेगी ना । ” आख़िरकार रिया ने आँचल की जिद के आगे हथियार डाल ही दिये ।
“ कल लंच टाइम में मिलते हैं ।” रिया ने अपना बैग उठाया और चली गयी ।
अगले दिन आँचल ने एक सफ़ेद शर्ट और उसके अंदर एक पतले फैब्रिक की बिना पैड वाली वाली ब्रा पहनी जिसमें शर्ट के बाहर से ही उसके निप्पल का शेप साफ़ दिख रहा था और एक नीले रंग की टाइट जीन्स पहनी जिसमें उसके बड़े नितम्ब कसे हुए बहुत ही मस्त लग रहे थे ।
लंच टाइम में रिया आँचल को पार्किंग में ले गयी ।
“ मैंने उस लड़के को यहीं बुलाया है । ”
दोनों सहेलियां वहीँ खड़े खड़े उस अजनबी का इंतज़ार करने लगीं ।
आँचल थोड़ी चिंतित लग रही थी और उसके चेहरे पर घबराहट साफ़ झलक रही थी ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
“ तू बड़ी tense लग रही है । देख , उससे नहीं मिलना है तो अभी भी बता दे । ” आँचल के चेहरे को देखती हुई रिया बोली ।
” वो यहाँ अब किसी भी समय आ जायेगा , ना कहना है तो पहले ही बोल दे । ”
तभी उसे समीर आते हुए दिख गया ।
“ राजकुमारी जी , लो आ गया आपका शहजादा ” रिया आदाब बजाते हुए बोली ।
“ कहाँ ” आँचल ने समीर को देखा और फिर वो इधर उधर देखने लगी पर उसको कोई और लड़का नहीं दिखा ।
“अरे तुझे वो लम्बा चौड़ा लड़का आँख नहीं दिख रहा क्या ? जो हमारी तरफ आ रहा है ।” आँचल के भाई की तरफ ऊँगली से इशारा करते हुए रिया ने कहा और हंसने लगी ।
आँचल को काटो तो खून नहीं ।
वो बिलकुल सन्न रह गयी । उसने समीर को देखा फिर रिया की ओर देखकर बोली ” ये लड़का ? मजाक तो नहीं कर रही तू मेरे साथ ? ”
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
आँचल को अपने कानों पर विश्वास ही नहीं हुआ कि रिया ने ये क्या कह दिया ।
उसके मन में खलबली सी मच गयी । घबराहट और सदमे से उसकी साँस गले में ही अटक गयी ।
रिया को आँचल और समीर के आपसी रिश्ते का पता ही नहीं था । उसने सोचा आँचल को समीर पसंद नहीं आया ।
“देख आँचल , अब तो वो आ ही गया है । अब तू इस मुलाकात को टाल नहीं सकती । तुझे उससे बात करनी ही पड़ेगी , चाहे तुझे वो पसंद नहीं भी आ रहा है तब भी , समझी । ” मुस्कुराते हुए रिया बोली ।
” हे ईश्वर ! ” आँचल अपने मन ही मन में बुदबुदायी , ” ये सच नहीं हो सकता , मेरा अपना सगा भाई !!! इतना बड़ा मज़ाक मेरे साथ नहीं हो सकता । “
तभी समीर उन दोनों के सामने आ खड़ा हुआ ।
समीर ने आँचल को देखा फिर रिया को देखकर मुस्कुराया “ hi रिया , वो लड़की कहाँ है जिससे तुम मुझे मिलाना चाहती हो ।“
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
“hi समीर ये मेरी फ्रेंड आँचल है और आँचल यहीं है वो लड़का जो उस रात पार्टी में तुम्हारे साथ था “ फिर आँख मारते हुए बोली ,
” जिससे मिलने को तू इतना उतावली हुई जा रही थी । ”
किस्मत के इतने बड़े मज़ाक से हैरान दोनों भाई बहन के मुंह से कोई बोल ही नहीं फूटा । दोनों बुत बने खड़े रह कर एक दूसरे को ताकते ही रह गए । बिलकुल सन्न !!!
फिर आँचल ने अपनी नज़रें झुका लीं । कुछ पलों तक यूँ ही सर झुकाये खड़ी रही । उसे मालूम था कि समीर अवाक् सा उसे ही देखे जा रहा है । यह पल बहुत ही पीड़ादायक थे , अब हकीकत सामने थी । अजनबी , अजनबी नहीं रह गया था । वो उसका अपना छोटा भाई समीर था , जिससे उसने पार्टी की उस रात बेशरम बनकर जबरदस्त सेक्स किया था ।
धीरे से उसने अपनी आंसुओं से भरी आँखें उठाकर समीर की आँखों में देखा । समीर की नंगी पीठ पर फिरती उसकी अंगुलियां , दर्द और उत्तेजना में उस पीठ पर गढ़ते उसके नाखून और कामतृप्ति के समय निकलती सिसकारियां , ये सब दृश्य उसकी आँखों में घूमने लगे । आँचल ने अपनी नज़रें फेर लीं और गहरी सांसे लेने लगी । फिर उसने अपनी आँखें बंद कर लीं और आंसू उसके गालों पर बहने लगे ।
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कुछ पलों बाद उसने अपना मन कड़ा किया और आगे बढ़ कर अपने भाई के गले जा लगी ।
लेकिन समीर के गले लगकर उसे कुछ और ही अहसास होने लगा , उसको पसीना सा आने लगा और उसकी सांसे भारी हो चलीं । उसने महसूस किया कि उसका बदन काँप रहा था । समीर के बदन से अपना बदन छूते ही उसको फिर उत्तेजना आने लगी । उसने गहरी साँस लेकर उस पहचानी सी पसीने की गंध को अपने अंदर भरा , अब वो पहेली सुलझ चुकी थी ।
कुछ पलों के लिए वो भूल ही गयी कि वो अपने प्रेमी के नहीं बल्कि अपने भाई के गले लगी है । समीर के मजबूत जिस्म से लिपटकर आँचल फिर से उन मादक पलों में खो गयी । जिस जिस्म से नज़दीकी पाने के लिए वो उतावली हो रही थी , वो उसके पास अब मौजूद था। यही वो शख्स था जो रातों में उसके सपनों में आकर उसकी पैंटी गीली कर जाता था। आँचल तड़प उठी । अजनबी से दुबारा मिलने का उसका सपना पूरा तो हुआ लेकिन ……………
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अपने भाई की तेज चलती सांसों को उसने महसूस किया और उसकी आँखों में झाँका ।लेकिन वहां उसको दर्द और क्रोध की मिली जुली भावनाएं दिखी , समीर अपने को किस्मत द्वारा छला गया महसूस कर रहा था । आँचल से उन आँखों में देखा न गया और उसने अपनी नज़रें नीचे झुका लीं। समीर की उन भावनाओं ने आँचल को फिर से होश में ला दिया । उन आँखों में उस अजनबी की तरह प्यार नहीं बल्कि छले जाने का दर्द और क्रोध था ।
आँचल को अपने घुटने कमज़ोर और टाँगें कांपती सी महसूस हुई । उसे लगा वो अब गिर पड़ेगी । उसने अपना माथा समीर के सीने में टिका लिया । अपनी नज़रें नीचे किये हुए ही उसने अपनी उत्तेजना को काबू में करने की भरपूर कोशिश की । आँचल के निप्पल उस पतली सफ़ेद शर्ट में उत्तेजना से तने हुए दिख रहे थे ।जिन्हें छिपाने का अब कोई रास्ता नहीं था ।
तभी आँचल की नज़र रिया की छाया पर पड़ी , वो भूल ही गयी थी कि उसके और समीर के अलावा कोई तीसरा भी वहां है । आँचल ने अपने को समीर से अलग किया । अब वहां पर खड़ा रहना उसके बर्दाश्त से बाहर था । समीर के नज़दीक जाते ही उसे कुछ हो जा रहा था । किस्मत के इस फेर से हैरान परेशान आँचल ने अपने आंसू पोछे , फिर मुड़ी और तेज तेज क़दमों से वहां से चली गयी ।
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“ अरे ! ये कहाँ चली गयी ? ये हो क्या रहा है ? साली ने मेरा दिमाग चाट दिया तुमसे मिलवाने के लिए और जब मैंने मिलवा दिया तो ये ऐसा नाटक क्यों कर रही है ? ” हैरानी से रिया ने समीर को पूछा ।
“ वो मेरी …मेरी ….” समीर में अपनी बात को पूरा करने की हिम्मत नहीं थी । वो रिया से नहीं कह पाया कि आँचल उसकी बहन है , वो कहता भी कैसे …….उसने शर्मिंदगी से अपनी दोनों हथेलियों से अपना चेहरा ढक लिया और आँखें बंद किये खड़ा रहा ।
“वो तुम्हारी क्या ? क्या है ? ” दोनों भाई बहन के व्यवहार से हैरान रिया को ये माज़रा कुछ समझ नहीं आ रहा था ।लेकिन अब उसकी उत्सुकता बढ़ रही थी ।
पर समीर जवाब देना नहीं चाहता था और दे भी नहीं सकता था । उसने एक नज़र उस तरफ दौड़ायी जिस तरफ आँचल गयी थी , फिर मुड़ा और वो भी चला गया ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
रिया अकेले बेवकूफ की तरह से खड़ी रह गयी । कुछ पल सोचने के बाद अपने मन ही मन में बुदबुदायी , ” ये दोनों एक दूसरे को पहले से जानते हैं , और मुझे बता नहीं रहे । कुछ तो गड़बड़ है । अब मुझे ही पता लगाना पड़ेगा ।”
फिर वो भी पार्किंग से चली गयी ।
शाम को समीर जानबूझकर काफी देर बाद घर आया । उसने देखा आँचल डाइनिंग रूम या किचन में नहीं थी जैसा की
वो अक्सर इस समय होती थी । वो दिन भर सोच रहा था कि घर जाकर अपनी बहन का सामना कैसे करेगा लेकिन जब
उसने पाया कि आँचल आज , अन्य दिनों की तरह , डिनर के लिए उसका इंतज़ार नहीं कर रही है तो उसने राहत की
सांस ली । समीर ने किचन में झांककर देखा तो पाया कि आँचल ने उसके लिए खाना पकाकर रख दिया था । उसने चुपचाप
खाना गरम किया और खाने लगा ।
डिनर के बाद उसने थोड़ी देर वहीँ सोफे पर बैठकर TV देखा फिर वो बाथरूम की तरफ चल दिया । आँचल के बेडरूम के दरवाज़े से गुजरते वक़्त उसे हलकी हलकी सुबकने की आवाज़ें सुनाई दीं । अपने कानों में आँचल के सुबकने की आवाज़ पड़ने से उसका दिल बैठ गया । जो कुछ भी हुआ उसके लिए उसका मन अपने को ही दोषी ठहराने लगा । वो सोचने लगा
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अगर वो पार्टी की उस रात रिया के प्रस्ताव को ठुकरा देता तो वो घटना होती ही नहीं । उसका दिल अपनी सुबकती हुई
लाड़ली बहन के पास दिलासा देने के लिए जाने को मचलने लगा ।
दूसरी तरफ ये बात भी थी कि समीर को भी वो अजनबी लड़की अच्छी लगी थी । उस लड़की ने बिना नखरे दिखाये
समीर के साथ खुलकर सेक्स किया था और ये बात समीर को बहुत पसंद आयी थी । वो खुद भी उस लड़की से दुबारा
मिलने को उत्सुक था । इसीलिए जब रिया ने उससे मुलाकात के लिए पूछा तो उसने तुरंत हामी भर दी थी ।
लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था । मन में सुहाने सपने लिए दोनों भाई बहन अपने अपने अजनबी से
मिलना चाहते थे ।लेकिन जब मुलाकात हुई तो वो उसकी अपनी ही लाड़ली बहन निकली जिससे सेक्स सम्बन्ध
बनाने की वो कल्पना भी नहीं कर सकता था ।
वैसे तो दोनों ही भाई बहन आपस में बिलकुल ही खुले हुए थे । अक्सर ही आँचल घर में टीशर्ट और शॉर्ट्स में
अपनी खुली टांगों में घूमती रहती थी । जब समीर उसके साथ आकर रहने लगा था तब भी आँचल ने अपने तौर तरीकों में
कोई बदलाव नहीं किया था । क्योंकि दोनों के दिल में एक दूसरे के लिए कोई बुरे विचार या वासना की भावना नहीं थी ।
लेकिन एक बार उन दोनों भाई बहन के बीच जिस्मानी सम्बन्ध बन जाने के बाद अब सारे हालत बदल चुके थे।
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“ आँचल ” उसने दरवाज़े के बाहर से अपनी बहन को आवाज़ दी ।
” जाओ यहाँ से ” आँचल सुबकते सुबकते ही बोली ।
” आँचल , प्लीज मुझे अंदर आने दो । मैं तुमसे बात करना चाहता हूँ । “
” समीर , तुम मुझसे दूर रहो । मुझे अकेला छोड़ दो । प्लीज ! ”
समीर उसका दुःख और बढ़ाना नहीं चाहता था । इसलिए उसने ज्यादा जोर नहीं दिया और चुपचाप
अपने बेडरूम में आ गया । बेड में लेटे हुए उसे महसूस हुआ कि उसने अपनी प्यारी बहन को खो दिया है ।
उसे लगा कि, उन दोनों के बीच जो लाड़ भरा रिश्ता भाई बहन का था और जो उसके लिए बहुत मायने रखता था
क्योंकि वो अपनी बहन से बहुत प्यार करता था और उम्र में थोड़ा छोटा होने के बावजूद एक protective भाई की तरह
उसकी केयर करता था , वो रिश्ता अब हमेशा के लिए खत्म हो चुका है ।
उन दोनों ही भाई बहन के लिए वो रात बहुत लम्बी गुजरी l दोनों ही अपनी अपनी मानसिक पीड़ा को भोगते हुए
बिस्तर में इधर से उधर करवटें बदलते रहे । आखिर थककर नींद ने उन्हें अपने आगोश में ले लिया ।
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दूसरे दिन कॉलेज में आँचल का मन नहीं लगा । उसके मन में वही सब ख्याल आते रहे । पार्किंग में समीर के सीने से
लगने पर हुई उत्तेजना के दृश्य उसकी आँखों के सामने घूमते रहे । जिस अजनबी को वो इतना चाहने लगी थी
वो अब अजनबी नहीं उसका भाई समीर था । फिर भी उसकी चाहत कम नहीं हो रही थी ।
उसने अपने दिल को समझाना चाहा कि ये सिर्फ छिछोरापन है , समीर उसका भाई है और वो उसकी 1 साल
बड़ी बहन । आखिर दुनिया में कौन बहन अपने भाई की तरफ इस तरह आकर्षित होती है कि उससे सेक्स सम्बन्ध
बनाने की इच्छा हो ? जो भी हुआ वो किस्मत की एक गलती थी और अगर अब भी मैं समीर की तरफ आकर्षित हो
रही हूँ तो ये बहुत ही गलत बात है , जो संसार के नियम बंधनों के हिसाब से पाप है ।
उसे अपने ऊपर ही क्रोध आने लगा । लेकिन लाख कोशिश करने के बाद भी वो अपने दिल पर काबू न पा सकी ।उसके मन में समीर को पाने की इच्छा बढ़ती ही गयी । जब भी वो अपनी आँखे बंद करती उसको समीर ही दिखाई देता । उसने अपनी पूरी कोशिश की , कि वो अपने भाई के बारे में इस तरह से न सोचे । उसने अपना ध्यान समीर से हटाकर , अपने
पुराने बॉयफ्रेंड के साथ बिताये पलों को याद करने का प्रयास किया । लेकिन इन सब कोशिशों से कोई फायदा नहीं हुआ ।
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उसको बार बार उस अँधेरे कमरे में अपने ऊपर समीर के बदन की परछाई दिखाई दे रही थी ।
शाम को आँचल डाइनिंग रूम में सोफे पर आँखें बंद किये लेटी थी । उसके मन में समीर के ही ख्याल आ रहे थे । उसे लगा समीर उसके ऊपर लेटा हुआ है और उससे धीमे धीमे प्यार कर रहा है । अपने आप ही उसका एक हाथ clitoris पर चला गया और दूसरे हाथ से वो अपनी एक चूची को हलके से सहलाने लगी । फिर कुछ पलों बाद उसने समीर के मुंह से निकलती सिसकारी सुनी और अपनी चूत में सफ़ेद गाड़े वीर्य की धार महसूस की ।
पिछले कुछ दिनों से आँचल के मन में अजनबी से मिलने की बहुत तड़प थी । उस रात की उत्तेजना उसके मन
से कभी निकल ही नहीं पायी । उसको लगता था उसके बदन में कुछ आग सी लग गयी है ।अपनी चूत के फूले होंठ उसको कुछ ज्यादा ही sensitive महसूस हो रहे थे और चूत में हर समय एक गीलापन महसूस होता था ।
अपने अंदर उठती इन भावनाओं की वजह से दिन भर वो बहुत रोयी थी । ये ऐसी इच्छाएं थी जो पूरी नहीं की
जा सकती थीं और अपने भाई के लिए तड़प , उसे तो समाज स्वीकार ही नहीं करता था ।
उसने कभी नहीं सोचा था
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कि सिर्फ एक रात के सम्बन्ध से हालत यहाँ तक पहुँच जायेंगे और उसके मन में अपने भाई को पाने की चाहत
इस कदर बढ़ जायेगी कि वो समाज के बनाये नियमों को तोड़ने पर आमादा हो जाएगी ।
अब वो अजनबी से अनजान नहीं थी । ये बात बिलकुल साफ़ हो चुकी थी कि वो कौन था जो उसके उत्तेजक सपनो
में आता था और उसको भरपूर कामतृप्त करके ही जाता था । जिसके चौड़े सीने से लगकर वो अपने आप को
फिर से छोटी बच्ची की तरह सुरक्षित महसूस करती थी । अब उस अजनबी का चेहरा धुंधला सा नहीं था ,
वो चेहरा था उसके हैंडसम भाई समीर का ।
ऐसे हालात में एक ही छत के नीचे अपने भाई के साथ रहना अब उसके लिए नामुमकिन सा था । समीर के उसके ही
साथ रहने से आँचल को अपनी भावनाओं पर काबू पाना संभव नहीं लग रहा था । उसे लग रहा था कि अगर समीर यहीं रहा
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तो वो उसके लिए तड़पती ही रहेगी । उसने सोचा कि वो अपने प्यारे भाई से कह देगी कि वो अपने लिए कोई और कमरा ढूंढ ले और यहाँ से चला जाये । मगर समीर को जाने के लिए कहने के ख्याल के बारे में सोचने से ही उसे इतनी पीड़ा पहुंची कि उसने इस ख्याल को ही मन से निकाल दिया ।
उसने ये भी सोचा कि वो अन्य दूसरे लड़कों से दोस्ती बढ़ाएगी , कोई नया बॉयफ्रेंड बनायेगी । ताकि इन बातों को
भूल सके । लेकिन ये ख्याल भी ज्यादा देर नहीं टिका क्योंकि अब वो सिर्फ और सिर्फ समीर को ही चाहती थी । कोई भी
दूसरा लड़का समीर के लिए उसकी चाहत के सामने बौना ही साबित होता । आँचल के लिए अब छोटा भाई समीर ही
उसका “ बॉयफ्रेंड “ था । लेकिन समीर के लिए ?
दूसरी तरफ समीर के लिए ये सब बहुत मुश्किल था । वो आँचल को बहुत प्यार करता था और उसका पूरा ख्याल
रखता था । आँचल की बात वो टालता नहीं था । लेकिन अपनी बहन के लिए शारीरिक आकर्षण जैसी कोई भावना उसके
मन में नहीं थी । कभी आँचल के माथे पर प्यार भरा किस कर लिया तो कर लिया वरना समीर , समझदार भाई
की तरह उससे एक शारीरिक दूरी बनाये रखता था ।
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उसने कभी भी अपनी बहन की छाती , उसके नितम्बों और अक्सर खुली रहने वाली लम्बी चिकनी टांगों की तरफ गलत नज़रों से नहीं देखा था । वो तो लाड़ली बहन की तरह उससे प्यार करता था । उसका मन अपनी बहन के लिए शीशे की तरह साफ़ था और ये बात आँचल को अच्छी तरह से मालूम थी ।
लेकिन इससे आँचल की पीड़ा और भी बढ़ गयी क्योंकि वो जानती थी कि उसकी तड़प इकतरफा थी और ये भी कि समीर के मन में उसके लिए ऐसी कोई तड़प नहीं है ।
वो शाम लम्बी खिंचती चली गयी । समय के साथ आँचल की उलझन बढ़ती जा रही थी । उसको लग रहा था
कि वो एक चक्रव्यूह में फंस चुकी है और बाहर निकलने का कोई रास्ता उसे नहीं सूझ रहा था ।
“आँचल ! आँचल !”
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“कौन ? कौन है ?“ जोर जोर से अपना नाम पुकारे जाने की आवाज़ से उसकी तन्द्रा टूटी और वो हड़बड़ा के सोफे में उठ बैठी ।
“मैं कितनी देर से तुम्हें आवाज़ दे रहा हूँ । तुम्हें हो क्या गया है , होश में आओ आँचल ।“
“ सॉरी समीर …कुछ दिनों से मैं ढंग से सो नहीं पायी हूँ इसलिए आँख लग गयी थी “ आँचल ने आँखें मलते हुए कहा ।
समीर ने उसके चेहरे से छलकता दर्द देखा वो तुरंत समझ गया कि आँचल किन ख़यालों में डूबी हुई थी । उन्हीं बातों को सोचते हुए
आँचल की सोफे पर ही आँख लग गयी होगी । रात को नींद न आने की बात तो सिर्फ एक बहाना थी ।
“ देखो आँचल , जो कुछ भी हुआ वो एक किस्मत की गलती थी और हम दोनों का ही इसमें कोई कसूर नहीं है । हमको इस बात को भूल जाना चाहिए और फिर से आपस में पहले जैसा ही व्यवहार करना चाहिए ।”
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“पहले की तरह ? ये संभव ही नहीं है । “
“ लेकिन जो कुछ भी हुआ उसको अब हम पलट तो नहीं सकते ना । इसलिए उसे भूल जाना ही ठीक है । ”
“तुम क्या कह रहे हो समीर ? जो हुआ उसे भूल जाऊँ ? कैसे ? ” आँचल की पीड़ा अब गुस्से में बदल रही थी ।
एक तो वो पहले से ही परेशान थी , ऊपर से समीर का बड़ों की तरह ऐसे बातें करना उसे अच्छा नहीं लग रहा था ।
गुस्से से उसका मुंह लाल हो गया ।
“ आँचल , प्लीज , पहले मेरी बात सुनो । मैं सिर्फ ये कह रहा हूँ कि भाई बहन के बीच मर्यादा की जो रेखा होती है ,
हमें उसे पहले जैसे ही बरक़रार रखना चाहिए । मैं तुम्हारा भाई , तुम मेरी लाड़ली बहन हो । जो कुछ हुआ उसे बुरा सपना समझकर
भुला देना चाहिए । तुम्हें मेरी इतनी सी बात समझ क्यों नहीं आ रही है ? उस घटना को भूल जाने में तुम्हें प्रॉब्लम क्या है ? ”
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“ इतनी सी बात …… ? ये इतनी सी बात है ……? बकवास बंद करो समीर !! भाड़ में गयी तुम्हारी ये लेक्चर बाजी ।
तुम्हें कुछ अंदाजा भी है कि उस रात के बाद से मुझ पर क्या गुजरी है ? और तुमने कितनी आसानी से कह दिया ,
सब भूल जाओ । मैं कैसे भूल जाऊँ ? मर्यादा की जिस रेखा की तुम बात कर रहे हो , उसे तो तुम कब का पार कर चुके हो ।
समीर अब वो रेखा हम दोनों भाई बहन के बीच है ही नहीं क्योंकि उस रात के बाद अब हम दोनों उस रेखा के एक ही तरफ हैं ।
उस रात जो बदन तुम्हारे जिस्म के नीचे था , वो मेरा बदन था , तुम्हारी अपनी सगी बहन का । अब आँखें फेर लेने से क्या होगा ।
सच को झुठला तो नहीं सकते ना तुम । ”
आँचल की आँखों से टपटप आँसू बहने लगे ।
“ बात सिर्फ उस रात के सेक्स की नहीं है । लेकिन उस रात बिताये पलों के बाद , जाने अनजाने में , मेरे मन में
जो आशाएं , उम्मीदें , जो इच्छाएं जन्मी थी , उनका क्या ? जो सपने रात भर मुझे बेचैन किये रहते थे , उनका क्या ?
मैं उन्हें भुला ही नहीं सकती , चाहे मैं कितनी ही कोशिश क्यों ना कर लूँ । समझे तुम ? ”
आँचल के अंदर की इतने दिनों की पीड़ा , उसकी तड़प , लावा बनकर फूट पड़ी ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
“तुम सभी मर्द एक जैसे होते हो । तुम लोगों को इस बात का कुछ अंदाजा ही नहीं होता कि जब एक लड़की किसी लड़के को
अपना दिल दे बैठती है तो उस पर क्या बीतती है । लड़कों को लगता है कि लड़की पर थोड़ा पैसा खर्च कर दो , कुछ गिफ्ट
वगैरह दे दो और वो लड़की उनके लिए अपने कपडे उतार दे । क्यों ? क्योंकि वो ऐसा चाहते हैं , बस । वो किसी भी तरह सिर्फ
सेक्स करने की कोशिश में रहते हैं । लड़की की भावनाओं की उन्हें कोई क़द्र नहीं होती । उनका सिर्फ एक लक्ष्य होता है
कि कैसे भी पटाकर लड़की की टांगे फैला दी जाएँ और इससे पहले कि लड़की कहीं अपना इरादा ना बदल दे , झट से उसके
ऊपर चढ़के उसके अंदर अपना पानी गिरा दें । कई बेवक़ूफ़ लड़कियां इनके चक्करों में फंस भी जाती हैं और जब तक
उन्हें समझ आती है , लड़के अपना काम निकाल के , उनको छोड़ कर जा चुके होते हैं ।लेकिन ये बातें मुझे जल्द ही
समझ आ गयी थीं । मैं इन चक्करों में पड़ी ही नहीं । मेरा सिर्फ एक बॉयफ्रेंड बना था , लेकिन वो भी धोखेबाज ही निकला । “
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
आँचल बोलते बोलते थोड़ी साँस लेने के लिए रुकी । अपनी बहन की पीड़ा देखकर समीर का दिल भर आया । उसने आँचल को आलिंगन में भरकर उसका सर अपनी छाती से लगा लिया । अपने भाई की मजबूत बाँहों के घेरे में आकर आँचल ने एक गहरी सांस ली । उसकी आँखों से फिर आँसू बह चले ।
सुबकते हुए वो बोली ,
“ समीर उस रात मैं सिर्फ थोड़ा मज़ा लेना चाहती थी और कुछ नहीं । लेकिन जैसा प्यार उस अजनबी ने मुझे दिया
वैसा मैंने कभी महसूस ही नहीं किया था । मुझे पता ही नहीं था कोई ऐसा इतना प्यार देने वाला भी हो सकता है।
मैं उस रात के बाद से हर रात उस अजनबी के ही सपने देखती रही हूँ और एक बार फिर से उन आनंद के पलों को
पाने के लिए तड़प रही हूँ । मुझे रिया की कितनी खुशामद करनी पड़ी कि वो एक बार मुझे उस लड़के से मिला दे ।
लेकिन जब वो अजनबी मेरा भाई यानि तुम निकले तो मेरे ऊपर आसमान ही टूट पड़ा । मेरे सपनों का शहजादा
जिससे मिलने को मैं तड़प रही थी वो मेरा अपना भाई निकला तो इसमें मेरा क्या कसूर है । “
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आँचल फिर चुप हो गयी और अपने भाई के सीने से लगी रही । समीर के आलिंगन से उसकी तड़प फिर बढ़ने लगी ।
वो फिर से बेचैन हो उठी ।
“ सिर्फ एक बार , बस एक बार, अगर तुम मुझसे वैसे ही प्यार करो , तो शायद मेरे मन की तड़प पूरी हो जाये और ये रोज़
रात में आकर तड़पाने वाले सपनों से मुझे मुक्ति मिल जाये । क्या पता । “
फिर उसने अपनी आँखें उठाकर समीर की आँखों में झाँका पर उनमे उसे वही भाव दिखे , जो पहले दिन पार्किंग में दिखे थे ।
वही पीड़ा, क्रोध , confusion के मिले जुले भाव ।
” समीर प्लीज , मैं जानती हूँ तुम मेरे भाई हो और ऐसा करना शायद तुम्हारे लिए बहुत मुश्किल होगा। लेकिन सिर्फ एक बार
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मुझे वही प्यार दो । उसके बाद तुम अगर मेरे पास आना नहीं चाहोगे तो कोई बात नहीं । लेकिन सिर्फ एक बार मैं तुमसे वही प्यार चाहती हूँ और फिर जैसा तुम चाहोगे वैसा ही होगा । अगर तुम चाहोगे तो फिर से हम पहले के जैसे भाई बहन
बन जायेंगे । लेकिन प्लीज एक बार , सिर्फ इस बार मेरा मन रखलो । सिर्फ एक बार के लिए मेरे बॉयफ्रेंड बन जाओ मेरे भाई ।”
अपनी सुबकती हुई बहन को सीने से लगाए हुए समीर गहरी साँसे लेते हुए चुपचाप खड़ा रहा ।
आँचल ने अपने को समीर के आलिंगन से अलग किया । अपनी आँखों से आँसू पोछे और समीर को उम्मीद भरी नज़रों से देखा ।
समीर की कुछ समझ मेँ नहीं आ रहा था कि वो क्या बोले ।
” मैं अपने बेडरूम का दरवाज़ा खुला रखूंगी । तुम अगर अपना मन बना लोगे तो सीधे अंदर आ जाना । नॉक करने की कोई जरुरत नहीं ।
मैं तुम्हारा इंतज़ार करुँगी । अगर तुम नहीं आये तो मैं समझ जाऊँगी कि तुमने क्या decide किया है । ”
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इससे पहले कि समीर कुछ जवाब दे पाता , आँचल तेज तेज क़दमों से अपने बेडरूम में चली गयी ।
समीर की कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था । अपने बेडरूम में बेड पर लेटे हुए उसके दिमाग में पार्टी की उस रात
के दृश्य घूमने लगे । उस अँधेरे कमरे में वो मादक लड़की जिसने उसे जी भर के कामतृप्ति दी थी । लेकिन आँचल ने जो
बातें अभी कहीं थी , उनसे समीर उलझन में था ।
अगर वो उसकी बात मानकर उसका दिल रख लेता है तो भी उनके बीच कुछ अलग नहीं होने वाला था । क्योंकि आपस में सेक्स तो वो पहले ही कर चुके थे । अब इससे ज्यादा और हो ही क्या सकता था। लेकिन वो ये भी जानता था कि अगर ये किस्सा शुरू हुआ तो फिर ये एक बार ही नहीं होगा ।
ये होते रहेगा और उनकी लाइफ को और उनके आपसी रिश्तों को और उलझा देगा ।
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
समीर अभी कोई मन नहीं बना पा रहा था । उसको इन सब बातों पर सोचने के लिए कुछ और वक़्त की जरुरत थी ।
उसने सोचा कि अगर वो आँचल की बात नहीं मानता और उसको मना कर देता है तो फिर एक ही छत के नीचे वो
कैसे रह पायेंगे । उनके रिश्ते के बीच एक दरार पैदा हो जायेगी ।
समीर फिर उस रात की लड़की के बारे में सोचने लगता है । वो लड़की उसे भी बहुत पसंद आयी थी और उस रात को
याद करके उसका लंड भी कई बार खड़ा हो जाता था । पर अब हालत दूसरे थे , वो लड़की कोई अनजान नहीं ,
खुद उसकी बहन थी । अब अगर वो आँचल के बेडरूम में चला भी जाता है
तो अपनी बहन के साथ वैसे सेक्स थोड़ी कर पायेगा जैसे उसने उस रात अनजान लड़की के साथ उसको dominate करके किया था और जो submissive nature की आँचल को बहुत पसंद आया था । वो वैसा कर ही नहीं सकता था क्योंकि उसे मालूम था , अपनी बहन आँचल के सामने वो नर्वस हो जायेगा । समीर कुछ भी decide नहीं कर पाया । उसने सारी समस्या को वक़्त और किस्मत के भरोसे छोड़ दिया ।
जो किस्मत में होगा देखा जायेगा । उसने सोचा कि देखते हैं सुबह आँचल कैसा रियेक्ट करती है ।
उधर आँचल रात में अपने कमरे में समीर के आने का इंतज़ार करती रही । वो रात उसके लिए बहुत लम्बी और तड़पा देने वाली वाली साबित हुई । जैसे जैसे समय बीतता गया , आँचल डिप्रेशन की गहराईयों में गिरते चली गयी ।
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दूसरे दिन सुबह आँचल बहुत दुखी थी । अपनी पैंटी के ऊपर एक लम्बी ढीली टीशर्ट डालकर नाश्ता बना रही थी । नाश्ता करते समय दोनों भाई बहन में से कोई भी कुछ नहीं बोल रहा था । वो चुपचाप अपनी प्लेटों की तरफ देखकर खाना खा रहे थे । खा क्या रहे थे , बस प्लेट में खाना इधर उधर घुमा रहे थे । दोनों ही अपने अपने विचारों में खोये हुए थे ।
जब आँचल ने नाश्ता कर लिया तो उसने नज़रें उठाकर समीर को देखा , अपने हैंडसम भाई को ।लेकिन अब वो जानती थी कि उसे अपने भाई के प्रति शारीरिक आकर्षण को वहीँ पर ख़तम कर देना चाहिए । उन दोनों भाई बहन की नज़रें आपस में मिली । आँचल का दिल तड़प उठा । उसकी आँखों में दर्द उमड़ आया । समीर द्वारा ठुकरा दिए जाने की पीड़ा से उसके आँसू गालों पर बहने लगे ।
“ तुम्हारा निर्णय अब मुझे पता चल गया है ” वो बुदबुदायी और फिर एक झटके से उठी और अपनी प्लेट लेकर किचन में चली गयी ।
आंचल का दुःख देखकर समीर का दिल भर आया । आंचल के उदास और लटके हुए चेहरे को देखकर उसने उसी क्षण फैसला ले लिया ,
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भाड़ में जाये , समाज के नियम – कानून । मेरी बहन मुझे इतना चाहती है और मैं उसे चाहता हूँ , तो हमें औरों से क्या लेना देना ।
समीर अपनी कुर्सी से उठा और आँचल की ओर बढ़ा । आँचल को अपनी तरफ घुमाकर उसने मजबूत बाँहों के घेरे में भरके उसे अपनी ओर खींचा । आंचल ने अपनी आँसुओं से भरी आँखें उठाकर समीर की आँखों में देखा , वहां अब असमंजस के भाव नहीं थे , समीर ने निर्णय ले चुका था ।आँचल ने अपनी बाहें उसके गले में डालकर उसकी छाती में अपना सर रख दिया । वो दोनों थोड़ी देर तक एक दूसरे की बांहों में ऐसे ही खड़े रहे । समीर ने अपने हाथ नीचे ले जाकर आंचल के नितम्बों को पकड़कर आँचल को प्यार से थोड़ा और अपनी तरफ खींचा । आँचल मानो इन्ही पलों का इंतज़ार कर रही थी वह खुद ही समीर से चिपट गयी । समीर की बांहों में जो ख़ुशी आंचल को मिली उससे उसे ऐसा महसूस हुआ मानो उसका दिल ही उछल कर बाहर आ जायेगा ।
समीर ने पहली बार अपनी बहन के नरम जिस्म और उसकी मादक गंध को महसूस किया । लेकिन वो जल्दबाज़ी नहीं करना चाहता था । उसके दिल से बोझ उतर चुका था और वो अब बहुत हल्का महसूस कर रहा था । समीर ने अपना सर झुकाकर आँचल को देखा , पहली बार एक लड़के की नज़र से , आँचल खूबसूरत थी
किस्मत का फेर – Antarvasna Sex Story
और अब तो समीर का दिल भी पिघल चुका था । अब उनके बीच कोई दीवार नहीं थी । समीर ने आँचल के माथे का धीरे से चुम्बन लिया और फिर आँचल के सर के ऊपर अपना चेहरा रख दिया । आँचल ने समीर का चुम्बन अपने माथे पर महसूस किया , उसके पूरे बदन में एक लहर सी दौड़ गयी और तभी उसको समीर का चेहरा अपने बालों में महसूस हुआ । उसने अपने सर को थोड़ा हटाया और समीर की तरफ देखा । दोनों की नज़रें मिली ।
” तुम ये मेरी खुशी के लिए कर रहे हो ? ” आँचल फुसफुसाई ।
“हमारी ख़ुशी के लिए आँचल ” समीर मुस्कुराया ।
फिर समीर ने अपना चेहरा झुकाके आँचल के होठों की तरफ अपने होंठ बढ़ाये । आँचल ने अपने कंपकपाते होंठ समीर के होठों से लगा लिये । दोनों किसी नए प्रेमी जोड़े की तरह धीरे धीरे एक दूसरे का चुम्बन लेने लगे । शुरू में थोड़ी झिझक हुई पर कुछ पलों बाद दोनों का चुम्बन लम्बा और प्रगाढ़ होता चला गया ।
समीर ने अपने दोनों हाथ आँचल के बड़े गोल नितम्बों पर रखे हुए थे और आँचल ने अपनी बाहें समीर के गले में डाली हुई थी । आँचल ने अपने होंठ समीर के होठों से अलग किये बिना ही अपना एक हाथ समीर की कमीज के अंदर डाल दिया और उसके पेट , चौड़ी छाती और मजबूत कन्धों पर अपना हाथ फिराने लगी । जब उसकी उँगलियों ने समीर के निप्पल को छुआ तो आँचल ने उसको उंगुलियों के बीच थोड़ा दबाया और गोल गोल घुमाया ।
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अपनी बाँहों में लेकर आँचल का प्रेमी की तरह चुम्बन लेते हुए समीर को बहुत अच्छा महसूस हो रहा था । उसके नाजुक और रसीले होठों को समीर चूमते रहा । फिर समीर ने अपना बांया हाथ उसकी पैंटी के अंदर खिसकाया । उसने आँचल के बदन में कम्पन महसूस किया । कुछ पलों तक उसने अपना हाथ आँचल के बड़े गोल नितम्ब पर रोके रखा और अपनी बहन के नग्न शरीर के स्पर्श का सुख लिया फिर उसका हाथ दोनों नितम्बों के बीच की दरार की तरफ बढ़ गया ।
जब उसकी उँगलियों ने दरार के बीच से आँचल की चूत को छुआ तो उसको अपनी उँगलियों में गीलापन महसूस हुआ । आँचल ने उत्तेजना से अपने पैर जकड़ लिये । समीर ने चूत के नरम और गीले होठों को अपनी उँगलियों से सहलाया और अपनी दो उँगलियाँ चूत के छेद के अंदर डालकर अंदर की गर्मी और गीलेपन को महसूस किया । दोनों के होंठ अभी भी एक दूसरे से चिपके हुए थे । समीर की उँगलियों के अपनी चूत में स्पर्श से आँचल ने अपने पूरे बदन में उतेज़ना की बढ़ती लहर महसूस की ।
समीर ने आँचल के बदन में उठती उत्तेजना की लहरें महसूस की । उसने भांप लिया कि अगर वो ऐसे ही उसकी चूत में उँगलियाँ अंदर बाहर करते रहेगा तो आँचल झड़ जायेगी । लेकिन वो इतनी जल्दी ऐसा होना नहीं चाहता था । इन मादक पलों को लम्बा खींचने के लिये उसने अपनी उँगलियाँ आँचल की चूत से बाहर निकाल लीं और अपने होंठ उसके होठों से अलग कर लिये । लेकिन आँचल को चुम्बन तोडना पसंद नहीं आया वो तो सुधबुध खोकर आँखें बंद किये चुम्बन लेते हुए किसी और ही दुनिया में खोयी थी ।
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फिर समीर आँचल की टीशर्ट को उतारने लगा । आँचल ने अपने दोनों हाथ ऊपर उठाकर टीशर्ट उतारने में मदद की । अब समीर की आँखों के सामने अपनी बहन की बड़ी बड़ी गोल चूचियां थीं , जिन्हें वो पहली बार देख रहा था । समीर ने दोनों चूचियों के निप्पल को एक एक करके अपने होठों के बीच लेकर उनका चुम्बन लिया । आँचल की उत्तेजना से सिसकारी निकल गयी। फिर उसने अपनी कमीज भी उतार दी ।
कमीज़ उतरते ही अपने हैंडसम भाई के गठीले जिस्म को देखकर आँचल की आँखों में चमक आ गयी । उसने तुरंत अपने हाथों को उसके गठीले जिस्म पर फिराया । फिर उसका निक्कर का बटन खोलकर उसे फर्श पर गिरा दिया। पैंटी और अंडरवियर छोड़कर अब दोनों के बदन पर कोई कपड़ा नहीं था । दोनों भाई बहन ने एक दूसरे के बदन पर बचे आखिरी कपडे को पकड़ा और नीचे को खींच लिया ।
दोनों पहली बार एक दूसरे के नग्न बदन को देख रहे थे । आँचल के खूबसूरत नग्न जिस्म को देखकर समीर का लंड तनकर खड़ा हो गया । आँचल ने पहली बार समीर के लंड को देखा । उसने लंड को हाथ में लेकर उसकी मोटाई का अंदाजा लिया । उसे याद आया इसी मोटे लंड से उस रात समीर ने आँचल की खूब धुलाई की थी ।
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समीर अभी भी अपनी बहन के नग्न जिस्म की खूबसूरती में खोया हुआ था । उस रात अँधेरे कमरे में दोनों ने एक दूसरे को महसूस किया था पर आज पहली बार दोनों एक दूसरे के नंगे बदन को अपनी आँखों से देख रहे थे ।
समीर ने आँचल के नग्न बदन को अपने आलिंगन में भर लिया । आँचल को अपने बदन में पेट के पास समीर के खड़े लंड की चुभन महसूस हुई । उसने अपने होंठ फिर से समीर के होठों से लगा लिए । कुछ देर तक दोनों चुम्बन लेते रहे । समीर ने अपने होंठ अलग किये और फिर अपने दोनों हाथ आँचल के कन्धों पर रखकर उसको नीचे घुटनों के बल झुका दिया । अब आँचल की आँखों के सामने समीर का तना हुआ लंड था ।
वो समझ गयी कि उसका भाई क्या चाहता है । उसने एक गहरी साँस ली और अपने होंठ सुपाड़े पर रख दिये और उसका चुम्बन लिया । फिर अपना मुंह खोलकर सुपाड़े को अंदर ले लिया । और लंड को अपने हाथ से ऊपर नीचे करने लगी।
आँचल को अपनी जीभ पर लंड से टपकी pre – cum की बूँद का स्वाद महसूस हुआ । अपना दूसरा हाथ वो समीर की जांघों के पिछले हिस्से पर फेरने लगी और लंड को चूसते चूसते अपने हाथ को समीर के नितम्बों पर फिराने लगी । समीर ने आँचल के सर को दोनों हाथों से पकड़ा और अपने लंड को उसके मुंह में गले तक डाल दिया ।
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आँचल को दम घुटता सा महसूस हुआ । वो समझ गयी कि dominating nature का समीर उसे उसी तरह से अपने काबू में कर रहा है , जैसे उसने उस रात किया था । थोड़ी देर तक आँचल का मुंह चोदने के बाद समीर ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और आँचल के सर पर पकड़ ढीली कर दी । वो अभी झड़ना नहीं चाहता था और इन पलों को और लम्बा खींचना चाहता था । आँचल ने लंड को चूसते और चाटते हुए समीर की बढ़ती हुई उत्तेजना महसूस की । तभी समीर ने आँचल को रोक दिया और उसको खड़ा करके उसके होठों पर गहरा चुम्बन लिया ।
फिर समीर ने आँचल को उठाया और किचन काउंटर पर बैठा दिया । उसके पैर फैलाकर खुद उनके बीच आ गया। आँचल को समीर के हाथ अपनी नग्न पीठ पर घूमते महसूस हुए और समीर का लंड उसकी चूत को स्पर्श कर रहा था । फिर समीर ने अपने होंठ आँचल के होठों पर रख दिये। दोनों एक दूसरे के होठों को चूमने लगे और एक दूसरे के मुंह में जीभ घुमाने लगे । उनके हाथ एक दूसरे के बदन और पीठ पर घूम रहे थे ।
तभी आँचल ने साँस लेने के लिए चुम्बन तोड़ दिया और बोली ,
” भाई अगर तुम्हें सही नहीं लग रहा है तो अभी भी रुक सकते हो । मैं नहीं चाहती कि बाद में तुम कुछ और फील करो । मुझे तो अच्छा लग रहा है पर मैं चाहती हूँ कि तुम फिर से सोच लो ।”
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समीर ने आँचल की आँखों में देखा फिर बोला ,
” देखो आँचल तुम जितना मुझे चाहती हो , मैं भी तुम्हें उतना ही चाहता हूँ । सिर्फ निर्णय न ले पाने से उलझन थी , झिझक थी । जो अब दूर हो चुकी है ।अब तुम मेरी गर्लफ्रेंड हो और मैं तुम्हारा बॉयफ्रेंड ।”
फिर उसने अपने लंड को आँचल की चूत के छेद पर लगा दिया और थोड़ा अंदर धकेल दिया ।
आँचल ने दोनों हाथों से समीर के नितम्बों को पकड़ा और धीरे धीरे अपनी तरफ खींचने लगी। समीर का पूरा लंड आँचल की पूरी तरह से गीली हो चुकी चूत में घुसता चला गया ।
“अहह …….. समीर बहुत अच्छा लग रहा है ” मदहोशी में आँखे बंद करके सिसकारी लेते हुए आँचल बोली ।
समीर के मोटे लंड से आँचल को अपनी टाइट चूत में कुछ दर्द सा भी महसूस हो रहा था लेकिन दर्द के साथ साथ बहुत कामसुख भी मिल रहा था । आँचल के चेहरे के भाव देखकर समीर ने उससे पूछा ” आँचल तुम्हें कुछ परेशानी , दर्द तो नहीं हो रहा ? ”
आँचल ने एक पल के लिए आँखे खोली , समीर को देखा , हल्का मुस्कुरायी , ” नहीं समीर , मुझे कोई दर्द नहीं हो रहा । तुम करते रहो ।”
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समीर ने सुपाड़ा छोड़कर बाकी लंड बाहर निकाल लिया । फिर आँचल के नितम्बों को दोनों हाथ से पकड़कर उसे अपनी तरफ खींच कर , अचानक एक झटके में पूरा लंड अंदर धांस दिया । आँचल की तेज चीख निकल गयी । फिर समीर चूत में थपाथप धक्के लगाने लगा । धक्के लगाते हुए ही अपने एक हाथ से आँचल की हिलती हुई बड़ी बड़ी चूचियों को पकड़कर उन्हें मसलने लगा । कुछ देर बाद अपने मुंह को आँचल की चूचियों पर रखकर उन्हें चूसने लगा ।
समीर के अपनी चूत पर पड़ते धक्कों से आँचल की सिसकारियां बढ़ती चली गयीं । दर्द और उत्तेजना से उसने समीर के कन्धों पर अपने नाख़ून गड़ा दिये और अपनी टांगों को उसकी कमर के चारों ओर लपेट लिया । कुछ देर बाद आँचल का बदन अकड़ गया ओर उसको एक जबरदस्त ओर्गास्म की लहरें आयीं । समीर भी ज्यादा देर नहीं रुक पाया और उसने अपनी बहन आँचल की चूत को अपने वीर्य से भर दिया । फिर कुछ समय तक दोनों एक दूसरे को आलिंगन में जकड़े रहे । दोनों ही एक दूसरे से अलग होना नहीं चाह रहे थे ।
कुछ देर बाद समीर ने आँचल को किचन काउंटर से उतार दिया और उसको घुमाकर कमर से झुका दिया ।
आँचल ने अपनी बांहें किचन काउंटर पर टिका दीं । उसकी बड़ी बड़ी चूचियां लटकी हुई थीं और लम्बी चिकनी टाँगें थोड़ा फैली हुई थीं ।
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“लगता है अभी मेरे प्रेमी का मन नहीं भरा ।” आँचल पीछे की ओर सर मोड़कर समीर को देखते हुए बोली ।
समीर बस मुस्कुरा दिया । आँचल की खूबसूरत गांड उसके सामने थी । उसने आँचल की एक टांग मोड़कर किचन काउंटर पर रख दी । अब आँचल घबरा गयी उसने सोचा समीर उसकी गांड में लंड घुसाने जा रहा है , वो भी बिना किसी lube के , जैसे उसने उस रात अँधेरे कमरे में घुसेड़ दिया था । तब समीर के मोटे लंड ने आँचल की गांड की जो कुटाई की थी , उससे आँचल दो दिन तक ठीक से चल नहीं पायी थी ।
उसने जोर से सर हिलाकर “नहीं ” कहा ।
पर समीर ने उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया और अपने तने हुए लंड को, आँचल की चूतरस से भीगी हुई चूत में पीछे से घुसेड़ दिया ।
आँचल तो कुछ और ही सोच रही थी , हुआ कुछ और ।
समीर ने पूछा , ” तुमने नहीं क्यों कहा ?”
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” कुछ नहीं , मैंने सोचा तुम आज फिर मेरे बदन की कुटाई करने वाले हो । ” आँचल ने शरारत भरी मुस्कान से समीर को देखा ।
समीर मुस्कुरा दिया , उसे अच्छी तरह से पता था कि आँचल ने “ नहीं “ क्यों कहा था। वो जानता था अब आँचल उसके मोटे लंड को अपनी टाइट गांड में डालने नहीं देगी । वो तो बस मज़े में आँचल के मुंह से सुनना चाह रहा था । पर आँचल ने भी सीधे कहने की बजाय इशारों में जवाब दिया था ।
अब समीर ने दोनों हाथों से आँचल की कमर पकड़कर पीछे से धक्के लगाने शुरू कर दिए । आँचल भी अपने भाई का पूरा साथ देते हुए पीछे को गांड दबाकर लंड अपनी चूत में ज्यादा से ज्यादा अंदर भरने की कोशिश करने लगी । समीर बीच बीच में आँचल की मखमली पीठ पर हाथ फेरने लगता । कभी आगे हाथ बढ़ाकर उसकी नीचे को लटक के हिलती हुई मुलायम चूचियों और निप्पल को हाथ में दबाकर मसलने लगता और आँचल को तड़पाने के लिए धक्के रोक देता ।
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